UPTET : क ानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती
News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))
इलाहाबाद : क्या सही है और क्या गलत, इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी, लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकी परीक्षा को लेकर विवाद और बाद में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन पूरे देश के लिए तय की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्या है इसलिए उन्हें उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों में दाखिल हुईं।
हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यह मामला पूर्ण पीठ को संदर्भित हुआ है, जिससे एक निश्चित नतीजे पर पहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वैसे अदालतों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है कि किसी निश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।
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विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले
टीईटी की अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन श्रीवास्तव व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ ने प्रकरण को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने का औचित्य नहीं है।
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टीईटी पास होना अनिवार्य है, किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण लेना होगा।
-खंडपीठ का आदेश
टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्ति की जा सकेगी किंतु वे भी बाद में टीईटी पास करेंगे।
-न्यायमूर्ति अरुण टंडन
टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीन कार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधों की सही व्याख्या किया जाना जरूरी है इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।
-न्यायमूर्ति एपी साही
शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह के भीतर इस पर कार्यवाही हो।
-न्यायमूर्ति डीपी सिंह
News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))
YE SAB AB TIME PASS HO RAHA HAI AUR KUCH NAHI HONE WALA ,U.P. KE LOG AND U.P. KE JUDGE LOG KUCH NAHI KAR PAYENGE ,UP KE LOG AISE HAI WO LOG EK -EK KES KARENGE AUR JUDGE MAJA LENGE AUR YE UPTET KE MAMALE KA KUCH NAHI HONE WALA ISLIYE UP PURE COUNTRIES ME PICHHE HAI AUR RAHEGA
ReplyDeleteUPTET KA KUCHH BHI NAHI HONE WALA
ReplyDeleteUP MAI TET MAI DHANDLI HUI THI YE UP KE TOP GHUTALO MAI SE EK THA .YE BHARTI TAB HE HOGI JAB YE TET RADD HOGA AUR N0N TET WALO KO LIYA JAYEGA NHI TO YE PURA MATTER BABARI MASJID KI TARAH 20 SAAL TAK CHALEGA .HAHAHAHAHA
ReplyDeleterajdeep singh jee lagta hai aap tet pass nahin kar sake hai isliye aap khyali pulav paka rahe lekin mein apko batana chahunga ki khayli pulav se pet nahin bhara karta kahne ka tatparya yah hai ki matter ab full bench mein chala gaya aur poori samiksha karne ke baad nischit roop se non tet walo ko bahar kar bharti parkirya ko sucharu roop se shuru kar diya jayega
ReplyDeleteU r rt shushilji
ReplyDeleteapne apne paise with interst bapis le lo . koi fayda nahi. sarkar bharti nahi kar payge . ye sab drama h. garib janta ke paiso ki kimat sarkar ko nahi malum.
ReplyDeleteapne apne paise with interst bapis le lo . koi fayda nahi. sarkar bharti nahi kar payge . ye sab drama h. garib janta ke paiso ki kimat sarkar ko nahi malum.
ReplyDeletePata nahi ye bharti hongi bhi ya nahi
ReplyDeleteDONT WORRY BHAI LOGO MATTER SUPREME COURT TAK JAYEGA ABHI KHUSH HONE KI JAROORAT NAHIH HAI
ReplyDeleteMNo. 9808664433