चयन बोर्ड की गलती सजा भुगत रहे अभ्यर्थी
प्रश्नपत्र में गड़बड़ी के कारण चयन बोर्ड परिणाम में कर रहा संशोधन
दो से तीन वर्ष नौकरी करने के बाद सेवा से बाहर हो रहे चयनित शिक्षक
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की गलती का खामियाजा अब चयनित शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। बोर्ड की ओर से 2009 में चयनित टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों के चयन को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। परीक्षा के बाद बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने गलत प्रश्न पूछे जाने को लेकर चयन बोर्ड में शिकायत की थी। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। अब कोर्ट की दखल के बाद चयनित शिक्षकों की नौकरी जा रही है।
शिक्षक पद पर चयन के तीन वर्ष बाद नौकरी जाने से अभ्यर्थियों में आक्रोश है। चयन बोर्ड की ओर से 2009 में हुई टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में गलत प्रश्न पूछने के कारण पूरी चयन प्रक्रिया को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2009 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में अंग्रेजी पीजीटी एवं टीजीटी के साथ भूगोल पीजीटी, कला टीजीटी, सामाजिक विज्ञान टीजीटी में गलत प्रश्न पूछे जाने को लेकर परीक्षार्थियों ने शिकायत हुई थी।
परीक्षार्थियों की शिकायत के बाद अंग्रेजी पीजीटी-टीजीटी, भूगोल विषय सहित कई विषयों के परिणाम में बदलाव का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने इस बारे में आदेश जारी किया है। अब कोर्ट के आदेश के आधार पर प्रश्नों का सही मूल्यांकन करके नया परिणाम जारी किया जाएगा। इसमें पूर्व चयनित और विद्यालयों में अध्यापन कर रहे बड़ी संख्या में शिक्षकों की नौकरी को लेकर खतरा बन गया है।
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