Tuesday, March 12, 2013

UPTET : क ानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती


UPTET : क ानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती

 News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))
   
 इलाहाबाद : क्या सही है और क्या गलत, इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी, लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकी परीक्षा को लेकर विवाद और बाद में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन पूरे देश के लिए तय की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्या है इसलिए उन्हें उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों में दाखिल हुईं

हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यह मामला पूर्ण पीठ को संदर्भित हुआ है, जिससे एक निश्चित नतीजे पर पहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वैसे अदालतों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है कि किसी निश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है

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विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले

टीईटी की अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन श्रीवास्तव व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ ने प्रकरण को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने का औचित्य नहीं है।

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टीईटी पास होना अनिवार्य है, किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण लेना होगा।

-खंडपीठ का आदेश

टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्ति की जा सकेगी किंतु वे भी बाद में टीईटी पास करेंगे।

-न्यायमूर्ति अरुण टंडन

टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीन कार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधों की सही व्याख्या किया जाना जरूरी है इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।

-न्यायमूर्ति एपी साही

शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह के भीतर इस पर कार्यवाही हो।

-न्यायमूर्ति डीपी सिंह

 News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))

Breaking News UPTET : 10,800 पदों पर होगी शिक्षकों की भर्ती


Breaking News UPTET : 10,800 पदों पर होगी शिक्षकों की भर्ती

   
लखनऊ : उप्र बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 10,800 रिक्त पदों पर बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय बीटीसी उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों की भर्ती 30 जून तक पूरी की जाएगी। नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) या राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

शिक्षकों की भर्ती के बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के मुताबिक इन पदों पर नियुक्ति के लिए 15 अप्रैल से पहले विज्ञप्ति प्रकाशित कर दी जाएगी। शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये जाएंगे।

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कहां कितने पदों पर होगी भर्ती -मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, बलरामपुर, कानपुर नगर में से प्रत्येक में 10

-एटा में 30

-मिर्जापुर, सोनभद्र व हमीरपुर में प्रत्येक में 40

UPTET : Non TET Recruitment of Teacher Matter Moves to Bigger Bench of 3 Judges


UPTET : Non TET Recruitment of Teacher Matter Moves to Bigger Bench of 3 Judges


News Source : Hindustan Epaper Lucknow (12.03.2013)



UPTET : कोर्ट में जल्द न सुलझा तो संविदा पर करेंगे नियुक्तियां


UPTET : कोर्ट में जल्द न सुलझा तो संविदा पर करेंगे नियुक्तियां

- 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला
- बेसिक शिक्षा मंत्री की घोषणा
- विधानसभा में विभाग का बजट पारित
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यह भी कहा
- सत्र में पहले ही दिन स्कूल पहुंचते विद्यार्थियों को मिलेंगी पाठ्य पुस्तकें, 15 अगस्त तक बांट दी जाएंगी यूनीफार्म
- पढ़ाई के अलावा सिर्फ जनगणना, चुनाव और दैवीय आपदा में ही लगाये जाएंगे शिक्षक
- शिक्षा मित्रों का पांच हजार रुपये मानदेय बढ़ाने का केंद्र को भेजा प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : सरकारी को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबिल खड़ा करने की मंशा जाहिर करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि हाइकोर्ट में लंबित 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला अगर जल्द न सुलझा तो सरकार संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। सरकार किसी भी कीमत पर बच्चों की शिक्षा को बाधित नहीं होने देगी


विभाग के बजट पर तीन घंटे की चर्चा में चौधरी ने घोषणा की कि सत्र में पहले ही दिन स्कूल पहुंचते ही विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें मिल जाएंगी। 15 अगस्त तक यूनीफार्म भी बांट दी जाएगी। उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में अब कक्षा एक से अंग्रेजी और नैतिक शिक्षा की पढ़ाई कराने की भी घोषणा की।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा सिर्फ जनगणना, चुनाव और दैवीय आपदा में ही लगाया जाएगा। विद्यालयों के निर्माण कार्य से शिक्षकों को हटा लिया गया है। शिक्षिकाओं की तैनाती उन स्कूलों में ही होगी जहां आवागमन का साधन होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों का पांच हजार रुपये मानदेय बढ़ाने का केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर अक्षय पात्र संस्था राजी हुई तो उसे प्रदेश के सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन का जिम्मा सौंपा जा सकता है।
मंत्री ने दावा किया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने एक वर्ष में डेढ़ लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का काम किया है। बिना किसी लेन-देन के शिक्षकों का तबादला हुआ। कोशिश इसकी है कि शिक्षा से भ्रष्टाचार का समूल नाश हो। चौधरी ने कहा कि नयी शिक्षा नीति जो भी हो पर उप्र के प्राथमिक विद्यालयों में तिमाही, छमाही और सालाना इम्तिहान होंगे ताकि बच्चों की प्रगति का पता चलता रहे। उन्होंने कहा कि अगर हमें प्राइवेट स्कूलों से मुकाबला करना है तो अप्रैल से ही स्कूल चलो अभियान शुरू करना होगा।
बसपा के नीरज मौर्या ने बजट पर कटौती प्रस्ताव के जरिए कहा कि सर्व शिक्षा अभियान का पैसा ठेकेदारों के ही पेट भरने के काम आया। भाजपा के डा. राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि हम लोगों ने शिक्षकों को रसोइया बना दिया है, शिक्षा से उनका कोई मतलब नहीं रह गया है। मिड डे मील से बच्चों का भले ही पोषण न हुआ हो, पर उनकी पढ़ाई जरूर चौपट हो गयी है। भाजपा सदस्य सीमा द्विवेदी के जौनपुर जिले के तमाम स्कूलों के बंद होने की जानकारी देने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि आप किस बात की जनप्रतिनिधि हैं जो उन्हें खुलवा नहीं सकीं। मंत्री मनोज पांडेय के अलावा सदस्य रूबी प्रसाद, रामलाल अकेला, कालीचरण, शिवाकांत ओझा, सीमा द्विवेदी आदि ने भी बजट चर्चा में भाग लिया। बाद में ध्वनिमत से बजट पारित हो गया


News Source : Jagran (12.03.2013)
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Another News From Hindustan Epaper Lucknow (12.03.2013)  -






Another shock to UPTET Pass candidates.
What will a candidate do, who qualified this exam honestly and sincerely.

In this UPTET exam, one more surprise is - Not a single candidate name heard (in NEWS PAPERS/ MEDIA etc.)  in cheating especially in such a LARGE EXAM where lakhs of candidates appeared.

If any candidate found corrupt then atleast such candidate should be excluded from recruitment process.

Sunday, March 10, 2013

UPTET: ALLAHABAD HIGH-COURT HEARING ON 72825 TEACHER RECRUITMENT STAY MATTER


UPTET: ALLAHABAD HIGH-COURT HEARING ON 72825 TEACHER RECRUITMENT STAY MATTER


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Case Status - Allahabad

Pending
Special Appeal : 150 of 2013 [Allahabad]
Petitioner: NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS
Respondent: STATE OF U.P. AND OTHERS
Counsel (Pet.): ABHISHEK SRIVASTAVA
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-Against Final Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 29/01/2013
To Be Listed on: 11/03/2013 in Court No. 33


महा शिवरात्रि


महा शिवरात्रि 

आज महा शिवरात्रि के पर्व पर आप सभी लोगो को हार्दिक शुभकामनायें 
आने वाले दिन आपके लिए मंगल मय हों 



धन्यवाद 
ब्लॉग एडिटर 

Saturday, March 9, 2013

11 मार्च हड़ताल पर रहेंगे प्रदेश के अधिववक्ता


11 मार्च  हड़ताल पर रहेंगे प्रदेश के अधिववक्ता


- चंडीगढ़ व जयपुर में लाठी चार्ज का विरोध

इलाहाबाद : चंडीगढ़ तथा जयपुर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेश के अधिवक्ता 11 मार्च को कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान सूबे में किसी भी अदालत में कार्य नहीं होगा। यूपी बार कौंसिल ने इसके लिए सभी जिलों के अधिवक्ता संगठनों को पत्र प्रेषित किया है।

कौंसिल के अध्यक्ष इमरान माबूद खान ने बताया कि कार्य बहिष्कार का यह फैसला बार कौंसिल आफ इंडिया के आह्वान पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सभी अधिवक्ता संगठन अपने अपने जिलों में सभी व विरोध प्रदर्शन करके इस तरह की घटनाओं के प्रति आक्रोश जाहिर करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिवक्ताओं की संख्या तीन लाख 15 हजार है। 11 मार्च को सभी कार्य बहिष्कार करेंगे


News Source : Jagran (Updated on: Sat, 09 Mar 2013 07:31 PM (IST))
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It looks UPTET stay hearing may be postponed on 11th March 2013.

Candidate bhee wait karte karte pareshaan - Kabhee Judge nahin, kabhee advocate nahin, kabhee petitionar nahin, kabhee respondant nahin, kabhee court kee chuttee


UP LT GRADE SELECTION - PG DEGREE ISSUE


UP LT GRADE SELECTION - PG DEGREE ISSUE

विवाद का विषय 

पी जी आर्ट्स में और सलेक्शन साइंस के टीचर पर पी 

जी आर्ट्स के क्वालिटी पॉइंट्स से 

एल टी ग्रेड की भर्ती - फिलहाल  पी जी डिग्री के पॉइंट्स वालों को नहीं मिलेगा नियुक्ति पत्र 

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

Court No. 30 

Civil Misc. Writ Petition No. 6333 of 2013 
Ravindra Babu Shriwas & Ors. Vs. State of U.P. & Anr. 
With 

Civil Misc. Writ Petition No. 6835 of 2013 
Gaurav Tiwari & Ors. Vs. State of U.P. & Ors. 
With 

Civil Misc. Writ Petition No. 8847 of 2013 
Ashutosh Sharma Vs. State of U.P. & Anr. 
With 

Civil Misc. Writ Petition No. 52188 of 2012 
Km. Neelam Singh Vs. State of U.P. & Ors. 
With 

Civil Misc. Writ Petition No. 34343 of 2011 
Pratibha Singh & Ors. Vs. State of U.P. & Anr. 
With 

Civil Misc. Writ Petition No. 34698 of 2011 
Smt. Madhuri Devi & Anr. Vs. State of U.P. & Ors. 

***** 

Hon'ble A.P. Sahi,J. 

These batch of writ petitions relate to an issue that was earlier raised in writ petition no. 34698 of 2011 and has again been raised in the other writ petitions which has been noted in the order passed in writ petition no. 6333 of 2013 on 8.2.2013.
  The dispute in short relates to the award of quality point marks as against the possession of a post graduate degree as per Rule 15(2) read with Appendix - D of the Uttar Pradesh, Subordinate Educational Service Rules, 1983

The rules read with the appendix make a provision that a candidate has to be awarded quality point marks in accordance with the calculation given in the said appendix and if a candidate possesses a post graduate decree for appointment against Trained Graduate Teaching Post, then for first division marks fifteen quality point marks will be awarded, for second division, ten quality point marks will be awarded and for third division, five additional marks will be awarded. 

The petitioners in all these writ petitions contend that this award of a post graduate degree weightage should be in respect of the subject concerned for which the selection is being made and not in any other subject. For illustration, if the selection is being made of a science teacher and he has subsequently obtained a post graduate degree in Arts then the same should not be counted for the purpose of weightage

The learned Standing Counsel for the State had been granted time to file a counter affidavit whereafter the learned Additional Advocate General, Sri C.B. Yadav had appeared and had made a request that the matter be adjourned to enable him to obtain instructions in the matter. 


Sri C.B. Yadav however inspite of these instructions which clearly indicate that the selections are being held as per Rules contends that if the argument of the petitioners is accepted then the court can proceed to correlate the possession of the post graduation degree to the subjects which have been mentioned in the qualification at the graduation level to be possessed by the candidate. 

Learned counsel for the petitioners have not been able to counter this position taken by Sri C.B. Yadav and to the mind of the court the same also appears to be reasonable that the post graduation degree should be correlated to any of the subjects of the candidate for the post in question at the bachelors level, for example, if the requirement at the graduate level is of a bachelors degree in History, Geography, Political Science or Economics for the post of an Assistant Teacher General (History, Geography, Civics, Economics) then the post graduation degree should relate to any of the said four subjects. Similarly, even in the case of Science subject if the requirement is of a bachelors degree with Physics, Chemistry, Mathematics or Biology then in that event a post graduation degree in Arts will not be a degree against which quality point marks could be awarded under the Appendix - D. This being the position, the matter could have been disposed of with the aforesaid interpretation in relation to the possession of a post graduation degree for the purpose of quality point marks as per Rule 15, but in the meantime during the pendency of these writ petitions, it is informed that some selections have been finalized and candidates have joined on the basis of the selections held. At this juncture it may be relevant to point out that even with regard to previous years selection the order passed by the Court was clearly to the effect that any selections made shall be subject to the result of the writ petition against the advertisement then issued. 

In the instant cases of the year 2013 a similar order has been passed on 8.2.2013. Accordingly, it would be appropriate that the State files an affidavit indicating as to the results which have been declared and appointments were made prior to passing of the interim order dated 8.2.2013 alongwith the names of the candidates alongwith their place of posting. It is further provided that the said affidavit shall be filed within a week. 

The respondents shall in the light of what has been stated above shall now not proceed to issue any letter of appointment to a candidate who has been extended the benefit of quality point marks on the basis of a post graduate degree other than the subjects at the graduate level until further orders of the court. 

Put up on Tuesday next. 

A copy of the order may be given to the learned Standing Counsel, Sri Upendra Singh free of charges for communicating it to the authority within 24 hours. 

Order date: 5.3.2013 
Sahu



UPTET : अब वृहद पीठ सुनेगी बीएड अभ्यर्थियों का मामला


UPTET : अब वृहद पीठ सुनेगी बीएड अभ्यर्थियों का मामला
गैर टीईटी बीएड को सहायक अध्यापक बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई

प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ के आदेश से एकल न्यायपीठ असहमत

TET is COMPULSORY OR NOT, 3 JUDGES BENCH WILL HEAR THIS CASE.
Recently contempt (Avmanna Case) is imposed on Senior Officers/ Secretary of UP of not implementing Double Bench Allahabad HC order in this regard.

Without TET, teacher selection process again face problem as at many places NCTE specifies TET is MANDATORY to become teacher, And all over INDIA, TET qualification is MUST to become teacher and due to this many states conducted TET (Teacher Eligibility Test) Exam e.g. Bihar, Rajasthan, West Bengal etc.


इलाहाबाद। बिना टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकोें को भी सहायक अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल करने का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ गया है। इस मामले पर प्रभाकर सिंह केस में दिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को वृहद पीठ को संदर्भित कर दिया गया है। अब तीन न्यायाधीश की पीठ नए सिरे से पूरे मामले पर विचार करने के बाद फैसला सुनाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा बिना टीईटी उत्तीर्ण कई बीएड डिग्री धारकोें का अभ्यर्थन रद किए जाने के बाद शिवकुमार शर्मा, यतींद्र कुमार त्रिपाठी आदि ने याचिका दाखिल की थी। इनका कहना था कि खंडपीठ के निर्णय के बावजूद प्रदेश सरकार ने उनका अभ्यर्थन नहीं माना। ऐसी स्थिति में सरकार को निर्देश दिया जाए। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा मेरी समझ से टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उन्होंने खंडपीठ के फैसले से असहमति जताते हुए मामले को वृहद पीठ को संदर्भित किया। अब मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की पीठ गठित करेेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2011 को टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं को खारिज करते हुए सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी सभी के लिए अनिवार्य बताया था। इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की गई। अपील भी खारिज कर दी गई परंतु खंडपीठ ने कहा कि एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य अर्हता के अंतर्गत ही बीएड डिग्री धारकोें को इससे छूट दी गई है। इसलिए बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए। खंडपीठ ने बीएड डिग्री धारकों को मौका देने का निर्देश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर बेसिक शिक्षा सचिव को नोटिस भी जारी किया जा चुका है



News Source : AMAR UJALA / अमर उजाला  (9.3.2013)


Friday, March 8, 2013

UPTET: UP में 2 लाख से ज्यादा प्राथमिक शिक्षको को मिल सकती है नौकरी


UPTET: UP में 2 लाख से ज्यादा प्राथमिक शिक्षको को मिल सकती है नौकरी

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This information is circulated in many FB groups and shared on internet recently.
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क्या उत्तर प्रदेश में सरकार को शिक्षको की वाकई जरुरत है? शायद हाँ और शायद नहीं| “शायद” इसलिए क्यूंकि ये तर्क और कुतर्क का विषय है| सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 2007 (जब से स्टूडेंट का डाटा ऑनलाइन हुआ है) के बाद लगातार छात्र संख्या गिरती जा रही है| पिछले पांच साल से कोई भर्ती प्राइमरी शिक्षक की नहीं हुई है| इसके बाबजूद प्रदेश में हैं कोई हाहाकार नहीं है| स्कूल खुल रहे है|

 कहीं जरुरत से ज्यादा शिक्षक है तो कहीं शिक्षक की कमी है| मगर बच्चो की उपस्थिति को पैमाने पर तौला जाए तो शायद प्रदेश में शिक्षको की कोई कमी है ही नहीं| क्यूंकि मिड डे मील के आंकड़ो के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में औसतन 60 प्रतिशत बच्चे ही नामांकन के सापेक्ष स्कूल में पहुच रहे है| जाहिर है नामांकन और उपस्थिति सवालों के घेरे में है|
बसपा सरकार हो या सपा सरकार दोनों में हालत एक जैसी है| 

प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा न लगे इसके लिए किसी भी बच्चे को फेल न करने का शासनादेश कर दिया गया| इसके पीछे तर्क दिया गया- बच्चो का मनोबल नहीं गिराना है| ये कुतर्क है या तर्क जनता को सोचना है| मगर सरकार ने मान लिया है| प्राथमिक स्कूल के बच्चे वोटर नहीं होते इसलिए माया, मुलायम और अखिलेश किसी को चिंता करने की जरुरत भी नहीं है|  
प्रदेश में शिक्षा का कोई संकट नहीं है| हकीकत ये है कि प्राथमिक सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कार्य शिक्षा मित्र (कॉन्ट्रैक्ट टीचर) ने संभाल लिया है| 3500 रुपये मासिक वेतन वाले शिक्षको का काम रुपये 25000 हजार मासिक का वेतन पाने वाले स्थायी प्राथमिक शिक्षको से बेहतर निकला| 

ऐसे में बैठे बिठाये 72000 शिक्षको को भर्ती करके 1800 करोड़ सालाना का राजस्व भार जनता के खजाने पर क्यूँ डाला जाए? ये बड़ा और चिंतनीय विषय तो है ही सरकार के बड़े बड़ो के दिमाग में विचाराधीन भी है| प्रदेश के करदाता के साथ ये अन्याय होगा कि उसके द्वारा चुकाए गए धन का दुरूपयोग हो| एक प्राथमिक शिक्षक के वेतन के बदले तीन तीन शिक्षक संविदा पर रखे जा सकते है| और टेट पास दो लाख से ज्यादा बेरोजगारों को नौकरी भी मिल जाएगी| वर्तमान में अदालत में उलझा मामला भी मिनटों में निपट जायेगा| 


वर्तमान में हालत तो यही है| उन प्राथमिक स्कूलों के बच्चे जहाँ 100 बच्चो पर चार पांच शिक्षक की तैनाती है वहां के कक्षा 5 के बच्चे पहाड़े नहीं जानते| शिक्षा का स्तर घटिया है और गुणवत्ता की तो वाट ही लगी हुई है| ऐसे में मध्य प्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश में भी संविदा शाला शिक्षक की तैनाती ही सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है| सस्ते में शिक्षक और काम के बदले वेतन दोनों ल लाभ| सरकार पर बोझ भी कम पड़ेगा| शायद UPTET की न्यायालय में चल रही उधेड़बुन ये सबसे अच्छा विकल्प होगा|

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Are you ready for Rs. 7000/- contract jobs. Through this 
1 Permanent Govt. Primary Teacher Salary (25000/-) = <   3 Contract Teacher Salary (Rs. 7000/-)
Regular employee gets benefit of leaves, TA, DA etc. and after some time they get TIME BOUND PROMOTION Also.


72000 Regular Teacher Job = 216000 Contract Teacher Job

UPTET : Next Date of Hearing on 11th March 2013


UPTET : Next Date of Hearing on 11th March 2013


Next Date 11 March Frîends Monday ki date mili hai..Monday ko Hearing Court no 33 me Harkauli ji ki Bench me Hogi..Sambhavtah Monday Ko Rejoinder Tet Advocates Dwara Dakhil Kar diya jayega.Rejoinder Dakhil hote hi Hearing Rejoinder par start ho jayegi..agar usme Kuch mudde naye Nikalte Hain ya Court ko kuch aur Documents ki jarurat Padti hai Final decision Dene ke liye To Maximum Date 1-2 Extend Ho Sakti hai..Warna Most Probabily Final Decision Next week me Hone Ki puri ummed Hai...!!

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Neelesh Purohit
सोमवार को कोर्ट न॰33 मेँ अपने SLP की सुनवाई होगा
स्टे जारी रहेगा 
हरकौली खिलाएगेँ होली
जय टी॰ ई॰ टी

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Rammehar Maan
NAMASKAR, MERE SABHI TET MERIT SUPORTER FRIENDS.AAJ KI LATEST COURT NEWS.NEXT DATE 8 MARCH 13. STAY CONTINIOU.CASE TAKE NAHI HUA.AAJ BHI REJOINDER JAMA NAHI KARAYA GAYA. THANKS


UPTET : 'टीईटी ऐसी बला जो हम सबको परेशान किये है'


UPTET : 'टीईटी ऐसी बला जो हम सबको परेशान किये है'

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ब्लॉग संपादक की कलम से -
टीईटी  शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाया गया है न की किसी को परेशान करने के लिए 

अगर हम इसका सकारात्मक पक्ष देखेंगे तो हम पाएंगे कि गुणवत्ता परक शिक्षा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है ।
कल मेने  पढा कि शक्ति यादव नाम की लडकी ने टी ई टी में अच्छे अंक लाने के बाद भी नियुक्ति में होने वाली देरी से 
आत्म हत्या कर ली , आखिर उसका क्या कसूर 

जिन लोगो ने यू पी टी ई टी परीक्षा में मेहनत से अच्छे मार्क्स प्राप्त किए , उनका क्या दोष 
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See News Published in Jagran -


-विधान परिषद में छलका नेता सदन का दर्द

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन का दर्द गुरुवार को छलक गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी हमें टीईटी के नाम पर धमकाते हैं। यह एक ऐसी बला है जो हम सबको परेशान किये हुए है।'

हुआ यूं कि शून्यकाल के दौरान शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा व सुरेश त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत सदन को अवगत कराया कि 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 88000 अभ्यर्थियों में से पांच प्रतिशत की परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पा रही है क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण नहीं किया है। इस पर नेता सदन ने कहा कि प्रकरण में बेसिक शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कांग्रेस के नसीब पठान यदि मदद करें तो केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार शिक्षकों की भर्ती में टीईटी से छूट दे सकती है।

इससे पहले टीईटी का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान भी उठा। भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित ने बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी से पूछा क्या मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को परिषदीय स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की कोई प्रक्रिया चल रही है? जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की प्रक्रिया विचाराधीन है लेकिन इसमें टीईटी बाधा बन रही है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस प्रकरण पर विचार करने के लिए उन्होंने 14 मार्च को अफसरों की बैठक बुलायी है


News Source : Jagran (Updated on: Thu, 07 Mar 2013 07:58 PM (IST))
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ब्लॉग संपादक की कलम से -
टीईटी  शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाया गया है न की किसी को परेशान करने के लिए 

अगर हम इसका सकारात्मक पक्ष देखेंगे तो हम पाएंगे कि गुणवत्ता परक शिक्षा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है ।
कल मेने  पढा कि शक्ति यादव नाम की लडकी ने टी ई टी में अच्छे अंक लाने के बाद भी नियुक्ति में होने वाली देरी से 
आत्म हत्या कर ली , आखिर उसका क्या कसूर 

जिन लोगो ने यू पी टी ई टी परीक्षा में मेहनत से अच्छे मार्क्स प्राप्त किए , उनका क्या दोष 


Thursday, March 7, 2013

UPTET : यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना


UPTET : यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना 

आज यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना सुनी गयी ।
काफी सारे अभ्यर्थी अवसाद ग्रस्त चल रहे हैं 

देखीये क्या है खबर -


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नौकरी संग शादी भी टली आहत छात्रा ने दी जान

कानपुर। टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) मामले की कोर्ट में लगातार तारीखें बढ़ने और इस कारण शादी भी आगे बढ़ने से आहत एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी।

उस्मानपुर नौबस्ता निवासी बंशराज यादव तंबाकू का व्यापार करते हैं। उनकी 26 वर्षीय पुत्री शक्ति बीएड और टीईटी की परीक्षा पास कर चुकी थी। लेकिन टीईटी का मामला कोर्ट में पहुंचने से शिक्षिका के पद पर उसकी नियुक्ति लटक गई थी। इससे वह परेशान थी। उधर, नौकरी न मिलने के कारण शादी की तारीख भी आगे टल गई थी। इसे लेकर सका तनाव और बढ़ गया था। बुधवार सुबह शक्ति ने कमरा बंद कर पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। मां ललिता देवी ने बेटी को फंदे पर लटका देख शोर मचाया। दरवाजा तोड़कर परिजनों पड़ोसियों की मदद से शव को फंदे से उतारा और हैलट अस्पताल ले भागे, पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक छात्रा चार बहनों में सबसे बड़ी थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पिता के मुताबिक टीईटी में अच्छे अंक आने के बाद भी मामला कोर्ट में होने से बेटी परेशान थी। उसकी शादी की तारीख भी आगे बढ़ गई थी। शक्ति शिव-पार्वती के विवाह के दिन शिवरात्रि को शादी करना चाहती थी


News Source : Jagran ( Thu, 07 Mar 2013 11:00 AM (IST)) /http://www.jagran.com/news/national-students-suicide-in-kanpur-10194693.html
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पिता के मुताबिक टीईटी में अच्छे अंक आने के बाद भी मामला कोर्ट में होने से बेटी परेशान थी। उसकी शादी की तारीख भी आगे बढ़ गई थी
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Recently it is heard that some more candidates also taken this step. Please note that suicide is NOT a solution. Ups and Downs comes in LIFE, therefore put your best to effort to get success and struggle for your career/life. Think about your family/parents and future. There are many opportunities in life , which will make you success with a good path.


Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों की परीक्षा में जमकर नकल


Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों की परीक्षा में जमकर नकल

अछनेरा: द्वितीय बैच में बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षा मित्रों के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान जमकर नकल का खेल चला। हालात ये थे कि शिक्षा मित्र खुले में किताब रखकर न सिर्फ नकल कर रहे थे, बल्कि एक दूसरे की मदद भी ले रहे थे।

अछनेरा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को हुई परीक्षा के दौरान जमकर नकल की गई। परीक्षा देने आए 128 शिक्षा मित्रों में से अधिकांश के पास परीक्षा से संबंधित किताबें थीं। वे खुले में नकल कर प्रश्न पत्र हल कर रहे थे। बताया जाता है कि ड्यूटी पर तैनात पांच शिक्षा कर्मियों में से सिर्फ एक ही तैनात था। पता करने पर बताया गया कि परीक्षा के बारे में किसी को पता ही नहीं है। शासन द्वारा शिक्षामित्रों को शिक्षक का दर्जा दिए जाने की मंशा के तहत गुरुजनों द्वारा इस तरह नकल करके पास होने के तरीके से सब हैरान हैं। लोगों में चर्चा है कि वे आगे चलकर बच्चों को क्या पढ़ा पाएंगे



News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-10193476.html / Jagran (06.3.2013)
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One side TET exam is facing blame of cheating even though candidates having OMR copy of examination and other side this happens. When teacher themselves do such cheating then what they will teach to children.

However it doesn't mean that other Shiksha Mitra are also of same type, many of them are doing work but TET exam inducted for quality in education and we should not ignore it.

UPTET : टीईटी के पैसों का नहीं मिल रहा हिसाब

UPTET : टीईटी के पैसों का नहीं मिल रहा हिसाब

लखनऊ (ब्यूरो)। टीईटी के फार्मों की बिक्री से आए पैसों का हिसाब नहीं मिल पा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग अब वित्त विभाग से इसकी विशेष ऑडिट कराने की तैयारी कर रहा है, ताकि पैसे कहां गए इसका पता लगा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित कराई गई थी। 11,53,155 अभ्यर्थियों ने फार्म भरे। जानकारों की मानें तो टीईटी फार्म भरने से माध्यमिक शिक्षा विभाग को 64 करोड़ रुपये मिले। परीक्षा कराने के लिए प्रत्येक मंडलों को 30 से 32 लाख रुपये दिए गए। रिजल्ट तैयार करने वाली कंप्यूटर कंपनी को 5 करोड़ रुपये के आसपास दिए गए। बाकी पैसे कहां खर्च किए गए पता नहीं चल पा रहा है और न ही माध्यमिक शिक्षा परिषद इसका हिसाब बेसिक शिक्षा विभाग को दे पा रहा है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक को कई बार पत्र लिख चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि टीईटी के पैसों की विशेष ऑडिट करा ली जाए, ताकि पैसे के बारे में जानकारी मिल सके। यह भी बताया जा रहा है कि हिसाब न मिलने पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है



News Source : Amar Ujala (7.3.2013)
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What Blog Editor thinks -
In these days electronic system is so fast that you can check each transaction details in bank, so any inquiry can reveal all such details.

Wednesday, March 6, 2013

UPTET : यूपीटीईटी परीक्षा कि क्या है सच्चाई

UPTET : यूपीटीईटी परीक्षा कि क्या है सच्चाई 



आजकल बहुत से केंडीडेट यूपीटीईटी परीक्षा के बारे मैं  धांधली धांधली कहते हुए नजर आते हैं 
मगर ये भी सामने आया है कि यूपीटीईटी परीक्षा मैं काफी सारे केंडीडेट के 100 से कम मार्क्स हैं और 
गुणांक बेहद अच्छा ।
तो क्या ऐसे केंडीडेट ने परीक्षा में कम मार्क्स के लीए पैसे दीये थे ।
आखिर ऐसे कोन  से कोलेज , यूनिवर्सिटी हैं जहां से अभ्यर्थीयों को अच्छे अंक मिले हैं ।


यूपीटीईटी परीक्षा में मेहनती अभ्यर्थीयों का क्या दोष ??

और अगर धांधली वास्तव में किसी केंडीडेट / केंडीडेटस ने की है तो ऐसे केंडीडेटस पर कानूनी कार्यवाही  हुए 
भर्ती से बाहर कर देना चाहिए और धांधली सुधार योग्य न होने पर एक परीक्षा दोबारा से कराई जा सकती है ।
परन्तु आज भी लोगो को एक भी केंडीडेट का नाम नहीं पता जिसने पैसे देकर नंबर बद्वाये हैं 

मगर इस पर बहुत से लोगो का कहना है कि इस बात की गारंटी  कोन  लेगा कि परीक्षा 100% शुद्धता से संपन्न होगी ।

यू पी टी ई टी परीक्षा में गलत प्रश्नों के फायदे से काफी सारे अभ्यर्थीयों को टी ई टी पात्रता भी हासिल हुई  परन्तु  न्यूज़ 
पेपर में कुछ समय पहले इसको अनियमितता बताया गया था ।
इस अनियमतता में मेहनती छात्र का क्या दोष ??
अगर अनियमतता दूर करनी है तो भी टी ई टी मेरिट से भर्ती सही विकल्प है क्योंकि गलत प्रश्नों का फायदा सभी अभ्यर्थीयों को मिला था 


टी ई टी (प्राइमरी)  परीक्षा एन सी टी ई के निर्धारित मानकों के अनुरूप एक विशेष परीक्षा थी जो की प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के  लिए बनी थी और एन सी टी ई ने साफ़ साफ़ शब्दों में इसकी वेटेज लेने को लिखा था  न कि किसी अकादमिक परीक्षा के अंको को ।
नोट - अकादमिक परीक्षा के अंकों को भी भर्ती में उपयोग मैं लिया जा सकता है परन्तु एन सी टी ई गाइड लाइन मैं इसके वेटेज का कोई उल्लेख नहीं है 
इसके अंको को भी चयन मैं इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु भर्ती का आधार तय होने का बाद , और परीक्षा आदि होने का बाद , जिसने मेहनत से टी ई टी परीक्षा मैं अंक पाए उसका क्या दोष क्योंकि उसको तो नोकरी इन्ही अंको के आधार पर मिलने जा रही थी 

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यहाँ प्राइमरी शिक्षकों का चुनाव होना है न की किसी साइंटिस्ट /इंजिनियर /विषय विशेषज्ञ का और टी ई टी (प्राइमरी) परीक्षा प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के लिए योग्यता मापन थी ।
जिस प्रकार बैंक क्लर्क के लिए क्लेरिकल एप्टीत्युड परीक्षा होती है , आफिसर्स के लिये अलग एप्टीत्युड परीक्षा होती है उसी प्रकार टी ई टी (प्राइमरी) परीक्षा प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के लिए एप्टीत्युड परीक्षा है 


मुझे लगता है कि अगर ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत में जाता है - 
तो उसका मत तो यही होगा कि अगर परीक्षा में धांधली है तो धांधली वालों को बाहर किया जाये 
 और अगर धांधली हटाई नहीं जा सकती तो परीक्षा उन्ही अभ्यर्थीयों की दोबारा से आयोजित की जाये ।
आखिर धांधली मैं ईमानदार अभ्यर्थी (जिसने मेहनत से मार्क्स प्राप्त किये) का क्या दोष ??