UPTET Results 2014 on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
UPTET Results 2014 will be available on OFFICIAL WEBSITE upbasiceduboard.gov.in
Keep update your self with latest news reg UPTET 2014 in news papers also.
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HIGH CHANCES ARE THAT RESULT WILL BE DECLARED AFTER ELECTION
HOWEVER WE WILL TRY TO GIVE INFO AS SOON AS POSSIBLE, IF ANY UPDATE COMES IN THIS REGARD
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The candidates have to visit official site regularly and when it will come out on official website , they have to just click on the link for UPTET 2014 Results on official site and then enter the required details and have their result.
Uttar Pradesh Teachers Eligibility Test was conducted on 22nd and 23rd February for Primary Teacher ( PRT ) and Upper Primary Teacher vacancies. Test was organized to be held in two papers : Paper I ( Level I ) and Paper 2 ( Level II ).
Abhi nhi aaya Sir ji
ReplyDeleteSir ji result aa to rha nhi h. Kab aayega bhut time ho gya wait karte karte
ReplyDeleteEC ne to result out karne ko kaha diya firbab kyanhuwa hai,
ReplyDeleteनमस्कार साथियों,कल पूरे दिन 29 अप्रैल की डेट की ही चर्चा रही, क्या हुआ ? मेरी समझ में ये नही आ रहा है, कि अब आप लोग क्या चाहते है, कि कोर्ट क्या कहे ??, कोर्ट ने कह तो दिया था, कि 84 दिन भर्ती की जाये, या फिर आप भी सरकार की तरह सोच रहे है, कि एक दिन कोर्ट... अपनी हाई कोर्ट की डबल बेंच को पागल करार, और अपने अंतरिम फैसले को जल्दबाजी में दिया गया फैसला बताकर, सरकार से माफ़ी मांगकर अंतिम फैसले में भर्ती पर रोक लगा देगा, और कह देगा कि बस जो सरकार चाहे कर सकती है, दोस्तों मैंने लगभग दो साल पहले भी आपसे इसी पेज पर कहा था, कि 72825 शिक्षक भर्ती का एक मात्र रास्ता उसे टेट मेरिट पर और वो भी पुराने विज्ञापन पर होना है, और ये भी कहा था कि ये बात अखिलेश के अलावा कोई नही जानता और यहाँ तक कि इसके अलावा और कोई रास्ता है, ही नही, अब 2012 वाले कोर्ट जाये, या सरकार चुनाव में व्यस्त का ड्रामा करे, रिकॉर्ड खो जाये, फीडिंग पूरी ना हो, नया विज्ञापन बहाल हो, या फिर उर्दू वाले घर वापिस आये, इस सब बातो से हमारा कोई लेना देना नहीं है, कोर्ट और याची सब यही है, लड़ते रहे, हमे क्या मतलब है, रोज बहुत सी सुनवाई और नए केस फाइल होते है, होने दो, लेकिन 72825 अब पुराने विज्ञापन पर शुरू हो चुकी है, पूरी होकर ही दम लेगी,
ReplyDeleteअब तो अखबारों में भी आने लगी है, ये सिर्फ उनके लिए जिन्हें मेरी बातो पर विश्वास नही था, अब दिमाग से कोर्ट और 2012 को निकाल दे, एक भी नया फॉर्म शामिल नही होगा, नवंबर 2011 के बाद बी.एड. वाले शामिल नही होंगे, उनके फॉर्म जमा है या नही, कोर्ट की निगरानी भर्ती हो रही है, 1% भी गडबड नही होगी, सबको अपनी नौकरी प्यारी है, बस आप लोग अपने दिल और दिमाग को शुद्ध रखे, या फिर कल के अखबार का फिर से इंतज़ार...
ReplyDeleteधन्यवाद,,
जिनका जो भी कागज़ पत्र है , दुरूस्त कर लो , गलती सुधरवा लो , नेट पर चढवा लो , पुरानी रसीदें ढूंढ लो । वरना कहीं ऐसा न हो जाओ हँसते हुये और आओ रोते हुये ।
ReplyDeletesir mere pas to 19 fm me se serf 7 hi ki zerox h....kya bina zerox k councling nhi hogi ...?
ReplyDeletesir mere pas to 19 fm me se serf 7 hi ki zerox h....kya bina zerox k councling nhi hogi ...?
ReplyDeletekab tak aya ga result please update
ReplyDeletemiss Ziya, 2011 ka form off line tha ushme sirf aapke pass speed post /registerd post ki slip honi chaheye ,yahi ek proof h ki aapne form DIET ko beja h...
ReplyDeleteसभी टेट बेरोजगार साथी वोट डालने से पहले एक बार बीते ढाई सालोँ के एक-एक पल को यादजरूर कर लें !
ReplyDeleteमैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करता हूँ
ReplyDeleteक्यूंकि उनकी अच्छाइयां मुझसे ज़्यादा है
और
छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है!!
Tej Swar Main Ki Gai Prarthana Iswaar Tak
ReplyDeletePahuche Yah Awashyak Nahi Hai Kintu
Sacche Man Se Ki Gai Prarthana Jo Bhale
Maun Rahkar Ki Gai Ho Wah Iswaar Tak
Awashya Pahuchti Hai…!!
जब राजनीति कीचड़ बन चुकी है तो 'कमल' का खिलना भी स्वाभाविक है
ReplyDeleteतो मो
अ दी
ब स
की र
बा का
र र
एक नारा नहीं जरूरत है और यही हकीकत है। क्योंकि मुद्दा बेरोजगारी का है भ्रष्टाचार का है
प्रार्थना
ReplyDeleteहे नाथ! आपसे मेरी प्रार्थना है कि आप मुझे प्यारे लगें। केवल यही मेरी माँग है और कोई माँग नहीं।
हे नाथ! अगर मैं स्वर्ग चाहूँ तो मुझे नरक में डाल दें, सुख चाहूँ तो अनन्त दुःखों में डाल दें, पर आप मुझे प्यारे लगें।
हे नाथ! आपके बिना मैं रह न सकूँ, ऐसी व्याकुलता आप दे दें।
हे नाथ! आप मेरे हृदय में ऐसी आग लगा दें कि आपकी प्रीति के बिना मैं जी न सकूँ।
हे नाथ! आपके बिना मेरा कौन है? मैं किससे कहूँ और कौन सुने? हे मेरे शरण्य! मैं कहाँ जाऊँ? क्या करूँ? कोई मेरा नहीं।
मैं भूला हुआ कइयों को अपना मानता रहा। उनसे धोखा खाया, फिर भी धोखा खा सकता हूँ, आप बचायें!
क्या आप मेरे को जानते नहीं, मैं कितना भग्नप्रतिज्ञ, कैसा कृतघ्न, कैसा अपराधी, कैसा विपरीतगामी, कैसा अकरण-करणपरायण हूँ। अनन्त दुःखों के कारण स्वरूप भोगों को भोगकर-जानकर भी आसक्त रहनेवाला, अहितको हितकर माननेवाला, बार-बार ठोकरें खाकर भी नहीं चेतनेवाला, आपसे विमुख होकर बार-बार दुःख पानेवाला, चेतकर भी न चेतनेवाला, जानकर भी न जाननेवाला मेरे सिवाय आपको ऐसा कौन मिलेगा?
मैं जब भी आँख पसार कर देखता हूँ तो मन-बुद्धि-प्राण-इन्द्रियाँ और शरीर भी मेरे नहीं हैं, फिर वस्तु-व्यक्ति आदि मेरे कैसे हो सकते हैं! ऐसा मैं जानता हूँ, कहता हूँ, पर वास्तविकता से नहीं मानता। मेरी यह दशा क्या आपसे किञ्चिन्मात्र भी कभी छिपी है? फिर हे प्रभो! आप अपनी तरफ से शरण में ले लें। बस, केवल आप ही प्यारे लगें। हे
प्रभो! आप अपनी तरफ से शरण में ले लें।
पति और पत्नी मेँ लडाई के कारण बातचीत बंद थी...
ReplyDeleteसुबह पति को जल्दी जाना था,उसने रात को पेपर पर लिखा...
"मुझे सुबह 5 बजे उठा देना,जरूरी काम है"
और पेपर पत्नी के तकिये के नीचे रख दिया है
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सुबह 8 बजे जब उठा तो देखा उसके ऊपर बहुत सारे पेपर पडे थे.
और सब पर लिखा था..
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"उठ जाओ 5 बज गये"
"प्लीज. उठ जाओ,
वर्ना लेट हो जाओगे"।।
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और लो पत्नी से पंगा॥
मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकिन है....
ReplyDeleteकोई मुझे छोड तो सकता है मगर भुला नही सकता.
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ReplyDeletehello how r u...
ReplyDeleteजिन लोगों ने नरेन्द्र मोदी को वोट न करने को सोचा है उन्हें यह कहने का कोई हक नहीं रहेगा कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता।
ReplyDeleteएक आदमी कुछ करना चाहता है, उसने गुजरात में कर के दिखाया है। क्या उसको एक मौका देश के लिए नहीं देना चाहिए?
सोचिए नहीं घर से निकलिये और नरेन्द्र मोदी के कमल निशान पर बटन दबाकर एक मौका उन्हें देकर देखिए। सभी पार्टियों को वोट आप देख चुके हैं इस बार नरेन्द्र मोदी को दीजिए, और यकीन मानिए आपका वोट बेकार नहीं जायेगा।
शब्द कमाल के होते है,
ReplyDeleteशब्द बेमिसाल होते है
शब्दो का हार भी बनता है, और
शब्दो से घाव भी लगते है
मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और
नफ़रत के शब्द नींद उड़ा देते है
तलवार से गहरे होते है शब्दो के घाव, और
गहरे से गहरा जख्म भर देते है ये शब्द
प्यार के दो शब्द उम्मीद जागते है, और
ताने के दो शब्द तिरस्कार कर जाते है
तीर भी चलाते है शब्द
दिल को छलनी कर जाते है शब्द, और
मरहम लगा जाते है शब्द
दिल मे प्यार जगा जाते है शब्द
सूर्य से पृथ्वी पर आने वाला प्रकाश 30 हजार वर्ष पुराना होता है।
ReplyDeleteअब आप कहेंगे कि सूर्य से पृथ्वी की दूरी तो मात्र 8.3 प्रकाश मिनट है तो ऐसा कैसे हो सकता है। यह सच है कि प्रकाश को सूर्य से पृथ्वी तक आने में 8.3 मिनट ही लगते हैं किन्तु जो प्रकाश हम तक पहुँच रहा है उसे सूर्य के क्रोड (core) से उसके सतह तक आने में 30 हजार वर्ष लगते हैं और वह सूर्य की सतह पर आने के बाद ही 8.3 मिनट पश्चात् पृथ्वी तक पहुँचता है, याने कि वह प्रकाश 30 हजार वर्ष पुराना होता है।
अन्तरिक्ष में यदि धातु के दो टुकड़े एक दूसरे को स्पर्श कर लें तो वे स्थायी रूप से जुड़ जाते हैं।
यह भी अविश्वसनीय लगता है किन्तु यह सच है। अन्तरिक्ष के निर्वात के कारण दो धातु आपस में स्पर्श करने पर स्थायी रूप से जुड़ जाते हैं, बशर्तें कि उन पर किसी प्रकार का लेप (coating) न किया गया हो। पृथ्वी पर ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वायुमण्डल दोनों धातुओं के आपस में स्पर्श करते समय उनके बीच ऑक्सीडाइज्ड पदार्थ की एक परत बना देती है।
अन्तरिक्ष में ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकती।
जी हाँ, ध्वनि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है और अन्तरिक्ष में निर्वात् होने के कारण ध्वनि को गति के लिए कोई माध्यम उपलब्ध नहीं हो पाता।
शनि ग्रह का घनत्व इतना कम है कि यदि काँच के किसी विशालाकार बर्तन में पानी भर कर शनि को उसमें डाला जाए तो वह उसमें तैरने लगेगा।
वृहस्पति इतना बड़ा है कि शेष सभी ग्रहों को आपस में जोड़ दिया जाए तो भी वह संयुक्त ग्रह वृहस्पति से छोटा ही रहेगा।
स्पेस शटल का मुख्य इंजिन का वजन एक ट्रेन के इंजिन के वजन का मात्र 1/7 के बराबर होता है किन्तु वह 39 लोकोमोटिव्ह के बराबर अश्वशक्ति उत्पन्न करता है।
शुक्र ही एक ऐसा ग्रह है जो घड़ी की सुई की दिशा में घूमता है।
चन्द्रमा का आयतन प्रशान्त महासागर के आयतन के बराबर है।
सूर्य पृथ्वी से 330,330 गुना बड़ा है।
अन्तरिक्ष में पृथ्वी की गति 660,000 मील प्रति घंटा है।
शनि के वलय की परिधि 500,000 मील है जबकि उसकी मोटाई मात्र एक फुट है।
वृहस्पति के चन्द्रमा, जिसका नाम गेनीमेड (Ganymede) है, बुध ग्रह से भी बड़ा है।
किसी अन्तरिक्ष वाहन को वायुमण्डल से बाहर निकलने के लिए कम से कम 7 मील प्रति सेकण्ड की गति की आवश्यकता होती है।
पृथ्वी के सारे महाद्वीप की चौड़ाई दक्षिण दिशा की अपेक्षा उत्तर दिशा में अधिक है, यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि ऐसा क्यों है