Thursday, April 19, 2012

UPTET / UPPSC News पढ़ाई के साथ जारी है लड़ाई



पढ़ाई के साथ जारी है लड़ाई

संजय मिश्र, इलाहाबाद : सिविल लाइंस स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में दोपहर की चिलचिलाती धूप में पेड़ की छांव तलाश करते तकरीबन दो दर्जन युवा हर दूसरे-तीसरे दिन एकत्र होते हैं। कुछ मंत्रणा होती है, उसके बाद जोरदार नारेबाजी करते हुए ये सभी जुलूस की शक्ल में लोकसेवा आयोग के दफ्तर पहुंचते हैं। वहां कुछ देर धरना-प्रदर्शन के बाद एक-एक करके भीड़ छंटनी शुरू हो जाती है। कुछ घंटे बाद रह जाते हैं तो सिर्फ अगुवा। दरअसल, यह भीड़ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की है, जो लोकसेवा आयोग की परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन में शामिल ज्यादातर छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं, जिनके लिए आंदोलन के लिए समय निकाल पाना भी मुश्किल होता है मगर ज्यादातर का यह मानना है कि पढ़ाई के साथ अधिकार पाने के लिए लड़ाई भी जारी रखनी होगी। वरना पढ़ा-लिखा सब धरा रह जाएगा।

लोकसेवा आयोग की पीसीएस जे और सहायक अभियोजन अधिकारी की परीक्षा की तैयारियों में जुटे अरुण तिवारी, संजय सिंह, रजनीश तिवारी, अमरेंद्र सिंह आदि छात्रों का कहना है कि सत्र नियमन न होने से उनका भविष्य अधर में है। पांच-छह सालों में एक बार परीक्षा का आयोजन होता है, ऐसे में उन्हें इस इम्तिहान में शामिल होने के लिए सिर्फ एक या दो मौके ही मिलते हैं। जबकि पड़ोसी राज्यों में उम्र सीमा में बढ़ोत्तरी होने की वजह से वहां के छात्रों को पर्याप्त मौके मिल जाते हैं।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष राजेश सिंह कहते हैं कि पड़ोसी राज्यों बिहार, राजस्थान, हरियाणा आदि में लोकसेवा आयोग की परीक्षाएं देने के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है जबकि हमारे यहां 35 वर्ष है, जिससे तमाम प्रतियोगी अवसर से वंचित रह जाते हैं। हम अपने अधिकार के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत चल रही है। उन्होंने विधिक राय के बाद फैसला लेने का आश्वासन दिया है। हक मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

प्रतियोगी छात्रों के साथ टीईटी अभ्यर्थियों का आंदोलन भी इन दिनों सुर्खियों में है। टीईटी अभ्यर्थियों के दो गुट हैं। एक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग रहा है तो दूसरा गुट परीक्षा को निरस्त करने और इसे सिर्फ पात्रता परीक्षा की तरह आयोजित करने की मांग कर रहा है। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद कहते हैं कि कुछ अधिकारियों की खामियों का नतीजा हजारों अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है, जो गलत है। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, लड़ाई जारी रहेगी।


शिक्षामित्र भी कर रहे संघर्ष

पढ़ने वाले नहीं पढ़ाने वालों की भी अपनी समस्याएं हैं। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभालने वाले शिक्षामित्र खुद को उपेक्षित मानते हैं। उन्हें अंट्रेंड वेतनमान की दरकार है और वह सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति चाहते हैं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्रि्वनी कुमार मिश्र कहते हैं कि शहर में पढ़-लिखकर वे गांव जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं, बदले में उन्हें सिर्फ 3500 रुपये का मानदेय मिलता है, इस राशि से जीविकोपार्जन भी मुश्किल है।

News : Jagran (19.4.12)


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने सीएम को ज्ञापन भेजा

जालौन। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने नियुक्तियों की मांग को लेकर बुधवार को उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि पांच माह से प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लंबित होने से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी निराश हैं। कई तो मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं इसलिए उन्हें जल्द ही नियक्ति दिलाई जाए जिससे उन्हें परेशानियों के दौर से छुटकारा मिल सके। ज्ञापन पर फरीद मंसूरी, शिल्पी गुप्ता, आरती यादव, माधवी पाल, खुशबू पाटकार, मनोज बाथम, मंगल सिंह, विपिन पाल, अवधेश कुमार, मनोज सोनी, सत्यप्रकाश आदि के हस्ताक्षर हैं।


News : Amar Ujala (19.4.12)

RTE : कितना मुफ्त कितना अनिवार्य


RTE : कितना मुफ्त कितना अनिवार्य

Amar Ujala / Aakhiri Kona
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शिक्षा के अधिकार कानून की वैधानिकता बरकरार रखते हुए देश के हर गरीब बच्चे की उम्मीदें जगाई हैं। शिक्षा के अधिकार को पूरी तरह से कामयाब बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 65 प्रतिशत केंद्र और 35 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करेंगी।

जिस देश में छह से चौदह वर्ष तक की उम्र के 80 लाख बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, जहां हर चार में से एक बच्चा पांचवीं कक्षा में आने से पहले ही स्कूल छोड़ देता है, जहां चार में से दो या दो से ज्यादा बच्चे आठवीं से पहले ही पढ़ाई से मुंह मोड़ लेते हैं, जिनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है, उस देश में यह सब पढ़ना-सुनना बेहद सुखद लगता है। लेकिन महंगे स्कूलों में गरीब बच्चों का शिक्षा पाना क्या इतना आसान है, जितना सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लगता है?

सर्वोच्च न्यायालय ने ठीक ही कहा कि शिक्षा के अधिकार को बच्चों के नजरिये से देखा जाना चाहिए, स्कूल संचालकों के नजरिये से नहीं। लेकिन सरकार के शिक्षा का अधिकार कानून में कई कमजोरियां भी हैं, जिनके जवाब अगर सुप्रीम कोर्ट सरकार से ले पाता, तो ज्यादा ठीक रहता। सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि इसमें शिक्षा से वंचित बच्चों की परिभाषा तो दी गई है, लेकिन इसके लिए कोई आर्थिक पैमाना न होने से भ्रम फैलेगा। कानून के मुताबिक, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के बच्चे 25 फीसदी के कोटे में आएंगे।

हैरानी की बात है कि क्रीमी लेयर को इससे अलग नहीं रखा गया है। इसके अलावा अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा तय की गई आर्थिक रूप से कमजोर की सीमा को माना जाएगा। यह सीमा पचास हजार रुपये सालाना से लेकर दो-तीन लाख रुपये तक की है। इससे ऐसा भी हो सकता है कि सरकारी नौकरी या निजी क्षेत्र में काम करने वाले क्लर्क का बेटा तो शायद इस पैमाने से बाहर हो जाए, लेकिन निजी व्यवसाय करने वाले का बच्चा कोई भी आय प्रमाणपत्र दिखाकर दाखिले का हकदार बन जाए। आखिर किस आधार पर निजी स्कूल किसी बच्चे को दाखिले लायक समझेंगे या स्कूल आय प्रमाणपत्र की जांच कैसे कर पाएंगे, इसे कानून में स्पष्ट नहीं किया गया है।

इस कानून में छह से 14 वर्ष के बच्चों की चिंता तो की गई है, लेकिन तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है, जिसकी संख्या अभी करीब 19 करोड़ है। ऐसे बच्चों की बुनियादी शिक्षा की सदिच्छा जरूर जाहिर की गई है। अगर सरकार को गरीब बच्चों की इतनी ही चिंता थी, तो वह इन बच्चों को भी कानून के दायरे में लाती, ताकि वे बच्चे जब पहली कक्षा में किसी बड़े स्कूल में पढ़ने जाते, तो किसी तरह कमजोर साबित नहीं होते।

इसके अलावा आठवीं के बाद की पढ़ाई के बारे में कानून में कोई व्यवस्था नहीं है। क्या गरीब बच्चों के घरवाले तब तक इतने संपन्न हो जाएंगे कि आगे वे उसी महंगे निजी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा सकें। अगर नहीं, तो आजादी के बाद एक ऐतिहासिक कानून बनाते समय सरकार को ध्यान रखना चाहिए था कि चौदह की उम्र सीमा को बढ़ाकर अठारह कर दिया जाए।

सरकार का कहना है कि नियमों के विरुद्ध जाने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है, लेकिन अपने देश में किस तरह मान्यता दी जाती है और किस तरह नियमों का उल्लंघन किया जाता है, यह हर कोई जानता है। ऐसे में अगर कानून का तोड़ निजी स्कूलों ने तलाश लिया, तो सरकार उसका कुछ बिगाड़ पाएगी, ऐसा संभव नहीं दिखता। कानून में बताया गया है कि प्रशिक्षित शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण एक अकादमिक प्राधिकरण करेगा और कानून लागू होने के पांच वर्ष बाद तक अप्रशिक्षित शिक्षकों का इस्तेमाल होता रहेगा।

इसमें अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति में नियमों को लचीला बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। इसी से पता चलता है कि सरकार प्राथमिक शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है और इस कानून से क्या हासिल होगा। ऐसे में शिक्षाविद् अनिल सद्गोपाल की यह टिप्पणी सटीक लगती है कि यह कानून न तो मुफ्त में शिक्षा की व्यवस्था करता है और न ही उसे अनिवार्य बनाता है

Source  : Amar Ujala (18.4.12)
http://www.amarujala.com/Vichaar/VichaarColDetail.aspx?nid=460&tp=b&Secid=48

UPTET : CM will take final decision on TET


टीईटी पर मुख्यमंत्री करेंगे अंतिम निर्णय
( UPTET : CM will take final decision on TET )

•पूरी परीक्षा में धांधली के नहीं मिले साक्ष्य
•मुख्य सचिव जल्द सौंपेगे सीएम को रिपोर्ट
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के मामले की पूरी पड़ताल कर ली है। रमाबाई नगर की पुलिस व विभागीय अधिकारियों से मिली रिपोर्ट से पता चला है कि टीईटी में सभी अभ्यर्थी धांधली से पास नहीं हुए हैं। अंक बढ़ाने के लिए धांधली जरूर की गई है। इसकी वास्तविक जानकारी के लिए रिजल्ट तैयार करने वाली कंप्यूटर कंपनी के सॉफ्टवेयर की जांच स्टेट फोरेंसिक लैब से कराई जा रही है। मुख्य सचिव शीघ्र ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपनी रिपोर्ट दे देंगे। मुख्यमंत्री इस पर अंतिम निर्णय करेंगे। पर जानकारों को मानना है कि अब तक की हुई जांच से टीईटी 2011 के रद्द होने की संभावना कम है
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाईपावर कमेटी की बैठक में टीईटी से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें रमाबाई नगर पुलिस द्वारा की गई अब तक की जांच रिपोर्ट को भी रखा गया। सूत्रों का कहना है कि पूरी परीक्षा में धांधली के साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसमें कुछ अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाने के जरूर सुबूत मिले हैं। बताया जाता है कि ऐसे अभ्यर्थियों को चिह्नित करके उन्हें टीईटी से अलग करने पर विचार चल रहा है इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है कि टीईटी अर्हता को पात्रता करने के लिए नियमावली में संशोधन की अनुमति किसने दी थी। इन सभी तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री को शीघ्र ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी

यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित की गई थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। टीईटी में 6 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। परिणाम आने के बाद अंक बढ़ाने के नाम पर हुई धांधली के चलते तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को रमाबाई नगर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके चलते टीईटी निरस्त करने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। इस संबंध में टीईटी पास अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला था। इसके बाद पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 5 अप्रैल को हाई पावर कमेटी बना दी गई। कमेटी को 29 अप्रैल तक रिपोर्ट देनी है।

News : Amar Ujala (19.4.12)

UPTET : Now TET Exam become only eligibility test, Selection through Academic Marks OR TET May be cancelled



UPTET: अब टीईटी होगी अर्हताकारी परीक्षा
(UPTET : Now TET Exam become only eligibility test, Selection through Academic Marks OR TET May be cancelled)

लखनऊ, 18 अप्रैल (जाब्यू) : टीईटी को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की मंशा के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिलाने पर सहमति बनी है। शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी की मेरिट के आधार पर न करके पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर पर प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया जाएगा। विवादों में घिरे टीईटी के पहलुओं पर विचार करने के बाद मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। समिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजेगी। इन परिस्थितियों में टीईटी को निरस्त करने की संभावना भी है। उच्च स्तरीय समिति की बैठक में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अनिवार्य किये गए टीईटी को लेकर एनसीटीई के 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देशों पर चर्चा हुई जिसमें टीईटी को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया गया है। समिति ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि एनसीटीई के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए अन्य राज्यों ने भी टीईटी को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा का ही दर्जा दिया है। समिति ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि बीती 13 नवंबर को हुए टीईटी के परिणाम में जिस तरह से धांधली उजागर हुई है उससे अदालत या किसी अन्य के लिए यह निष्कर्ष निकालना स्वाभाविक है कि इस अनियमितता को अंजाम देने के लिए ही टीईटी की मेरिट को शिक्षकों की नियुक्ति का आधार बनाने का फैसला किया गया यानी यह गोरखधंधा पूर्व नियोजित था


News : Jagran (19.4.12)

Wednesday, April 18, 2012

UPTET Raebareli : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख , कई दफ्तर पहुंचे, बीएसए को सौंपा ज्ञापन


UPTET Raebareli : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख , कई दफ्तर पहुंचे, बीएसए को सौंपा ज्ञापन
रायबरेली में मंगलवार को भिक्षाटन के दौरान विकास भवन में भीख मांगते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

रायबरेली। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर जिले के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगी। शहीद चौक पर जुटे इन अभ्यर्थियों ने सफेद शर्ट पहन रखी थी और गले में टीईटी का प्रमाणपत्र भी लटका रखा था। कई दफ्तरों में भीख मांगी और फिर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शहीद चौक पर जुटे अभ्यर्थियों की पहले सभा हुई। इसमें मोर्चा के जिलाध्यक्ष शशांक त्रिवेदी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार हमारे साथ न्याय नहीं करती है और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र नहीं शुरू करती है तो हम सभी टीईटी धारक ईंट से ईंट बजा देंगे। अवध किशोर ने कहा कि आज प्रत्येक टीईटी उत्तीर्ण धारक जोश में है। इसलिए समय रहते प्रदेश सरकार को चेत जाना चाहिए। सभा के बाद हरिमोहन एवं अभिषेक के प्रस्ताव पर अभ्यर्थी हाथ में कटोरा लेकर डिग्री कॉलेज चौराहा, फायर स्टेशन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कलेक्ट्रेट, कोषागार, डीएम कार्यालय व विकास भवन में भीख मांगने निकले। इन्होंने भीख के साथ न्याय का आशीर्वाद भी मांगा। एसपी ने जहां मांगों का समर्थन किया, वहीं डीएम ने मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। अभ्यर्थियों ने मुख्य विकास अधिकारी से भी मुलाकात की। उन्होंने भी ज्ञापन को शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिया। इस अवसर पर सुमन सिंह, गीता, वंदान, नेहा, अर्चना, रोहित, इमरान, रामेंद्र, राम विलास व अन्य लोग मौजूद रहे।


News : Amar Ujala (18.4.12)
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I felt - Nukkad Natak aadi ke madhyam se bhee Janta ke beech ja kar UPTET Candidates kee pareshanee,
va sahee galat ke baare mein bataya ja sakta hai.

UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हताशा के शिकार


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हताशा के शिकार

घिरोर (मैनपुरी): गत वर्ष तेरह नवम्बर को पूरे प्रदेश में करायी गयी शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी का भविष्य कोर्ट में लटका हुआ है। कोर्ट द्वारा निर्णय में विलंब से टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके लोग हताश दिखायी दे रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि गत वर्ष प्रदेश स्तर पर प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया था। इसी परीक्षा को माप दण्ड बनाकर प्रदेश भर के विभिन्न प्राइमरी स्कूलों में 72825 शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया था। परीक्षा के तत्काल बाद में धांधली और गड़बड़ी शुरू हो गयी। तीन बार परीक्षा परिणाम में हेर-फेर हुआ । कई परीक्षार्थियों के अंक घटे-बढे। अन्ततोगत्वा घोषित परिणाम के बाद माध्यमिक शिक्षा के सचिव संजय मोहन और कुछ अन्य लोग जेल गये। तब से ये मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधीन पड़ा हुआ है। मामले की सुनवाई कर रहे जज इसकी तारीखें बढ़ाते रहे हैं। किन्तु का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। चन्द्र प्रकाश मिश्र का कहना है कि टीईटी परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति सरकार का एक उचित फैसला है। अब इस प्रक्रिया में ज्यादा विलंब नहीं किया जाना चाहिए। टैट पास कर चुके राकेश कुमार तर्क देते हैं कि जब संजय मोहन का नाम एफआइआर में है ही नहीं तो फिर उनके खिलाफ आरोप पत्र कैसे दाखिल किया जा सकता है। इसलिए नई सरकार विवेक से काम ले और इस परीक्षा को निरस्त करने के बजाय केवल दोषियों के विरुद्ध कदम उठाये। सुधीर मिश्र कहते है कि सपा सरकार को इतना बड़ा जन समर्थन मिलना यह सिद्ध करता है कि प्रदेश शिक्षित बेरोजगारों ने उन्हें अपना मत दिया है। टीईटी के द्वारा शिक्षितों का सही मूल्यांकन किया गया है अत: अगर मुख्यमंत्री इस प्रक्रिया को नियुक्त की मंजूरी देते है तो यह उनके कुशल नेतृत्व का परिचायक होगा। टीईटी पास कर चुके सूयप्रकाश शर्मा, नेत्रपाल सिंह, विमलेश शाक्य, इप्फत परवीन, रामबृज आदि ने शीघ्र नियुक्ति कराने की मंाग की है।

News : Jagran (17.4.12)

RTE / UPTET Lakhimpur Kheeree : बच्चों के अधिकार की मंजिल अभी दूर


RTE / UPTET Lakhimpur Kheeree : बच्चों के अधिकार की मंजिल अभी दूर

विभाग ने 509 करोड़ रुपये की भेजी डिमांड
1140 जूनियर स्कूलों में 840 विज्ञान शिक्षकों का टोटा
लखीमपुर खीरी। शिक्षा का अधिकार कानून भले ही लागू हो गया, लेकिन बच्चों के अधिकार अभी मंजिल से दूर हैं। वजह, इस कानून के अनुपालन को विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। बस पुराने ढर्रे पर ही बेसिक शिक्षा विभाग चल रहा है। स्कूलों में बुनियादी जरूरतों का टोटा बना हुआ है। हालांकि कमियों को दूर कर बुनियादी सुविधाओं को जुटाने के लिए 509 करोड़ रुपये की डिमांड शासन से की है।
कानून लागू होने के बाद भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की भारी कमी पहले से है। टीईटी गतिरोध के चलते जिले को छह हजार शिक्षक नहीं मिल सके हैं। जिले के 1140 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक विज्ञान शिक्षक की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी थी, लेकिन 300 विज्ञान विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं। इस कारण 840 विद्यालयों में विज्ञान शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा सकी है। मानकों की बात करें तो प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो और उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षकों की तैनाती की जानी है। 151 बच्चों की संख्या पर एक हेडमास्टर का पद सृजित होगा। अन्य विषयों की बावत अभी विभाग को दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं
बीएसए देवकी सिंह ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षकाें की पहले से ही कमी है। प्राथमिक विद्यालय में तैनात विज्ञान शिक्षकाें को प्रमोट कर जूनियर स्कूलों में भेजा जा चुका है। नई तैनाती होने के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो सकेगी।

News : Amar Ujala (18.4.12)

UPTET Raebareli : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख


UPTET Raebareli : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख


रायबरेली। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर जिले के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगी। शहीद चौक पर जुटे इन अभ्यर्थियों ने सफेद शर्ट पहन रखी थी और गले में टीईटी का प्रमाणपत्र भी लटका रखा था। कई दफ्तरों में भीख मांगी और फिर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शहीद चौक पर जुटे अभ्यर्थियों की पहले सभा हुई। इसमें मोर्चा के जिलाध्यक्ष शशांक त्रिवेदी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार हमारे साथ न्याय नहीं करती है और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र नहीं शुरू करती है तो हम सभी टीईटी धारक ईंट से ईंट बजा देंगे। अवध किशोर ने कहा कि आज प्रत्येक टीईटी उत्तीर्ण धारक जोश में है। इसलिए समय रहते प्रदेश सरकार को चेत जाना चाहिए। सभा के बाद हरिमोहन एवं अभिषेक के प्रस्ताव पर अभ्यर्थी हाथ में कटोरा लेकर डिग्री कॉलेज चौराहा, फायर स्टेशन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कलेक्ट्रेट, कोषागार, डीएम कार्यालय व विकास भवन में भीख मांगने निकले। इन्होंने भीख के साथ न्याय का आशीर्वाद भी मांगा। एसपी ने जहां मांगों का समर्थन किया, वहीं डीएम ने मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। अभ्यर्थियों ने मुख्य विकास अधिकारी से भी मुलाकात की। उन्होंने भी ज्ञापन को शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिया। इस अवसर पर सुमन सिंह, गीता, वंदान, नेहा, अर्चना, रोहित, इमरान, रामेंद्र, राम विलास व अन्य लोग मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (18.4.12)

UPTET : टीईटी के रिजल्ट पर आज हो सकता है फैसला


UPTET : टीईटी के रिजल्ट पर आज हो सकता है फैसला

लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 के रिजल्ट पर फैसला बुधवार को होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने हाई पावर कमेटी की बैठक बुलाई है। इसमें टीईटी जांच रिपोर्ट को रखा जाएगा। गौरतलब है कि टीईटी में धांधली का आरोप है। रमाबाई नगर की पुलिस को जांच में भारी गड़बड़ी मिली थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मिला था। उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। बताया जाता है कि मुख्य सचिव बुधवार को बैठक के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देंगे।

News : Amar Ujala (18.4.12)

Tuesday, April 17, 2012

UPTET : TET Candidates Contribution and Expenditure Details to Hire Advocate Mr. Ashok Khare


UPTET : TET Candidates Contribution and Expenditure Details to Hire Advocate Mr. Ashok Khare

प्रेषक: admin <bedtopper@gmail.com>
दिनांक: 17 अप्रैल 2012 3:53 pm
विषय: recipt of fess given to mr ashok khare
प्रति: muskan24by7@gmail.com
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UPTET : टीईटी बेरोजगारों ने सुनाया दर्द


UPTET : टीईटी बेरोजगारों ने सुनाया दर्द

घोसी (मऊ) : बुलंदशहर एवं संत कबीरदास नगर में टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण दो अभ्यर्थियों की मौत ने परीक्षा उत्तीर्ण अन्य युवाओं को उद्वेलित कर दिया है। जनपद मुख्यालय के जीवन राम हास्टल से साइकिल यात्रा निकाल इन युवाओं ने घोसी में उपजिलाधिकारी ईश्वर चंद्र बरनवाल को मंगलवार को ज्ञापन सौंपा।

पांच माह पूर्व शासन के निर्देश पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गयी। परिणाम आने के साथ ही धांधली का ऐसा आरोप-प्रत्यारोप प्रारंभ हुआ कि अब तक उहापोह की स्थिति है। इस समूचे घटनाक्रम में ठगे से है परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके युवा। वादे के अनुसार नियुक्ति न होने को लेकर इन युवाओं ने 'हमारा दोष क्या' जैसा सवाल शासन तक उठाया पर बात न बनी। इस बीच परीक्षा उत्तीर्ण बुलंदशहर निवासी महेन्द्र सिंह की गत मार्च एवं इस माह संत कबीर नगर निवासी अंगद चौरसिया की मौत हो गयी। नियुक्ति न होने से अवसाद में डूबकर मौत होने का मुद्दा उठाते हुए जनपद के टीईटी बेरोजगारों ने जिला मुख्यालय स्थित जीवन राम हास्टल से चेतना रैली के रूप में साइकिल जुलूस निकाला। स्थानीय नगर में ब्लाक सभागार में आयोजित तहसील दिवस में उपस्थित उपजिलाधिकारी ईश्वर चंद्र बरनवाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में दीनदयाल यादव, सुनील गावस्कर, राजीव यादव, राम विलास चौहान, वीरेन्द्र भारती, संजय भारती, रवि कुमार, सुनील कुमार, पवन कुमार गुप्त, अभिमन्यु त्रिपाठी,रामविजय एवं मुहम्मद असलम आदि सैकड़ों युवक रहे।

News : Jagran (17.4.12)

UPTET : टीईटी : छूट का प्रावधान, फिर क्यों फरियाद? - नूरा कुश्ती


UPTET : टीईटी : छूट का प्रावधान, फिर क्यों फरियाद? -  नूरा कुश्ती 

सहारनपुर: कई राज्यों में टीईटी प्रक्रिया परवान नहीं चढ़ सकी है। केवल उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार से मार्च 2015 तक बीएड डिग्रीधारकों के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है, जबकि टीईटी एक्ट में नियमों को शिथिल कर भ‌र्त्ती का अधिकार राज्य सरकार के पास है। नियमों के उलटफेर में उलझी प्रक्रिया के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह् लग रहा है।

प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की भ‌र्त्ती के मानक तैयार करने के लिए एनसीटीई द्वारा टीईटी को अनिवार्य किया गया है। हालांकि इसे पात्रता परीक्षा की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन साथ ही राज्य सरकारों को छूट दी गई है कि वह इसके आधार में बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश में तत्कालीन बसपा सरकार ने टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक नियुक्ति का आधार बना दिया था। कई पेचों में उलझी यह प्रक्रिया अभी तक लटकी है।

कई राज्यों में उलझी है प्रक्रिया

टीईटी से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक कई राज्यों में परवान नहीं चढ़ सकी है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में पैरा टीचर्स को लेकर मामला फंसा है। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड व छत्तीसगढ़ आदि में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। बताया जाता है कि एक जनवरी 2012 तक टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों की शिक्षक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अधिकांश राज्य पूरी नहीं कर सके हैं। उत्तर प्रदेश में कानूनी पेंच व घोटाले के भंवर में मामला फंसा है।

एक्ट में छूट का प्रावधान!


विभागीय सूत्रों के मुताबिक एनसीटीई द्वारा बनाए गए टीईटी एक्ट में राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि वह 31 मार्च 2015 तक शिक्षकों की भ‌र्त्ती करने के लिए नियमों को शिथिल कर सकती है। बताते हैं कि किसी भी राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से बीएड डिग्रीधारकों के लिए टीईटी को और समय देने का अनुरोध नहीं किया है। केवल उत्तर प्रदेश ने केन्द्र सरकार से 31 मार्च 2015 तक समय बढ़ाने की फरियाद की है। बहरहाल सवाल पैदा होता है कि क्या प्रदेश में टीईटी एक्ट के प्रावधानों को समझने में नासमझी हुई है? या फिर मामले को उलझाने के लिए यह सब नूरा कुश्ती चल रही है।

News : Jagran (16.4.12)

UP Board / UPTET : फर्जी पंजीकरण में शिकंजा कसा, 17 अफसर आैर 55 बाबू जांच में फंसे, होगी कार्रवाई


UP Board / UPTET : फर्जी पंजीकरण में शिकंजा कसा, 17 अफसर आैर 55 बाबू जांच में फंसे, होगी कार्रवाई

इलाहाबाद। प्रदेश के 32 जिलों में डीआईओएस दफ्तर और क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात 55 बाबुओं को अगले कुछ दिनों में आरोप पत्र थमाया जा सकता है। इलाहाबाद, चित्रकूट, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर, झांसी, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, आजमगढ़ मंडलों से जुड़े 17 अधिकारियों को भी नोटिस जारी हो सकता है। अफसरों, बाबुओं पर पंजीकरण में फर्जीवाड़े का आरोप है।

हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा में डेढ़ लाख से अधिक फर्जी छात्रों को शामिल कराने को लेकर उनके खिलाफ जांच चल रही है। आरोप है कि जिन विद्यालयों में पंजीकरण में गड़बड़ी की गई, उनमें से कुछ के प्रबंधक, संचालक अफसरों के परिजन ही हैं। फर्जी पंजीकरण के दोषी अधिकारियों, बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुद मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बताया गया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों ने सीएम को पत्र भेज पंजीकरण में भारी घपले का आरोप लगाया था। सीएम के निर्देश पर जांच के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने पिछले वर्ष के पंजीकरण, परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्रों की संख्या और स्कूलों की तरफ से खुद केबारे में दिए गए विवरण की पड़ताल की। अधिकारियों का कहना है कि टीईटी के कारण यूपी बोर्ड के अधिकारी, बाबू मुख्य परीक्षा की तैयारियों पर ध्यान नहीं दे सके। जांच में लगे एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इलाहाबाद, वाराणसी और मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से जुड़े जिलों में गड़बड़ियां पाई गई हैं

News : Amar Ujala (17.4.12)

RTE (Right To Education Act) : महज सपना बनकर न रह जाए शिक्षा का अधिकार



RTE (Right To Education Act) : महज सपना बनकर न रह जाए शिक्षा का अधिकार



•न्‍यूपा के सर्वेक्षण के मुताबिक सभी स्कूलों में सुविधाओं की भारी कमी
•मुफ्त-अनिवार्य शिक्षा देने के लिए करनी होगी सरकारों को बड़ी कसरत


नई दिल्ली। चौदह साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने के कानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट ने भले ही जारी रखा हो लेकिन राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) के ताजा अध्ययन के मुताबिक देश के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में सुविधाओं का इतना अभाव है कि गरीब वर्ग को शिक्षा का अधिकार मिलना किसी सपने से कम नहीं लग रहा। न्यूपा के मुताबिक स्कूलों में क्लास-रूम, पानी, शौचालय, फर्नीचर और तकनीकी शिक्षा अध्यापकों की भारी कमी है।

देश के प्रति प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अनुमानित तौर पर महज 4.6 प्रतिशत कमरे ही हैं। स्कूलों लड़कों के 42.59 और लड़कियों के 60.28 प्रतिशत शौचालय ऐसे है जो काम नहीं कर रहे। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 62.61 प्रतिशत स्कूलों में ही आम शौचालय (लड़का-लड़की दोनों के लिए) हैं। इनमें से सिर्फ 72 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा पूरे देश में प्रति स्कूल अध्यापकों का प्रतिशत 4.7 है। यह सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर पेश किया गया है जो एक एनजीओ की ओर से उठाई गई मांगों पर तलब किया गया था। जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों से भी जवाब मांगा है

अध्यापकों के मुद्दे को छोड़ दिया जाए तो मूल सुविधाओं के मसले पर सभी सरकारें अदालत में इस बाबत राज्य में कार्य को गति देने की बात कह चुकी हैं। एनजीओ के अधिवक्ता रविंदर बाना का कहना है कि न्यूपा की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि राज्यों की ओर से महज कागजों पर ही स्कूलों को सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
सिर्फ 19 फीसदी स्कूलों में दी जा रही कंप्यूटर शिक्षा

न्यूपा ने अपने सर्वेक्षण में सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त, सरकारी और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं का राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग ब्यौरा दिया है। सरकारी स्कूलों में तकनीकी शिक्षा देने के दावे भी इस सर्वेक्षण से खोखले साबित होते हैं। देश के महज 18.70 प्रतिशत स्कूलों में ही कंप्यूटर की शिक्षा उपलब्ध है। इनमें से भी मात्र 82 प्रतिशत कंप्यूटर ही काम करते हैं। 45 प्रतिशत स्कूलों में चहारदीवारी तक नहीं है, जबकि 43.14 प्रतिशत स्कूलों को ही बिजली का कनेक्शन हासिल है। रिपोर्ट में खुशी की खबर बस यह है कि स्कूलों में सुविधाओं का स्तर भले ही गिर रहा हो, लेकिन छात्रों की संख्या दिन-दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। सर्वेक्षण के मुताबिक 2010 में कक्षा एक से पांच तक में 18 लाख छात्रों की संख्या बढ़ी है।



News : Amar Ujala (17.04.12)
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‘अभिभावकों पर बोझ नहीं डालेंगे स्कूल’
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा के अधिकार को संवैधानिक रूप से अनिवार्य करने के बाद सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों को संकेत दे दिए हैं कि वे फीस बढ़ा कर विद्यार्थियों के अभिभावकों पर बोझ नहीं डाल सकते। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत सरकार से सहायता पाने वाले निजी स्कूलों को अपनी 25 प्रतिशत सीटें छह से 14 साल तक के गरीब बच्चों को मुफ्त देना होंगी।
एक टीवी कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार स्कूलों के साथ मिल बढ़े खर्च का विश्लेषण करेगी और राह निकालेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 12वीं पंचवर्षीय योजना में आरटीई के लिए कई परियोजनाएं हैं। सरकार आरटीई को पूरी तरह लागू करने के लिए अगले पांच साल में 2.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसमें सब कुछ ठीक हो जाएगा। इसके लिए निजी स्कूलों को अपने अन्य संसाधनों को खंगालना होगा।
सिब्बल ने कहा कि कारपोरेट जगत में कई संस्थाएं अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आ रही हैं। उनकी मदद आरटीई में ली जा सकती है। अत: स्कूलों के पास कई रास्ते हैं कि वे बढ़े खर्चों को अभिभावकों के कंधे पर न डालें। बोर्डिंग स्कूलों को आरटीई के दायरे से क्यों बाहर खा गया? इस पर उन्होंने कहा कि वहां का माहौल पूरी तरह अलग है और वे कक्षा छह से शुरू होते हैं। एजेंसी
लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार के पास इन्हें आरटीई दायरे में लाने की कुछ सकारात्मक योजनाएं रहीं, तो विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ रही है। इसे पाटने की आवश्यकता है। सिब्बल के अनुसार सरकार के लिए संभव नहीं कि हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा दे सके, इसलिए सरकारी सहायता पाने वाले निजी स्कूलों को इस दिशा में साथ लिया गया है। शिक्षा की तरह समान स्वास्थ सेवाएं भी मुहैया कराने की दिशा में क्यों काम नहीं हो रहा, तो उन्होंने कहा कि यह देखना स्वास्थ्य मंत्री का काम है। (एजेंसी)

News : Amar Ujala

Monday, April 16, 2012

UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडल मार्च



UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडल मार्च


मुरादाबाद। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने टीईटी परीक्षा को निरस्त करने की सरकार की मंशा के विरोध में अंबेडकर पार्क से कैंडल जुलूस निकाला। इन्होंने मुख्य सचिव को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कहा कि टीईटी की परीक्षा लगभग दस लाख परीक्षार्थियों ने दी। आरोप है कि इसमें 4500 ने व्हाईटनर का प्रयोग किया। यह कुल परीक्षार्थियों का एक प्रतिशत भी नहीं है। फिर भी इसे आधार बनाकर परीक्षा निरस्त कराने की चर्चा है। यह अन्य के साथ अन्याय है। ज्ञापन में टीईटी परीक्षा के साथ न्याय से कार्रवाई करने व उत्तीर्ण परीक्षार्थियों का शीघ्र समायोजन कराने की मांग की है।

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टीईटी पास अभ्यर्थियों ने कैंडल मार्च निकाला

•डीएम को ज्ञापन नियुक्ति की मांग
रामपुर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बढ़ते अवसाद से हुई दो लोगों की मौत पर शोक जताया। कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ईटीई उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए। उन्हंोंने कैंडिल मार्च निकाला। अवसाद से मरने वालों को श्रद्धांजलि दी। डीएम के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, इसमें कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पांच महीने से भर्ती प्रक्रिया के लंबित होने से मानसिक अवसाद में जी रहे हैं। दो अभ्यर्थी संत कबीरनगर के अंगद चौरसिया और बुलंदशहर के महेंद्र सिंह की मौत हो गई। शीघ्र हस्तक्षेप कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की। इस मौके पर अख्तर अली, गुरपाल सिंह, महेंद्र पाल, संजीव, सुनील सिंह, मुहम्मद सलीम, रेहान रजा खां, जयसिंह राजपूत, शंकर लाल, बादाम सिंह, राजीव सक्सेना मौजूद रहे।
दूसरी तरफ भारत समाज सेवा समिति के मुरादाबाद मंडल के अध्यक्ष बनै सिंह ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर टीईटी पास अभ्यर्थियों की जिलेवार सूची जारी करने की मांग की।
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UPTET Sambhal : कैंडिल मार्च से श्रद्धांजलि

•टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग
•इस मुद्दे पर हुई थी दो की मौत
संभल। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में शीघ्र नियुक्ति शुरु करने की मांग की गई। परीक्षा निरस्त होने की सूचना पर दो अभ्यर्थियों की मौत पर कैंडिल मार्च निकालकर श्रद्धांजली दी गई। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग की गई।
नगर के शहीद भगत सिंह पार्क में संपन्न टीईटी पास अभ्यर्थियों की बैठक में टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग करते हुए विज्ञापन के अनुसार शिक्षकों की भर्ती शुरु कराने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। भर्ती प्रक्रिया में देरी होने से अभ्यर्थी घोर मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। टीईटी पास करने वाले कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनकी आयु सीमा समाप्त होने वाली है। यदि भर्ती रद्द होती है, तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसके बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त होने की सूचना पर आनंद चौरसिया एवं महेंद्र नामक टीईटी पास अभ्यर्थियों को श्रद्धांजली देते हुए भगत सिंह पार्क से कैंडिल मार्च निकाला। जो चंदौसी चौराहा होते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी कार्यालय में देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया। इसमें महिपाल सिंह, मुहम्मद तसलीम, मिनजार उल्ला खां, जावेद अख्तर, अंशुल सक्सेना, अमित गुप्ता, अफजल हुसैन, तौकीर अहमद, कमल सिंह, नरेश कुमार, मोनू, गुफरान अहमद, हरमेश कुमार, सुनील कुमार, प्रवीण कुमार, ओमवीर सिंह, प्रेमपाल सिंह, मुहम्मद हिलाल, मुहम्मद अजीम, फहीम बाबू, दानिश अली, महफूज हुसैन आदि मौजूद थे।
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UPTET Saharanpur : शिक्षक बनने तक जारी रहेगा संघर्ष

सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की ओर से गांधी पार्क में रविवार को हुई बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि वे जिंदगी रहने तक टीचर बनने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
मोर्चा के संयोजक संजय कुमार और मनोज यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया में शामिल दो अभ्यर्थियों बुलंदशहर निवासी महेंद्र सिंह और संत कबीरनगर निवासी अंगद चौरसिया की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पता चला है कि टीईटी की चयन प्रक्रिया को लेकर बार बार हो रहे अवरोधों के कारण ये अभ्यर्थी काफी आहत थे। इसके चलते ही उनकी जान चली गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को ऐसी घटनाओं के बाद टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य के बारे में जल्द ही निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में संरक्षक प्रदीप धीमान, प्रदीप पोडवाल, विनय, शराफत अली आदि मौजूद थे।

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UPTET Merrut : कैंडल मार्च निकाला

मेरठ। प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लंबित होने से बढ़ते अवसाद में हुई दो अभ्यर्थियों की मौत का विरोध बढ़ता जा रहा है। इन्हें श्रद्धांजली देने के लिए रविवार को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने अंबेडकर चौराहे से कमिश्नरी चौराहे तक कैंडल मार्च निकालकर रोष जताया। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा टीईटी को जल्द लागू करने की मांग भी की। गुलजार, राजकुमार, योगेश, किरण, देवेंद्र थे।
मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण की योजनाओं को कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। एमडीए वीसी तनवीर जफर ने बताया कि 18 अप्रैल को कमिश्नर के समक्ष अब तक जारी योजनाओं की मौजूदा स्थिति को रखा जाएगा।



शिक्षक भर्ती शुरू करने को भेजा पत्र
मेरठ(ब्यूरो)। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लंबित होने के कारण कुछ अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा। टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों ने पत्र के माध्यम से शिकायत करते हुए कहा, अगर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई तो अन्य अभ्यर्थियों के साथ दुर्घटना हो सकती है। मालूम हो, पिछले दिनों टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंगद चौरसिया व महेंद्र सिंह की अवसाद से मृत्यु हो गई थी। इसी के चलते अभ्यर्थियों ने यह कदम उठाते हुए भर्ती शुरू करने की गुहार की। पत्र की प्रति राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है।

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टीईटी उत्तीर्ण छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च
मुजफ्फरनगर(ब्यूरो)। टीईटी उत्तीर्ण छात्र भर्ती प्रक्रिया में लेटलतीफी से काफी नाराज हैं। रविवार को सैकड़ों छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। रविवार को टीईटी उत्तीर्ण छात्र टाउनहाल पर एकत्र हुए। यहां से छात्रों ने शहर में कैंडल मार्च निकाला। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर शीघ्र ही भर्ती किए जाने की मांग की है। अंगद चौरसिया, महेंद्र सिंह आदि छात्रों की मृत्यु पर शोक प्रकट किया है। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी हरेंद्र मलिक और बलकेश चौधरी ने बताया कि आगे की रणनीति तय करने को टाउन हॉल में बैठक दुपहर एक बजे होगी। उस्मान, नैनपाल, संजीव बालियान, अमित बालियान, संजय राजपूत, नितिन सैनी, सुरेंद्र प्रजापति, राजीव कुमार आदि मौजूद थे।

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News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Chitrakoot : साथी की याद में कैंडिल मार्च


UPTET Chitrakoot : साथी की याद में कैंडिल मार्च


कैंडल मार्च निकालते टीईटी अभ्यर्थी
Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates

चित्रकूट। रविवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने कैंडिल मार्च निकाल कर संत कबीर नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंगद चौरसिया की मृत्यु पर श्रद्धांजलि दी। कैंडिल मार्च के पहले हुई श्रद्धांजली सभा में सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा।
मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चंद्रभूषण पटेल व जिला कोषाध्यक्ष विमल गुप्ता व रवि ने कहा कि उप्र की सरकारें तो बदले की भावना से काम करती हैं इसके पहले माया सरकार ने भी पुलिस की भर्ती को निरस्त कर दिया था। लेकिन अंतत: नुकसान तो जनता का ही होता है। मोर्चा के अध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि इसी तरह से बुलंदशहर के टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ने हताशा में ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश की लेकिन विधाता ने उनके दोनो पैर ही ले लिए। अंगद को भी तनाव था। आलोक कुमार ने कहा कि सरकारें चेत नहीं रही हैं। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है लेकिन सरकारें भरना नही चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों का यह रवैया आने वाली कई पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। सभा में मोर्चा के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर शोक संतप्त परिवारों को संबल देने के लिए प्रार्थना किया। कैंडिल मार्च में आभास माथुर, जयप्रकाश, रामहित, दयाशंकर, बुद्धविलास, भानु प्रताप, पुष्पराज, वीरेंद्र, सुशील, त्रिभुवन, भरत, विनय, राम स्वरूप, आलोक रहे।
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UPTET Kanpur: कैंडिल मार्च निकालकर शोक जताया

अकबरपुर कस्बे में कैंडिल मार्च निकालते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

रमाबाई नगर। टीईटी उत्तीर्ण छात्रों ने संत कबीर नगर और बुलंद शहर में हुई साथियों की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त कर कैंडिल मार्च निकाला। मार्च के माध्यम से आवेदकों ने घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नौकरी की भी मांग की है।
रविवार को अकबरपुर स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शोक संवेदना व्यक्त की। सुधाकर अवस्थी ने कहा कि अंगद चौरसिया निवासी संत कबीर नगर, महेंद्र सिंह निवासी बुलंद शहर नौकरी न मिलने से मानसिक तनाव में आ गए थे।
इससे उनकी मौत हो गई। वह सब भी मानसिक तनाव में हैं। सरकार उनके हितों पर ध्यान नहीं दे रही है। मृत साथियों की आत्म शांति के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कैंडिल मार्च निकाला। इस मार्च में अमित, सुशील सविता, मनीष तिवारी, ललित द्विवेदी, रविशंकर, अंचल, अभय, अखिलेश, प्रदीप, गौरव, रंजना तिवारी, शिवशंकर शर्मा आदि मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Raibareli : जल्द शुरू हो शिक्ष्‍ाक भर्ती प्रकि्रया, बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने देरी पर जताया रोष्‍ा



UPTET Raibareli : जल्द शुरू हो शिक्ष्‍ाक भर्ती प्रकि्रया, बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने देरी पर जताया रोष्‍ा


रायबरेली में रविवार को विकास भवन परिसर में बैठक के दौरान नारेबाजी करके टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी।
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रायबरेली। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा की रविवार को विकास भवन में बैठक हुई। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू न किए जाने पर आक्रोश जताते हुए प्रदेश सरकार को चेतावनी दी। कहा कि यदि अन्याय किया गया तो संघर्ष का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।

अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष शशांक त्रिवेदी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र न प्रारंभ की गई तो हक पाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। जावेद उस्मानी ने कहा कि किसी भी कीमत पर अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की प्रदेश में दो लाख से अधिक संख्या है। ऐसे में किसी भी तरह का उत्पीड़न प्रदेश सरकार को भारी पड़ सकता है। अवध किशोर मिश्र ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री युवा हैं, उन्हें बेरोजगाराें का दर्द पता होना चाहिए। बार-बार कोई न कोई अड़चन डाला जा रहा है। तकनीकी सहायक रामेंद्र, सतीश ने कहा कि संगठन को प्रदेश में भर में मजबूत किया जाएगा। अंत में टीईटी उत्तीर्ण अंगद चौरसिया और महेंद्र के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर राजकुमार, जितेंद्र, निशा, विकास, वंदना, ऊषा मौजूद रहे।
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टीईटी छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च
ललितपुर। टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों व सदस्यों ने संत कबीरदास नगर के अंगद चौरसिया एवं बुलंदशहर के महेंद्र की मानसिक अवसाद की वजह से मौत होने के शोक में कैंडिल मार्च निकाला।
इससे पहले बैठक कर पदाधिकारियों ने दोनों छात्रों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की। कहा कि सरकार ने सही समय पर टीईटी की भर्ती कर दी होती तो शायद उनके परिवार को यह दिन नहीं देखने पड़ते। दोनों छात्रों के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद सभी ने कंपनी बाग से घंटाघर प्रांगण तक कैं डिल मार्च निकाला। इस मौके पर अनुराग शर्मा, आलोक श्रीवास्तव, राहुल तिवारी, राजेंद्र राठौर, नीलेश पुरोहित, महेश बबेले, मनोज, अजय, अमित, अंतिम, सुबोध, मनीष, आनंद, सुबोध बबेले, दीपक आदि उपस्थित रहे।


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News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Maharajganj : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडिल मार्च



UPTET Maharajganj : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडिल मार्च


•प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
•जल्द तैनाती नहीं होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी 
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महराजगंज। टीईटी अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर रविवार को कैंडिल मार्च निकाला। इसमें प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त करने की मांग की गई।
टीईटी उत्तीर्ण एक संघर्ष मोर्चा संघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीईटी पास अभ्यर्थी बीआरसी सदर परिसर में जुटे। वहां से जिला मुख्यालय तक कैंडिल मार्च निकाला। इसमें कहा गया कि हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने ब्याज पर ऋण लेकर परीक्षा दिया और फार्म भरा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि शासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक स्कूलों में जल्द नियुक्ति करे। जिला महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा। इस मौके पर राजकुमार पटेल, अवधेश, राजकुमार विश्वकर्मा, अखिलेश पटेल, रणजीत सिंह, विनय शंकर, प्रवीण, हरिप्रकाश गुप्ता, त्रिभुवन नाथ, मनोज प्रजापति, शेषमणि वर्मा, अमरेश वर्मा, राधेश्याम गौतम, जितेन्द्र सिंह, सुनील, दिलीप और विजय आदि मौजूद रहे।


News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET : टीईटी आवेदक अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे


UPTET : टीईटी आवेदक अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे



•समस्या का समाधान न होने से नाराजगी
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कसया। टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा की बैठक जूनियर हाईस्कूल कसया में शनिवार को हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि टीईटी आवेदकों की समस्याओं का निदान कराने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
अध्यक्षता कर रहे संगठन के फाजिलनगर ब्लाक अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों की दिक्कत पर सरकार गंभीर नहीं है। ऊहापोह की स्थिति के चलते अब तक दो आवेदकों की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं बचा है। बैठक में महेश सिंह, मोविन सिद्दीकी, शंभूनाथ चौहान, योगेंद्र शर्मा, अरुणेश चौबे, व्यास सिंह, मनोज यादव, हरिद्वार सिंह, आबिद अली, क्षमा गुप्ता, आदित्य पांडेय, सत्या, मधुबाला, रश्मि त्रिपाठी समेत अन्य लोग भी मौजूद थे।



News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET : टीईटीः दो अभ्यर्थियों की शहादत पर श्रद्धांजलि, अभ्यर्थियों ने जलाई कैंडिल


UPTET : टीईटीः दो अभ्यर्थियों की शहादत पर श्रद्धांजलि, अभ्यर्थियों ने जलाई कैंडिल

शीघ्र नियुक्ति नहीं हुई तो आमरण अनशन

गोरखपुर। टीईटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण लखनऊ में हुए अनशन के दौरान दो अभ्यर्थियों की मृत्यु के लिए अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पंतपार्क में हुई बैठक के बाद शाम छह बजे अभ्यर्थियों की शहादत पर टाउनहाल गांधी प्रतिमा के समक्ष कैंडिल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई ।
टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को टाल रही है। इसके सदमे में आकर अभ्यर्थी मौत के गाल में समाते चले जा रहे हैं। दो अभ्यर्थियों अंगद चौरसिया और महेंद्र कुमार की शहादत ने मजबूत बना दिया है। समय रहते यदि सरकार नहीं चेती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने किया कि प्राथमिक विद्यालयों में चार लाख शिक्षकों के पद खाली है। यदि शीघ्र नियुक्ति नहीं हुई तो प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर आमरण अनशन किया जाएगा। इस अवसर पर शिवम श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार सिंह ‘प्रभुजी’, आनंद कुमार, शंभू यादव, प्रभात शुक्ल, मनोज चौबे, कुसुम पांडेय, संतोष शर्मा, सुरेश मद्देशिया, सहित कई लोग उपस्थित रहे ।


News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Shanjapur : कैंडिल मार्च निकालकर दी साथियों को श्रद्धांजलि



UPTET Shanjapur : कैंडिल मार्च निकालकर दी साथियों को श्रद्धांजलि
टीईटी संघर्ष मोर्चा ने उठाई भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने की मांग




खिरनीबाग के रामलील मैदान में जुटे



Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates


शाहजहांपुर। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा ने संत कबीर नगर और बुलंदशहर के दो साथियों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कैंडिल मार्च निकालकर शोक संवेदना व्यक्त की।
मोर्चा के अध्यक्ष सतीश सिंह और महामंत्री मनोज शर्मा के नेतृत्व में तमाम टीईटी धारक रविवार शाम खिरनीबाग स्थित रामलीला मैदान में एकत्र हुए। वहां उन्होंने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर संत कबीर नगर के अंगद चौरसिया और बुलंदशहर के महेंद्र सिंह के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की और पिछले कई माह लंबित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग भी उठाई।
इसके बाद सभी ने बैनर के साथ कैंडिल मार्च निकाला, जो सदर बाजार होते हुए शहीद उद्यान में खत्म हुआ। यहां सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
श्रद्धांजलि सभा और कैंडिल मार्च में सिकंदर अली, संतोष पाल, लईक अहमद, हसीब, अमित कश्यप, हरि किशोर दीक्षित, राहुल प्रियदर्शी, प्रेमपाल, विनोद, दीप जोशी, योगेंद्र शुक्ला, रोहित सक्सेना, रवींद्र वर्मा आदि शामिल रहे।



News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Firozabad : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडल मार्च


UPTET Firozabad : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडल मार्च

•सरकार से भर्ती प्रक्रिया पर ठोस कदम उठाने की मांग
 Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates
फीरोजाबाद। अपने साथियों की मृत्यु की आत्म शांति तथा उनके परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने के साथ टीईटी भर्ती प्रक्रिया पर सरकार द्वारा जल्द निर्णय लेने की मांग को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को कैंडल मार्च निकाला।

यूपीटीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गांधी पार्क से आरंभ कैंडल मार्च में अभ्यर्थियों के हाथ में जलती मोमबत्ती और चेहरे पर प्रदेश सरकार के खिलाफ गुस्सा झलका। गांधी पार्क, छिंगामल बाग, सिनेमा चौराहा, सदर बाजार होते हुए अभ्यर्थियों का जुलूस घंटाघर चौराहा पर संपन्न हुआ। इस मौके पर संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धर्मवीर भारती ने कहा उनके दो साथी संत कबीर नगर निवासी अंगद चौरसिया और बुलंदशहर निवासी महेंद्र की मौत टीईटी भर्ती प्रक्रिया में विलंब की वजह से हुई है। मानसिक तनाव अभ्यर्थियों पर हावी हो गया है। अपने अंधकारमय भविष्य के प्रति चिंतित अभ्यर्थियों की सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है। लिहाजा अब आंदोलन के लिए उतारू होना पड़ रहा है। उन्होंने साथियों के अभिभावकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ टीईटी भर्ती प्रक्रिया में ठोस और सकारात्मक कदम उठाने की मांग उठाई। इस अवसर पर अमित कुमार, अंबरीश शर्मा, महेश पासवान, मुकेश पिटौरा, अनुज कुमार आदि कई अभ्यर्थी मौजूद रहे।


News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET STAY TILL 30-4-2012


UPTET STAY TILL 30-4-2012


Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Arun Tandon,J.
In view of the order of the Division Bench of this Court dated
06.04.2012 passed in Appeal (Defective) No. 280 of 2012, let all
these matters be listed as the first case at 2 PM under the heading
of case for hearing on 30th April, 2012.
Interim order, if any, to continue till the next date of listing.
Order Date :- 13.4.2012

Shekhar

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1795385 
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक पर सुनवाई अब 30 अपै्रल को होगी। यह मामला न्यायमूर्ति अरुण टण्डन की अदालत में चल रहा है। मालूम हो कि सहायक अध्यापकों के भर्ती के लिए जारी विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी गयी है। कहा गया कि जारी विज्ञापन को बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया है, जबकि विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को विज्ञापन जारी करना चाहिये, क्योंकि बीएसए ही नियुक्ति प्राधिकारी है। न्यायालय ने पूर्व में ही स्थगन आदेश पारित किया था, यह विज्ञापन टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए थी।

UPTET : CM Demanded from PM , B. Ed candidates recruitment for primary level upto 31 March 2015



बीएड धारकों को मिले छूट 31 मार्च, 2015   तक 
(UPTET : CM Demanded from PM , B. Ed candidates recruitment for primary level upto 31 March 2015 )

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 15 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी, 2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है।


See Here for info :  http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=57 (Page 4)

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यूपी के विकास में भूमिका निभाए केंद्र


नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में महीने भर पहले बदली सरकार और मुख्यमंत्रियों में फर्क का एहसास शनिवार को शायद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी हुआ हो। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तैयारी के साथ दिल्ली आए। 80 हजार करोड़ के एकमुश्त पैकेज की पिछली सरकार की गोलमोल मांग से ठीक विपरीत अखिलेश के पास एक नपी-तुली फेहरिस्त थी। जिसके आधार पर प्रदेश के विकास में केंद्र से हिस्सेदारी मांगी गई थी। प्रधानमंत्री ने मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने बाद में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से पहली औपचारिक मुलाकात में शनिवार को अखिलेश ने न केवल केंद्र से अपेक्षा रखी, बल्कि परोक्ष रूप से अपनी सरकार की तात्कालिक वरीयता भी स्पष्ट कर दी। प्रदेश में बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, दलितों-पिछड़ों को छात्रवृत्ति, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, कृषि, उर्वरक, शहरी सुविधाएं, पर्यटन और बुंदेलखंड व पूर्वाचल मुख्यमंत्री की सर्वोच्च वरीयता में हैं। सबके लिए ही उन्होंने केंद्र से यथोचित सहायता मांगी। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव राकेश गर्ग और अपने अन्य आला अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा-'प्रदेश के विकास से संबंधित सारे जरूरी मुद्दों पर बात हुई है। प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है।' उन्होंने पूर्वाचल में जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस के इलाज के लिए केंद्रीय मदद का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी का संक्रमणकाल शुरू होने में दो महीने ही रह गए हैं, इसलिए टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय जल्द होना चाहिए।

इलाहाबाद के कुंभ मेले के खर्च में केंद्र 30 प्रतिशत मदद देता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की मांग की है। प्रदेश में पीक ऑवर में बिजली की 2000 मेगावॉट की कमी है। मुख्य वजह कोयले की कमी है। बिजली के मद में ही उन्होंने केंद्र सरकार विश्व बैंक की क्लीन टेक्नोलॉजी फंड से पांच हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाने में मदद मांगी है। बुंदेलखंड व पूर्वाचल के पिछडे़पन को दूर करने की बाबत 13वें वित्त आयोग ने चार वर्षो के लिए 150 करोड़ की मंजूरी दी थी। इसे 300 करोड़ करने की मांग है। बुंदेलखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना में गांव की 500 की आबादी के मानक को कम करके 250 करने का सुझाव भी दिया गया है। साथ ही जेएनएनयूआरएम का फंडिंग पैटर्न बदलने की बात कही गई है। इसके अलावा आसानी से उर्वरकों की उपलब्धता के लिए गुरसहायगंज, कासगंज, सिराथू,कर्वी, बागपत, बरुवासुमेरपुर, फफूंद, राब‌र्ट्सगंज, और जरवल रोड रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्वाइंट विकसित करने की मांग की गई है।

बीएड धारकों को मिले छूट

UPTET Devaria : लड़ाई तेज करने की बनी रणनीति , टीईटी संघर्ष मोर्चा ने की टाउनहाल में बैठक



UPTET Devaria  : लड़ाई तेज करने की बनी रणनीति , टीईटी संघर्ष मोर्चा ने की टाउनहाल में बैठक

•टीईटी अभ्यर्थियों ने शांति मार्च भी निकाला
•कहा, नियुक्ति न होने पर उग्र होगा आंदोलन 

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल में हुई। इसमें अपनी मांगों को लेकर लड़ाई और तेज करने की योजना बनी। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर टीईटी अभ्यर्थियों ने शांति मार्च निकाला।

बैठक में पवन यादव ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति न होना उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है। जबकि लगभग 72 हजार शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र सरकार से पैसा आ चुका है। सरकार को तुरंत नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। अमरदेव सिंह ने कहा कि नियुक्ति में देरी से अभ्यर्थियों में निराशा की भावना घर कर रही है। इसके चलते अंगद चौरसिया और महेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है। सरकार इनके परिवारों को 10-10 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करे। शाहिद अंसारी ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं से किए वादों को पूरा करे। पूरे प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद से लाखों शिक्षकों के पद खाली हैं। अध्यक्षता करते हुए चंद्रप्रकाश ने कहा कि सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति शीघ्र शुरू करे नहीं तो अभ्यर्थी बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। संचालन संदीप कुशवाहा ने किया। बैठक से पहले दो अभ्यर्थियों की मौत पर शांति मार्च निकाला गया। इस मौके पर रत्नेश तिवारी, गोरखनाथ सिंह, अनुराग मल्ल, गौरीशंकर पाठक, चंद्र प्रकाश कुशवाहा, वेद प्रकाश चौरसिया, लवकुश, अवधेश यादव, चंद्र भूषण सिंह, राजीव गुप्ता, सतीश मिश्र, जगन्नाथ गुप्ता, विकास पांडेय, रूपेश कुमार मिश्र, पदमाकर मणि, भालेन्दुनाथ तिवारी, अमरदेव सिंह, अरविन्द यादव, हेमंत कुमार, राजेश त्रिपाठी, बृजेश कुमार सिंह, मुकेश पांडेय, मनोज कुमार, संतोष चौबे, सोमनाथ विश्वकर्मा, रघुवंश शुक्ला, प्रकाशनाथ तिवारी, राजीव दीक्षित, हरेन्द्रपुरी, दीनानाथ जायसवाल, प्रियरंजन, आशिफ अली, जयप्रकाश, अरविन्द, श्रीप्रकाश रामानंद आदि मौजूद रहे।



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