UPTET : Debate on Recruitment of 72825 Teacher Recruitment
आज कल जिस प्रकार 72825 शिक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थीयों द्वारा बहस चल रही है -
उसमें निम्न बातें सामने आ रही हैं -
एक पक्ष का मानना है कि सरकार पुराना विज्ञापन वापस ले चुकी थी तो उसमें बीच में भर्ती नियम बदले जाने की बात का कोई तर्क नहीं है और स्टे हटने के बाद भर्ती नए विज्ञापन के तहत होगी ।
मैंने भी कई बार देखा सुना है कि कई बार सरकार अपने द्वारा निकले गए विज्ञापन को निरस्त कर देती है या पदों के सापेक्ष पूर्ण भर्तियाँ नहीं करती (कह देती है की योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले ।
लेकिन जब किसी भर्ती के काफी सारे चरण पूरे हो चुके होते हैं या भर्ती अंतिम दोर में होती है ,
तब भर्ती के नियम बीच में बदलना आसन भी नहीं रहता और न्यायलय भी अभ्यर्थी के संवेधानिक अधिकारों कि रक्षा करता है ।
इस भर्ती में देखा जाये तो यू पी टी ई टी परीक्षा संपन्न हो चुकी थी , उसके बाद न्यायलय ने भी टी ई टी मेरिट से भर्ती को नियम विरुद्द नहीं बताया था ।
अभ्यर्थी सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को भर चुके थे और टी ई टी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाला भर्ती का पात्र हो चुका था । और महज काउंसलिंग की खानापूर्ती द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जाना शेष रह गया था
हालाँकि काफी समय भर्ती के नियम परिवर्तित कर दिया गए , जिसका कारण टी ई टी परीक्षा में अनियमितता को बताया गया था , और उसके बाद पुराने विज्ञापन को सरकार द्वारा वापस ले लिया गया व
नया विज्ञापन नए नियमों के तहत निकाला गया ।
मामला उठता है की क्या बदले हुए नियमों का असर पुराने विज्ञापन पर पड़ेगा इस पर अभ्यार्थीयों में विभिन्न मत हैं -
1. पुराना विज्ञापन निरस्त हो गया है अब इसकी बहाली संभव नहीं
2. अगर धांधली वाली बात में दम नहीं तो सरकार द्वारा नियम बदल कर भर्ती कैसे संभव हे
3 नियम बदले जाने से कई अभ्यार्थीयों के चयन पर विपरीत प्रभाव पडेगा , उसकी भरपाई कैसे संभव है
उम्र सीमा लाँघ ( पुराने आवेदन में पात्र , मगर उम्र सीमा के कारण नए विज्ञापन में अपात्र )
चुके अभ्यार्थीयों को हाई कोर्ट राहत दे चुकी है , तो कुछ अभ्यार्थीयों का मानना है कि अगर नया विज्ञापन पूर्ण रूप से नया है , तो पुराने विज्ञापन के आवेदन कर्ताओं को नए विज्ञापन में क्यूँ अवसर दिया गया
और जिन अभ्यार्थीयों ने पुराने विज्ञापन में आवेदन किया था उनको नए विज्ञापन में आवेदन न करने के बाद भी एस सी आर टी ई लखनऊ में पुराने आवेदन की जानकारी के साथ अवसर क्यूँ दिया
न्याय मूर्ती हर्कोली जी ने सरकारी जांच पर काफी सारे प्रश्न उठाये थे और बेड पार्ट को गुड पार्ट से अलग न करने पर भी प्रश्न उठाये थे ।
अभ्यर्थी भर्ती में हो रही देरी से अवसाद ग्रस्त हैं और चाहते हैं कि न्यायलय का जो भी फेसला हो वो जल्द से जल्द आ जाये |
ब्लॉग पड़ने वाले अभ्यर्थीयों की जो भी राय हो वह उचित तर्कों द्वारा कमेन्ट के माध्यम से दे सकते हैं ,
धन्यवाद
mujhe nhi lgta ki 4 saal se pehle koi final decision ho payega...frnds aap ko kya lgta h..
ReplyDeleteagli tareekh sunbai 8 august ko hogi.
ReplyDeleteagli tareekh sunbai 8 august ko hogi.
ReplyDeleteFir 16,23,30 bas ab to samajh hi gate hige mahuna aug finush sep ki bad ne batayege.
ReplyDeletekya baat karte ho yaar tum 4 saal ki baat karte ho main to kahta hua 40 saal tak kuch nahi hone wala
ReplyDeleteMujhe pta chla h ki may me loksabha chunav h, isase pahle bharti shuru ho jayegi.
ReplyDeleteMujhe pta chla h ki may me loksabha chunav h, isase pahle bharti shuru ho jayegi.
ReplyDeleteJis tarah dil ki dharkan band hone ke baad doctor kuchh nahi kar sakte, Usi tarah purani prakriya final/Joining Process Complete hone ke baad nahi badli jaa sakti. But if heart beats chal rahi ho to doctor treatment kar sakte hai. Usi Tarah prakroua poorn hone se pahle/ before completion of joining process kisi truti (sickness for doctor) ka nivaran karne ke liye sudhar kiya jaa sakta hai
ReplyDeleteJis tarah dil ki dharkan band hone ke baad doctor kuchh nahi kar sakte, Usi tarah purani prakriya final/Joining Process Complete hone ke baad nahi badli jaa sakti. But if heart beats chal rahi ho to doctor treatment kar sakte hai. Usi Tarah prakroua poorn hone se pahle/ before completion of joining process kisi truti (sickness for doctor) ka nivaran karne ke liye sudhar kiya jaa sakta hai
ReplyDeleteSir ji police ki jo bhari ho rahai h us bare m aap ke kya vichar ban raha h kyo ki is m bhi ab sabhi neyam badal gaya hai pahle kewal ek exam hona tha jab ki ab pri aur maen do exam ho raha hai..kya is bhari pe bhi stay lag jayega...
ReplyDeletesunne me to ye hi aaya h k bhartiyan hongi jarur...
ReplyDeletepr kb tk hongi ye kisi ko nhi pta..
bs taarikh pr taarikh
is say acha tha bharti na hoti
ReplyDeleteSarkar chahti hi nhi hai ki education ka label bade tbhi to wo itna delay kr rhi hai wrna purane wale vigyapan me koi galti nhi thi or usi ke according agr job milti hai tbhi kuch desh ka bhala ho skta hai wrna ek anpad bhi paise de kr degree bnwa leta hai or uski job bhi lag jati hai kyuki uski acedmic merit achi ban jati hai par use ata kuch nhi hai.
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