TGT व LT शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ
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हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इनकार
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राजकीय इंटर कालेजों में टीजीटी और एलटी ग्रेड शिक्षकों के चयन तथा नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने यूपी सबआर्डिनेट एजूकेशनल (ट्रेंड ग्रेज्युएट ग्रेड) सर्विस रूल्स 1983 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए खारिज कर दिया है।
विनोद कुमार यादव और अन्य द्वारा दाखिल याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
याचिका में सेवा नियमावली की धारा 15(2) की वैधानिकता को चुनौती देते हुए कहा गया कि चयन प्रक्रिया भेदभाव पूर्ण है तथा इससे समानता के संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है।
याचिका में चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा के आधार पर करने की मांग की गई। जबकि मौजूदा नियम के अनुसार चयन प्रक्रिया क्वालिटी प्वाइंट के आधार पर की जाती है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों के गुणांक के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है।
याचीगण का कहना था कि यह प्रक्रिया दोषपूर्ण है क्योंकि विभिन्न बोर्डों सीबीएससी, आईसीएससी और यूपी बोर्ड के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अंक देने के आधार भिन्न हैं।
खंडपीठ ने इसे सरकार का नीतिगत मामला मानते हुए याचिका में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।
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हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इनकार
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राजकीय इंटर कालेजों में टीजीटी और एलटी ग्रेड शिक्षकों के चयन तथा नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने यूपी सबआर्डिनेट एजूकेशनल (ट्रेंड ग्रेज्युएट ग्रेड) सर्विस रूल्स 1983 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए खारिज कर दिया है।
विनोद कुमार यादव और अन्य द्वारा दाखिल याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
याचिका में सेवा नियमावली की धारा 15(2) की वैधानिकता को चुनौती देते हुए कहा गया कि चयन प्रक्रिया भेदभाव पूर्ण है तथा इससे समानता के संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है।
याचिका में चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा के आधार पर करने की मांग की गई। जबकि मौजूदा नियम के अनुसार चयन प्रक्रिया क्वालिटी प्वाइंट के आधार पर की जाती है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों के गुणांक के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है।
याचीगण का कहना था कि यह प्रक्रिया दोषपूर्ण है क्योंकि विभिन्न बोर्डों सीबीएससी, आईसीएससी और यूपी बोर्ड के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अंक देने के आधार भिन्न हैं।
खंडपीठ ने इसे सरकार का नीतिगत मामला मानते हुए याचिका में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।
Kuch nahi ho sakta education department ka 9758496362 par sampark kare b.p.ed LT
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