UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल
लखनऊ। प्रदेश भर से टीईटी बेरोजगारों ने अचानक लखनऊ आकर डेरा जमा लिया। 30 को राज्य सरकार काउंटर लगाइए। पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना विधान सभा के सामने धरना देने जा रहे हजारों युवाओं को पुलिस ने चार बाग रेलवे स्टेशन पर ही शनिवार सुबह हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही टीईटी बेरोजगारों के रेले के आगे पुलिस की फौज भी छोटी साबित होने लगी। इसके बाद पुलिस खुद छात्र एवं छात्राओं को विधान सभा के सामने धरना स्थल तक पहुंचाया।
प्रशासन ने सप्ताह भर में वार्ता का समय देकर वापस जाने की चेतावनी दी। इसके बाद टीईटी नेता तो प्रशासन की हां में हां मिलाते दिखे लेकिन प्रदेश भर से जुटे आंदोलनकारियों ने विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया। धरना स्थल पर ही नेताओं की बात से इंकार करते हुए प्रदेश भर से जुटे युवाओं ने हंगामा कर दिया। इसके बाद नेताओं ने आंदोलन की बागडोर आंदोलनकारियों के हाथ में सौंपने की पेशकश कर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक अनशन करने पर सहमति प्रकट की।
टीईटी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के मामले में हाईकोर्ट में आगामी 30 अप्रैल को सुनवाई होनी है। वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर्ड कमेटी कमेटी की गई है। जो पूरे मामले पर कोर्ट के सामने पक्ष रखेगी। हालांकि हाल ही में मुख्य सचिव की ओर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की सिफारिश के बाद अचानक टीईटी आंदोलनकारियों का भरोसा सरकारी मशीनरी से उठ गया। टीईटी बेरोजगारों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए शनिवार को मोर्चा खोल दिया।
प्रदेशभर से युवा सुबह से ही चार बाग रेलवे स्टेशन पर जमा होने लगे। यहां पर यात्रियों और आंदोलनकारियों की फौज के कारण पुलिस के हाथ पैर ढीले हो गए। दूसरी ओर टीईटी बेरोजगार बिना अनुमति के मांगे पूरी होने तक हटने को तैयार नहीं थे। बाद में टीईटी बेरोजगारों ने विधान सभा में धरना शुरू कर दिया। यहां पर आपसी मतभेदों के बाद आखिरकार नेताओं को आंदोलनकारियों की बात मानने पड़ी। फिलहाल कोर्ट की सुनवाई होने तक 30 अप्रैल तक विधान सभा के सामने धरना जारी रखने का फैसला लिया गया है।
News : http://yuvadastak.com/new/?p=2688
न्यूज़ साभार - युवा दस्तक . कॉम (29.4.12)
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