Sunday, April 22, 2012

Comments of BLOG VISITORS Regarding UPTET Candidates Meeting


Comments of BLOG VISITORS Regarding UPTET Candidates Meeting

Kl western up k sabhi jiladyaksho ki behut jrori meating moradabad m hai.plz sbhi jiladyaksh jrore pehuch.venue k liye contact me.7500581360
By Vinay on UPTET : A Small Article on 4/21/12
Moradabad meating samvandhi kisi bhi jankari k liye call kre-vinay-7500581360,Gurupal-9758869752
By Vinay on UPTET : A Small Article on 4/21/12
Up west ke sabhi jilaadhyaskyo ki meeting 22 april sunday ko 11 am par moradabad main hogi.isme 30 april ke court niranaye ke plus ya minus ane par age ki ranniti banai jayegi.plz sabhi jilaadhysk apni upasthti darj karyen.call on these no- 9720963143 9837037272 9758869752



mainpuri ke sabhi TET uttarin chatro 24/04/12 ko tikoniya park me DM office ke pass sabhi ekjut ho....jis se hum aage ki ranneeti bana sake.....aur mainpuri ki kameti ne ye nirnaya liya hai ki 24/04/12 ko ek divasiya bhook hadtaal karege.....adhik jankari ke liye aap sampark kare.....govind,jitendra,yogendra,devendra, aur anil chauhan..se ....contact numbers hai....9410043245 govind,9410807267 jitendra, 9808760336


AGRA ME TET SANAGRSH MORCHA KI MEETING 22/04/2012 KO SUBAH 10 BAJE SHAEED SMARAK SANJAY PLACE ME HOGI...SABHI LOG TIME PAR PAUCHE AUR AGAR KAL NA AA SAKE TO YE BHI HO SAKTA HAI YE AAKHIRI MEETING HO..
By TET WEB on UPTET : A Small Article on 4/21/12


Karmsil apna Bhagya khud likhsyr hsi. Come to Rajebabu Park on Sunday April 20, 2012 at 10:00AM Meeting. TET MORCHA BULANDSHAHR
By Puneet on UPTET : A Small Article on 4/21/12



Meri sabhi tetians se vintee h k mamle ki gambhirta ko dekhte hue hame atishighr hi koi qadam uthana padhega. Me apne istar se jo b kar sakta hun use karne ko taiyar hun. Me Delhi me rehata hun or 2-4 log agar yahan akar SC k wakeel se milna or PIL dakhil karna chahte h to ap mere yahan a jaeyen, me b apke sath chalunga or har qadam par apka sath dene ko taiyar hun. Zubair (Delhi). 09990832796
By zubair on UPTET : A Small Article on 4/21/12


UPTET Allahabad : टीईटी के आधार पर मेरिट बनाने की मांग


UPTET Allahabad : टीईटी के आधार पर मेरिट बनाने की मांग
UPTET Candidates demanded selection through TET Merit
इलाहाबाद। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में टीईटी के आधार मेरिट न बनाए जाने के विरोध में सफल अभ्यर्थियों ने शनिवार को सुभाष चौराहा पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। इससे पहले चंद्रशेखर पार्क में उप्र टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में अभ्यर्थियों ने एकेडमिक कॅरियर के बजाय टीईटी के आधार पर मेरिट बनाए जाने की मांग की। अभ्यर्थी जुलूस के रूप में सुभाष चौराहा पहुंचे। पुतला दहन करने वालों में विवेकानंद, आशुतोष केसरवानी, आनंद यादव, मो. शोएब, संजय यादव, अभिषेक सिंह, सुजीत सिंह, सुरेश मणि शामिल रहे

News : Amar Ujala (22.4.12)

UPTET Hapur : उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने झाड़ू लगाकर किया प्रदर्शन


UPTET Hapur : उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने झाड़ू लगाकर किया प्रदर्शन

हापुड़, जागरण संवाद केंद्र : टीईटी संघर्ष मोर्चा के सैकड़ों सदस्यों ने शासन की गलत नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय कार्यालय पर झाड़ू लगाकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पूर्व की सरकार द्वारा जारी किये गये शासनादेश के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया सुचारू नहीं की गई तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी किसी भी हद तक आंदोलन करने से पीछे नहीं रहेंगे

टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सचिव राजीव ने कहा कि सपा के इशारे पर ही न्यायालय में बसपा द्वारा जारी शासनादेश के खिलाफ अपील दायर की गई है। ऐसा करके सपा सरकार लाखों उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। बीएड कालेजों के हितों को ध्यान में रखते हुये सरकार टीईटी उत्तीर्ण छात्रों के हितों की अनदेखी कर रही है। यही वजह है कि सरकार भर्ती के लिये केंद्र से 2015 तक समय देने की मांग कर रही है। महामंत्री जितेंद्र सिद्दू ने कह कि सपा सरकार बसपा शासन के फैसलों को रद्द करने के नाम पर हजारों लोगों का उत्पीड़न कर रही है।
इस अवसर पर कुशवीर सिंह, अमित कुमार, रंजीत सिंह, कपिल कुमार, पुनीत सिंह, अनिल बाजपेयी, रोहित गुर्जर, कमाल सिंह, राकेश अग्रवाल, आरके गुप्ता, मोहित सिंहल उपस्थित थे।

News : Jagran (21.4.12)

UPTET Kannoj: टीईटी परीक्षा निरस्त न करने से हर्ष


UPTET Kannoj: टीईटी परीक्षा निरस्त न करने से हर्ष

गुरसहायगंज, अंप्र : मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा टीईटी परीक्षा को निरस्त न करने पर टीईटी अभ्यर्थियों ने हर्ष जताया है।

टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक में अमित शर्मा ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने टीईटी परीक्षा में हुई धांधली के लिए दोषियों को दंडित किये जाने की सिफारिश कर शेष अभ्यर्थियों की परीक्षा न निरस्त किये जाने का निर्णय लिया है। इससे टीईटी अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा। इस मौके पर अभिषेक चतुर्वेदी, सुधाकर, करन सिंह, दिवाकर, सचिन, सुरभि चतुर्वेदी, दिव्या तिवारी, मुकेश यादव आदि अभ्यर्थी मौजूद रहे।

News : Jagran (21.4.12)

UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का पुतला फूंका


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव का पुतला फूंका


मिर्जापुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला दहन किया। इस दौरान टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भरती करने की मांग की गई।

शनिवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के साथ छलावा किया है। प्रदेश में जब एक साथ टीईटी परीक्षा कराई गई तब सभी ने मेहनत और लगन के साथ टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की। पूर्ववर्ती सरकार ने 1981 बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट को चयन का आधार बनाया और विज्ञप्ति जारी की, लेकिन वर्तमान सरकार एवं प्रशासन टीईटी मेरिट को चयन का आधार न मानकर पूर्व शैक्षिक योग्यता को चयन का आधार मान रही है, जिसमें काफी विषमताएं हैं। इससे सरकार के मंशा पर यह सवाल उठने लगा है कि वह शिक्षा में गुणवत्ता नहीं चाहती है और शिक्षा का व्यापारीकरण करना चाहती है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को आगाह किया कि यदि शिक्षकों की भरती टीईटी मेरिट के आधार पर नहीं की गई तो वह 25 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता, कौशल प्रजापति, अरविंद गुप्ता, राजेश बिंद, राधेश्याम, सत्यानंद स्वरूप, अफजल, आनंद मोहन, सोहन, दिनेश सिंह, बृज बिहारी, पवन श्रीवास्तव, उमेश श्रीवास्तव, नितिन कसेरा, अल्पिका जायसवाल, कावेरी यादव, विंध्यवासिनी सेठ, संतोषी कुमारी दूबे, रमेश लाल बिंद, शीलवंत कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (22.4.12)

Saturday, April 21, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थी छेड़ेंगे सत्ता विरोधी संघर्ष



UPTET : टीईटी अभ्यर्थी छेड़ेंगे सत्ता विरोधी संघर्ष


एटा, निज प्रतिनिधि: शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में टीईटी अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार द्वारा किये गये संशोधन के विरोध में आर-पार के संघर्ष की तैयारी तेज कर दी है। वे मैरिट पर शिक्षक भर्ती के विरुद्ध सत्ता विरोधी संघर्ष को लामबंद होने लगे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने सपा शासन के इस कदम को टीईटी अभ्यर्थियों के साथ अन्यायपूर्ण मानकर सपा सरकार पर नकल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

शनिवार को भाजयुमो की बैठक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नवीन चतुर्वेदी की आवास पर हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्त टीईटी अभ्यर्थियों की मैरिट के आधार पर की जानी चाहिए। शैक्षिक मैरिट को भर्ती का आधार बनाया जाना भ्रष्टाचार और नकल को बढ़ावा देना है। इससे योग्यता पर कुठाराघात होगा। शैक्षिक मैरिट में फर्जीवाड़ा कितने व्यापक पैमाने पर है। यह किसी से छिपा नही है। माधव पचौरी ने कहा कि प्रदेशभर में दूसरों के स्थान पर परीक्षा देना, डिग्रियों में अंक बढ़वाना, प्रश्नपत्र आउट कराना ही नहीं संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा संस्थान चलाने की मान्यता प्राप्त कर लेना भी शिक्षा के स्तर का आईना बताते हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की पारदर्शी ढंग से जांच कराई जाये, मुख्य सचिव निजी स्कूल संचालकों से धन वसूल कर अकादमिक मैरिट की वकालात कर रहे हैं। ऐसे मुख्य सचिव को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र निर्णय न बदला गया तो टीईटी अभ्यर्थियों को साथ लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ दिया जायेगा। सरकार को इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।

इस अवसर पर माधव पचौरी, अभिषेक कुदेसिया, अर्पित उपाध्याय, बंटी, मानपाल सिंह वर्मा, गौरव शर्मा, पंकज चौहान, अरविन्द गुप्ता, सुनील गुप्ता, मुकेश बघेल, विकास चौहान आदि टीईटी अभ्यर्थी और भाजयुमो कार्यकर्ता मौजूद थे


News : Jagran ( 21.4.12)
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After all BJP is first party , Who support openly UPTET candidates. And understand their problems.
Other parties should also understand reality, rules and problems of TET candidates.

UPTET : A Small Article

UPTET : A Small Article
उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती : अब क्या होगा रे हम कठपुतलियों का 

अभ्यर्थी खिलौना हो गए - कभी राज्य सरकार की  ओर   देखते  हैं तो कभी कोर्ट की ओर क्या भविष्य होगा , कब  नौकरी  लगेगी 

लगता है  मीडिया को टीईटी  अभ्यर्थियों   की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही -
जो लोग  कह रहे हैं कि परीक्षा में  धांधली हुई  है , इन लोगो को भी १० वी या १२ वी कक्षा में फेल कर देना चाहिए ,  क्योकि  इनके साथ  में   कभी किसी और ने नक़ल की थी और वो धांधली में पकड़ा गया , और दोबारा से परीक्षा करानी चाहिए , तब तक कराते रहना चाहिए जब तक कि १०० % शुद्धता से परीक्षा संपन्न न हो जाये |


अभी हाल ही में U. P. में १०, १२ क़ी परीक्षा हुई तथा 
विश्वविद्यालय क़ी परीक्षा चल रही है, आये दिन नकलची पकड़े जा रहे हैं तो क्या पूरी परीक्षा रद्द हुई, नहीं , केवल दोषी  विद्यार्थी ही सजा के पात्र होते हैं , सारे  विद्यार्थी नहीं |

मीडिया में आये दिन टी ई टी भर्ती  निरस्त होने की बाते आ रही है , विज्ञापन निरस्त हुआ नहीं और मामला अदालत में चल रहा है 
हो सकता है कि टी ई टी भर्ती  निरस्त करने की कोई  तैयारी   क़ी  जा रही हो , पर  अभ्यर्थी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं उसको देखते हुए सभी नियम कानून की स्पष्ट व्याख्या के साथ ख़बरें दी जानी चाहिए

कोई भी तथ्यों की बात नहीं करता , हर समय खबरे आती रहती हैं कि - टी ई टी सिर्फ  एलिजीबिलिटी टेस्ट है 

वे लोग इतने  गैर जिमेदाराना बात इतनी आसानी से कह देते हैं जैसे कोई हंसी मजाक हो जब नियम बनाये तब तो कुछ कहते नहीं है , अब आप ही देखीये नियम क्या कहते हैं -
एन  सी  टी ई ने साफ़  शब्दों  में कहा  है  कि टी ई टी अंकों को  चयन  में वेटेज दीया जाये  -

तो साफ है कि ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है

9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score

अगर ये  ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब 

इस  समय अभ्यर्थी  वैसे ही मानसिक वेदना से गुजर  रहे हैं और ऐसी गैर जिम्मेदाराना बातें उन पर क्या असर डालती होंगी , कोई मतलब नहीं 

ऐसी भ्रामक जानकारी से अगर कोई हादसा हो जाये  तो कोन जिम्मेदार  होगा  

ये लोग के वी  एस(K.V. S) भर्ती , एस  एस  ए,  चंडीगढ़  की भर्ती के खिलाफ क्यूँ नहीं  आवाज  उठाते वहां भी टी ई टी के अंकों का भर्ती में उपयोग किया गया |
 अभी हाल ही में केवीएस (K.V. S) ने अपने सेलेक्सन में टीईटी मार्क्स  को कट - ऑफ़ में लिया |
एसएसए चंडीगढ़ ने ५० प्रतिशत टीईटी मार्क्स को  सेलेक्सन में  वेटेज दिया , राजस्थान ग्रेड थ्री अध्यापक के चयन में २० प्रतिशत टीईटी मार्क्स  के  वेटेज को लिया जा रहा है 
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इलाहबाद हाई कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो

See :http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2011/12/uptet-allahabad-highcourt-dismissed.html



यु पी टीईटी के माध्यम से नियमानुसार अभ्यर्थी (टीईटी  मेरिट  होल्डर)  नोकरी पाने व भर्ती के पात्र थे |
सिर्फ काउंसलिंग के जरिए भर्ती पात्र / नियुक्ति पात्र दीये  जाने बाकि थे |


For the purpose of making selection and appointment as Assistant Teacher the said qualification cannot be made a basis/foundation particularly considering the process of the said test as it amounts to change of rules of the game when the game has already commenced and in support thereof placed reliance on judgements of this Court in K. Manjusree Vs. State of Andhra Pradesh and another (2008) 3 SCC 512 and Hemani Malhotra Vs. High Court of Delhi (2008) 7 SCC 11.


In these circumstances, it cannot be said that rules of the game have been changed afterwards inasmuch the two processes cover different fields and operate totally differently.

In Baloji Badhavath (supra), it was held that a procedure evolved for laying down mode and manner for consideration of a right to be considered for appointment can be interfered with only when it is arbitrary, discriminatory or wholly unfair, which learned counsel for petitioner failed to prove in the case in hand and, therefore, reliance placed thereon is totally misconceived.


9. So far as making of qualifying examination basis of selection is concerned, it is always permissible to the rules framing authority to determine the criteria for selection which may base on the merits of the candidate possessed in various academic qualifications or qualifying test or any other criteria which may otherwise be valid and once it is so determined, unless it can be said that the same amendment in the rule is contrary to any statutory provision or otherwise ultra vires or vitiated in law, the same cannot be interfered.
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काफी  सारे मामलों में कोर्ट ने स्पष्ट किया की - 
टी ई टी अंकों से भर्ती  सराहनीय   है  क्योकि इससे पक्षपात रहित भर्ती होती है , विद्यार्थी चाहे किसी भी बोर्ड के हो , चाहे उनके कितने भी प्रतिशत अंक हो , टी.इ. टी. सारे विद्यार्थियों के लिए समान है  और कोई नियम का उल्लंघन  नहीं हुआ है , पर  मीडिया  इन   सब  खबरों  से दूर  है कारण - बहुमत टी ई टी फेल  वालों व  अन्य  के साथ  है 
सच  को झूठ  व झूठ को सच  में   बदलना असली  खेल है 
देखीये कोर्ट के निर्णय : 


कोर्ट ने  बेवजह  टी ई टी  केंडीडेट्स पर आरोप  लगाने  पर जुरमाना  भी लगाया ,
पर मीडिया ने ऐसी बातें / रिपोर्ट कभी  नहीं दी 

जब भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं तो टी ई टी को भर्ती परीक्षा के रूप में स्वीकार कर सकते  है  जब इसके अंकों का महत्व है 
टी ई टी वास्तव में एक टीचर एप्टीटिउयूड   टेस्ट है जो कि एन सी टी ई के नियमानुसार योग्य अभ्यर्थियो  के चयन में मदद  करता है 
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 U. P. में ही लुट  गया    U. P.  बोर्ड  

जब केंद्र  सरकार  स्केलिंग  पद्दति से चयन करती है तो   U. P.  बोर्ड क्यूँ नहीं -
See :


Percentage Cut-off Marks# of Various State-Boards Result in class XII for
2008, 2009, 2010, and 2011



2008
2009
2010
2011
UP Board
69.2
72.6
77
77
CBSE
91
92.4
91.8
93.2
ICSE
93
93.3
93.2
93.43



बड़े अधिकारी  (जो निर्णय लेते हैं) उनके बच्चे सी बी एस ई / आई सी एस ई बोर्ड में पड़ते हैं तो वो   U. P.  बोर्ड वालों  की क्यों सोचें 

पूर्व में कई बार खबर आयी  (एल टी ग्रेड टीचर सेलेक्सन , बी टी सी चयन आदि ) की उत्तर प्रदेश में   U. P.  बोर्ड के लोग पिछड़  जाते हैं और कुछ  घोटाले  भी उजागर हुए हैं ( सम्पूर्णानन्द यूनीवर्सिटी आदि द्वारा और अदालत ने इस पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है ) देखीये -


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विज्ञापन विषय  :
जब विज्ञापन निकाला गया तब तो किसी विभागीय अधिकारी ने कोई टिप्पणी नहीं की - कि उनके अधिकारों का कोई हनन हुआ है इसका तात्पर्य है कि सभी कार्य - उत्तरदायी अधिकारी ( ( सभी 
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ) की जानकारी में हुए हैं |
पर लगता है कि किसी एक टीईटी अभ्यर्थी  (जिसके टीईटी परीक्षा में कम अंक आये ) ने मामले को लटकाने के लिये - किसी नियम का गलत सहारा लिया है 


कई लोगो का  मानना है  कि  कोर्ट को ऐसा हल निकलना चाहिए -
कि लाठी भी न टूटे और सांप भी मर जाये 

जब लाखों अभ्यर्थीओं  ने उत्तर प्रदेश  प्राथमिक / असिस्टेंट शिक्षक में चयन के लिये शासनादेश के आधार पर आवेदन कर ही  दिया  है , तो विज्ञापन संशोधन जैसा कोई आदेश आ जाये |
क्योंकी विज्ञापन के निकलने में  अभ्यर्थियों    की कोई गलती नहीं है |
जिन लोगो ने अभ्यर्थियों   के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है , उन्हें कठोर दंड  दिया  जाना चाहिए , जिससे ऐसी गलती कि पुनरावृति न हो |

इससे पहले भी रिसल्ट / परीक्षा  परिणाम के संसोधन हो चुके हैं , तो ये कोई बड़ा मसला नहीं है |
(It is felt by many candidates/viewers)

UP B. Ed/ Entrance Exam on 23rd April : संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त


UP B. Ed/ Entrance Exam on 23rd April : संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त

सहारनपुर। जनपद के आठ एग्जाम सेंटरों पर होने वाली संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी प्रशासन महावीर सिंह आर्य ने केंद्र व्यवस्थापकों के साथ बैठक की और उन्हें सभी व्यवस्थाओं के लिए दिशा निर्देश दिए गए। इसके अलावा परीक्षा को सुचारु रूप से संपन्न कराने और निगरानी रखने को सेक्टर मजिस्ट्रेटों की भी नियुक्ति की गई।
एडीएम ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र नहीं मिले हैं, वे डुप्लीकेट एडमिट कार्ड 100 रुपये का ड्राफ्ट बनाकर प्राप्त कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को वित्त अधिकारी डाक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के पक्ष में भारतीय स्टेट बेंक से यह डीडी जमा कराना होगा। डुप्लीकेट एडमिट कार्ड शनिवार से कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय से मिल सकेंगे। केंद्र व्यवस्थापकों से कहा गया कि वे परीक्षा से पूर्व यह भी तय कर लें कि केंद्र से 500 मीटर की परिधि में कोई भी फोटो कापी, पीसीओ की दुकान खुली न रहें और न ही कोई अभ्यर्थी कैलकुलेट, मोबाइल जैसे गैजेट्स लेकर आए। दोनों पालियों में आधा घंटा देर तक ही एंट्री का मौका दिया जाएगा। एडीएम ने केंद्र व्यवस्थापकों को सख्त निर्देश दिए कि 23 अप्रैल को होेने वाले एग्जाम से पहले ही वे परीक्षा केंद्रों पर बिजली और पानी के बेहतर इंतजाम रखने को अभी से तैयारी पूरी कर लें ताकि जनपद की छवि खराब न हो। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात रहेगा। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक शिव लाल, राज सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (21.4.12)

UPTET : टीईटी भर्ती का विज्ञापन रद करने की सहमति से बेचैनी


UPTET  :  टीईटी भर्ती का विज्ञापन रद करने की सहमति से बेचैनी


सहारनपुर। प्रदेश में 72 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कराई गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) देेने वाले सहारनपुर मंडल के 22 हजार अभ्यर्थियों की बेचैनी फिर से बढ़ गई है। वजह है टीईटी पर निर्णय के लिए शासन स्तर पर बनी हाई पावर कमेटी की भर्ती के पुराने विज्ञापन को निरस्त करने पर सहमति जताना। अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले पांच छह माह से वे उम्मीदों में ही झूलकर रह गए हैं। विज्ञापन रद होने के बाद नए ढंग से भर्ती प्रक्रिया को किस तरह लिया जाएगा, इसे लेकर भी उनके मन में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। उन्हें अपना भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि गत नवंबर में कराई गई शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए सहारनपुर मंडल से लगभग 38 हजार अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया था। इनमें से लगभग 22 हजार अभ्यर्थी परीक्षा पास करने में कामयाब रहे, लेकिन उनके लिए टीचर बनने की मंजिल करीब आने की बजाय दूर होती चली गई। पहले विधानसभा चुनाव आए, फिर टीईटी में घोटाले के घेरों ने भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक लगाए और अब नई सरकार आने के बाद इस नियुक्ति प्रक्रिया को टीईटी सिस्टम से कराने की बजाय पूर्व के मेरिट सिस्टम से कराने की तैयारियों के बीच हजारों अभ्यर्थियों के हाथों में सिर्फ उम्मीदें ही आईं। टीईटी अभ्यर्थी अनुज कुमार, दीपक कुमार और प्रदीप सिंह कहते हैं कि विज्ञापन स्थगित करने की जो बातें सामने आ रही हैं, उससे तो यही लग रहा है कि प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को फिर से महीनों के लिए उम्मीदों में ही उलझाया जा रहा है। नए सिरे से नियुक्ति कैसे होंगे, क्या नियुक्ति के पद घटेंगे या बढ़ेंगे, नियुक्ति के लिए पूरा सिस्टम क्या रखा जाएगा? अब इन सवालों के जवाब मिलने तक अभ्यर्थी अटके ही रहेंगे।

‘शासन की नीति तय हो, तभी कुछ होगा’
टीईटी अभ्यर्थियों का आगे क्या होना है। इस बारे में अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है। इस बारे में शासन की स्पष्ट नीति तय हो तो ही आगे का कदम उठाया जा सकता है। इसलिए अभी तो इंतजार ही कर सकते हैं।
-संजय उपाध्याय, प्राचार्य डायट, सहारनपुर।

News : Amar Ujala (21.4.1)2

Friday, April 20, 2012

UPTET : अब टीईटी होगी अर्हताकारी परीक्षा


UPTET : अब टीईटी होगी अर्हताकारी परीक्षा


लखनऊ, (जाब्यू) : टीईटी को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की मंशा के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिलाने पर सहमति बनी है।
शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी की मेरिट के आधार पर न करके पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर पर प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया जाएगा। विवादों में घिरे टीईटी के पहलुओं पर विचार करने के बाद मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। समिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजेगी। इन परिस्थितियों में टीईटी को निरस्त करने की संभावना भी है। उच्च स्तरीय समिति की बैठक में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अनिवार्य किये गए टीईटी को लेकर एनसीटीई के 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देशों पर चर्चा हुई जिसमें टीईटी को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया गया है।

समिति ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि एनसीटीई के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए अन्य राज्यों ने भी टीईटी को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा का ही दर्जा दिया है। समिति ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि बीती 13 नवंबर को हुए टीईटी के परिणाम में जिस तरह से धांधली उजागर हुई है उससे अदालत या किसी अन्य के लिए यह निष्कर्ष निकालना स्वाभाविक है कि इस अनियमितता को अंजाम देने के लिए ही टीईटी की मेरिट को शिक्षकों की नियुक्ति का आधार बनाने का फैसला किया गया यानी यह गोरखधंधा पूर्व नियोजित था।

News : jagran (19.2.12)

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I don't know why Rajasthan, SSA Chandigarh, KVS etc. taken TET marks in selection process.
May be I am wrong.

UPTET : कहीं खुशी कहीं गम


UPTET : कहीं खुशी कहीं गम


छात्र ज्ञानेश कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल हमेशा बड़ी समस्या रही है। ऐसे में कुछ मुख्यमंत्रियों के समय में रिजल्ट जहां गिरावट प्रदर्शित करता है वहीं कुछ विशेष वर्षो में इसमें खासी वृद्धि हुई। इसलिए इसे आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं शिशिर, सुनील आदि भी ऐसे ही विचार रखते हैं।

वहीं दूसरी ओर एक खेमा ऐसा भी है जो इस निर्णय से खुश है। छात्र राजेश कहते हैं कि ज्यादातर राज्यों ने इसे अर्हताकारी परीक्षा ही माना है ऐसे में इसकी मेरिट को चयन का आधार बनाना उचित नहीं है। वह 13 नवंबर को हुई टीईटी में गड़बड़ियों का जिक्र करना भी नहीं भूलते। सदानंद मिश्र इसका विरोध करते हुए कहते हैं कि सही जांच से गड़बड़ियां ठीक भी की जा सकती हैं। कुछ छात्रों के किए की कीमत बाकी लोग क्यों भुगतें। अंतत: 72825 शिक्षकों की भर्ती के मामले न्यायालय की भी प्रमुख भूमिका होने से छात्रों को इंकार नहीं है।

News : Jagran (20.4.12)

UPTET Article By Shyam Dev Mishra ( Blog Visitor )


UPTET Article By Shyam Dev Mishra ( Blog Visitor )

प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>दिनांक: 18 अप्रैल 2012 1:48 amविषय: Matter for Blogप्रति: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>

Muskan Ji, in view of the news published in Daily dainik jagran on 16th April, 2012, I wish to share following facts with all of the blog-visitors for better and realistic understanding of the issue. Kindly Publish and abolish the confusion creaated by such shallow-reporting. Thanks aand regards.

Yours sincerely, Shyam Dev Mishra

क्या जमाना आ गया है दोस्तोंआज तो हमे अंधे भी रास्ता दिखा रहे हैं!

दैनिक जागरण (16.04.2012) की खबर पढ़कर लग रहा है कि किसी ज़माने में स्व. नरेन्द्र मोहन जैसे कर्मयोगी और निर्भीक पत्रकारों द्वारा प्रेरित  यह समाचार पत्र आज अंधे  मूर्खों द्वारा संचालित या सम्पादित हो रहा है जो पत्रकारिता के विश्वसनीयता और जिम्मेदारी जैसे दायित्वों को दफना चुके हैं. किसी सामान्य पढ़े-लिखे व्यक्ति को भी पता है कि टी.ई.टी. एक्ट नाम का कोई एक्ट नहीं है न ही एन.सी.टी.ई. को कोई एक्ट बनाने का अधिकार है. वास्तव में संसद द्वारा पारित "राईट ऑफ़ फ्री एंड कम्पलसरी एजुकेशन टू चिल्ड्रेन एक्ट, 2010" में एन.सी.टी.ई. को इस एक्ट के दायरे में आनेवाली विद्यालयों में शिक्षकों के तौर पे नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताएं निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है. एक्ट के अनुसार यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में योग्य अभ्यर्थी नहीं है या ऐसी योग्यता प्रदान करने वाले संस्थान पर्याप्त संख्या में नहीं हैं तो केंद्र सरकारराज्य सरकार द्वारा इस आशय का अनुरोध प्राप्त होने पर एक निश्चित अवधि के लिएजो एक्ट के प्रभावी होने की तिथि, (01.04.2010) से पांच वर्ष से अधिक न होगीअध्यापक के लिए नियुक्ति के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यताओं को एक अधिसूचना के माध्यम से शिथिल कर छूट प्रदान कर सकती है. पर ध्यान दें कि एक्ट में स्पष्ट है कि भले केंद्र सरकार शैक्षणिक योग्यता में भले राज्य के अनुरोध पर अधिकतम पांच वर्ष के लिए छूट दे सकती है पर एक्ट के अनुसार टी.ई.टी. से छूटएन.सी.टी.ई. तो क्याखुद केंद्र सरकार चाहकर भी नहीं दे सकती जबतक एक्ट में संसद द्वारा संशोधन करके ऐसा प्रावधान  किया जाये जो कि अभी दूर की कौड़ी है. 
ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से बी.एड.  डिग्री-धारकों की प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग तो फिर भी क़ानूनी तौर पे सही है पर "विभागीय सूत्रों के मुताबिक" जैसे जुमलों की आड़ में ये चालाक-सह-मूर्ख संवाददाता केवल पन्ना काला करने के लिए मनगढ़ंत बातेंजैसे "एन.सी.टी.ई. के बनाये टी.ई.टी. एक्ट (भारत में ऐसा कोई एक्ट नहीं है) में राज्य सरकारों को अधिकार है कि वह 31 मार्च 2012 तक शिक्षकों की भर्ती के लिए नियम शिथिल कर सकती हैं." गैरजिम्मेदाराना तरीके से फैला रहे हैं. असल में अगर राज्य केंद्र द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत संचालित विद्यालयों के सञ्चालन के लिए दी जानेवाली 65 फीसदी अंशदान पाना चाहता है तो उसे इस अधिनियम के दायरे में नियमावली बनाकर अधिसूचित करना होगा जैसा कि मायावती शासनकाल में किया गया. राज्य को अगर यह मदद चाहिए तो उन्हें एन.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना ही होगाहाँपर्याप्त अध्यापन-प्रशिक्षण संस्थान और अर्ह अभ्यर्थी उपलब्ध न होने पर राज्य केंन्द्र सरकार से एक अवधि तक शैक्षणिक योग्यता में शिथिलीकरण का अनुरोध तो कर सकती हैखुद नहीं कर सकती जैसा कि इस अख़बार ने छाप दिया.
रही बात हरयाणा कीतो हरियाणा में गैर-टी.ई.टी.उत्तीर्ण शिक्षकों की नियुक्ति की दशा में उनको मिलने वाली केन्द्रीय सहायता में रोक लगनी तय है अगर यह मामला उचित मंचों पर उठाया जाता है. और दूसरी बातअगर कही कुछ गैर-कानूनी हो रहा है तो हमे भी कुछ गैर-कानूनी करने का अधिकार नहीं मिल जाता. ध्यान दें की यहाँ मैं नैतिक आधार पर सही-गलत की बात नहीं कर रहावर्तमान प्रभावी कानूनों के आलोक  में वैध-अवैध की बात कर रहें है.
कृपया अख़बार मनोरंजन के लिए भले पढ़े पर कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर स्वयं उचित संसाधनों या जरियों से जानकारी प्राप्त करें न कि जागरण जैसे अख़बारों से.

श्याम देव मिश्रा


UPTET Candidates price highly down due to new decision


नये फैसले से जमीन पर आ गये टीईटी के भाव
(UPTET Candidates price highly down due to new decision )

कानपुर, शिक्षा संवाददाता: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से सीधे नियुक्ति न देने के शासन के फैसले से टीईटी के भाव जमीन पर आ गये हैं। जिन्होंने हाई मेरिट के चक्कर में लाखों खर्च कर डाले थे वे अब दुखी हैं वहीं दूसरे अभ्यर्थी खुश हैं।

पिछली सरकार ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्देशों के विरुद्ध प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को संशोधित कर सीधे टीईटी की मेरिट से नियुक्ति देने का शासनादेश जारी किया था। इसे लेकर तमाम सवाल उठाये गये थे। शिक्षाविदों ने पुरजोर विरोध करते हुए स्पष्ट किया था कि जैसे डिग्री में नेट अर्हता परीक्षा मानी जाती है उसी प्रकार टीईटी को अर्हता परीक्षा ही माना जाना चाहिए। इसके आधार पर नियुक्ति देने से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व बीएड के प्राप्तांकों का कोई मतलब नहीं रहेगा। दूसरे प्रदेशों में भी टीईटी को मात्र अर्हता परीक्षा ही माना जा रहा है। कुछ छात्रों ने इसे लेकर न्यायालय में वाद भी दाखिल किया था।

उधर टीईटी की मेरिट से सीधे नियुक्ति देने की घोषणा के साथ ही माफिया ने टीईटी में हाई मेरिट दिलाने के लिए चार लाख रुपये का रेट खोल दिया। इसकी आड़ में जमकर वसूली हुई। तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजय मोहन सहित आधा दर्जन की गिरफ्तारी और लाखों रुपये की बरामदगी ने पूरी टीईटी को संदिग्ध कर दिया। करोड़ों का खेल सीधे नौकरी पाने की प्रत्याशा में हुआ। शासन के नये फैसले के मुताबिक अब टीईटी क्वालीफाई करने का मतलब शिक्षक पद पर नियुक्ति की अर्हता मात्र होगी।

News : Jagran (19.4.12)

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 शिक्षाविदों ने पुरजोर विरोध करते हुए स्पष्ट किया था कि जैसे डिग्री में नेट अर्हता परीक्षा मानी जाती है उसी प्रकार टीईटी को अर्हता परीक्षा ही माना जाना चाहिए। इसके आधार पर नियुक्ति देने से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व बीएड के प्राप्तांकों का कोई मतलब नहीं रहेगा। 

People want to know who says TET only eligibility test , where it was written.
Why NCTE Guidelines specified :
1. Weightage of UPTET Marks in Selection
2.  Candidates can appear in exam again & again to improve his / her marks.
3. TET Exam is used to maintain quality of teachers, please refer RTE guidelines.
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Why KVS , SSA Chandigarh , Rajasthan Grade 3rd / IIIrd techer recruitement uses TET marks in selection.


Under what criteria KVS uses CTET Marks cut-off (102)  to call interview of candidates .


But in UP 5 distrctcs criteria is challenged. No body oppose KVS selection, SSA Chandigarh etc.
No body says NCTE guidelines is incorrect.


Media and People are creating rumours and playing with the life of candidates. Where is responsible MEDIA.


I wan to ask to them - To these Media person , If some of his friend failed  in HIGHSCHOOL OR some cheating occurs, then What they feel - IF They failed on the basis that somewhere cheating occurs.
 What this MEDIA.

UPTET :शिक्षक भर्ती के विज्ञापन रद्द करने पर बनी सहमति


UPTET :शिक्षक भर्ती के विज्ञापन रद्द करने पर बनी सहमति
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति
(UP Govt. itself going to cancel advertisement for 72825 posts of Primary Teacher )

परीक्षार्थियों की मांग

•टीईटी प्रकिया निरस्त नहीं की जाए
•72825 पदों पर भर्ती की जाए
•शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर की जाए
•एनसीटीई से भर्ती की समय सीमा बढ़ाई जाए


टीईटी विवाद

62 करोड़ रुपये का घोटला टीईटी परीक्षा फार्म बिक्री से हुआ
12 लोगों की इस पूरे प्रकरण में गिरफतारी हुई

माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक संजय मोहन सहित दस सह आरोपी पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगाया


लखनऊ। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेश स्तर पर जारी विज्ञापन रद्द करने पर सहमति बन गई है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी ने इसकी संस्तुति कर दी है। इसके आधार पर ही हाईकोर्ट को इससे अवगत करा दिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि कितने शिक्षकों की भर्ती कब की जाएगी।
बसपा सरकार में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर विज्ञापन निकाला गया था। इसमें शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को रखा गया था। हाईकोर्ट इलाहाबाद में इसे चुनौती देते हुए कहा गया था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जिला स्तर पर ही निकालना चाहिए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस बीच टीईटी में धांधली का खुलासा होने के चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। यूपी में 15 मार्च से नई सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थी मिले थे और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाते हुए तीन हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी की बैठक में ही तय किया गया कि पूर्व में जारी विज्ञापन को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को अवगत करा दिया जाए।

नए सिरे से होगी भर्ती प्रक्रिया
लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसमें टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था समाप्त करते हुए शैक्षिक मेरिट के आधार पर पूर्व की तरह व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिक्षकों की भर्ती के लिए 31 मार्च 2015 तक समय देने का अनुरोध प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के दौरान कर चुके हैं

News : Amar Ujala (20.4.12)