Monday, April 30, 2012

UPTET : Relief to TET candidates in Allahabad High court


न्याय के मंदिर में (30-04-2012 )  टीईटी  अभ्यर्थीयों  को राहत 
UPTET : Relief to TET candidates as positive indication appears in today hearing in Allahabad High court 













नयी तारीख 2 मई , लगता है फेसले की अंतिम सुनवाई और फेसले की घड़ी 


आज के घटनाक्रम ( आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी  ) को देख कर ऐसा लगता है की कोर्ट का निर्णय  टीईटी  अभ्यर्थीयों को जरूर राहत देगा |
 (आज जिस प्रकार से लोगो ने ब्लॉग पर आकर सूचनाएँ दी)


कारण साफ़ है की जज साहब को भी लग रहा है कि कपिल देव की याचिका सिर्फ मामला लटकाने के लिये दायर की गयी है

Information given by Mr. Ashish Srivastava :-
जब उन्होंने कपिल यादव के वकील से पूछा कि आपको कोई समस्या है अगर बी एस ए की जगह सचिव ने विज्ञापन निकाला तो जवाब देते नहीं बना 
कपिल  ने  जब   टीईटी  पास  किया  है  तो  उसको  विज्ञापन  निरस्त  कराने  से  क्या  मतलब ?
क्या  बी एस   ए  के  अधिकार  में  कमी  आने  से  कपिल  को  कोई  नुकसान  हो  रहा  था ?
क्या  कपिल  बी. एस.  ए  है ?


फैसला  आज  आ   सकता था  आज  ही  लेकिन  सरकारी  वकील  ने  टांग लगा  दी  और  दो   दिन  का  टाइम  मांग  लिया .कपिल  का  वकील  तो  अकैडमिक वर्सस टीईटी  करने  लगा  तो  जज  ने  फिर  उसको  डाट  पिलाई  और  कहा  कि  जिस  मुद्दे  पे  केस  चल  रहा  है  सिर्फ  उसपे  बात  करो .


बस  यही  संदेह है कि  सरकारी  वकील  ने  किसलिए  डेट  मांगी  है ?
दाल  में  अभी  भी  कुछ  काला  है .सरकार  कि  नियत  साफ़ नहीं


1. में इसमें कुछ जोड़ना चाहती हूँ कि अगर बी एस ए को सचिव के विज्ञापन निकलने को लेकर आपत्ति थी तो उन्होंने विज्ञापन  प्रकाशित होने के बाद अपनी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई और अगर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई तो मामला साफ़ है कि उनको आपत्ति नहीं थी 

2. अगर उन्होंने अपनी अनापत्ति प्रमाण  न्यायलय में प्रस्तुत किया है तो और भी अच्छा है (क्योंकि ये मामला दिसंबर से अदालत में चल रहा है और ऐसा कुछ भी अभी  तक प्रतीत नहीं हुआ कि  बी एस ए  की तरफ से कोई आपत्ति थी , मीडिया आदि द्वारा )

3. अभी तक सिर्फ आवेदन पात्र जमा हुए हैं , और कोई काउंसलिंग / नियुक्ति पत्र नहीं दीया गए हैं , ये आवेदन पत्र भी जिलावार ही दीया गए हैं | तो भर्ती के महत्वपूर्ण चरण बाकि हैं जिसमें बी एस ए द्वारा काउंसलिंग के लिये बुलाया जा सकता है व नियुक्ति पत्र दीया जा सकते हैं (इससे उनके अधिकारों में कोई समस्या नहीं आयेगी )

4. यह आवेदन सरकार ने ही निकाला है तो सरकारी वकील का फर्ज बनता है कि विज्ञापन को मजबूती प्रदान करे , अन्यथा कोई अपने पाँव पर कुल्हाडी क्यूँ मारेगा |
और सचिव को क्यूँ गलत साबित करेगा 

5. इलाहबाद हाई कोर्ट पूर्व में निर्णय दे चुक है कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो, 
तो कपिल के वकील के वकील कि  अकैडमिक वर्सस टीईटी की बात महत्वहीन , तर्क रहित व मूल मुद्दे से भ्रमित करने वाली है 
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टीईटी चयन मामले की सुनवाई कल


विसं, इलाहाबाद : टीईटी में चयनित 72,800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक के मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने दो मई की तिथि नियत की है। याची अधिवक्ता आलोक यादव का कहना है कि उप्र. बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ही नियुक्ति का अधिकार है। नियम के विपरीत चयन बोर्ड ने सभी बीएसए की तरफ से नियुक्ति अधिसूचना जारी की है। याची का यह भी कहना है कि शासनादेश के तहत चयन की विज्ञप्ति स्वयं उस शासनादेश के विपरीत है। चयन का आधार शैक्षिक योग्यता को मानक बनाया जाएगा न कि टीईटी के प्राप्तांक को

News : Jagran (30.4.12)
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उपरोक्त बिन्दुओं को देख कर ऐसा प्रतीत होता है , कि न्यायलय विज्ञापन में पुन संशोधन का आदेश जारी कर सकता है ( जैसा कि ५ जिलों से सारे जिलों में आवेदन  के लिया दीया गया था ) ,
क्योंकी   विज्ञापन निकलने में  टीईटी  अभ्यर्थीयों  का कुछ लेना देना / नहीं | उन्होंने तो आवेदन व परीक्षा सरकार के निर्देशानुसार ही दी थी |

टीईटी  अभ्यर्थीयों  को बेवजह परेशान नहीं होना चाहिए , जब तक अधिकृत सूचनाएँ नहीं आती |
भगवान् पर भरोसा रखें 
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If somebody have better information then please share it through comments for update.
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Ashish Srivastava said...
DOSTO AJ COURT ME JO KUCH HUA WO MAI LIKH RHA HUN
Aj jo kuch hua court me wo 4month pahale hona chahiye tha.
Mera ek dost tha waha court me.usnne bataya ki judge sahab ne kapil k vakil ki jam ke class li.unone aj puchha ki agar vigyapan me koi galti thi toh usse tum kaha se prabhavit ho rhe the?kapil ne jab TET pass kiya hai toh usko vigyapn nirast karane se kya matlab?kya BSA ke adhikar me kami aane se Kapil ko koi nuksan ho rha tha?kya kapil BSA hai?ye saare sawal judge ne puchha.
Faisla asakta tha aj hi lekin sarkari vakil ne tang laga di aur 2 din ka time maang liya.kapil ka vakil toh accd vs TET karne laga toh judge ne fir usko daat pilayi aur kaha ki jis mudde pe case chal rha hai sirf uspe baat karo.
Bas yahi doubt full hai ki sarkari vakil ne kisliye date maangi hai?
Daal me abhi b kuch kaal hai.sarkar ki niyaat bahut gandi hai.

UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों के फेसले का दिन न्याय के मंदिर में - 30 अप्रेल 2012



UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों  के फेसले  का दिन न्याय के मंदिर में  - 30 अप्रेल 2012



 
 For Final Hearing/Disposal
 WRIT - A                                
 155. DF    76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR      ALOK KUMAR YADAV,                       RAJESH YADAV Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                                       K.S. KUSHWAHA

http://allahabadhighcourt.in/causelist/courtA.jsp ( Site -> http://allahabadhighcourt.in -> Cause List ->
->Date -> Court No. 33


लगता है  आज  अदालत का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों के लिये भारी राहत लेकर आएगा
इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है
जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी

टीईटी अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत परीक्षा उत्तीर्ण  करने में व् आवेदन के दोरान  परेशानीयां , समय इत्यादि शामिल है )  को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय  (और अधिकारीओं की गलती,  अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है |

 शायद  आज  फेसले के दिन हो ( क्योंकी इलाहबाद हाई कोर्ट डबल बेंच ने इस मामले को शीघ्र हल करने पर जोर दीया है |
और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पुन:  प्रारंभ हो सकती है , जिसमें काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि हैं

UPTET : भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन



UPTET : भर्ती प्रक्रिया रद हुई तो करेंगे आंदोलन 

आलीपुर खेड़ा (ब्यूरो)। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा है कि यदि शासन टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करता है तो अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर युवा बेरोजगारों के पक्ष में निर्णय लेने की मांग की है।
रविवार को बनवारी लाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवपालपुर में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक आयोजित की गई। इसमें अजंट सिंह राजपूत ने कहा कि बसपा शासनकाल में उन्होंने टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन तैनाती होने से पूर्व ही सरकार बदल गई। सपा सरकार द्वारा युवा बेरोजगारों के लिए घोषणा पत्र में भी स्थान दिया गया है। यदि सरकार युवाओं की सच्ची हितैषी है तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय ले। नीतू सिंह ने कहा कि राजनीति की गंदी चालों में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का भविष्य लटक गया है। रंजीत सिंह सिसौदिया ने कहा कि सरकार शीघ्र ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नौकरी दे अन्यथा सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। बैठक को रामधनी शाक्य, श्याम सिंह राजपूत, अजय यादव, सतेंद्र सिंह, नसीम खां, प्रियंका राजपूत, राहुल आदि थे।


सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
ललितपुर। टीईटी उत्तीर्ण छात्रों की बैठक में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया टालने के उद्देश्य से सरकार कोई निर्णय लेने से कतरा रही है।
उन्होंने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण छात्र नौकरी लेकर रहेंगे। यदि सरकार ने विपरीत निर्णय लिया तो आंदोलन तेज करने के बाध्य हो जाएंगे। बैठक में अंतिम कुमार जैन, नीलेश पुरोहित, राहुल तिवारी, दीपक गुप्ता, प्रदीप सैनी, विजय रावत, रवींद्र साहू, अनुपम गुप्ता, अनुराग शर्मा, अजय रैकवार, लखनलाल, वर्षा बबेले, राजेंद्र राठौर, अंसार खां, शरद सोनी, प्रीति सोनी, मनीष रैकवार आदि उपस्थित रहे।



लाठीचार्ज छात्र विरोधी मानसिकता
गाजीपुर(ब्यूरो)। भाजयुमो कार्यकर्ताओं की बैठक शाहीपुरा स्थित मंदिर परिसर में हुई। इसमें मोर्चा के निवर्तमान अध्यक्ष योगेश सिंह ने कहा कि सपा की सरकार आते ही प्रदेश में नौजवानों के ऊपर जुल्म शुरु हो गया है। टीईटी अभ्यर्थियों तथा इलाहाबाद विवि के छात्रों पर लाठीचार्ज सरकार की छात्र नौजवान विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
रविवार को हुई बैठक में नगर उपाध्यक्ष मनोज गुप्त ने कहा कि परीक्षा चल रही है बावजूद इसके बेतहाशा बिजली कटौती की जा रही है। अगर समय रहते कटौती में सुधार नहीं हुआ तो मोर्चा कार्यकर्ता सड़क पर उतरने को तैयार हैं। इस अवसर पर चंदन आर्य, आशुतोष पांडेय, अभिषेक सिंह, अभिषेक राय, मनोज गुप्त, रामसेवक यादव, शंभू, रमेश वर्मा, प्रदीप, शिवजी, वेदमणि, रिंकू आदि थे। अध्यक्षता रासबिहारी राय, संचालन प्रमोद ने किया।


News : Amar Ujala (30.4.12)

Sunday, April 29, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों के फेसले का दिन न्याय के मंदिर में - 30 अप्रेल 2012


UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों  के फेसले  का दिन न्याय के मंदिर में  - 30 अप्रेल 2012

लगता है कल अदालत का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों के लिये भारी राहत लेकर आएगा 
इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है 
जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी 

टीईटी अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत परीक्षा उत्तीर्ण  करने में व् आवेदन के दोरान  परेशानीयां , समय इत्यादि शामिल है )  को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय  (और अधिकारीओं की गलती,  अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है |

 शायद कल फेसले के दिन हो ( क्योंकी इलाहबाद हाई कोर्ट डबल बेंच ने इस मामले को शीघ्र हल करने पर जोर दीया है |
और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पुन:  प्रारंभ हो सकती है , जिसमें काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि हैं 

UPTET : नियुक्ति की मांग को लेकर डटे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी


UPTET : नियुक्ति की मांग को लेकर डटे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

चारबाग स्टेशन पर घण्टों मची रही अफरा-तफरी
धरना स्थल पर शुरू किया आमरण अनशन, प्रशासन ने की दबाव बनाने की कोशिश छावनी में तब्दील हुआ धरना-स्थल

लखनऊ (एसएनबी)। टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों की संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी पहुंचे। अभ्यर्थियों ने धरना स्थल पहुंचकर अनशन शुरू कर दिया है तथा वे मुख्यमंत्री से वार्ता की जिद पर अड़े हैं। इस दौरान प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें धरना स्थल से हटाने का प्रयास किया लेकिन टीईटी अभ्यर्थी डटे रहे। भारी भीड़ के कारण चारबाग स्टेशन पर घण्टों अफरा-तफरी मची रही। ज्ञात हो गत दिनों टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर आमरण अंशन शुरू किया था जो आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। मोर्चा को सदस्य सुरेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि गत पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के दौरान आश्वासन मिला था कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर 21 दिनों में पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया के निर्देश दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है तथा अभी तक नियुक्ति के लिए किसी भी तरह के निर्देश नहीं दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि एनसीटीई द्वारा नियुिक्त प्रक्रिया के लिए दिया गया समय भी धीरे-धीरे पूरा होने की कगार पर पहुंच गया है। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पास मात्र जून माह तक ही समय रह गया है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त है। पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को प्रात: सात बजे से ही हजारों अभ्यर्थियों की भीड़ चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गयी। बड़ी संख्या में इनकी मौजूदगी से चारबाग स्टेशन पर भी अफरा-तफरी मची रही। इसके बाद जब वे धरना स्थल की ओर कूच करने लगे तो उनकी पुलिस बल के साथ नोकझोंक भी हुई। लगभग ग्यारह बजे के बाद अभ्यर्थी धरना स्थल पहुंचे तथा अनशन पर बैठ गये। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के धरना-स्थल पहुंचने पर यहां का माहौल गरम हो गया तथा धरना-स्थल छावनी में तबदील हो गया। इस दौरान धरना स्थल पर भी प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा अभ्यर्थियों पर दबाव बनाकर हटाने की कोशिश की गयी लेकिन अभ्यर्थी डटे रहे। शाम के समय स्थिति तनावपूर्ण हो गयी लेकिन नियंतण्रमें रही। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के एकत्र हो जाने से धरना स्थल पर उन्हें पेयजल सहित भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों को पीने के लिए एक टैंकर पानी की व्यवस्था भी की गयी लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। हालांकि देर रात तक अभ्यर्थी धरना स्थल पर ही डटे रहे। उनका कहना है कि बिना निर्णय वह वापस नहीं जाएंगे। क्ष्/द्रऊ

News : Sahara Samay Live (29.4.12)
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UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल



UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल

न्यूज़ साभार - युवा दस्तक 


लखनऊ। प्रदेश भर से टीईटी बेरोजगारों ने अचानक लखनऊ आकर डेरा जमा लिया। 30 को राज्‍य सरकार काउंटर लगाइए। पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना विधान सभा के सामने धरना देने जा रहे हजारों युवाओं को पुलिस ने चार बाग रेलवे स्‍टेशन पर ही शनिवार सुबह हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही टीईटी बेरोजगारों के रेले के आगे पुलिस की फौज भी छोटी साबित होने लगी। इसके बाद पुलिस खुद छात्र एवं छात्राओं को विधान सभा के सामने धरना स्‍थल तक पहुंचाया

प्रशासन ने सप्‍ताह भर में वार्ता का समय देकर वापस जाने की चेतावनी दी। इसके बाद टीईटी नेता तो प्रशासन की हां में हां मिलाते दिखे लेकिन प्रदेश भर से जुटे आंदोलनकारियों ने विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया। धरना स्‍थल पर ही नेताओं की बात से इंकार करते हुए प्रदेश भर से जुटे युवाओं ने हंगामा कर दिया। इसके बाद नेताओं ने आंदोलन की बागडोर आंदोलनकारियों के हाथ में सौंपने की पेशकश कर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक अनशन करने पर सह‍मति प्रकट की

टीईटी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के मामले में हाईकोर्ट में आगामी 30 अप्रैल को सुनवाई होनी है। वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में हाई पावर्ड कमेटी कमेटी की गई है। जो पूरे मामले पर कोर्ट के सामने पक्ष रखेगी। हालांकि हाल ही में मुख्‍य सचिव की ओर भर्ती प्रक्रिया को निरस्‍त करने की सिफारिश के बाद अचानक टीईटी आंदोलनकारियों का भरोसा सरकारी मशीनरी से उठ गया। टीईटी बेरोजगारों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए शनिवार को मोर्चा खोल दिया

प्रदेशभर से युवा सुबह से ही चार बाग रेलवे स्‍टेशन पर जमा होने लगे। यहां पर यात्रियों और आंदोलनकारियों की फौज के कारण पुलिस के हाथ पैर ढीले हो गए। दूसरी ओर टीईटी बेरोजगार बिना अनु‍मति के मांगे पूरी होने तक हटने को तैयार नहीं थे। बाद में टीईटी बेरोजगारों ने विधान सभा में धरना शुरू कर दिया। यहां पर आपसी मतभेदों के बाद आखिरकार नेताओं को आंदोलनकारियों की बात मानने पड़ी। फिलहाल कोर्ट की सुनवाई होने तक 30 अप्रैल तक विधान सभा के सामने धरना जारी रखने का फैसला लिया गया है


News : http://yuvadastak.com/new/?p=2688
न्यूज़ साभार - युवा दस्तक . कॉम (29.4.12)

बर्खास्त शिक्षकों की बहाली का आदेश स्थगित



बर्खास्त शिक्षकों की बहाली का आदेश स्थगित
बहराइच, गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज व बुलंदशहर में हुई थी सीधी भर्ती
न्यूज़ साभार - अमर उजाला (२९.४.१२)

•बहराइच छोड़कर अन्य जिलों में लागू होगा नया आदेश
•बसपा सरकार के आदेश का होगा नए सिरे से परीक्षण


शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। अखिलेश सरकार ने माया सरकार के उस आदेश को पलट दिया है कि जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करने का आदेश दिया गया था। यह आदेश तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने विधानसभा चुनाव के मतगणना वाले दिन यानी 6 मार्च को जारी किया था। इसे जारी करने के लिए हाईकोर्ट के उस आदेश का सहारा लिया गया, जिसमें लखनऊ बेंच ने बहराइच के 263 शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर बहाल करने का आदेश दिया है। अखिलेश सरकार ने बहराइच को छोड़कर अन्य जिलों के शिक्षकों की बहाली का आदेश स्थगित कर दिया है। अब इसका नए सिरे से परीक्षण कराया जाएगा कि इन्हें बहाल किया जा सकता है या नहीं

यूपी में 2003 में बहराइच, गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज और बुलंदशहर में 1143 शिक्षकों की सीधी भर्ती कर ली गई थी। यह भर्ती तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री के इशारे पर की गई थी। इस संबंध में शासनादेश हुआ था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएड पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती कर सकते हैं। जबकि, बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के मुताबिक बीटीसी या विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग प्राप्त करने पर ही सहायक अध्यापक नियुक्ति किए जा सकते हैं। जिलों में शिक्षकों की भर्ती का खुलासा लखनऊ के एक होटल में बरामद लाखों रुपये के बाद हुआ। इसके बाद सत्ता बदलने के साथ ही सीधे भर्ती किए गए शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया।

इसमें से बहराइच के 263 बर्खास्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में इसे चुनौती दी और 29 अप्रैल 2008 को उनके पक्ष में फैसला हुआ। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन इसे वहां से खारिज करते हुए वापस हाईकोर्ट में भेज दिया गया। हाईकोर्ट में 8 दिसंबर 2011 को इस मामले की सुनवाई के लिए तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है इसलिए सरकार 29 अप्रैल 2008 को दिए गए आदेश का पालन 10 हफ्ते में सरकार करे। हाईकोर्ट ने केवल बहराइच के शिक्षकों को बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन इसे आधार बनाते हुए तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज और बुलंदशहर के बर्खास्त शिक्षकों को भी बहाल करने का आदेश दे दिया।
जिस दिन यह आदेश आया उसी दिन प्रदेश में सत्ता बदलने का जनादेश आया और 15 मार्च को अखिलेश सरकार ने काम संभाल लिया। सूत्रों का कहना है कि बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनाते हुए वर्तमान सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के पास इस आदेश को भेजा। इसके बाद तय किया गया कि हाईकोर्ट का आदेश केवल बहराइच के शिक्षकों को बहाल करने का है। इसलिए शेष अन्य चार जिलों के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया स्थगित करने का निर्णय किया गया


News : Amar Ujala (29.4.12)

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकारा , इलाहाबाद आैर लखनऊ बेंच को न्‍यायिक अनुशासन बरतने की सलाह


सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकारा , इलाहाबाद आैर लखनऊ बेंच को न्‍यायिक अनुशासन बरतने की सलाह



•अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ बेंच को एक ही मसले पर समानांतर सुनवाई करने पर कड़ी फटकार लगाई है। शीर्षस्थ अदालत ने हिदायत देते हुए कहा है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए जिसकी जजों से उम्मीद की जाती है।
जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ डबल बेंच द्वारा इलाहाबाद की डबल बेंच के फैसले को नजरअंदाज किए जाने को अनुचित करार देते हुए कहा कि इस मामले में दोनों बेंचों का विरोधाभासी फैसला न्यायिक नियमों के विपरीत है। ऐसी स्थिति में सबसे बेहतर यही था कि मामले को बड़ी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया जाता। सर्वोच्च अदालत के मुताबिक न्यायिक अनुशासनहीनता की स्थिति को काबू करने या समान बेंच के विचार न मिलने की स्थिति में मसले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाना ही उचित होता है
पीठ ने कहा कि लखनऊ डबल बेंच को खुद इस मामले पर निर्णय देने का भार नहीं उठाना चाहिए था, क्योंकि पहले ही उसी हाईकोर्ट की दूसरी डबल बेंच उसी मामले पर फैसला दे चुकी थी। शीर्षस्थ अदालत ने कहा कि हमारी राय में दोनों ही बेंच को न्यायिक अनुशासन व शिष्टाचार पर ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नहीं भूला जाना चाहिए जिसकी उम्मीद जजों से की जाती है।

पीठ ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी कर्मियों की ओर से दायर उस अपील पर की जिसमें प्रमोशन व वरिष्ठता में आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रावधान को चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने पहले फैसला दिया था


इसके बाद सरकारी कर्मचारी शीर्षस्थ अदालत पहुंचे थे। बाद में लखनऊ बेंच ने इलाहाबाद बेंच के फैसले को नजरअंदाज कर आदेश जारी कर राज्य सरकार के नियमों को गैरकानूनी करार दिया। इसके खिलाफ राज्य सरकार व उसके कई निगमों ने शीर्षस्थ अदालत का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को इस पर ध्यान देना चाहिए था कि एक ही मामला दो अलग पीठों के समक्ष चल रहा है और दोनों के फैसले अलग होने की स्थिति में न्यायिक अनुशासनहीनता होगी।

News : Amar Ujala (29.4.12)
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One More News -

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। न्यायपालिका के समक्ष त्वरित न्याय प्रदान करने की चुनौती अभी बनी हुई है। खासकर अधीनस्थ न्यायालयों में यह समस्या अधिक है। इससे वादियों में निराशा पैदा होती है। मनुष्य की उम्मीदों की सीमा होती है और मौजूदा जीवन शैली में अंतहीन इंतजार किसी के लिए भी संभव नहीं है। यह विचार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस आनंद ने व्यक्त किए। वे शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित प्रो. वीएन शुक्ला स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे।
भारतीय न्यायपालिका के 60 वर्षों की यात्रा पर चर्चा करते हुए जस्टिस आनंद ने कहा कि भारतीय संविधान को जनता के लिए प्रगतिशील रूप से व्यवस्थित करना आरंभ से ही न्यायपालिका का प्रयास रहा और आज भी यह काम जारी है। भूमि सुधार कानून के संदर्भ में न्यायपालिका एवं जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की चर्चा करते हुए उन्होंने समाजवादी सिद्धांतों एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव पर हुए विवाद एवं न्यायिक निर्णयों का संदर्भ भी रखा। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों ने बहुत बार अनेक न्यायिक निर्णयों एवं सुधारों को प्रभावित किया है। न्यायपालिका ने विधि के शासन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं मानवाधिकार, पंथनिरपेक्षता, लैंगिक न्याय, लोकतांत्रिक मूल्य, अल्पसंख्यकों के अधिकार आदि की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस दौरान कुलपति प्रो. मनोज मिश्र सहित लविवि शिक्षक एवं विधि तथा न्याय क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।


News : Amar Ujala (29.4.12)


यु पी टी ई टी आन्दोलनकारीओं के कारन लखनऊ में ट्रेफिक की भयावह स्थिती

Start recruitment process, demand Teacher Eligibility Test qualifiers

News : Times of India ( 29.4.12) -

LUCKNOW: Thousands of candidates who had cleared the Teacher Eligibility Test staged aprotest at the Dharna Sthal on Saturday morning. The candidates have been protesting against non-fulfilment of their pending demands of beginning the recruitment process for 72,000 vacant posts of teachers in government primary and upper primary schools. 

The agitated candidates blamed the UP chief minister, Akhilesh Yadav for taking no action and putting their future at stake. "Three weeks back, we met the CM, who assured us of an early action. But till date, nothing has been done," said a candidate. The CM on May 5 has constituted a three-member committee under the leadership of chief secretary who would assess the pros and cons of cancelling the test. The committee is to submit its report within three weeks. 

The test conducted for the first time is under a probe which was announced by the Mayawati government following charges of large-scale irregularities. In this regard, the then secondary education director, Sanjay Mohan was arrested and subsequently suspended after his name surfaced in the TET scam. He was alleged of duping unemployed youth by promising them success in the test. Many other education officials are said to be involved in it. Due to these anomalies, the state government has been thinking hard to cancel the test.

However, the qualified TET candidates argued that they cannot be made to suffer because of few candidates who resorted to back door entry by bribing officers. Agitated with this, Shiv Kumar Pathak, a candidate said, "It is the question of 72,000 candidates. Majority of those who took the exam belong to below poverty line families and getting a job through TET was their only hope. The government should think of our future, and take an immediate decision." 

TET was conducted for the first time on November 13, 2011 by the UP Madhyamik Shiksha Parishad. It has been surrounded by anomalies since the beginning. After its results were declared on November 26 last, it was found that some anti-social elements tried to lure youth by promising them success in the test. TET appeared to be a moneymaking deal for the higher ups. As many as 11,53,155 candidates took the test, out of which, 2.7 lakh candidates successfully qualified TET. Out of this, 72,000 are to be selected for the job. 

News : Times of India ( 29.4.12)
Source : http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Start-recruitment-process-demand-Teacher-Eligibility-Test-qualifiers/articleshow/12918096.cms
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Daytime nightmare for Lucknow commuters on weekend

News : Times of India ( 29.4.12) -

LUCKNOW: The revival of the city's old Dharna Sthal located near the UP assembly on Vidhan Sabha Marg has undoubtedly hit the normal life. And the first casualty in any of these situations seems to be the commuters and the traffic. The situation was no different on Saturday, as thousands of TET (Teacher Eligibility Test) examinees took out a protest march, thus throwing traffic out of gear on the main Charbagh-Hazratganj route.

According to one of the TET protestors, at least 10,000 of them had to come to the state capital on the day, to show their strength. Even if it wasn't their full strength, the sea of people, on the roads, was enough to give commuters a nightmare in the day time itself.

The protestors not only created chaos on the roads, but also tried to create disturbance at Charbagh station. They had gathered in the circulating area of the station and had planned to sit on a dharna at the station. The crowd was later controlled by the police and protestors were made to move to Dharna Sthal.

The administration, in order to keep the chaos off the roads, transported some of the protestors through buses to the Dharna Sthal. Though the protestors were moving in a queue, with police present at every stretch, there were so many of them that it was rather quite difficult to drive on the roads. As a result, traffic was literally crawling on the main road from Charbagh to Hazratganj. The already crowded and encroached crossings of the city, like Hussainganj and Burlington, were choked, with hardly any space to move. The PAC vans parked alongside roads ate into the already little space available on the roads.

Morning's rush hour traffic also added to the mounting traffic woes. There were also few who tried driving haphazardly, in order to wriggle out of jam, but, in the end, they caused even more chaos. The situation lasted for quite a few hours till the time TET protestors did not reach the Dharna Sthal.

News : Times of India (29.4.12)
Source : http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Daytime-nightmare-for-Lucknow-commuters-on-weekend/articleshow/12917081.cms

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकारा , इलाहाबाद आैर लखनऊ बेंच को न्‍यायिक अनुशासन बरतने की सलाह

बर्खास्त शिक्षकों की बहाली का आदेश स्थगित

UPTET : वार्ता के आश्वासन पर माने टीईटी अभ्यर्थी



UPTET : वार्ता के आश्वासन पर माने टीईटी अभ्यर्थी


लखनऊ। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे विभिन्न जिलों के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजधानी में फिर धरना-प्रदर्शन किया और सार्थक निर्णय होने तक दारुलशफा में धरने पर बैठ गए। हालांकि देर रात डीआईजी आशुतोष पांडेय ने टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मशक्कत के बाद धरना स्थगित करने पर मना लिया। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो मई को जनता दरबार में टीईटी प्रतिनिधियों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस आश्वासन के बाद टीईटी अभ्यर्थियों ने धरना स्थगित कर दिया। उधर, धरना स्थगित करने के बाद टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मिश्रा ने कहा कि दो मई को सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन तेज करेंगे।

इससे पहले दिन में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने चारबाग से धरना-प्रदर्शन करते हुए विधान भवन की तरफ कूच किया। पुलिस ने इन अभ्यर्थियों को स्टेशन पर ही रोकने की कोशिश की तो उन्होंने वहीं पर विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में हंगामा बढ़ता देख प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को दारुलशफा जाने की अनुमति दी तब अभ्यर्थी चारबाग से मार्च निकाल कर दारुलशफा पहुंच गए। अभ्यर्थियों को दो घंटे के धरना-प्रदर्शन की अनुमति मिली थी, लेकिन वह देर रात तक दारुलशफा पर डटे रहे। अभ्यर्थियों का कहना है जब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी, तब वह धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने बताया कि टीईटी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल तक समय मांगा था, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने न आने पर टीईटी अभ्यर्थियों को यह कदम उठाना पड़ा।


News : Amar Ujala (29.4.12)

UPTET : मांगों को लेकर बेरोजगारों का प्रदर्शन



UPTET : मांगों को लेकर बेरोजगारों का प्रदर्शन

लखनऊ, 28 अप्रैल (जागरण संवाददाता): अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की। प्रदेश के कोने-कोने से राजधानी पहुंचे अभ्यर्थी शनिवार सुबह चारबाग स्टेशन पर एकत्र हुए। अभ्यर्थियों की भीड़ को देखकर स्टेशन प्रशासन के भी हाथ पांव-फूल गए। आनन-फानन में अभ्यर्थियों को स्टेशन से हटाने की कवायद शुरू की गई। वाहन कम पड़ गए तो अभ्यर्थियों की पैदल कतार बनाकर विधान भवन स्थित धरना स्थल पहुंचाया गया। रात नौ बजे डीआइजी द्वारा आश्वासन दिया गया कि दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी, इसके बाद धरना समाप्त हो गया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कहना है कि जबतक टीईटी के प्राप्तांकों को मेरिट का आधार बनाकर नियुक्ति नहीं की जाती, आंदोलन चलता रहेगा। शासन से इस बाबत लिखित आश्वासन मिले और विज्ञप्ति जारी की जाए कि चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को यहां विधान भवन के सामने धरना देने की तैयारी की। सुबह से ही चारबाग पर अभ्यर्थियों के आने के सिलसिला शुरू हो गया। अभ्यर्थियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। चारबाग पर ही अभ्यर्थियों ने धरना और सभा शुरू कर दी। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ एकजुट होने पर पुलिस-प्रशासन ने अभ्यर्थियों को यहां से हटाने की कवायद शुरू की। अभ्यर्थियों को पुलिस ने गाडि़यों से विधान भवन भेजना शुरू किया। गाडि़यां कम पड़ीं तो अभ्यर्थियों की लंबी कतार बनाकर विधान भवन की तरफ मोड़ दिया गया। अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विधानभवन पहुंचे। कई बार पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी झड़प भी हुई।


News : Jagran (29.4.12)

Saturday, April 28, 2012

UPTET : Heavy Crowd of UPTET Candidates Collected in Lucknow for Anshan



UPTET : Heavy Crowd of UPTET Candidates Collected  in Lucknow for Anshan

3 week time over and today heavy crowd of TET candidates collected in Lucknow to know progress - When will Recruitment of TET Candidates start

See :



Charbag Station par ikatthe hote hue TET Candidates, Dhoop Paseene mein nahate hue apne haq kee ladaee ladte hue

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Charbag Station se Vidhan Sabha kee aur prstan karte hue TET candidates
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Tanker ka panee peete hue  TET candidates


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Candidates did everything acccording to Government rules and NCTE Guidelines regarding RTE implementation.

Candidates want to know Government stand , and saying only culprits should be punished.
Advt. govt. ne nikala, bhartee govt ke niyamon se ho rahee thee va antim padav par thee.
Candidates (TET rank holde) lagbhag select ho chuke the va counselling karke appointment letter deeye jane baki the.

Par ab candidates anishitta ke mahol se ghir chuke hain. Aur ve govt. kee aage kee process janne ke leeye bechen hain - Ki Bhartee kab va kaise hogee.

Akhbaron mein sandeh bharee khabren aa rahee hain ki TET se recruitment cancel ho sakta hai.
Aur sarkaar ka koee spastikaran na aane se candidates bechen ho rahe hain ki ab unke bahvisye ka kya hoga.

Highcourt TET merit se bhartee ke favour mein pehle hee spast kar chuka hai - Kee TET Merit se bhartee niyamo ke vipreet nahin hai. Aur prkria ko achha bhee mana hai.

NCTE guideline mein saaf shabdon mein TET marks kee weightage selection mein dene kee baat kahee gayee.

Kaee TET candidates ka sochna hai ki jab 5 jilon se saare jilon mein aavedan ke leeye vigyapna sansodhit ho sakta hai to ab mamla kahan atak raha hai. (candidates in apna kafee saar paisa, mehnat va keemtee samay is bhartee mein laga deeya aur vo bhee saara govt. ke niymanusaar, to unkee kya galtee hai aur sarkaar akhbaar/news mein aa rahee bhramak khabron ko khandan kyon nahin kar rahee.
Kya TET se bhartee ab cancel ho jayegee, aur begunahon ko saja milegeee ya dosee adhikarion/candidates ko saja milegee. Sarkaar ka rukh kya hai TET candidates ke prati ?
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3 हफ्तों का समय अवधि पूरी हो चुकी और टीईटी अभ्यर्थी दोबारा से लखनऊ में  इकट्ठे हो रहे हैं 
उन को समझ नहीं आ रहा कि आये दिन अख़बारों के माध्यम से जो भ्रामक ख़बरें आ रही हैं - कि टीईटी से भर्ती निरस्त ही जायेगी या चयन प्रक्रिया में बदलाव हो जायेगा 
और सरकार ऐसी भ्रामक ख़बरों का खंडन भी नहीं कर रही 

पहले ५ जिलों से आवेदन वाले विज्ञापन में संसोधन भी हो गया था | पर अब विज्ञापन मामला कहाँ अटक रहा है |

अभ्यर्थी कह रहे हैं - कि उनकी क्या गलती , जैसा सरकार ने चाहा उन्होंने आवेदन कर दीया 
कोर्ट भी कह चुका है कि टीईटी  मेरिट से भर्ती नियम विरुद्द नहीं है व टीईटी  अंकों से भर्ती को सराहा भी है 

अभ्यर्थीयों ने अपनी मेहनत, पैसा व् कीमती समय इस टीईटी   परीक्षा से भर्ती में लगा दीया उनकी क्या गलती |
जो लोग दोषी हैं - भ्रष्ट / बेईमान अधिकारी व्  जिन अभ्यर्थीयों ने   टीईटी  अंक बढवाने में पैसा दीया , उनको दण्डित किया जाये |

चयन प्रक्रिया अंतिम दोर में थी , सिर्फ काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि थे | 
पर अचानक अख़बारों में भ्रामक ख़बरें व सरकार का स्पस्टीकरण न आने से अभ्यर्थी  मानसिक तनाव से गुजरने लगे और उनके भविष्य पर काले बादल मंडराने लगे |

और अब वे पुन : लखनऊ  में अपने हक के लिये  एकत्रित हो रहे हैं , दोबारा से अनशन / धरना प्रदर्शन होने जा रहा है 
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UPTET :नियुक्ति न होने पर आत्महत्या की धमकी


UPTET :नियुक्ति न होने पर आत्महत्या की धमकी

सरकार बीएड बेरोजगारों के साथ कर रही हीलाहवाली

महेवा (इटावा)। उत्तर प्रदेश बीएड बेरोजगार संघ एवं टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बैठक कर सरकार से नवीन शिक्षा सत्र के पूर्व माध्यमिक, उच्च प्राथमिक एवं इंटर कालेजों में सीधी भर्ती करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर बीएड बेरोजगारों ने आत्महत्या की धमकी दी है।
बीएड बेरोजगार संघ के ब्लाक संरक्षक राजेश कुमार दुबे ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 11 लाख अध्यापकों की प्राथमिक विद्यालयों म ें आवश्यकता है।
जिनमें सर्वाधिक बिहार में दो लाख और यूपी में सवा तीन लाख शिक्षकों की कमी है। वहीं शिक्षामित्रों को यदि स्थायी अध्यापक बना दिया जाए तो भी एक लाख 62 हजार शिक्षकों की जुलाई के पूर्व यूपी में सर्व शिक्षा अभियान के तहत जरूरत हैं। लेकिन पूर्व सरकार की भांति यह सरकार भी बीएड बेरोजगारों के साथ हीलाहवाली कर रही है।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पंकज प्रताप पाल ने उच्च न्यायालय के 30 अप्रैल के निर्णय के बाद जो भी निर्णय आए अभ्यर्थियों के हित क ो देखते हुए जुलाई के पूर्व नियुक्ति देने की मांग की है।
पूर्व में बुलंदशहर के महेंद्र सिंह और संत कबीरनगर के अंगद सिंह की आत्महत्या की तरह वे भी अपनी जान देने को विवश होंगे। इस दौरान मोहित शुक्ला, तेजप्रताप, अनुजपाल, अंकुर सक्सेना, धर्मेंद्र दुबे, वास्वी तिवारी, चित्रा चौहान, सुनीता दोहरे, जितेंद्र दोहरे, सत्यवीर आदि रहे।




टीईटी उत्तीर्णों को शीघ्र दी जाए नौकरी, सीएम को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को टीईटी उत्तीर्णों की बैठक कलक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क में आयोजित की गई। बैठक के बाद प्रदर्शन कर कहा कि सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
शुक्रवार को तिकोनिया पार्क में आयोजित बैठक में त्रिभुवन मिश्रा ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के हितों की अनदेखी कर रही है। इससे वह मानसिक तनाव में हैं। हाईकोर्ट में भर्ती विज्ञप्ति पर लगी रोक अविलंब हटवाने के साथ ही उन्हें परिषदीय विद्यालयों में तैनाती दी जाए।
अंकुर कुमार ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 30 नवंबर 2011 को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार मेरिट के आधार पर टीईटी उत्तीर्ण अध्यापकों की भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया में विलंब के कारण हम सभी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में विलंब होने के कारण गलत संदेश जा रहा है। अत: तत्काल उन्हें शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए। बैठक के बाद प्रदर्शन कर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा
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उपेक्षा से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश
कुरावली (ब्यूरो)। शासन द्वारा टीईटी भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने की सिफारिश से नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
शुक्रवार को नगर के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित बैठक में टीईटी उत्तीर्ण रजनीकांत दुबे ने कहा कि बसपा शासन ने प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी के जरिए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। उस समय कम मेरिट वाले बीएड धारकों को आस जगी थी कि वह मेहनत से टीईटी उत्तीर्ण कर शिक्षक बन सकेंगे। टीईटी परीक्षा पर सवालिया निशान लगने के साथ ही सत्ता परिवर्तन हो गया। अब टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की शासन ने सिफारिश कर दी है। जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
सालिगराम शाक्य ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री को बीएड धारक युवा बेरोजगारों की समस्या को समझने के साथ ही वर्तमान में शिक्षकों की भर्ती के लिए जागरूक होना चाहिए। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों के हितों के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
अभिषेक गुप्ता ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री टीईटी अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेकर नई पहल करेंगे। बैठक को अनिल दिवाकर, सोनू यादव, दीपक तिवारी, अवधेश गुप्ता, राकेश गुप्ता, धर्म नारायण, अनिल कुमार, नीरज पांडेय ने संबोधित किया।

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धरने को सफल बनाने का आह्वान
अहरौला (सं.)। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा इकाई अहरौला की बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें अभ्यर्थियों से लखनऊ अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया गया। इस मौके पर रघुवंशी, दीपक गिरी, अयोध्या कुमार, विरेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, रजनीकांत, मिथिलेश कुमार, पंकज यादव, अजय सोनी, कृष्ण कुमार सिंह, सुनीता मौर्या, राजबहादुर यादव आदि उपस्थित थे।

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News : Amar Ujala (28.4.12)

UPTET : टीईटी घोटाला - जेडी और डीआईओएस दफ्तर में जांच

UPTET :  टीईटी घोटाला - जेडी और डीआईओएस दफ्तर में जांच

एंटीकरप्शन टीम ने लिया अफसरों की भूमिका का ब्यौरा

कानपुर। टीईटी घोटाले की जांच कर रही पुलिस की एंटीकरप्शन शाखा की दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) और डीआईओएस कार्यालय में छानबीन की। लखनऊ से टीम के आने से कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। जेडी और डीआईओएस के कार्यालय में न होने पर टीम ने विभाग के बाबुओं से परीक्षा प्रक्रिया की पड़ताल की। वहीं, डीआईओएस द्वितीय से भी परीक्षा में उनकी भूमिका के बारे में पूछा।
इंस्पेक्टर आरके सिंह के नेतृत्व में एंटीकरप्शन की टीम शुक्रवार दोपहर चुन्नीगंज स्थित जेडी कार्यालय पहुंची। जेडी माया निरंजन के कार्यालय में न मिलने पर विभाग के बाबुओं से प्रश्न पत्रों की गोपनीयता, प्रश्न पत्र रखने के स्थान, परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचाने और ओएमआर शीट को सील बंद करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इसके बाद टीम डीआईओएस कार्यालय पहुंची। डीआईओएस शिवसेवक सिंह के न होने पर टीम ने डीआईओएस द्वितीय विभा शुक्ला से परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी भूमिका और परीक्षा के दौरान केंद्रों का दौरा करने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी जबकि पांच केंद्रों का निरीक्षण उन्होंने किया था

News : Amar Ujala (28.4.12)
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प्रदर्शन में शामिल होने को रवाना
मछलीगांव। क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुए। टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी ने बताया मांग पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

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टीईटी अभ्यर्थी लखनऊ रवाना
फतेहपुर। अपनी समस्याओं के निस्तारण की मांग को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों का दल लखनऊ रवाना हुआ। टीईटी अभ्यर्थी प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर लखनऊ में होने वाले आंदोलन में हिस्सा लेंगे। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहा है।
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टीईटी अभ्यर्थी आज करेंगे अनशन
कानपुर। टीईटी उत्तीर्ण करने वाले शहर के सैकड़ों अभ्यर्थी शनिवार को लखनऊ में होने वाले अनशन में शामिल होंगे। यह निर्णय यूपीटीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बर्रा आठ में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में रत्नेश पाल, दिनेश पाठक, अभिरुचि सचान, प्रवीण सचान, उमेश सचान, सुशील पाल, विजय सिंह तोमर, संजू सचान, जुबली, रेखा, मंजूषा आदि मौजूद रहे।
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आंदोलन में शामिल होंगे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
अंबेडकरनगर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के समक्ष संपन्न हुई। इसमें 28 अप्रैल से लखनऊ में शुरू होने वाले आंदोलन को सफल बनाने के लिए जिले से भारी संख्या में भागीदारी करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि मेरिट पर जल्द से जल्द नियुक्ति न होने से उन लोगों के समक्ष विकट समस्या खड़ी हो जाएगी, जिनकी उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच है। कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया था कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने देंगे। हालांकि अब तक इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा सका है। वक्ताओं ने कहा कि अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है। संगठन द्वारा 28 अप्रैल से लखनऊ में आंदोलन का जो निर्णय लिया गया है, उसमें जनपद से बढ़-चढ़कर भागीदारी की जाएगी। सदस्यों से एकजुट होकर इसमें भाग लेने का आह्वान किया गया।


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शिक्षक नियुक्ति मामले की रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी

कानपुर। हरसहाय जगदम्बा सहाय इंटर कालेज के सात शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जांच पूरी कर आख्या रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है।
गौर रहे कि कॉलेज मैनेजमेंट ने 1993 में कॉलेज में विज्ञान विषय के तीन, गणित, हिन्दी, वाणिज्य और खेल शिक्षक विषयों सहित सात शिक्षकों की नियुक्ति की थी। एक उम्मीदवार ने प्रबंधतंत्र पर नियुक्ति में मनमानी का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। 19 वर्षों से चल रहे मामले में वर्ष जुलाई 2011 में हाईकोर्ट ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया था।
साथ ही शिक्षकों से कार्य करते रहने को कहा था। इस बीच टीईटी घोटाले में नाम आने पर संजय मोहन को गिरफ्तार कर माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद शासन ने वासुदेव यादव को निदेशक बना दिया। अब उन्होंने इसकी जांच पूरी कर रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है।

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News : Amar Ujala (28.4.12)

Friday, April 27, 2012

UPTET : अभी और हटेंगे घोटालेबाजों के चेहरे से नकाब


UPTET : अभी और हटेंगे घोटालेबाजों के चेहरे से नका


कानपुर, नगर प्रतिनिधि : 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के घोटाले में अभी दलाल, शिक्षा विभाग के अफसर और कुछ लिपिकों के नाम भी सामने आ सकते हैं। यह संकेत शिक्षा विभाग में जांच कर लौटी एंटी करप्शन टीम ने दिये। टीम के मुताबिक तीन-चार माह में जांच पूरी होने की संभावना है।

पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया गया था। परीक्षा में सवालों को लेकर परिणाम में कई बार संशोधन हुआ, इसके बाद भी हेरफेर किया गया।

सूत्रों के मुताबिक रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन शिक्षानिदेशक संजय मोहन और उनके दामाद धीरज गर्ग के यहा छानबीन में इलाहाबाद से टीईटी घोटाले का कनेक्शन मिला है। चुनाव के पहले रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी अतुल कुमार को अवगत करा दिया था। जांच के बाद संजय मोहन समेत आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को विजिलेंस की एंटी करप्शन टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में परीक्षा प्रक्रिया व परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को समझने के साथ शासनादेश भी देखा। साथ ही तीन लिपिकों के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि एंटी करप्शन टीम जांच की बात कहकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। इनकी संलिप्तता खंगालने के बाद सुबूत के साथ पुलिस इन पर हाथ डालेगी

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'डीआईओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अधिकारियों एवं लिपिकों से पूछताछ की। मामले में आधी विवेचना हो चुकी है, तीन-चार माह में पूरी होने की संभावना है। '


- एके सिंह, इंस्पेक्टर एंटी करप्शन (विजिलेंस)

News : Jagran (27.4.12)

Reservation in Promotion is cancelled by Supreme Court, Shocking News for Mayavati Government



यूपी में प्रमोशन में आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
(Reservation in Promotion is cancelled by Supreme Court, Shocking News for Mayavati Government)

नई दिल्ली। पूर्ववर्ती मायावती सरकार के एक बड़े फैसले को जबरदस्त झटका लगा है। मायावती ने प्रमोशन में रिजर्वेशन लागू किया था जिसके चलते उत्तर प्रदेश के हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रमोशन मिला था। प्रमोशन पाने वाले सारे लोग आरक्षित वर्ग के हैं। इसके चलते सालों जूनियर लोग अपने सीनियर्स से भी सीनियर हो गए थे।
हाई कोर्ट ने इस फैसले को गलत करार दिया था जिसपर तत्कालीन मायावती सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन सभी लोगों का प्रमोशन वापस लिया जाएगा। इसके अलावा लोगों के प्रमोशन सिनियोरिटी लिस्ट के मुताबिक ही होंगे। और जिनका प्रमोशन हो चुका है उनकी सिनियोरिटी लिस्ट में वो ही जगह हो जाएगी जो पहले थी


वहीं अखिलेश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही तय कर चुकी थी कि वो इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी।

मालूम हो कि अगर ये फैसला लागू रहता तो अगले 7 साल में हर विभाग का विभागाध्यक्ष सिर्फ आरक्षित वर्ग का रहता। गौरतलब है कि कि मायावती सरकार ने राज्य कर्मचारियों की प्रोन्नति में दलितों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। राज्य कर्मचारियों का एक बड़ा तबका इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गया। हाई कोर्ट ने माना कि प्रमोशन में आरक्षण नहीं होना चाहिए। मायावती सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गयी थीं

News : khabar.ibnlive.in.com ( 27.04.2012)

UPTET : मुख्यमंत्री से मिलेगा टीईटी संघर्ष मोर्चा


UPTET : मुख्यमंत्री से मिलेगा टीईटी संघर्ष मोर्चा

संभल/चंदौसी। टीईटी संघर्ष मोर्चा की सरदार भगत सिंह पार्कमें हुई बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर नौकरी दिलाने की मांग रखने का निर्णय लिया गया। टीईटी अभ्यर्थियों की सरदार भगत सिंह पार्क में बैठक हुई। जिला महा सचिव प्रियंक त्यागी ने कहा कि सभी अभ्यर्थी कल लखनऊ पहुंचकर अपनी ताकत का अहसास कराते हुए सीएम केसामने उपस्थित होकर अपनी मांग रखेंगे। सरकार से जल्दी से जल्दी नौकरी दिलाने की मांग करेंगे। इस मौकेपर महिपाल सिंह, मुहम्मद तसलीम, अचल सक्सेना, तौकीर अहमद, रामवीर सिंह, मुहम्मद हिलाल, सौरभ गुप्ता, जफर उल्ला खान, सुनील कुमार, आनंद कुमार, लौकेश कुमार, काविंद्र सिंह आदि रहे। वहीं चंदौसी।

टीईटी बेरोजगार 27 अप्रैल को लखनऊ में सरकारी नौकरी के लिए सरकार के समक्ष हुंकार भरेंगे। लखनऊ कूच की तैयारी शुरू हो गई है और इसी क्रम में गुरुवार को बैठक हुई जिसमें विष्णु कुमार, जयप्रकाश, मोहम्मद अशरफ, प्रभाकर शर्मा, मनोज कुमार, विशाल शर्मा आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता उमेश यादव ने की। संचालन हरेंद्र सिंह ने किया।

अनशन में भाग लेगा संघर्ष मोर्चा
बरेली। यूपीटीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की कोर कमेटी की बृहस्पतिवार को गांधी उद्यान में बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि 28 अप्रैल को लखनऊ के झूले लाल पार्क में होने वाले क्रमिक अनशन के लिए मोर्चा के सदस्य 27 अप्रैल को लखनऊ रवाना होंगे। बैठक में विकास कुमार, हरीश गंगवार, टीडी भाष्कर, संजय सिंह यादव आदि मौजूद रहे।


टीईटी अभ्यर्थियों ने खोला मोर्चा
बाराबंकी। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक बृहस्पतिवार को जिला कार्यालय पर हुई। जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि, 28 अप्रैल से टीईटी अभ्यर्थी आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। उपाध्यक्ष विनोद वर्मा व महामंत्री अशोक यादव ने कहा कि अभ्यर्थियाें ने अब अधिकार की लड़ाई के लिए कमर कस ली है। बैठक में नरेंद्र कुमार यादव, रजनीश कुमार वर्मा, हरिहर बैसवार, यज्ञेश नारायण बैसवार, विशाल गुप्त, संदीप कुमार, प्राची वर्मा आदि मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (27.4.12)
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All U.P. Zila Adhyaksh Nitan Mehta Ghaziabad 9639885609 Shiv Kumar Ghaziabad 9368735257 Devendar Delhi/Prbd.N 09560705898 Ajay Pandey Sant Kabir Nagar 8738069495 Devesh Trivedi Lakhimpur 9839940748 Kushveer Singh Hapur/ Panch S N 9457287549 Vishesh Sharma Hapur/ Panch S N 9634502507 Avnish Yadav Hardoi 9721612971 Praveen Sachan Kanpur 9839379099 Sarvesh Joshi Sitapur 9889174114 Atul Kumar Tiwari Unnav 9451360651 Anit Mishra Aurriya 9045028271 Ajab Singh Badera Bijnaur 8430472461 Sudansu Rai Gonda 9532191640 Rajesh Kumar Rao Bahraich 8090150279 Jitendra Verma Barabanki 9369206268 Varun Sharma Meerut 9045512773 Mahendra Kumar Verm Maharajganj 8874191926 Aanand Pandey Rai Bareilly 9919211141 Mod. Mobeen Siddiqui Kushinagar 9648631691 Rajeev Kumar Bulandsahar 8781142611 Bhupendra Kumar Rai Lucknow 9415783018 Nirbhai Singh Lucknow 7499088470 Satish Singh Shajahanpur 8004019835 Manoj Sharma Shajahanpur 9044144623 Ugrasen Verma Shrawasti 9984555954 Ashwani Kumar Shukla Baharich 8765108094 Aanand Tiwari Shultanpur 9136128507 Shiv Kumar Pathak Alld/ Shultanpur 9415023170 Mayank Varanasi 9807122569 Vivekanand Allahabad 8081934675 Gyanesh Allahabad 9807188538 Manoj Gupta Saharanpur 9548938754

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DELHI -NCR SE CHAL NE WALE TET K SATHI ANAND VIHAR RAILWAY STATION PE MIL 7.40 PM KI TRAIN HAI JIS KO CHAL NA HO WO DEVENDRA SINGH -09560705898 Pe bat kare thanks ...

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Saharanpur se bhari jansamuh aaj sham lucknow ke liye kooch karega saharanpur wale bhai bahan aaj sham 7 baje saharanpur railway station inquiry par mile

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JHANSI BUNDELKHAND TET MORCHA KE SAB TET STUDENT 28-04-2012 KO MORNING 5:45 POOJA INTEERCITY SE LUCKNOW KE LIYE KOOCH KARAINGE SABHI BHAIYON OR BAHANE STATION PER PLATEFORM NO.7 PER MILE.

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28 APRIL 2012 SABHI TETIANS VISHAL SAMKHYA ME LUCKNOW RLY STATION PER SUBEH 08 BAJE PAHUCHE. APNA ADHIKAR PANE KE LIYE 4 DIN YA 4 SAAL. APKO TAY KARNA HAI.YADI 4 DIN ME APNA ADHIKAR CHAHTE HAITO 28 APRIL KO LUCKNOW PAHUCHE.

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Comment by uptet merit > Kal saharanpur merut muzafrnagar prabudnagar rampur muradabad bareilly bijnor barot bagpat bulandshahr etc west up walo ki emergency meeting thi usme sabi dwara 28 apr ko bhari sankhya mai lucknow pahuchne ka nirnay liya gya

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Sarika Srivastava लखनऊ मे धरना स्थल दारुलशफ़ा की अनुमति हमको मिल गयी है अब आप सभी लोग बिना किसी भय या आशंका के लखनऊ 28/4/12 को आये द्वारा विजय सिंह तोमर कानपुर
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 28 04 2012 को लखनऊ चलो हम बलिया से नगरा कस्बा से कल चल रहे हैं

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UPTET : टीईटी अभ्यर्थी कल से देंगे धरना



UPTET : टीईटी अभ्यर्थी कल से देंगे धरना , जूनियर हाईस्कूल में बैठक कर बनाई गई रणनीति



संतकबीरनगर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक गुरुवार को जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद के परिसर में आयोजित हुई। बैठक को संबोधित करते हुए महामंत्री देवेंद्र राय ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराने के लिए पिछले दिनों प्रदेश स्तरीय आह्वान पर विधानसभा के सामने टीईटी अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया था। उसको समाप्त कराते वक्त सीएम ने आश्वासन दिया था कि तीन सप्ताह के अंदर समाधान निकाल लिया जाएगा।
सीएम ने जो समय दिया था, वह समाप्त हो चुका है। अभी तक भर्ती प्रक्रिया पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय आह्वान पर यह निर्णय लिया गया है कि 28 अप्रैल को भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने के लिए प्रदेश के सभी टीईटी अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के लिए लखनऊ पहुंचेंगे। उपाध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि अपने हक के लिए जिले के समस्त महिला/पुरूष टीईटी अभ्यर्थी भारी संख्या में लखनऊ पहुंचे। जिससे आंदोलन को सफल बनाया जा सके। बैठक में सतीश विश्वकर्मा, बृजेश शर्मा, सत्यनारायण सिंह, धर्मेन्द्र पाल, सत्य प्रकाश चौधरी, रईश खान, कमलेश यादव, संतोष, रामधनी शर्मा, शाह आलम, दिलीप यादव, एनडी त्रिपाठी, विपिन राज, दिलीप राज, जाकिर अली, राजबहादुर शर्मा, अब्दुल्लाह अंसारी, मिठाईलाल मौर्य सहित भारी संख्या में टीईटी अभ्यर्थी मौजूद रहे।

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कल करेंगे लखनऊ में प्रदर्शन
गोरखपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में कई समस्याओं को लेकर 28 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदेश संयोजक नवीन श्रीवास्तव,प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने बताया कि 25 अप्रैल को लखनऊ बैठक में प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। पदाधिकारियों ने अभ्यर्थियों से 28 को लखनऊ चलने की अपील की है।

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धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी
मुजफ्फरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा अपनी मांगों को लेकर 28 अप्रैल को लखनऊ के झूलेलाल पार्क में प्रदेश व्यापी धरना शुरू करेगा। गुरुवार को टाउन हाल में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष बलकेश चौधरी ने सरकार के टीईटी भर्ती के विज्ञापन रद्द करने को निंदनीय बताया।
राहुल कुमार,नीरज चौधरी, राजन कुमार, भतेंद्र सैनी, राजीव, संजय राजपूत,सुधीर कुमार, जावेद, ऋतु शर्मा, टिंकी, मधु, रजनी, मोनिका, रविंद्र कुमार, सादिक और रुखसाना मौजूद रहे। अध्यक्षता फारूख हसन और संचालन प्रदीप बरवाला ने किया।

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यूपी में क्या हो रहा है
पाठकनामा
युवा शक्ति कहकर पहले वोट बटोरी, जीतने पर सबसे पहले युवाओं की ही छाती में छुरी घोंपी,
समझ नहीं आ रहा यूपी में ये क्या हो रहा है।
 राजनीति तथा भ्रष्टाचार ने सभी युवाओं के सपनों के साथ जो खिलवाड़ किया, क्या वो सही है? एक पार्टी की सरकार आती है युवाओं को रोजगार के सपने दिखाती है। फीस के नाम पर बेरोजगारों से कई-कई ड्राफ्ट बनवाती है और अपनी जेबें भरती है। और इतने में अगले चुनाव की बारी आती है। सारी पार्टियां युवाओं के लिए वादे करती हैं। कहीं राहुल गांधी हाथ बढ़ाकर तो कहीं अखिलेश साइकिल की रफ्तार दिखाकर युवा शक्ति की दुहाई देकर वोट बटोरते हैं। चुनाव समाप्त होते ही सरकार बदलती है। नई सरकार पुरानी से बदला लेने के नाम पर टीईटी का विज्ञान रद कर देती है। 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती में युवाओं का कितना पैसा खर्च हुआ क्या इसका कोई हिसाब है? टीईटी फार्म में पैसा बर्बादी, फिर टीईटी परीक्षा का परिणाम जो एक बार नहीं कई कई बार देखना पड़ा, कई बार युवाओं को ठगा गया। इसका नतीजा क्या रहा, सब रद रद... अब युवाओं को सरकार को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए। युवाओं एकजुट हो जाओ और अपनी लड़ाई खुद लड़ो।
-गीता तोमर, बड़ौत
गीता तोमर की तरह अन्य पाठक भी अपनी समस्याएं, अनुभव, आपबीती, सुझाव, टिप्पणी, रचनाएं, कविता, उपयोगी सलाह, जिले के संदर्भ में कोई जानकारी आदि अपने फोटो और पते के साथ हमारे पते पर भेज सकते हैं।
हमारा पता है- अमर उजाला कार्यालय, शॉप नंबर पांच, नगरपालिका मार्केट, कोर्ट रोड, बागपत। आप अपनी बात ई-मेल भी कर सकते हैं।  bptnews@mrt.amar ujala.com



News : Amar Ujala (27.4.12)


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण 28 को लखनऊ में देंगे धरना


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण 28 को लखनऊ में देंगे धरना

ललितपुर। टीईटी उत्तीर्ण छात्रों ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बैठक में आशंका जताई कि जुलाई माह तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो तमाम स्कूल शिक्षकों के अभाव में बंद हो जाएंगे।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि टीईटी परीक्षा में धांधली नहीं पाई गई है, इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया में संशोधन किया जा रहा है। टीईटी उत्तीर्ण छात्र इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अंत में उन्होंने लखनऊ में अट्ठाइस अप्रैल को धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। बैठक में नीलेश पुरोहित, राहुल तिवारी, अनुराग शर्मा, आलोक श्रीवास्तव, दीपक गुप्ता, अनुपम, राजेंद्र, रामचरन, महेश बवेले, अमित जैन आदि उपस्थित रहे।



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक आज
ज्ञानपुर (भदोही)। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अभ्यर्थियों की एक बैठक 27 अप्रैल को दोपहर 12 बजे स्थानीय हरिहरनाथ मंदिर परिसर में होगी। यह जानकारी देते हुए अजय मिश्र टीईटी संघ के जिलाध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार हो गया है। इसके विरोध में पूरे प्रदेश में 28 अप्रैल को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। कहा कि तीन सूत्रीय मांगों को लेकर यह प्रदर्शन होगा। इसके लिए बैठक में विशेष रणनीति तैयार की जाएगी। एक महीने में प्रदेश सरकार का रवैया नहीं बदला तो अभ्यर्थी क्रमिक अनशन पर जाएंगे।
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टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक आज
अहिरौला (संवाददाता)। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के रघुवंश ज्ञानोदय विद्यालय परगासपुर के प्रांगण में टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा अहिरौला ईकाई की बैठक हुई। इसमें संगठन से जुड़े लोगों ने ं शुक्रवार की शाम चार बजे बैठक कर भावी रणनीति तय करने का निर्णय लिया। कहा कि भविष्य की लड़ाई के लिए संगठन पीछे नहीं रहेंगा। बैठक की अध्यक्षता कृष्ण कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर रामनरायन गुप्ता, जितेंद्र यादव, रसल रघुवंशी, रविंद्र कुमार, विरेंद्र कुमार, पंकज यादव, दीपक आदि रहे।


News : Amar Ujala (27.4.12)

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ कूच का आह्वान


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ  कूच का आह्वान


सम्भल : टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में टीईटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें सर्विस दिलाने की मांग को लेकर लखनऊ कूच करने का आह्वान किया गया।

टीईटी संघर्ष मोर्चा की सरदार भगत सिंह पार्क में हुई बैठक में मुरादाबाद के जिला महासचिव प्रियंक त्यागी ने सभी टीईटी संघर्ष मोर्चा के अभ्यर्थियों से शुक्रवार को लखनऊ कूच करने का आह्वान किया।

कहा कि लखनऊ में समस्त टीईटी अभ्यर्थी अंतिम लड़ाई को सफल बनाने हेतु संघर्ष करेंगे। साथ ही, सरकार से जल्द से जल्द टीईटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें सर्विस दिलाने की अपील की जाएगी।

इस दौरान महीपाल सिंह, मो. तसलीम, अंशुल सक्सेना, तौकीर अहमद, रामवीर सिंह, मो. हिलाल, जफरउल्ला खान, सौरभ गुप्ता, सुनील कुमार, आनंद कुमार, लोकेश कुमार, काविंद्र सिंह, कीर्ति रमन, शशिकांत सिंह, भरत मिश्रा, अजीत सिंह, प्रदीप, महेंद्र प्रजापति आदि रहे।

News : Jagran (26.4.12)
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लखनऊ में प्रदर्शन करेंगे टीईटी अभ्यर्थी


बदायूं : टीईटी अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 28 अप्रैल को प्रदेश भर के अभ्यर्थी लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गुनहगारों को सजा देने के बजाय रोजगार की आस लगाये बैठे टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लाखों बेरोजगारों को सजा देने पर तुली हुई है। एक तरफ सरकार बेरोजगारों की हितैषी होने का दावा कर रही है तो टीईटी मुद्दे पर आंखें बंद किए हुए है। नियुक्ति का विज्ञापन रद्द किए जाने के आदेश की आलोचना करते हुए उन्होंने टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को सायं 4.30 बजे बदायूं रेलवे स्टेशन पर अभ्यर्थी एकत्रित होंगे


News : Jagran (26.4.12)

Thursday, April 26, 2012

UPTET : यूपीटीईटी-बहुत कठिन है डगर पनघट की- मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

UPTET : यूपीटीईटी-बहुत कठिन है डगर पनघट की- मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

भ्रष्टाचार का आरोप मढ़कर हम अपनी असफलता छुपा सकते हैं और सच का गला भी घोंट सकते हैं,विशेषकर जब यह बात उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश में शिक्षा की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में कही जा रही हो तब हमें इस कथन की सत्यता जांचने के लिए अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ेगा|

पूरे प्रदेश में इस बात को जोर शोर से प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा नवम्बर में आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और अब इस आधार पर इस परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए|

मजे की बात तो यह है की परीक्षा में प्राथमिक स्तर पर लगभग २ लाख ७० हजार अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किये गए|क्या इसका यह अर्थ है की प्राथमिक स्तर पर परीक्षा में उत्तीर्ण समस्त २ लाख ७० हजार अभ्यर्थी बेईमान हैं ?

फिलहाल कथित टीईटी घोटाले के आरोप में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद निदेशक श्री संजय मोहन समेत माध्यमिक शिक्षा परिषद के कुछ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी हिरासत में हैं,उन पर गैंगेस्टर लग चुका है और मामले की तफ्तीश चल रही है|

हमें यह नहीं भूलना चाहिए की उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री बनने से पहले ही टीईटी निरस्त करने की सार्वजनिक घोषणा कर चुके हैं और इस घोषणा को आधार मानकर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी तथा मीडिया का एक विशिष्ट वर्ग उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत पाता देखकर मतगणना की शाम से ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करने लगा|


टीईटी के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठियां भी बरसाई गई|यही नहीं, विधानसभा के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनरत अभ्यर्थियों की व्यथा को किसी ने भी संज्ञान में लेने की आवश्यकता नहीं समझी और वर्तमान शासन ने भी टीईटी को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है|

टीईटी को लेकर असमंजस और उससे उपजे अवसाद के चलते संत कबीर नगर के अंगद चौरसिया और बुलंद शहर के महेंद्र सिंह की मृत्यु हो चुकी है|इससे पहले भी एक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी की माँ नकारात्मक समाचार सुनकर स्वर्ग सिधार चुकी है|इन सब ख़बरों को लेकर हमारा युवा हतोत्साहित है और आक्रोशित भी|


हमें समस्या के मूल में जाना होगा|जनता को यह जानने का हक है की उसके खून पसीने की कमाई कहाँ जाती है और नौनिहालों की शिक्षा पर होने वाले व्यय की क्या सार्थकता है? हमारे देश को आजाद हुए ६४ वर्ष से अधिक हो गए हैं,हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पराधीन भारत में स्वतंत्र भारत का जो स्वप्न देखा था,हम उसके आस पास भी नहीं हैं|अपने अधिकारों और कर्तव्यों की कौन कहे,इन ६४ सालों में हम आज तक समग्र साक्षरता के मह्त्वाकांक्षी लक्ष्य को भी हासिल नहीं कर पाए हैं|

हालांकि,इतने सालों में हमने अच्छी उपलब्धि हासिल की है और आज साक्षरता के क्षेत्र में हम ब्रिटिश राज के १२ प्रतिशत के आकडें को पार करते हुए २०११ के आंकड़ों के अनुसार ७५.०४ प्रतिशत तक पहुँच गए हैं किन्तु तुलनात्मक दृष्टि से हम आज भी विश्व साक्षरता के औसत (८४ प्रतिशत) से भी लगभग १० अंक निचले पायदान पर स्थित हैं|बात यही पर खत्म नहीं होती है,यदि हम नेपाल,बंगलादेश और पाकिस्तान जैसे संसाधनविहीन देशों को छोड़ दे तो हमारे अन्य पडोसी मसलन चीन,म्यामार,यहाँ तक की श्रीलंका जैसे छोटे देश भी साक्षरता के क्षेत्र में ९० प्रतिशत से ऊपर पहुँच चुके है|ध्यातव्य है की साक्षरता के ये आंकड़े ७ वर्ष से ऊपर आयु वर्ग की जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं|

हम योजना दर योजना मूल्य आधारित,गुणवत्तापरक और सामूहिक शिक्षा की बात करते तो हैं किन्तु जब इन्हें अमली जामा पहनाने का वक्त आता है तो हम बजट की कमी का रोना रोने लगते हैं|राज्य, केन्द्र पर दोषारोपण करता है और केन्द्र सरकार राज्यों को दोषी ठहराने लगती है|वर्तमान में भारत शिक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का मात्र ४.१ फीसदी व्यय कर रहा है जो आगे बढ़ कर लगभग ६ फीसदी होने का अनुमान है|

सर्व शिक्षा अभियान केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो शत प्रतिशत साक्षरता और शत प्रतिशत स्कूली शिक्षा के ध्येय को समर्पित है|सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत केन्द्र, राज्यों के प्राथमिक शिक्षा पर होने वाले समस्त व्यय का ६५ प्रतिशत स्वयं वहन करती है और शेष ३५ प्रतिशत व्यय राज्य सरकार वहन करती है|

विशिष्ट बी टी सी से पूर्व प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का सारा दारोमदार बी टी सी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर ही निर्भर था किन्तु योग्य अध्यापकों की अनुपलब्धता के चलते बी. एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्राथमिक शिक्षा के लिए अर्ह मानते हुए १९९८ से विशिष्ट बी टी सी की व्यवस्था अपनाई गयी|

नयी व्यवस्था होने के कारण इसका विरोध हुआ किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की दृढता के चलते किसी की भी एक न चली और राज्य में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए|२००१ में विशिष्ट बी टी सी के आवेदन तो निकाले गए किन्तु तकनिकी बाधाओं के चलते नियुक्तियां नहीं हो पायी|२००४ और २००८ में पुनः विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से राज्य में प्राथमिक शिक्षकों का चयन किया गया|

चूंकि इस प्रक्रिया में चयन का आधार मात्र अकादमिक उपलब्धियां थी अतः अनेक मेधावी छात्र जिनकी अकादमिक उपलब्धि संतोषजनक थी,अध्यापक बनने की प्रक्रिया से बाहर हो गए|

दूसरी ओर,ऐसे अभ्यर्थी जिनके पास तकनिकी अथवा जुगाडू डिग्रियां थी, प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक नियुक्त कर लिए गए|शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाडा कोई नई बात नहीं है|किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे देना,डिग्रियों में हेर फेर,प्रश्न पत्र आउट करवा देना यहाँ तक की संसाधनों के नितांत अभाव के बावजूद उच्च शिक्षण संस्थान संचालित करने की मान्यता प्राप्त कर लेना सब कुछ चलता है|

जनता यह जानना चाहती है की उत्तर प्रदेश में नक़ल माफियाओं और शिक्षा माफियाओं की जड़े कितनी गहरी है और हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं को कितनी गंभीरता से लिया गया और उस पर अब तक क्या क्या कार्यवाहियां हुई हैं?
अभी हाल ही में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर बिंदा प्रसाद मिश्र ने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने की आशंका व्यक्त की है|
कारण स्पष्ट है, कुलपति महोदय शिक्षा माफियाओं के राह में रोड़ा बने हुए है और प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों के अंकपत्रों तथा प्रमाण पत्रों के सत्यापन में अपना सहयोग दे रहे हैं|

इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए और फर्जीवाड़े पर लगाम लगा कर योग्यता के वास्तविक पहचान के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निश्चय किया|
उत्तर प्रदेश में आयोजित टीईटी की परीक्षा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानकों के अनुरूप ही हुई थी और इस परीक्षा में पारदर्शिता तथा शुचिता बनाये रखे जाने का पूर्ण प्रबंध किया गया था|खेद का विषय है की राज्य सरकार द्वारा मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति टीईटी के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के बिंदु तलाशने के स्थान पर इस प्रक्रिया को निरस्त किये जाने के बिंदु तलाशने में अपनी ऊर्जा अधिक व्यय कर रही है|

सोचने की बात तो यह है की ९० मिनट की सार्वभौमिक(टीईटी अभ्यर्थियों के लिए) समय सीमा के अंदर जो अभ्यर्थी ९० अंक (सामान्य वर्ग के लिए) भी नहीं ला सका, वह प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने का किस तरह का नैतिक आधार रखता है ?

और उसे प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त ही क्यों किया जाय जबकि वह निर्धारित समय सीमा के अंदर कक्षा ८ स्तर तक के प्रश्नों का भी समुचित उत्तर नहीं दे सका ?

अब यदि यह मान भी लिया जाय की माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में जो भी अंक बढ़ाये गए, उनमे धांधली हुई है तो इसका दोषी वह प्रतिभाशाली युवक कैसे है, जिसने स्वयं के बल परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किये
और इस आधार पर वह प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने का नैतिक आधार रखता है?
आप नियुक्ति के पश्चात भी जांच करवा सकते हैं और आपका यह अधिकार संवैधानिक भी है
किन्तु यदि संजय मोहन को आधार बनाकर इस प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है तो हमें यह कहना होगा उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का पौधा एक दरख्त बन चुका है क्योंकि मात्र राजनैतिक विद्वेष के चलते एक अच्छी व्यवस्था को लागू होने से पहले ही खत्म कर दिया गया|प्रधान,शिक्षा मित्र और बीएसए गठजोड़ हमारे प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा को पहले ही निगल चुका है|

साभार- bhadas.blogspot.in