UPTET :शिक्षक भर्ती के विज्ञापन रद्द करने पर बनी सहमति
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की संस्तुति
(UP Govt. itself going to cancel advertisement for 72825 posts of Primary Teacher )परीक्षार्थियों की मांग
•टीईटी प्रकिया निरस्त नहीं की जाए
•72825 पदों पर भर्ती की जाए
•शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर की जाए
•एनसीटीई से भर्ती की समय सीमा बढ़ाई जाए
टीईटी विवाद
62 करोड़ रुपये का घोटला टीईटी परीक्षा फार्म बिक्री से हुआ
12 लोगों की इस पूरे प्रकरण में गिरफतारी हुई
माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक संजय मोहन सहित दस सह आरोपी पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगाया
लखनऊ। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेश स्तर पर जारी विज्ञापन रद्द करने पर सहमति बन गई है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी ने इसकी संस्तुति कर दी है। इसके आधार पर ही हाईकोर्ट को इससे अवगत करा दिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि कितने शिक्षकों की भर्ती कब की जाएगी।
बसपा सरकार में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर विज्ञापन निकाला गया था। इसमें शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को रखा गया था। हाईकोर्ट इलाहाबाद में इसे चुनौती देते हुए कहा गया था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जिला स्तर पर ही निकालना चाहिए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस बीच टीईटी में धांधली का खुलासा होने के चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। यूपी में 15 मार्च से नई सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थी मिले थे और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाते हुए तीन हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी की बैठक में ही तय किया गया कि पूर्व में जारी विज्ञापन को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को अवगत करा दिया जाए।
नए सिरे से होगी भर्ती प्रक्रिया
लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसमें टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था समाप्त करते हुए शैक्षिक मेरिट के आधार पर पूर्व की तरह व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिक्षकों की भर्ती के लिए 31 मार्च 2015 तक समय देने का अनुरोध प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के दौरान कर चुके हैं।
News : Amar Ujala (20.4.12)
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