Friday, April 20, 2012

UPTET : कहीं खुशी कहीं गम


UPTET : कहीं खुशी कहीं गम


छात्र ज्ञानेश कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल हमेशा बड़ी समस्या रही है। ऐसे में कुछ मुख्यमंत्रियों के समय में रिजल्ट जहां गिरावट प्रदर्शित करता है वहीं कुछ विशेष वर्षो में इसमें खासी वृद्धि हुई। इसलिए इसे आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं शिशिर, सुनील आदि भी ऐसे ही विचार रखते हैं।

वहीं दूसरी ओर एक खेमा ऐसा भी है जो इस निर्णय से खुश है। छात्र राजेश कहते हैं कि ज्यादातर राज्यों ने इसे अर्हताकारी परीक्षा ही माना है ऐसे में इसकी मेरिट को चयन का आधार बनाना उचित नहीं है। वह 13 नवंबर को हुई टीईटी में गड़बड़ियों का जिक्र करना भी नहीं भूलते। सदानंद मिश्र इसका विरोध करते हुए कहते हैं कि सही जांच से गड़बड़ियां ठीक भी की जा सकती हैं। कुछ छात्रों के किए की कीमत बाकी लोग क्यों भुगतें। अंतत: 72825 शिक्षकों की भर्ती के मामले न्यायालय की भी प्रमुख भूमिका होने से छात्रों को इंकार नहीं है।

News : Jagran (20.4.12)

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.