LEKHPAL Recruitment in UP : लेखपाल भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव
शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है
शासन व राजस्व परिषद के बीच एक राय नहीं
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 22 की बैठक में फैसला संभव
लखनऊ। शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है। हालांकि शासन और राजस्व परिषद के बीच प्रस्ताव पर एकराय न हो पाने की वजह से मामला मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है। अब 22 मई को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में इस संबंध में फैसला होने की संभावना है।
प्रदेश में लेखपालों के करीब 7000 पद खाली हैं। शासन इन पदों पर भर्ती के लिए करीब डेढ़ साल से तैयारी के दावे करता रहा है। राजस्व परिषद को भर्ती कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बीच विभागीय मंत्री के साथ ही परिषद के तीन-तीन सचिव भी बदल गए। राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान नियमावली में भर्ती कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों के पास है। 90 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा और 10 नंबर के साक्षात्कार के जरिये भर्ती का प्रावधान है, लेकिन शासन प्रदेश स्तर पर केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक भर्ती एजेंसी के जरिये परीक्षा और साक्षात्कार कराना चाहता है। इसके लिए नियमावली में बदलाव करना होगा। सहकारिता विभाग से जुड़ी एक एजेंसी के नाम पर कई दौर की चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करना चाहती है। इसे देखते हुए शीघ्र ही इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (15.05.2014)
शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है
शासन व राजस्व परिषद के बीच एक राय नहीं
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 22 की बैठक में फैसला संभव
लखनऊ। शासन प्रदेश में लेखपालों की भर्ती केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत कराना चाहता है। हालांकि शासन और राजस्व परिषद के बीच प्रस्ताव पर एकराय न हो पाने की वजह से मामला मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है। अब 22 मई को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में इस संबंध में फैसला होने की संभावना है।
प्रदेश में लेखपालों के करीब 7000 पद खाली हैं। शासन इन पदों पर भर्ती के लिए करीब डेढ़ साल से तैयारी के दावे करता रहा है। राजस्व परिषद को भर्ती कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बीच विभागीय मंत्री के साथ ही परिषद के तीन-तीन सचिव भी बदल गए। राजस्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान नियमावली में भर्ती कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों के पास है। 90 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा और 10 नंबर के साक्षात्कार के जरिये भर्ती का प्रावधान है, लेकिन शासन प्रदेश स्तर पर केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक भर्ती एजेंसी के जरिये परीक्षा और साक्षात्कार कराना चाहता है। इसके लिए नियमावली में बदलाव करना होगा। सहकारिता विभाग से जुड़ी एक एजेंसी के नाम पर कई दौर की चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करना चाहती है। इसे देखते हुए शीघ्र ही इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (15.05.2014)
No comments:
Post a Comment
To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.