Thursday, May 15, 2014

LEKHPAL Recruitment in UP : लेखपाल भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव

LEKHPAL  Recruitment in UP : लेखपाल भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव

शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है

शासन व राजस्व परिषद के बीच एक राय नहीं
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 22 की बैठक में फैसला संभव




लखनऊ। शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है। हालांकि शासन और राजस्व परिषद के बीच प्रस्ताव पर एकराय न हो पाने की वजह से मामला मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है। अब 22 मई को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में इस संबंध में फैसला होने की संभावना है।
प्रदेश में लेखपालों के करीब 7000 पद खाली हैं। शासन इन पदों पर भर्ती के लिए करीब डेढ़ साल से तैयारी के दावे करता रहा है। राजस्व परिषद को भर्ती कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बीच विभागीय मंत्री के साथ ही परिषद के तीन-तीन सचिव भी बदल गए। राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान नियमावली में भर्ती कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों के पास है। 90 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा और 10 नंबर के साक्षात्कार के जरिये भर्ती का प्रावधान है, लेकिन शासन प्रदेश स्तर पर केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक भर्ती एजेंसी के जरिये परीक्षा और साक्षात्कार कराना चाहता है। इसके लिए नियमावली में बदलाव करना होगा। सहकारिता विभाग से जुड़ी एक एजेंसी के नाम पर कई दौर की चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करना चाहती है। इसे देखते हुए शीघ्र ही इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।



News Source / Sabhaar : Amar Ujala (15.05.2014)

Wednesday, May 14, 2014

MUST READ STORY FREOM ARVIND KEJRIWAL's BOOK SWARAJ

MUST READ STORY FREOM ARVIND KEJRIWAL's BOOK SWARAJ

 Excerpts from Swaraj ( A Book of Arvind Kejriwal)


केजरीवाल की बुक स्वराज मेँ जनतंत्र की उत्पत्ति के सम्बन्ध में एक कहानी (कहा गया है कि जनतंत्र अंग्रेजो की देन नहीं , वस्तुत यह भारत में
पहले भी था और यह बुद्ध के जमाने से चला आ रहा  है ) :-
एक वैशाली के राजा के यहाँ जन सभा चल रहीं थी , सारे नगर के लोग व राजा बैठें हुए थे ।
कुछ व्यक्ति एक लड़की की  इशारा करके कहते हैं कि आप हमारे नगर की नगर वधू बन जाइए ।  वो लङकी  कहती है ठीक है , मेँ 
नगर वधू बन जाऊंगी लेकिन मेरी एक शर्त है मुझे राज़ा का राजमहल चाहिए । अगर आप मुझे राजमहल दे दें तो मे नगर कि नगर वधु बनने के लिये तैयार हूँ ।

वहां पर प्रस्ताव रखा जाता है कि आज से इस राजा का  राजमहल उस लड़की का हुआ ।
 राजा वहीँ बैठा हुआ था और सब कुछ सुन रहा था । वो सकपका जाता है , बेचैन होता है और कहता है - "ऐसा कैसे हुआ , ये तो मेरा राजमहल है ।
आप मेरा राजमहल इस लड़की को कैसे दे सकते हैं ?"

तो जनता कहती है = ये आपका राजमहल नहीं है । ये राजमहल हम लोगों ने आपको दिया है । हमारे पैसे से यह राजमहल  बना ।
आज इस देश की जनता ये राजमहल   वापस ले कर इस लड़की को  दे रहीं है ।

अगर आपको राजमहल चाहिए तो आप अपने लिये दूसरा राजमहल बनवा लीजीए

और इस प्रकार राजा को राजमहल खाली करना पड़ा और अपने लिये दूसरा राजमहल  बनवाना पङा ।

किसी लड़की को नगर वधू बनाना गलत प्रथा है , लेकिन उस समय की राजनीती में जनता की ताकत का अंदाजा हम इस उदाहारण से लगा सकते हैं ।

हमारे देश के राष्ट्रपति के पास  इतना बड़ा बंगला है । दिल्ली के बीचो  बीच 340 एकड़ जमीन पर राष्ट्रपति का बंगला  है । और देश की 40 फीसदी आबादी
झुग्गी झोपड़ी में कुलबुला रही है । कीड़े मकोड़ों की तरह रहती है ।

दो गज जमीन नहीं है उनके पास सोने के लिये ।

अगर हम लोग प्रस्ताव पास करें कि हमारे देश के राष्ट्रपति को छोटे बंगले में चले जाना चाहिए ,
तो आपको क्या लगता है वह मानेंगे ?

बिलकुल नहीं मानने वाले

नई दिल्ली में अफसरों के , मंत्रियों के इतने बड़े बड़े बंगले हैं । एक मियां बीवी इतने बड़े बंगले में रहते हैं ।
अगर हम इन सारे अफसरों और नेताओं को कहें कि आप थोड़े छोटे बंगले में चले जाओ ताकि दिल्ली की जनता को पांव पसारने की जमीन  मिल जाये ,
तो क्या वो बंगले खाली करंगे ? नहीं करेंगे
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ऊपर दी गई कहानी'और विचार को केजरीवाल ने अपनी पुस्तक स्वराज में दिया है , जबकि केजरीवाल खुद हकीकत में क्या कर रहे हैँ उससे पता चलता है की उनकी कथनी और करनी में बहुत अन्तर है

जब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तो खुद अपने लिए बंगला बनवाने दौङ पङे
http://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/Arvind-Kejriwal-had-sought-two-5-bedroom-houses-documents-show/articleshow/29873789.cms (
Arvind Kejriwal had sought two 5-bedroom houses, documents show)



और आज जब की वह मुख्यमंत्री नहीं हैं तब भी दिल्ली का बंगला अपने पास रखे हुए हैं
http://www.ndtv.com/article/cities/arvind-kejriwal-moves-into-his-new-house-in-delhi-478235 (Arvind Kejriwal moves into his new house in Delhi)

http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-arvind-kejriwal-overstays-in-official-bungalow-492431

Delhi: Arvind Kejriwal overstays in official bungalow


http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-arvind-kejriwal-allowed-to-live-in-government-house-till-july-501595

Delhi: Arvind Kejriwal allowed to live in government house till July


Tuesday, May 13, 2014

UP TGT 2010 Recruitment : टीजीटी गणित में भी होगा उलटफेर

UP TGT 2010 Recruitment : टीजीटी गणित में भी होगा उलटफेर


इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की ओर से प्रशिक्षित स्नातक गणित शिक्षक भर्ती 2010 का संशोधित परिणाम जारी करने की तैयारी की जा रही है। इस संशोधित सूची में लगभग सौ अभ्यर्थियों के नाम शामिल होने की संभावना है। परिणाम गुरुवार शाम या शुक्रवार तक जारी हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा परिणाम की जांच की जा रही है ताकि कोई त्रुटि न रह जाए। जांच का काम गुरूवार शाम या शुक्रवार तक पूरा हो जाएगा, इसके बाद परीक्षा परिणाम जारी कर दिया जाएगा।
प्रशिक्षित स्नातक गणित शिक्षक की भर्ती परीक्षा में कुछ उत्तरों की वैद्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को संशोधित उत्तर जारी कर फिर से चयन सूची बनाने का निर्देश दिया था। प्रशिक्षित स्नातक गणित की लिखित परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन एवं साक्षात्कार के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की गई है। इस सूची में लगभग सौ अभ्यर्थियों के नाम शामिल होने की संभावना है। सोमवार को चयन बोर्ड की ओर से 2009 व 2010 में हुई हिंदी और सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक पदों की भर्ती का संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया गया था। इसमें 207 का चयन निरस्त कर नए अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई। हिंदी के 69 व सामाजिक विज्ञान के 138 अभ्यर्थी शामिल हैं।

News Source / Sabhaar : Jagran ( Publish Date:Tuesday,May 13,2014 08:28:03 PM | Updated Date:Tuesday,May 13,2014 08:28:20 PM)

UPTET / Shiksha Mitra News : आचार संहिता खत्म होने के इंतजार में है शिक्षा महकमा

UPTET / Shiksha Mitra News : आचार संहिता खत्म होने के इंतजार में है शिक्षा महकमा


News mein UPTET 2013 Galat Likhaa Lagta Hai, Aur Uskee Jaghe UPTET 2011 Hogaa :-

See News :
आचार संहिता खत्म होने के इंतजार में है शिक्षा महकमा

लखनऊ : प्रदेश में शिक्षा विभाग को अपनी योजनाओं पर अमल करने के लिए चुनाव आचार संहिता के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार है। तकरीबन ढाई माह से चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से महकमे की रफ्तार सुस्त हो गयी थी। परन्तु इसके बाद टीईटी 2013 की मेरिट जारी करने, शिक्षा मित्रों को शिक्षक सहायक पदों पर भर्ती, परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती जैसी कई योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रदेश में अपर निदेशक से निदेशक पद के लिए होने वाली विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) भी नहीं हो पा रही थी। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक पद पर चयन का मामला भी लम्बित चल रहा है। चुनाव आचार संहिता के चलते ही बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार नहीं मिल सका और उन्हें आयोग की मंजूरी के पेंच से रिटायर कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता खत्म होने के कुछ दिनों के भीतर ही टीईटी की मेरिट घोषित कर दी जाएगी। इसके बाद शिक्षक भर्ती को रफ्तार मिल सकेगी। इस टीईटी के बाद प्रदेश में एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया का आगाज होगा ताकि प्रदेश में नये शैक्षिक सत्र से शिक्षक नियुक्त किये जा सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान शिक्षा विभाग ने दो मामलों में चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी थी। इनमें शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार व शिक्षामित्रों के अध्यापक पदों पर भर्ती का शासनादेश जारी करना लेकिन दोनों ही मामलों में विभाग को आयोग से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाया था। अब चुनाव खत्म होने के बाद आचार संहिता समाप्त हो जाएगी। इसके बाद विभाग को अपना काम करने में तेजी लाने की छूट मिल जाएगी।

हालांकि विभागीय अफसरों का कहना है कि नये शैक्षिक सत्र की तैयारियों को लेकर कई निर्णय लिए जाने हैं, इनको सुस्त पड़ी योजनाओं में आयेगी तेजी घोषित होगी टीईटी 2013 की मेरिट निदेशक पद पर नियमित चयन व डीपीसी की राह होगी आसान शिक्षा मित्रों के समायोजन का शासनादेश शीघ्र

News Source : (एसएनबी) / rashtriyasahara.com (13.05.2014)

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UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
UPTET PASS GIRL CANDIDATE can JOIN THIS GROUP : https://www.facebook.com/groups/uptetgirlsgroup/

UPTET PASS CANDIDATE can JOIN this GROUP :https://www.facebook.com/groups/uptetteachersgroup


Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011

Monday, May 12, 2014

News24-Today's Chanakya Exit Poll: Modi wave in country; BJP needs no NDA to form govt at Centre

News24-Today's Chanakya Exit Poll: Modi wave in country; BJP needs no NDA to form govt at Centre


The News24-Today's Chanakya Exit Poll predicts a Modi wave in the country with the BJP predicted to win 291 seats (plus / minus 14 seats).
The Congress is predicted to slip to its lowest tally of 57 seats (plus / minus 9 seats).

As per the exit poll findings, the BJP can form a government on its own as its tally is way beyond the 272-mark required to form the government.


While NDA is predicted to win 340 seats (plus / minus 14 seats), the UPA could get 70 seats (plus / minus 9) and others 133 (plus / minus 11 seats.
 



 In the 80-seat UP, the BJP is predicted to win 70 (plus / minus 7 seats). It's a complete rout for the Congress, SP and the BSP. The Congress and its ally RLD are predicted to win only 3 seats (plus / minus 1), the SP only 4 seats (plus / minus 2) and the BSP 3 seats (plus / minus 2). In the 2009 elections, the Congress-RLD had won 26 seats, the BSP 20 seats, the SP 23 seats and the BJP 10 seats.


See Complete News / News Source : http://www.news24online.com/news24-todays-chanakya-exit-poll-modi-wave-in-country-bjp-needs-no-nda-to-form-govt-at-centre_LatestNews24_38570.aspx

LOKSABHA ELECTION : ALL EXIT POLLS AFFECTED BY NARENDRA MODI'S SUNAMI

LOKSABHA ELECTION : ALL EXIT POLLS AFFECTED BY NARENDRA MODI'S SUNAMI


NDA projected to get thumping majority with 290 seats in India TV-CVoter exit polls


BJP on its own is going to win 250 seats and its allies 40 seats (TDP 9, Shiv Sena 14, Akali Dal 4 and others 13), taking the NDA tally to 290.

Source : http://www.indiatvnews.com/politics/national/india-tv-cvoter-exit-poll-nda-thumping-majority-seats-bjp--17527.html

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 One of the polls, conducted by Today's Chanakya for News24 channel, even projected 340 seats for NDA, 70 for UPA and 133 for others.

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One of the polls, conducted by Today's Chanakya for News24 channel, even projected 340 seats for NDA, 70 for UPA and 133 for others.

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UP Survey Result
ORG gave BJP 52 seats in UP and 10 to Congress. 


Today's Chanakya gave 70 seats to BJP, while CSDS predicted 45-53 seats for it and C-Voter gave 54 seats in the biggest state.
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Exit polls: NDA seen winning 261 to 289 seats


Modi’s Bharatiya Janata Party and its allies will win 261 to 289 seats, according to two exit polls released on Monday, with 272 needed for a majority. The Congress party and its allies, in power for the past decade, are projected to win 101 to 120 seats. Results will be announced on 16 May.

Source : http://www.livemint.com/Politics/TQg0GTPxQDY5AUDpAnLOaJ/Narendra-Modiled-coalition-set-to-win-national-election-sh.html

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  • NDA to get 272 to 283 seats, UPA to get 110 to 120 seats all over the country: Aaj Tak


  • As per Aaj Tak survey, BJP to get six seats in Delhi.

  • BJP to get 46 seats in Uttar Pradesh, Congress 08, Samajwadi Party 12 and BSP 13 seats as per ABP News/AC Nielson survey.

  • Source : http://zeenews.india.com/news/general-elections-2014/exit-polls-2014-live-has-india-voted-for-narendra-modi_931614.html

    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : Museebat Mein 72825 शिक्षकों की भर्ती

    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : Museebat Mein  72825 शिक्षकों की भर्ती




    प्राथमिक विद्यालयों में होनी है 72825 शिक्षकों की भर्ती


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     Aaj kee Jagran News Mein Kuch Khamiyan Ginayee Gayee Hain,
    Jo Vastav Mein Kisee Tarh Kee Mushkil Nahin Hai, UPTET candidate Jinhone 72825 Mein Apply Kiya, Ve Achhe Se Jaante Honge

    Imp. Points :
    1. Fees sirf ek hee Draft Rs. 500 ka manya thaa High Court ke Nirdesh Ke Tehat.
    2. Bhrtee se Sambandhit Sabhee Data Aavedan Mein Pehle se Hee Shamil Hai, Computer mein Feed hote hee, 2 Minute ke Andar Jaisa Chahe Data, Reservation Sab Dekhne Ko Mil Jayegaa

    Jab Data Feeding Purane Vigyapan Kee Ho Rahee Hai, to Naye Vigyapan Se Kya Matlab Hai ?

    Supreme Court ne Aadesh Soch Samajh Kar Diya Hai, Jo Vastvik Sthiti Samajhte Hain ki Kya Mushkil Hai aur Kya Nahin

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    See News :
     प्राथमिक विद्यालयों में होनी है 72825 शिक्षकों की भर्ती

    प्रदेश सरकार ने फार्मो की डाटा फीडिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ अतिरिक्त समय मांगने की तैयारी की है।


    यह हैं खामियां
    सपा सरकार में प्रत्येक जिले से पांच सौ का ड्राफ्ट, बसपा सरकार में एक ड्राफ्ट से पांच जिलों के आवेदन।

    बसपा सरकार में एक अभ्यर्थी द्वारा पांच फिर बाद में दस जिलों से फार्म भरने की छूट दी गई।

    बार बार नियमों में परिवर्तन से अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए। 

    माया सरकार में टीईटी और अखिलेश सरकार में शैक्षिक अंकों के आधार पर भर्ती होनी थी।

    पुराने विज्ञापन में 10 प्रतिशत सीटें शिक्षामित्रों को, नए में कोई जगह नहीं।


    कानपुर, जागरण संवाददाता : भले ही सुप्रीमकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में जारी विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति का आदेश दे दिया हो पर इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विज्ञापन निरस्त होने और नया विज्ञापन आने के बाद काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने अपने फार्म और फीस वापस ले थी। हालांकि नए आदेश के बाद अब नए सिरे से डाटा फीडिंग का काम शुरू हो गया है।1शिक्षक भर्ती में नगर की 12 सीटों के सापेक्ष 10901 अभ्यर्थियों ने फार्म भरे थे। भर्ती पर रोक और विज्ञापन कैंसिल होने के बाद इसमें 134 लोगों ने फार्म वापस ले लिया था। इतने लोग प्रथम दृष्टया भर्ती प्रक्रिया से बाहर माने जा रहे हैं। नए शासनादेश में निर्देश आने के बाद सब स्पष्ट हो सकेगा। उधर फार्म भरने वाले छात्रों का कहना है कि पुराना विज्ञापन रद हुआ तो और नए फार्म भरे गए तो पिछले सारे रिकार्ड नष्ट कर दिए गए। नर्वल डायट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जैसे जैसे निर्देश मिलते जा रहे हैं वैसे वैसे फार्मो को अपलोड किया जा रहा है। प्रक्रिया शुरू होने के पहले सारी स्थिति स्पष्ट होगी। प्रदेश सरकार ने फार्मो की डाटा फीडिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ अतिरिक्त समय मांगने की तैयारी की है।

    बेसिक शिक्षा बोर्ड से भेजे गए साफ्टवेयर के आधार पर मैनुअल जमा हुए फार्मो की डाटा फीडिंग का काम तेजी से चल रहा है।
     -पीके उपाध्याय, प्राचार्य डायट।

    News Source / Sabhaar : Jagran (12.05.2014)





    UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
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    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011

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    Sunday, May 11, 2014

    UPTET 2014 RESULT : टीईटी का रिजल्ट तैयार जल्द होगा घोषित

    UPTET 2014 RESULT : टीईटी का रिजल्ट तैयार जल्द होगा घोषित

    इलाहाबाद  : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी-2014) के तैयार रिजल्ट को घोषित करने के लिए प्रभारी सचिव श्रीमती नीना श्रीवास्तव ने शासन को पत्र लिख दिया है। पत्र में लिखा है कि अगले माह से कई प्रदेशों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों को भारी परेशानी होगी इसलिए टीईटी का रिजल्ट शीघ्र घोषित किया जाय जिससे कि वह भर्ती प्रक्रिया में समय से शामिल हो सके। उधर, रिजल्ट घोषित न होने से साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान है। वह जिलों के डायट और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का चक्कर महीनों से लगा रहे है लेकिन उनको बताया जाता है कि रिजल्ट आज या कल में घोषित हो जायेगा। टीईटी की परीक्षा 22 और 23 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब 10 लाख अभ्यर्थियों ने आन लाइन आवेदन किया था। इसमें से डेढ़ लाख अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों में गंभीर खामियां थी जिसे सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने निरस्त कर दिया था। इस प्रकार से करीब साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी टीईटी की परीक्षा में शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद सचिव ने अभ्यर्थियों से गलत प्रश्न व उनके उत्तरों को लेकर रिजल्ट तैयार किया है लेकिन सबसे बड़ी परेशानी हो गयी है कि जिस समय रिजल्ट तैयार हुआ। उसी दौरान लोक सभा का चुनाव शुरू हो गया था। इससे टीईटी का रिजल्ट रुक गया। उधर, टीईटी के रिजल्ट के लिए परेशान करीब साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय और प्रदेश के सभी डायट का चक्कर लगा रहे है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगले माह से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अलग-अलग प्रदेशों में शुरू होने जा रही है। ऐसे में अगर टीईटी का रिजल्ट शीघ्र घोषित नहीं होगा तो लाखों अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ेगा। प्रभारी सचिव परीक्षा नियामक श्रीमती नीना श्रीवास्तव का कहना है कि रिजल्ट तैयार है। साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान लगा रहे कार्यालयों का चक्कर प्रभारी सचिव ने शासन को रिजल्ट जारी करने की अनुमति को लिखा पत्र कहा, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से अभ्यर्थियों को होगी परेशानी


    News Source / Sabhaar : rashtriyasahara.com / Sahara News (एसएनबी) (11.05.2014)
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    UPTET Results 2014 will be available on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in 
    Keep update your self with latest news reg UPTET 2014 in news papers also.



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    HIGH CHANCES ARE THAT RESULT WILL BE DECLARED AFTER ELECTION
    HOWEVER WE WILL TRY TO GIVE INFO AS SOON AS POSSIBLE, IF ANY UPDATE COMES IN THIS REGARD
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    The candidates have to visit official site regularly and when it will come out on official website , they have to just click on the link for UPTET 2014 Results on official site and then enter the required details and have their result.

    Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test was conducted on 22nd and 23rd February for Primary Teacher ( PRT ) and Upper Primary Teacher vacancies. Test was organized to be held in two papers : Paper I ( Level I ) and Paper 2 ( Level II ).

    How to check UPTET 2014 result?

        Go to the official upbasiceduboard.gov.in
        select result link
        Enter roll no and date of birth and submit
        Check UPTET Results and take print out



    Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test Result would be based on already determined cut off. Means the cut off is already fixed for most of the TET exams. General Category candidates need to score 90 Marks out of 150 ( Total 60% ) while candidates who belongs to SC / ST category have to secure minimum of 82 Marks ( 55% ) to get the eligibility certificate. Last year pass percentage was around 15% only, lets see what percentage UPTET 2014 Result brings with it. You can check UPTET Result 2014 at http://upbasiceduboard.gov.in .
    Earlier UPTET pass marks for SC/STs was 83, But recently it changed to 82 as per NCTE rule.
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    UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
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    Happy Mothers Day / मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

    Happy Mothers Day / मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें




    मम्मा कितनी प्यारी होती,
    जग में  सबसे  न्यारी होती.

    सबसे  पहले  वह  उठ जाती,
    मुझे जगा कर ब्रुश करवाती.
    ब्रेकफास्ट मुझ को करवाकर,
    फिर  स्कूल   छोड़ने   जाती.

    आने पर स्कूल से माँ को
    सारी  बातें  मैं  बतलाता.
    मम्मी से स्टोरी सुनकर,
    दुपहर को सोने मैं जाता.

    माँ के साथ शाम को जाता,
    और पार्क में  बॉल  खेलता.
    रोज नये वो  खेल सिखाती,
    जिनको सब के साथ खेलता.

    मेरी मम्मा बहुत है अच्छी,
    नयी  कहानी रोज  सुनाती.
    उनकी बांहों पर सिर रखकर, 
    मुझको है निन्ना आ जाती.

    क्या  हम  छोटे  बच्चे करते,
    गर मम्मा का साथ न होता.
    जीवन  कितना  सूना  होता,
    गर मम्मा का प्यार न होता********

    माँ 
    माँ तू आंगन मैं किलकारी,
    माँ ममता की तुम फुलवारी।
    सब पर छिड़के जान,
    माँ तू बहुत महान।।

    दुनिया का दरसन करवाया,
    कैसे बात करें बतलाया।
    दिया गुरु का ज्ञान,
    माँ तू बहुत महान।।

    मैं तेरी काया का टुकड़ा,
    मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
    दिया है जीवनदान,
    माँ तू बहुत महान।।

    कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
    मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
    तुझ पर मैं कुर्बान,
    माँ तू बहुत महान।।

     

    Kavita By -
    -दीनदयाल शर्मा,
    बाल साहित्यकार
    10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
    हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
    राजस्थान, भारत

    ***********************************

    हे  माँ ! हे माँ !
    तेरे जैसा कोई नहीं !

    तुम हमारे साथ   होती हो
    जब हम उदास होते हैं ;
    तुम अपनी मीठी  मुस्कान  से
    हमें  प्रसन्न  कर देती हो ;
    तुम कितनी प्यारी हो !
    हमारे दिल की धड़कन हो !

    हे माँ ! हे माँ !
    तेरे जैसा कोई नहीं !
    तुम हमेशा कहती हो आशा
    का दामन  मत छोडो ;
    जब हम भ्रमित होते हैं
    तुम सही मार्ग दिखाती हो ;
    तुम दीर्घजीवी हो !स्वस्थ हो !
    शक्तिसंपन्न हो !

    हे माँ ! हे माँ ! तेरे जैसा कोई नहीं !

                            शिखा कौशिक

    VDO Recruitment Uttar Pradesh : ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती पर ग्रहण

    VDO Recruitment Uttar Pradesh : ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती पर ग्रहण


    भर्ती पर ताजा विवाद एक बेवसाइट के रहस्योद्घाटन से पनपा है, जिसमें प्रदेश सरकार के एक मंत्री, विधायक व दो राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त नेताओं को भर्ती में लिए सिफारिश करने व नौकरी दिलाने के नाम मोटी रकम मांगते दिखाया है


    Village Development Officer Recruitment, VDO Recruitment Uttar Pradesh,

    लखनऊ :  ग्राम पंचा  29 हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पर ग्रहण लगाता दिख रहा है। विवाद में फंसी नियुक्ति पर चुयत अधिकारियों के करीब नाव बाद अहम फैसला होने के संकेत हैं

    पंचायत राज विभाग में जुलाई 2013 से शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया शुरुआती दौर से विवाद में घिरी है। आनलाइन आवेदन पत्र मांगे जाने के बजाए डाक से मंगाने का विरोध हुआ। चयन मानक निर्धारण को लेकर भी सवाल उठे। पंचायत अधिकारी संघ के हितेश सिंह का कहना है कि जिला स्तर पर गठित चयन समितियों के पास प्राप्त आवेदन पत्रों की पुख्ता जानकारी भी नहीं। इस मुद्दे पर आरटीआइ के जरिए मांगी गई सूचनाओं का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। चयन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कोर्ट जाने को विधिक राय ली जा रही है।

    भर्ती पर ताजा विवाद एक बेवसाइट के रहस्योद्घाटन से पनपा है, जिसमें प्रदेश सरकार के एक मंत्री, विधायक व दो राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त नेताओं को भर्ती में लिए सिफारिश करने व नौकरी दिलाने के नाम मोटी रकम मांगते दिखाया है। खुलासे के बाद पंचायतराज विभाग के अधिकारी इस पर टिप्पणी करने से कतरा रहे हैं जबकि निदेशक पंचायत राज विभाग सौरभ बाबू का कहना है कि चुनाव के कारण चयन प्रक्रिया रुकी है। चयन प्रक्रिया जिलों में होनी है इसलिए आवेदन पत्रों की कुल संख्या के बारे में अभी कुछ भी कह पाना मुमकिन नहीं है। नियुक्तियों को लेकर मिल रही शिकायतों पर भी उन्हें अनभिज्ञता जाहिर की।

    दूसरी ओर उच्चस्तरीय सूत्र कहते हैं कि चुनाव बाद ग्राम पंचायत अधिकारी चयन प्रक्रिया निरस्त करके नए सिरे से आवेदन आमंत्रित करने की संभावना है क्योंकि एक से अधिक जिलों में नियुक्तियों के आवेदन करने की छूट होने से अभ्यर्थियों की संख्या करीब 30 लाख तक होने के आसार हैं, जिनकी छंटनी आसान नहीं।

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    इनसेट

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    वीडीओ चयन भी अधर में

    ग्राम विकास विभाग में कुल 2699 पदों पर होने वाली ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी संकट के बादल नजर आ रहे हैं। नियुक्ति के लिए 31 दिसंबर 2014 तक आवेदन मांगे गए लेकिन सीसीसी सर्टीफिकेट विवाद होने और वेटेज अंकों का मसला गर्माए जाने से अंतिम तारीख बढ़ाते हुए आनलाइन आवेदन मांगे थे। इसके अलावा ग्राम्य विकास विभाग में ही लगभग दो हजार निशक्तों की नियुक्ति करने को 21 जनवरी 2014 तक आवेदन मांगे गए लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से नियुक्तियां अधर में ही लटकी। इस बारे में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग अरुण सिंघल का कहना है कि नियमावली में बदलाव करने के बाद न्याय विभाग से राय मागी है। चुनाव के बाद ही प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

    News Source / Sabhaar : Jagran (May 11,2014 01:00:57 AM | Updated Date:Sunday,May 11,2014 01:00:18 AM)

    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : सरकार ने आनन-फानन सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का फैसला किया है

    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : नए सत्र में भी होगी शिक्षको की कमी



     सरकार की सुस्ती का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर करने के बारे में शासन ने अब तक कोई औपचारिक आदेश नहीं जारी किया है। अब जबकि तीन महीने में से आधा समय बीत चुका है तो सरकार ने आनन-फानन सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का फैसला किया है




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    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने जा रही है, उससे यह तय है कि जुलाई से पहले अध्यापकों की नियुक्ति कर पाना नामुमकिन है। यह भी स्पष्ट है कि नए सत्र में भी बेसिक शिक्षा शिक्षकों की कमी से जूझेगी।

    सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को अंतरिम आदेश में सरकार से कहा था कि वह 72825 शिक्षकों की भर्ती 2011 में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार पर तीन महीने में पूरी करे। इस आदेश के बाद भी सरकार का रवैया बेहद ढीला रहा। पहले तो शासन कई दिनों तक यह तय नहीं कर पाया कि अंतरिम आदेश के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करे या फिर शिक्षकों की भर्ती शुरू करे। दो हफ्ते गुजरने के बाद शासन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर अमल का फैसला किया। यह भर्ती 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के आधार पर होनी है। इस विज्ञापन के तहत आवेदन पत्र मैनुअल पद्धति से आमंत्रित किये गए थे। कुल 68 लाख आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 56 लाख के विवरणों को ही कंप्यूटर में दर्ज किया जा सका है। शेष आवेदनों के विवरणों को कंप्यूटर में फीड कराने के लिए शासन को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करने में ही लगभग एक महीने का समय और लग गया। सरकार के पास पुख्ता आंकड़े भी नहीं हैं कि 2011 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के रद होने पर कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन शुल्क वापस ले लिया

    सरकार की सुस्ती का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर करने के बारे में शासन ने अब तक कोई औपचारिक आदेश नहीं जारी किया है। अब जबकि तीन महीने में से आधा समय बीत चुका है तो सरकार ने आनन-फानन सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का फैसला किया है। परिषदीय स्कूल पहले से ही शिक्षकों की जबर्दस्त कमी का सामना कर रहे हैं। अब सरकार की सुस्ती से यह तय हो गया है कि नए सत्र की शुरुआत में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों को 72825 शिक्षक मिलने से रहे।

    News Source / Sabhaar : Jagran (11.05.2014)






    UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
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    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011

    Saturday, May 10, 2014

    What is the 'Uniform Civil Code' that has been promised in the BJP's manifesto?

    What is the 'Uniform Civil Code' that has been promised in the BJP's manifesto?


    The Bhartiya Janata Party (BJP) released its election manifesto on April 7, amidst much fuss and furore.

    There has since been some discussion over the inclusion of the Uniform Civil Code in the manifesto. The manifesto says, 'BJP believes that there cannot be gender equality till such time India adopts a Uniform Civil Code, which protects the rights of all women, and the BJP reiterates its stand to draft a Uniform Civil Code, drawing upon the best traditions and harmonising them with the modern times'.

    For all those who don't know what a Uniform Civil Code is, here's a little insight that might prove to be useful.

    What is Uniform Civil Code?
    Article 44 of the constitution of India lists Uniform Civil Code as one of the Directive Principles of state policy. Directive Principles of State policy, which comprises the Part IV of the Constitution of India, are guidelines for the State and Central governments to help them in framing laws and policies. However these Directive Principles “shall not be enforceable by any court, but the principles therein laid down are nevertheless fundamental in the governance of the country and it shall be the duty of the State to apply these principles in making laws”, according to Article 37 of the Constitution which talks about the application of the Principles contained in Part IV.


    In India, there are different set of laws for different communities pertaining to personal matters like marriage, divorce, property, adoption, inheritance and maintenance. The Uniform Civil Code implies covering all these personal laws into one unified set of a secular law, that will be applicable for each and every citizen of India irrespective of his/her religious community.

    However, in India, Goa is the only state to have implemented the directive principle on the Uniform Civil Code and converted it into a law called the Goa Civil Code or the Goa Family Law.  It is the set of civil laws that governs all the Goans irrespective of the religion or the ethnicity to which they belong


    News Source / Sabhaar : http://www.dnaindia.com/india/report-what-is-the-uniform-civil-code-that-has-been-promised-in-the-bjp-s-manifesto-1976053
    (07.04.2014)

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     समान नागरिकता कानून

    मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

    समान नागरिकता कानून का अर्थ भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक (सिविल) कानून (विधि) से है। समान नागरिक संहिता एक सेक्युलर (पंथनिरपेक्ष) कानून होता है जो सभी धर्मों के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही 'समान नागरिक संहिता' का मूल भावना है। समान नागरिक कानून से अभिप्राय कानूनों के वैसे समूह से है जो देश के समस्त नागरिकों (चाहे वह किसी धर्म या क्षेत्र से संबंधित हों) पर लागू होता है. यह किसी भी धर्म या जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है. ऐसे कानून विश्व के अधिकतर आधुनिक देशों में लागू हैं.

    समान नागरिकता कानून के अंतर्गत

        व्यक्तिगत स्तर
        संपत्ति के अधिग्रहण और संचालन का अधिकार
        विवाह, तलाक और गोद लेना

    समान नागरिकता कानून भारत के संबंध में है, जहां भारत का संविधान राज्य के नीति निर्देशक तत्व में सभी नागरिकों को समान नागरिकता कानून सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करता है. हालांकि इस तरह का कानून अभी तक लागू नहीं किया जा सका है.


     भारत में अधिकतर निजी कानून धर्म के आधार पर तय किए गए हैं.हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध हिंदू विधि के अंतर्गत आते हैं, जबकि मुस्लिम और ईसाई के लिए अपने कानून हैं. मुस्लिमों का कानून शरीअतपर आधारित है; अन्य धार्मिक समुदायों के कानून भारतीय संसद के संविधान पर आधारित हैं.


     Source : Wikipedia Article



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    Information Published in Economic Times of India : -

    What's a uniform civil code?

    The term civil code is used to cover the entire body of laws governing rights relating to property and otherwise in personal matters like marriage, divorce, maintenance, adoption and inheritance.

    As things stand, there are different laws governing these aspects for different communities in India. Thus, the laws governing inheritance or divorce among Hindus would be different from those pertaining to Muslims or Christians and so on.

    The demand for a uniform civil code essentially means unifying all these "personal laws" to have one set of secular laws dealing with these aspects that will apply to all citizens of India irrespective of the community they belong to. Though the exact contours of such a uniform code have not been spelt out, it should presumably incorporate the most modern and progressive aspects of all existing personal laws while discarding those which are retrograde.

    What does the Indian Constitution have to say on the subject?

    Article 44, which is one of the "directive principles" laid down in the Constitution says: "The State shall endeavour to secure for the citizens a uniform civil code throughout the territory of India." As Article 37 of the Constitution itself makes clear, the directive principles "shall not be enforceable by any court". Nevertheless, they are "fundamental in the governance of the country".

    What has the Supreme Court said on the issue?

    Very recently, while hearing a case pertaining to whether a Christian has the right to bequeath property to a charity, the court regretted the fact that the state had not yet implemented a uniform civil code. This is not the first time that the apex court has expressed itself in favour of a uniform civil code or taken a dim view of the government's and legislature's inability to bring it into being. There have been other occasions — like during the Shah Bano case and later in the Sarla Mudgal case — where too the apex court has come out strongly in favour of the enactment of a uniform civil code. However, none of these comments are binding on the executive or the legislature and do not amount to orders. At best, they exert some moral pressure on the Indian state to move towards formulating a uniform civil code.

    Would a uniform code affect the personal laws of only one community?

    Not at all. The perception that a uniform civil code would necessitate changes in only Muslim personal law is quite incorrect. As women's organisations and others have repeatedly pointed out, personal laws governing different communities in India have a common feature — they are all gender-biased.

    For instance, the law pertaining to succession among Hindus is unequal in the way it treats men and women. A truly modern, secular, non-discriminatory and progressive code would, therefore, mean changes in all personal laws. The concept of the "Hindu undivided family", at least insofar as it pertains to succession, would also obviously have to undergo a change under a uniform civil code. Similarly, Muslim, Christian and other personal laws too would have to change. This also explains why historically changes in personal law have been resisted not just by one community, but by the ruling orthodoxy in all of them.

    What had prevented a uniform civil code from coming into being?

    Since it involves a change in laws, an obvious prerequisite is sufficient support for the move within Parliament. The reason this has been difficult to achieve has been because most parties have held the view that the reform of laws pertaining to the personal domain is better done by pressure for such change from within communities rather than as an imposition from above. Further, for historical reasons, the demand for a uniform civil code has acquired communal overtones which have overshadowed the innate merits of the proposal.

    To put the delay in perspective, however, it should be added that Article 44 of the Constitution is by no means the only directive principle to have not been implemented more than half a century after it was laid down. Most directive principles continue to remain pious doctrines rather than the law of the land.

    News Source : http://articles.economictimes.indiatimes.com/2003-07-28/news/27541538_1_uniform-civil-code-personal-laws-sarla-mudgal
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    Wikipedia Information :

    Uniform civil code of India


    Uniform civil code in India is the debate to replace the personal laws based on the scriptures and customs of each major religious community in the country, with a common set governing every citizen. These laws are distinguished from public law and cover marriage, divorce, inheritance, adoption and maintenance. Article 44 of the Directive Principles in India sets the implementation of a uniform civil code throughout the country as duty of the State. Apart from being an important issue regarding secularism in the country, it became one of the most controversial topics in contemporary politics during the Shah Bano case in 1985. In this case, a divorced Muslim woman sought maintenance from her husband. The debate then focused on the Muslim Personal Law, which is partially based on the Sharia law and remains unreformed since 1937, permitting unilateral divorce and polygamy in the country. The demand for it was first put forward by women activists in the beginning of the twentieth century, with the objective of women's rights, equality and secularism. The Bano case made it a politicised public issue focused on identity politics—by means of attacking specific religious minorities versus protecting its cultural identity. The Hindu right-wing Bharatiya Janta Party and the Left support it while the Congress Party and All India Muslim Personal Law Board oppose it.

    The personal laws were first framed during the British Raj, mainly for the Hindu and Muslim citizens. The Hindu orthodox law discriminated against women by depriving them of inheritance, remarriage and divorce. The British feared opposition from community leaders and refrained from interfering within this domestic sphere. Till Independence in 1947, a few law reforms were passed to improve their condition, especially that of Hindu widows. In 1956, the Indian Parliament passed Hindu Code Bill amidst significant opposition. Though a demand for a uniform civil code was made by Prime Minister Jawaharlal Nehru, his supporters and women activists, they had to finally accept the compromise of it being added to the Directive Principles of the Indian Constitution. The Shah Bano case resulted in her being granted maintenance under the All India Criminal Code. Amidst the political debate that followed, the Muslim Women (Protection of Rights on Divorce) Act 1986 was passed, which exempted Muslims from the Criminal Code—a setback to family law uniformity.

    Source : Wikipedia / http://en.wikipedia.org/wiki/Uniform_civil_code_of_India


    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : टीईटी के ‘भूत’ से यूपी बोर्ड हुआ हलकान

    Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : टीईटी के ‘भूत’ से यूपी बोर्ड हुआ हलकान


    टेबुलेशन का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं, कैसे होगी नियुक्ति

    रोज प्रदेशभर से आ रहे दर्जनों अभ्यर्थी

    केस-1 : प्रवीण कुमार बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा पहली बार कराई गई यूपी टीईटी-2011 की परीक्षा दी थी। परीक्षा पास भी हो गए। 104 अंक भी मिले पर समस्या यह है कि उनके नाम की स्पेलिंग गलत हो गई है। अब वे अपने नाम में संशोधन कराना चाहते हैं और इसके लिए देवघर से यूपी बोर्ड दफ्तर उनका चौथी बार आना हो रहा है। यूपी बोर्ड के बाबू उनसे कोई रिकॉर्ड न होने की बात कहते हैं पर प्रवीण क्या करें..कहां जाएं..किससे फरियाद करें कोई बताने वाला नहीं है।

    केस-दो   : प्रतिभा त्रिपाठी संतकबीर नगर की रहने वाली हैं। उन्होंने भी टीईटी की परीक्षा 102 अंकों के साथ पास की थी पर उनकी समस्या यह है कि उनकी मार्कशीट कहीं गुम हो गई है। प्रदेश में 72,825 शिक्षकों की भर्ती शुरू करने का फैसला होने के बाद वो तीसरी बार यूपी बोर्ड आईं। उन्होंने अधिकारियों और बाबुओं से फरियाद की, मिन्नतें की कि उन्हें डुप्लीकेट मार्कशीट इश्यू कर दी जाय, यह उनके भविष्य का सवाल है पर कोई फायदा नहीं हुआ। मायूस होकर, आंखों में आंसू लिए प्रतिभा अपने घर रवाना हो गईं।


    ये तो सिर्फ उदाहरण मात्र है। टीईटी के भूत से यूपी बोर्ड ही नहीं प्रदेश सरकार भी हलकान है। माध्यमिक शिक्षा परिषद में रोज ऐसे दर्जनों अभ्यर्थी प्रदेश के कोने-कोने से आते हैं पर मायूस होकर लौट जाते हैं। किसी का नाम गलत है तो किसी की टीईटी की मार्कशीट गायब हो गई है। यूपी बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क करने पर कह दिया जाता है कि उनके पास टीईटी का टेबुलेशन रिकॉर्ड नहीं है और बिना उसके वे कुछ नहीं कर सकते। यूपी बोर्ड के कुछ रहमदिल बाबू भी इस बात से परेशान हैं। उन्हें भी दुख होता है कि छात्र प्रदेश भर से आते हैं पर वे चाहकर भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाते। यूपी बोर्ड के पास कोई रिकॉर्ड न होने से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती करना भी सरकार के लिए आसान नहीं रह गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 12 सप्ताह में नियुक्ति पूरी करनी है, लेकिन यूपी बोर्ड या बेसिक शिक्षा परिषद के पास परीक्षा से जुड़े रिकॉर्ड ही नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग किस आधार पर टीईटी की मार्कशीट का मिलान या सत्यापन करेगा।

    दरअसल, टीईटी में धांधली के आरोपों के बाद रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार किया था। 1इसके बाद पुलिस ने टीईटी-11 का रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी में छापा मारकर सारे दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क भी निकाल ली थी। जब पुलिस ने दस्तावेज सीज किए तब तक टीआर (टेबुलेशन रजिस्टर) तैयार नहीं हो सका था, जबकि टीआर ही किसी भी रिजल्ट का मूल रिकॉर्ड होता है। इसी के आधार पर मार्कशीट का मिलान या संशोधन किया जाता है। लेकिन आज की तारीख में टीआर न तो यूपी बोर्ड के पास मौजूद है और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के पास। यही कारण है कि यूपी बोर्ड टीईटी-11 की मार्कशीट में संशोधन नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि संशोधन के हजारों आवेदन यूपी बोर्ड मुख्यालय में पड़े हुए हैं। इस मसले पर कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।


    News Source / Sabhaar : Jagran (10.5.2014)





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    UP TGT Result : टीजीटी का संशोधित रिजल्ट आज होगा जारी

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी सामाजिक विज्ञान 2009 के पुनर्मूल्यांकन के बाद संशोधित रिजल्ट तीसरी बार आज जारी किया जाएगा। साथ ही टीजीटी हिंदी, गणित एवं कला 2010 का संशोधित परिणाम भी दोबारा जारी होगा।
    चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आशाराम ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद संशोधित परिणाम जारी हो रहे हैं। प्रश्नों और उनके उत्तर को लेकर भ्रम की स्थिति के चलते कई परीक्षार्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रश्नपत्र के सत्यापन एवं दोबारा मूल्यांकन के बाद सामाजिक विज्ञान का परिणाम तीसरी बार जारी किया जा रहा है। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. आशाराम का कहना है कि उनकी ओर से रिजल्ट तैयार करके सचिव को सौंप दिया गया है, यह शनिवार को जारी किया जा सकता है।


    News Source / Sabhaar : Amar Ujala (10.05.2014)

    Village Development Officer Recruitment : कोबरापोस्ट के स्टिंग में खुलासा, वीडीओ की नौकरी का रेट 8 से 13 लाख

    Village Development Officer Recruitment : कोबरापोस्ट के स्टिंग में खुलासा
    वीडीओ की नौकरी का रेट 8 से 13 लाख
    VDO Recruitment in UP 

    •सपा विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के कहने पर ली गई रकम

    नई दिल्ली। न्यूज पोर्टल कोबरापोस्ट के एक स्टिंग में दावा किया गया है कि सपा विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के कहने पर ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 3000 पदों पर नियुक्ति के लिए पैसे लिए गए। इस पद के लिए नियुक्ति पिछले साल जुलाई में शुरू हुई थी और इस साल जनवरी में यह बंद हुई। कोबरापोस्ट का दावा है कि इसके लिए अभ्यर्थियों 8 से 13 लाख रुपये मांगे गए आैर कम से कम 2500 लोगों ने यह रकम जमा कराई।
    कोबरापोस्ट. कॉम के स्टिंग में दावा किया गया है कि एक मंत्री के करीबी माने जाने वाले राज्य सरकार के एक सलाहकार व दो निगमों के चेयरमैन कैमरे पर इन नौकरियों के लिए पैसे के लेनदेन की बात करते हुए पकड़े गए।


    कहानी मनगढ़ंत ः गोप
    कोबरापोस्ट की जो बात बताई जा रही है वह मनगढ़ंत कहानी है। सपा सरकार में कोई इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकता। अभी कोई भर्ती नहीं हो रही है। जब भर्ती होगी, पूरी पारदर्शिता के साथ होगी।- अरविंद सिंह ‘गोप’, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार


    चयन कमेटी ही तय नहीं
    पंचायतीराज विभाग ने अभी केवल आवेदन प्राप्त किए हैं। अभी चयन कमेटी तक नहीं बनी है। इंटरव्यू की प्रक्रिया भी तय होनी है। फिर किस तरह सवाल उठाए जा रहे हैं, समझ से परे है। - चंचल तिवारी, प्रमुख सचिव पंचायतीराज

     News Source / Sabhaar : Amar Ujala (10.05.2014)
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    नियुक्तियों में मनमानी के भरपूर मौके
    ग्राम्य विकास विभाग में 3000 पदों के लिए आए हैं 1.23 लाख से ज्यादा आवेदन



    लखनऊ। प्रदेश में ग्राम्य विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के रिक्त पदों पर होने वाली भर्ती में सत्ता-शासन और प्रशासन चाहे तो मनमानी के भरपूर मौके हैं। ग्राम्य विकास अधिकारी (वीडीओ) की भर्ती में आवेदन लेने की प्रक्रिया तो ऑनलाइन होने के कारण पारदर्शी है, लेकिन इसके आगे की प्रक्रिया कदम दर कदम झोल नजर आता है। पंचायतीराज विभाग ने तो ऐसी प्रक्रिया अपनाई है कि आवेदक के लिए कुछ भी पता कर पाना आसान नहीं है।


    लोकसभा चुनाव के एक साल पहले से ही इन पदों की भर्ती को लेकर घोषणाएं शुरू कर दी गई थीं। बेरोजगार युवाओं को नौकरी की उम्मीद जगी तो जमकर आवेदन हुए, लेकिन ग्राम्य विकास विभाग और पंचायतीराज विभाग ने आवेदन लेने के बाद भर्ती पर चुप्पी साध ली।


    जानकार बताते हैं कि चुनाव से पहले भर्ती होने पर चयन प्रक्रिया से उभरने वाले आक्रोश को ध्यान में रखकर प्रक्रिया को जहां का तहां छोड़ दिया गया। वीडीओ के 3000 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए 1.23 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं तो पंचायतीराज विभाग में ग्राम पंचायत अधिकारी के 2900 पदों पर भर्ती के लिए कितने आवेदन आए, अधिकारी आज भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। वजह, इस विभाग ने ऑनलाइन की जगह डाक से आवेदन मंगाए। ऐसे में आवेदन पत्रों को प्राप्त कर उन्हें सूचीबद्ध करना कठिन हो गया। एक अनुमान के अनुसार यहां 30 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। इन दोनों ही भर्ती की चयन प्रक्रिया में जिस तरह से मनमर्जी के मौके हैं, उन पर सवाल उठाए जाने की काफी गुंजाइश है

     News Source / Sabhaar : Amar Ujala (10.05.2014)