UPTET : 'टीईटी ऐसी बला जो हम सबको परेशान किये है'
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ब्लॉग संपादक की कलम से -
टीईटी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाया गया है न की किसी को परेशान करने के लिए
अगर हम इसका सकारात्मक पक्ष देखेंगे तो हम पाएंगे कि गुणवत्ता परक शिक्षा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है ।
कल मेने पढा कि शक्ति यादव नाम की लडकी ने टी ई टी में अच्छे अंक लाने के बाद भी नियुक्ति में होने वाली देरी से
आत्म हत्या कर ली , आखिर उसका क्या कसूर
जिन लोगो ने यू पी टी ई टी परीक्षा में मेहनत से अच्छे मार्क्स प्राप्त किए , उनका क्या दोष
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-विधान परिषद में छलका नेता सदन का दर्द
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन का दर्द गुरुवार को छलक गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी हमें टीईटी के नाम पर धमकाते हैं। यह एक ऐसी बला है जो हम सबको परेशान किये हुए है।'
हुआ यूं कि शून्यकाल के दौरान शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा व सुरेश त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत सदन को अवगत कराया कि 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 88000 अभ्यर्थियों में से पांच प्रतिशत की परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पा रही है क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण नहीं किया है। इस पर नेता सदन ने कहा कि प्रकरण में बेसिक शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कांग्रेस के नसीब पठान यदि मदद करें तो केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार शिक्षकों की भर्ती में टीईटी से छूट दे सकती है।
इससे पहले टीईटी का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान भी उठा। भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित ने बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी से पूछा क्या मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को परिषदीय स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की कोई प्रक्रिया चल रही है? जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की प्रक्रिया विचाराधीन है लेकिन इसमें टीईटी बाधा बन रही है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस प्रकरण पर विचार करने के लिए उन्होंने 14 मार्च को अफसरों की बैठक बुलायी है
News Source : Jagran (Updated on: Thu, 07 Mar 2013 07:58 PM (IST))
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ब्लॉग संपादक की कलम से -
टीईटी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाया गया है न की किसी को परेशान करने के लिए
अगर हम इसका सकारात्मक पक्ष देखेंगे तो हम पाएंगे कि गुणवत्ता परक शिक्षा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है ।
कल मेने पढा कि शक्ति यादव नाम की लडकी ने टी ई टी में अच्छे अंक लाने के बाद भी नियुक्ति में होने वाली देरी से
आत्म हत्या कर ली , आखिर उसका क्या कसूर
जिन लोगो ने यू पी टी ई टी परीक्षा में मेहनत से अच्छे मार्क्स प्राप्त किए , उनका क्या दोष
are dosh to hamara h jo humne B.ed ki esse achha kahi labour chok par ya sabji ki dukan khol lent to koi tension na hoti sali....
ReplyDeleteabi bhi kuch nahi bigda h jin longo ne court m case kiya tha wo case wapis le le,nahi to jindagi bhar court m hi lag jayega aur aise kai log atmhatya karte rahenge, aur unhe bahut se longo ki haaye lagegi........
ReplyDeleteneta sadan ahmad hashan ne to yahan bhi rajneeti suru kar di.. bol rahe hai congress tet me chhoot de de..unhe nhi pata ye yuvao se juda mamla hai 2014 me unhe kitna mahanga padega.....
ReplyDeleteJo log really quality education ke fabour me hai to unhe tet marit ka fabour karna chahiye . chahe vo kisi bhi jagah par khud ko paate hon.tabhi shiksha me sudhar ho sakta hai.
ReplyDeletebest way ......either take emtrance exam to fill vacancy or add tet number along with all other educational number....
ReplyDeleteKisi paksh ko koi dukh nahi hogaaaaa.......
PRAMOD KUMAR JI AND KRISHNA JI BOTH OF YOU ARE ABSOLUTELY RIGHT
ReplyDeletebhai mere mutabik abhi 70k wali bharti BEd se kar do(bina TET)then baki (1lack 49k)-70k ko tet exam 2013 ke bad baren kyu ji kya kahte ho??
ReplyDeleteMNo 9810476479