UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हताशा के शिकार
घिरोर (मैनपुरी): गत वर्ष तेरह नवम्बर को पूरे प्रदेश में करायी गयी शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी का भविष्य कोर्ट में लटका हुआ है। कोर्ट द्वारा निर्णय में विलंब से टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके लोग हताश दिखायी दे रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि गत वर्ष प्रदेश स्तर पर प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया था। इसी परीक्षा को माप दण्ड बनाकर प्रदेश भर के विभिन्न प्राइमरी स्कूलों में 72825 शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया था। परीक्षा के तत्काल बाद में धांधली और गड़बड़ी शुरू हो गयी। तीन बार परीक्षा परिणाम में हेर-फेर हुआ । कई परीक्षार्थियों के अंक घटे-बढे। अन्ततोगत्वा घोषित परिणाम के बाद माध्यमिक शिक्षा के सचिव संजय मोहन और कुछ अन्य लोग जेल गये। तब से ये मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधीन पड़ा हुआ है। मामले की सुनवाई कर रहे जज इसकी तारीखें बढ़ाते रहे हैं। किन्तु का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। चन्द्र प्रकाश मिश्र का कहना है कि टीईटी परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति सरकार का एक उचित फैसला है। अब इस प्रक्रिया में ज्यादा विलंब नहीं किया जाना चाहिए। टैट पास कर चुके राकेश कुमार तर्क देते हैं कि जब संजय मोहन का नाम एफआइआर में है ही नहीं तो फिर उनके खिलाफ आरोप पत्र कैसे दाखिल किया जा सकता है। इसलिए नई सरकार विवेक से काम ले और इस परीक्षा को निरस्त करने के बजाय केवल दोषियों के विरुद्ध कदम उठाये। सुधीर मिश्र कहते है कि सपा सरकार को इतना बड़ा जन समर्थन मिलना यह सिद्ध करता है कि प्रदेश शिक्षित बेरोजगारों ने उन्हें अपना मत दिया है। टीईटी के द्वारा शिक्षितों का सही मूल्यांकन किया गया है अत: अगर मुख्यमंत्री इस प्रक्रिया को नियुक्त की मंजूरी देते है तो यह उनके कुशल नेतृत्व का परिचायक होगा। टीईटी पास कर चुके सूयप्रकाश शर्मा, नेत्रपाल सिंह, विमलेश शाक्य, इप्फत परवीन, रामबृज आदि ने शीघ्र नियुक्ति कराने की मंाग की है।
News : Jagran (17.4.12)
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