Monday, April 16, 2012

UPTET : CM Demanded from PM , B. Ed candidates recruitment for primary level upto 31 March 2015



बीएड धारकों को मिले छूट 31 मार्च, 2015   तक 
(UPTET : CM Demanded from PM , B. Ed candidates recruitment for primary level upto 31 March 2015 )

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 15 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी, 2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है।


See Here for info :  http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=57 (Page 4)

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यूपी के विकास में भूमिका निभाए केंद्र


नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में महीने भर पहले बदली सरकार और मुख्यमंत्रियों में फर्क का एहसास शनिवार को शायद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी हुआ हो। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तैयारी के साथ दिल्ली आए। 80 हजार करोड़ के एकमुश्त पैकेज की पिछली सरकार की गोलमोल मांग से ठीक विपरीत अखिलेश के पास एक नपी-तुली फेहरिस्त थी। जिसके आधार पर प्रदेश के विकास में केंद्र से हिस्सेदारी मांगी गई थी। प्रधानमंत्री ने मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने बाद में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से पहली औपचारिक मुलाकात में शनिवार को अखिलेश ने न केवल केंद्र से अपेक्षा रखी, बल्कि परोक्ष रूप से अपनी सरकार की तात्कालिक वरीयता भी स्पष्ट कर दी। प्रदेश में बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, दलितों-पिछड़ों को छात्रवृत्ति, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, कृषि, उर्वरक, शहरी सुविधाएं, पर्यटन और बुंदेलखंड व पूर्वाचल मुख्यमंत्री की सर्वोच्च वरीयता में हैं। सबके लिए ही उन्होंने केंद्र से यथोचित सहायता मांगी। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव राकेश गर्ग और अपने अन्य आला अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा-'प्रदेश के विकास से संबंधित सारे जरूरी मुद्दों पर बात हुई है। प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है।' उन्होंने पूर्वाचल में जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस के इलाज के लिए केंद्रीय मदद का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी का संक्रमणकाल शुरू होने में दो महीने ही रह गए हैं, इसलिए टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय जल्द होना चाहिए।

इलाहाबाद के कुंभ मेले के खर्च में केंद्र 30 प्रतिशत मदद देता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की मांग की है। प्रदेश में पीक ऑवर में बिजली की 2000 मेगावॉट की कमी है। मुख्य वजह कोयले की कमी है। बिजली के मद में ही उन्होंने केंद्र सरकार विश्व बैंक की क्लीन टेक्नोलॉजी फंड से पांच हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाने में मदद मांगी है। बुंदेलखंड व पूर्वाचल के पिछडे़पन को दूर करने की बाबत 13वें वित्त आयोग ने चार वर्षो के लिए 150 करोड़ की मंजूरी दी थी। इसे 300 करोड़ करने की मांग है। बुंदेलखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना में गांव की 500 की आबादी के मानक को कम करके 250 करने का सुझाव भी दिया गया है। साथ ही जेएनएनयूआरएम का फंडिंग पैटर्न बदलने की बात कही गई है। इसके अलावा आसानी से उर्वरकों की उपलब्धता के लिए गुरसहायगंज, कासगंज, सिराथू,कर्वी, बागपत, बरुवासुमेरपुर, फफूंद, राब‌र्ट्सगंज, और जरवल रोड रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्वाइंट विकसित करने की मांग की गई है।

बीएड धारकों को मिले छूट



मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा [टीईटी] की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 12 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद [एनसीटीसी] ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी, 2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है।

केंद्र से चाहिए करीब 70 हजार करोड़

-11,800 करोड़: जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली फोन लेन सड़कें

-1000 करोड़: उत्तराखंड व मध्य प्रदेश की सीमा से लगी सड़कों के लिए [विशेष पैकेज]

-4028.80 करोड़: सड़कों के उन्नयन के लिए प्रस्ताव को मंजूरी

-550 करोड़: रेल उपरगामी 25 सेतुओं के लिए

-2680.04 करोड़: भारत-नेपाल सीमा पर मार्ग निर्माण

-500 करोड़: नेपाल सीमा की सड़क के रखरखाव के लिए

-635 करोड़: केंद्रीय सड़क निधि से 409 करोड़ की प्रतिपूर्ति व रखरखाव को 226 करोड़

-383.11: कुंभ मेला-इलाहाबाद जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का सुदृढ़ीकरण

-3000 करोड़: राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में हर साल

-133.73 करोड़: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना

-1100 करोड़: बाढ़ से बचाव के लिए पैकेज

-387.53 करोड़: त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत अवमुक्त किए जाएं

-10181.64 करोड़: जापानी इंसेफ्लाइटिस प्रभावित जिलों में सर्व शिक्षा अभियान-बीआरसी के लिए

-580.52 करोड़ : जापानी इंसेफ्लाइटिस प्रभावित जिलों में ही इंडिया मार्क-2 हैंडपंप के लिए

-9444.39 करोड़: वाटर शील्ड शौचालय योजना

-3150 करोड़: नौ नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए

-865 करोड़: विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का एरियर भुगतान

-346.82 करोड़: सर्वशिक्षा अभियान में बकाया भुगतान

-3284.68 करोड़: पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रतिपूर्ति मद

-5267 करोड़: राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना

-697 करोड़: धान खरीद का बकाया भुगतान

-922.28 करोड़: सहकारी साख ढांचा पुनरुद्धार पैकेज

14500 करोड़: बीपीएल परिवारों को आवास

1202 करोड़: नक्सल प्रभावित जिलों में ग्राम सुरक्षा समितियों के लिए

950 करोड़: बौद्ध स्थलों को दर्शनीय बनाने के लिए जापान से सहायता

-नेशनल हाइवे एक्सीडेंट रिलीफ सर्विस के लिए 100 एंबुलेंस व 65 क्रेनें।


News : Jagran

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