विभाग ने 509 करोड़ रुपये की भेजी डिमांड
1140 जूनियर स्कूलों में 840 विज्ञान शिक्षकों का टोटा
लखीमपुर खीरी। शिक्षा का अधिकार कानून भले ही लागू हो गया, लेकिन बच्चों के अधिकार अभी मंजिल से दूर हैं। वजह, इस कानून के अनुपालन को विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। बस पुराने ढर्रे पर ही बेसिक शिक्षा विभाग चल रहा है। स्कूलों में बुनियादी जरूरतों का टोटा बना हुआ है। हालांकि कमियों को दूर कर बुनियादी सुविधाओं को जुटाने के लिए 509 करोड़ रुपये की डिमांड शासन से की है।
कानून लागू होने के बाद भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की भारी कमी पहले से है। टीईटी गतिरोध के चलते जिले को छह हजार शिक्षक नहीं मिल सके हैं। जिले के 1140 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक विज्ञान शिक्षक की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी थी, लेकिन 300 विज्ञान विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं। इस कारण 840 विद्यालयों में विज्ञान शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा सकी है। मानकों की बात करें तो प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो और उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षकों की तैनाती की जानी है। 151 बच्चों की संख्या पर एक हेडमास्टर का पद सृजित होगा। अन्य विषयों की बावत अभी विभाग को दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
बीएसए देवकी सिंह ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षकाें की पहले से ही कमी है। प्राथमिक विद्यालय में तैनात विज्ञान शिक्षकाें को प्रमोट कर जूनियर स्कूलों में भेजा जा चुका है। नई तैनाती होने के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो सकेगी।
News : Amar Ujala (18.4.12)
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