न्याय के मंदिर में (30-04-2012 ) टीईटी अभ्यर्थीयों को राहत
UPTET : Relief to TET candidates as positive indication appears in today hearing in Allahabad High court
आज के घटनाक्रम ( आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी ) को देख कर ऐसा लगता है की कोर्ट का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों को जरूर राहत देगा |
(आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी)
कारण साफ़ है की जज साहब को भी लग रहा है कि कपिल देव की याचिका सिर्फ मामला लटकाने के लिये दायर की गयी है
Information given by Mr. Ashish Srivastava :-
जब उन्होंने कपिल यादव के वकील से पूछा कि आपको कोई समस्या है अगर बी एस ए की जगह सचिव ने विज्ञापन निकाला तो जवाब देते नहीं बना
कपिल ने जब टीईटी पास किया है तो उसको विज्ञापन निरस्त कराने से क्या मतलब ?
क्या बी एस ए के अधिकार में कमी आने से कपिल को कोई नुकसान हो रहा था ?
क्या कपिल बी. एस. ए है ?
फैसला आज आ सकता था आज ही लेकिन सरकारी वकील ने टांग लगा दी और दो दिन का टाइम मांग लिया .कपिल का वकील तो अकैडमिक वर्सस टीईटी करने लगा तो जज ने फिर उसको डाट पिलाई और कहा कि जिस मुद्दे पे केस चल रहा है सिर्फ उसपे बात करो .
बस यही संदेह है कि सरकारी वकील ने किसलिए डेट मांगी है ?
दाल में अभी भी कुछ काला है .सरकार कि नियत साफ़ नहीं
1. में इसमें कुछ जोड़ना चाहती हूँ कि अगर बी एस ए को सचिव के विज्ञापन निकलने को लेकर आपत्ति थी तो उन्होंने विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद अपनी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई और अगर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई तो मामला साफ़ है कि उनको आपत्ति नहीं थी
2. अगर उन्होंने अपनी अनापत्ति प्रमाण न्यायलय में प्रस्तुत किया है तो और भी अच्छा है (क्योंकि ये मामला दिसंबर से अदालत में चल रहा है और ऐसा कुछ भी अभी तक प्रतीत नहीं हुआ कि बी एस ए की तरफ से कोई आपत्ति थी , मीडिया आदि द्वारा )
3. अभी तक सिर्फ आवेदन पात्र जमा हुए हैं , और कोई काउंसलिंग / नियुक्ति पत्र नहीं दीया गए हैं , ये आवेदन पत्र भी जिलावार ही दीया गए हैं | तो भर्ती के महत्वपूर्ण चरण बाकि हैं जिसमें बी एस ए द्वारा काउंसलिंग के लिये बुलाया जा सकता है व नियुक्ति पत्र दीया जा सकते हैं (इससे उनके अधिकारों में कोई समस्या नहीं आयेगी )
4. यह आवेदन सरकार ने ही निकाला है तो सरकारी वकील का फर्ज बनता है कि विज्ञापन को मजबूती प्रदान करे , अन्यथा कोई अपने पाँव पर कुल्हाडी क्यूँ मारेगा |
और सचिव को क्यूँ गलत साबित करेगा
5. इलाहबाद हाई कोर्ट पूर्व में निर्णय दे चुक है कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो,
तो कपिल के वकील के वकील कि अकैडमिक वर्सस टीईटी की बात महत्वहीन , तर्क रहित व मूल मुद्दे से भ्रमित करने वाली है
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टीईटी चयन मामले की सुनवाई कल
विसं, इलाहाबाद : टीईटी में चयनित 72,800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक के मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने दो मई की तिथि नियत की है। याची अधिवक्ता आलोक यादव का कहना है कि उप्र. बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ही नियुक्ति का अधिकार है। नियम के विपरीत चयन बोर्ड ने सभी बीएसए की तरफ से नियुक्ति अधिसूचना जारी की है। याची का यह भी कहना है कि शासनादेश के तहत चयन की विज्ञप्ति स्वयं उस शासनादेश के विपरीत है। चयन का आधार शैक्षिक योग्यता को मानक बनाया जाएगा न कि टीईटी के प्राप्तांक को।
News : Jagran (30.4.12)
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उपरोक्त बिन्दुओं को देख कर ऐसा प्रतीत होता है , कि न्यायलय विज्ञापन में पुन संशोधन का आदेश जारी कर सकता है ( जैसा कि ५ जिलों से सारे जिलों में आवेदन के लिया दीया गया था ) ,
क्योंकी विज्ञापन निकलने में टीईटी अभ्यर्थीयों का कुछ लेना देना / नहीं | उन्होंने तो आवेदन व परीक्षा सरकार के निर्देशानुसार ही दी थी |
टीईटी अभ्यर्थीयों को बेवजह परेशान नहीं होना चाहिए , जब तक अधिकृत सूचनाएँ नहीं आती |
भगवान् पर भरोसा रखें
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If somebody have better information then please share it through comments for update.
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Ashish Srivastava said...
DOSTO AJ COURT ME JO KUCH HUA WO MAI LIKH RHA HUN
Aj jo kuch hua court me wo 4month pahale hona chahiye tha.
Mera ek dost tha waha court me.usnne bataya ki judge sahab ne kapil k vakil ki jam ke class li.unone aj puchha ki agar vigyapan me koi galti thi toh usse tum kaha se prabhavit ho rhe the?kapil ne jab TET pass kiya hai toh usko vigyapn nirast karane se kya matlab?kya BSA ke adhikar me kami aane se Kapil ko koi nuksan ho rha tha?kya kapil BSA hai?ye saare sawal judge ne puchha.
Faisla asakta tha aj hi lekin sarkari vakil ne tang laga di aur 2 din ka time maang liya.kapil ka vakil toh accd vs TET karne laga toh judge ne fir usko daat pilayi aur kaha ki jis mudde pe case chal rha hai sirf uspe baat karo.
Bas yahi doubt full hai ki sarkari vakil ne kisliye date maangi hai?
Daal me abhi b kuch kaal hai.sarkar ki niyaat bahut gandi hai.