Friday, April 27, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ कूच का आह्वान


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ  कूच का आह्वान


सम्भल : टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में टीईटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें सर्विस दिलाने की मांग को लेकर लखनऊ कूच करने का आह्वान किया गया।

टीईटी संघर्ष मोर्चा की सरदार भगत सिंह पार्क में हुई बैठक में मुरादाबाद के जिला महासचिव प्रियंक त्यागी ने सभी टीईटी संघर्ष मोर्चा के अभ्यर्थियों से शुक्रवार को लखनऊ कूच करने का आह्वान किया।

कहा कि लखनऊ में समस्त टीईटी अभ्यर्थी अंतिम लड़ाई को सफल बनाने हेतु संघर्ष करेंगे। साथ ही, सरकार से जल्द से जल्द टीईटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें सर्विस दिलाने की अपील की जाएगी।

इस दौरान महीपाल सिंह, मो. तसलीम, अंशुल सक्सेना, तौकीर अहमद, रामवीर सिंह, मो. हिलाल, जफरउल्ला खान, सौरभ गुप्ता, सुनील कुमार, आनंद कुमार, लोकेश कुमार, काविंद्र सिंह, कीर्ति रमन, शशिकांत सिंह, भरत मिश्रा, अजीत सिंह, प्रदीप, महेंद्र प्रजापति आदि रहे।

News : Jagran (26.4.12)
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लखनऊ में प्रदर्शन करेंगे टीईटी अभ्यर्थी


बदायूं : टीईटी अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 28 अप्रैल को प्रदेश भर के अभ्यर्थी लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गुनहगारों को सजा देने के बजाय रोजगार की आस लगाये बैठे टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लाखों बेरोजगारों को सजा देने पर तुली हुई है। एक तरफ सरकार बेरोजगारों की हितैषी होने का दावा कर रही है तो टीईटी मुद्दे पर आंखें बंद किए हुए है। नियुक्ति का विज्ञापन रद्द किए जाने के आदेश की आलोचना करते हुए उन्होंने टीईटी अभ्यर्थियों से लखनऊ पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को सायं 4.30 बजे बदायूं रेलवे स्टेशन पर अभ्यर्थी एकत्रित होंगे


News : Jagran (26.4.12)

Thursday, April 26, 2012

UPTET : यूपीटीईटी-बहुत कठिन है डगर पनघट की- मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

UPTET : यूपीटीईटी-बहुत कठिन है डगर पनघट की- मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

भ्रष्टाचार का आरोप मढ़कर हम अपनी असफलता छुपा सकते हैं और सच का गला भी घोंट सकते हैं,विशेषकर जब यह बात उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश में शिक्षा की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में कही जा रही हो तब हमें इस कथन की सत्यता जांचने के लिए अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ेगा|

पूरे प्रदेश में इस बात को जोर शोर से प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा नवम्बर में आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और अब इस आधार पर इस परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए|

मजे की बात तो यह है की परीक्षा में प्राथमिक स्तर पर लगभग २ लाख ७० हजार अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किये गए|क्या इसका यह अर्थ है की प्राथमिक स्तर पर परीक्षा में उत्तीर्ण समस्त २ लाख ७० हजार अभ्यर्थी बेईमान हैं ?

फिलहाल कथित टीईटी घोटाले के आरोप में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद निदेशक श्री संजय मोहन समेत माध्यमिक शिक्षा परिषद के कुछ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी हिरासत में हैं,उन पर गैंगेस्टर लग चुका है और मामले की तफ्तीश चल रही है|

हमें यह नहीं भूलना चाहिए की उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री बनने से पहले ही टीईटी निरस्त करने की सार्वजनिक घोषणा कर चुके हैं और इस घोषणा को आधार मानकर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी तथा मीडिया का एक विशिष्ट वर्ग उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत पाता देखकर मतगणना की शाम से ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करने लगा|


टीईटी के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठियां भी बरसाई गई|यही नहीं, विधानसभा के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनरत अभ्यर्थियों की व्यथा को किसी ने भी संज्ञान में लेने की आवश्यकता नहीं समझी और वर्तमान शासन ने भी टीईटी को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है|

टीईटी को लेकर असमंजस और उससे उपजे अवसाद के चलते संत कबीर नगर के अंगद चौरसिया और बुलंद शहर के महेंद्र सिंह की मृत्यु हो चुकी है|इससे पहले भी एक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी की माँ नकारात्मक समाचार सुनकर स्वर्ग सिधार चुकी है|इन सब ख़बरों को लेकर हमारा युवा हतोत्साहित है और आक्रोशित भी|


हमें समस्या के मूल में जाना होगा|जनता को यह जानने का हक है की उसके खून पसीने की कमाई कहाँ जाती है और नौनिहालों की शिक्षा पर होने वाले व्यय की क्या सार्थकता है? हमारे देश को आजाद हुए ६४ वर्ष से अधिक हो गए हैं,हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पराधीन भारत में स्वतंत्र भारत का जो स्वप्न देखा था,हम उसके आस पास भी नहीं हैं|अपने अधिकारों और कर्तव्यों की कौन कहे,इन ६४ सालों में हम आज तक समग्र साक्षरता के मह्त्वाकांक्षी लक्ष्य को भी हासिल नहीं कर पाए हैं|

हालांकि,इतने सालों में हमने अच्छी उपलब्धि हासिल की है और आज साक्षरता के क्षेत्र में हम ब्रिटिश राज के १२ प्रतिशत के आकडें को पार करते हुए २०११ के आंकड़ों के अनुसार ७५.०४ प्रतिशत तक पहुँच गए हैं किन्तु तुलनात्मक दृष्टि से हम आज भी विश्व साक्षरता के औसत (८४ प्रतिशत) से भी लगभग १० अंक निचले पायदान पर स्थित हैं|बात यही पर खत्म नहीं होती है,यदि हम नेपाल,बंगलादेश और पाकिस्तान जैसे संसाधनविहीन देशों को छोड़ दे तो हमारे अन्य पडोसी मसलन चीन,म्यामार,यहाँ तक की श्रीलंका जैसे छोटे देश भी साक्षरता के क्षेत्र में ९० प्रतिशत से ऊपर पहुँच चुके है|ध्यातव्य है की साक्षरता के ये आंकड़े ७ वर्ष से ऊपर आयु वर्ग की जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं|

हम योजना दर योजना मूल्य आधारित,गुणवत्तापरक और सामूहिक शिक्षा की बात करते तो हैं किन्तु जब इन्हें अमली जामा पहनाने का वक्त आता है तो हम बजट की कमी का रोना रोने लगते हैं|राज्य, केन्द्र पर दोषारोपण करता है और केन्द्र सरकार राज्यों को दोषी ठहराने लगती है|वर्तमान में भारत शिक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का मात्र ४.१ फीसदी व्यय कर रहा है जो आगे बढ़ कर लगभग ६ फीसदी होने का अनुमान है|

सर्व शिक्षा अभियान केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो शत प्रतिशत साक्षरता और शत प्रतिशत स्कूली शिक्षा के ध्येय को समर्पित है|सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत केन्द्र, राज्यों के प्राथमिक शिक्षा पर होने वाले समस्त व्यय का ६५ प्रतिशत स्वयं वहन करती है और शेष ३५ प्रतिशत व्यय राज्य सरकार वहन करती है|

विशिष्ट बी टी सी से पूर्व प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का सारा दारोमदार बी टी सी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर ही निर्भर था किन्तु योग्य अध्यापकों की अनुपलब्धता के चलते बी. एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्राथमिक शिक्षा के लिए अर्ह मानते हुए १९९८ से विशिष्ट बी टी सी की व्यवस्था अपनाई गयी|

नयी व्यवस्था होने के कारण इसका विरोध हुआ किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की दृढता के चलते किसी की भी एक न चली और राज्य में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए|२००१ में विशिष्ट बी टी सी के आवेदन तो निकाले गए किन्तु तकनिकी बाधाओं के चलते नियुक्तियां नहीं हो पायी|२००४ और २००८ में पुनः विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से राज्य में प्राथमिक शिक्षकों का चयन किया गया|

चूंकि इस प्रक्रिया में चयन का आधार मात्र अकादमिक उपलब्धियां थी अतः अनेक मेधावी छात्र जिनकी अकादमिक उपलब्धि संतोषजनक थी,अध्यापक बनने की प्रक्रिया से बाहर हो गए|

दूसरी ओर,ऐसे अभ्यर्थी जिनके पास तकनिकी अथवा जुगाडू डिग्रियां थी, प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक नियुक्त कर लिए गए|शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाडा कोई नई बात नहीं है|किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे देना,डिग्रियों में हेर फेर,प्रश्न पत्र आउट करवा देना यहाँ तक की संसाधनों के नितांत अभाव के बावजूद उच्च शिक्षण संस्थान संचालित करने की मान्यता प्राप्त कर लेना सब कुछ चलता है|

जनता यह जानना चाहती है की उत्तर प्रदेश में नक़ल माफियाओं और शिक्षा माफियाओं की जड़े कितनी गहरी है और हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं को कितनी गंभीरता से लिया गया और उस पर अब तक क्या क्या कार्यवाहियां हुई हैं?
अभी हाल ही में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर बिंदा प्रसाद मिश्र ने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने की आशंका व्यक्त की है|
कारण स्पष्ट है, कुलपति महोदय शिक्षा माफियाओं के राह में रोड़ा बने हुए है और प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों के अंकपत्रों तथा प्रमाण पत्रों के सत्यापन में अपना सहयोग दे रहे हैं|

इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए और फर्जीवाड़े पर लगाम लगा कर योग्यता के वास्तविक पहचान के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निश्चय किया|
उत्तर प्रदेश में आयोजित टीईटी की परीक्षा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानकों के अनुरूप ही हुई थी और इस परीक्षा में पारदर्शिता तथा शुचिता बनाये रखे जाने का पूर्ण प्रबंध किया गया था|खेद का विषय है की राज्य सरकार द्वारा मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति टीईटी के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के बिंदु तलाशने के स्थान पर इस प्रक्रिया को निरस्त किये जाने के बिंदु तलाशने में अपनी ऊर्जा अधिक व्यय कर रही है|

सोचने की बात तो यह है की ९० मिनट की सार्वभौमिक(टीईटी अभ्यर्थियों के लिए) समय सीमा के अंदर जो अभ्यर्थी ९० अंक (सामान्य वर्ग के लिए) भी नहीं ला सका, वह प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने का किस तरह का नैतिक आधार रखता है ?

और उसे प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त ही क्यों किया जाय जबकि वह निर्धारित समय सीमा के अंदर कक्षा ८ स्तर तक के प्रश्नों का भी समुचित उत्तर नहीं दे सका ?

अब यदि यह मान भी लिया जाय की माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में जो भी अंक बढ़ाये गए, उनमे धांधली हुई है तो इसका दोषी वह प्रतिभाशाली युवक कैसे है, जिसने स्वयं के बल परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किये
और इस आधार पर वह प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने का नैतिक आधार रखता है?
आप नियुक्ति के पश्चात भी जांच करवा सकते हैं और आपका यह अधिकार संवैधानिक भी है
किन्तु यदि संजय मोहन को आधार बनाकर इस प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है तो हमें यह कहना होगा उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का पौधा एक दरख्त बन चुका है क्योंकि मात्र राजनैतिक विद्वेष के चलते एक अच्छी व्यवस्था को लागू होने से पहले ही खत्म कर दिया गया|प्रधान,शिक्षा मित्र और बीएसए गठजोड़ हमारे प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा को पहले ही निगल चुका है|

साभार- bhadas.blogspot.in

UPTET : बेगुनाहों को सजा क्यों !


UPTET : बेगुनाहों को सजा क्यों !


रसड़ा (बलिया) : यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा तहसील इकाई रसड़ा की बैठक बुधवार को श्रीनाथ मठ के प्रांगण में हुई जिसमें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सरकार की तरफ से की जा रही शिथिलता पर गहन चर्चा के साथ भर्ती को यथावत व यथा शीघ्र करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में राज्य सरकार गुनाहगारों को सजा दिलाने के बजाय रोजगार की आस लगाये लाखों टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बेरोजगारी की सजा देने पर तुली हुई है। इससे टीईटी पास अभ्यर्थियों का जीवन अन्धकारमय होता दिख रहा है। कहा कि जहां एक तरफ राज्य सरकार बेरोजगारों की हितैषी बनने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ नौकरी की आस लगाये लाखों बेरोजगारों पर आंख मूंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है जिसे अब कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी बैठक 2 मई को होगी जिसमें संघर्ष की अगली रणनीति तय की जाएगी। बैठक को मंजीत सिंह, विद्यानन्द चौहान, रामविचार यादव, अनंत गुप्ता, रवीन्द्र कुशवाहा, रण विजय सिंह, दिलीप चौहान, अमित सिंह, रोशन जौहरी, पूजा पाण्डेय, धर्मेन्द्र चौहान, संजय कुमार, हरेन्द्र कुमार, कृष्णपाल, अभिषेक सिंह आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष कौशल कुमार गुप्ता तथा संचालन मीडिया प्रभारी राहुल कुमार ने किया।

News: Jagran (25.4.12)

Wednesday, April 25, 2012

UPTET : Scan Copy of Government Order (G.O) provided by Blog Visitor Mr. Tulsi


UPTET : Scan Copy of Government Order (G.O) provided by Blog Visitor Mr. Tulsi

प्रेषक: Tulsi Sahu <tulsiprasadsahu@gmail.com>
दिनांक: 24 अप्रैल 2012 8:38 pm
विषय: info
प्रति: muskan24by7@gmail.com
Please view my attachment

Thanks
Tulsi Prasad Sahu

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UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडिल मार्च


UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडिल मार्च


अंबेडकरनगर, टीईटी संघर्ष मोर्चा की जिला इकाई ने कैंडिल मार्च कर मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग शासन से की। कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को संपन्न बैठक में वक्ताओं ने गत दिनों लखनऊ में बसपा शासनकाल में शहीद साथियों को श्रद्धांजलि देते हुए ईश्वर से शक्ति प्रार्थना के माध्यम से मांगी। बैठक व कैंडिल मार्च में जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा, देवेंद्र कुमार, सुरेंद्र यादव, विवेक वर्मा, देवेश, सुरेश यादव, शिवेंद्र विक्रम सिंह, शिवकुमार, आलोक पांडेय आदि शामिल थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष व संचालन सर्वेश यादव ने किया।

न्यूज़ साभार : Jagran ( 24.4.12)

Tuesday, April 24, 2012

UPTET Morcha Meeting will be on 28th April as per news in print media

UPTET Morcha Meeting will be on 28th April as per news in print media

28 को अनशन की चेतावनी
समस्त टीईटी अभ्यर्थियों का 28 अप्रैल 2012 को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन लखनऊ विधान सभा पर विज्ञापन रद्द करने के संस्तुति के विरोध में किया जायेगा।

(News : Sitapur , Amar Ujala )
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बैठक में 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की शपथ ली गई। रविवार को शहीद स्मारक पर टीईटी संघर्ष मोर्चा, आगरा मंडल के अभ्यर्थियों की बैठक हुई


25 April ko Sirf Zila Adhaksho ki meeting hona prastavit hai jisse vo aage ki renneeti bana sake kyuki hamare Urja/Shakti right way me ho isliye pre-planing ke sath is baar Lucknow chalege. Mai Sabhi Zila Adhaksho se appeal karna chahta hoo ko lucknow jaroor puche taki jo bhi news news paper me aa rehi hai us par baith kar bichar kar liya jai aur 3 week ka time bhi khatam hone wala hai us sambhand me bhe charcha hoge.
 
 
Blog Editor Ji. Jo bhe bharam news mere name se aaye usko hata de isse bahut se log paresan ho jate hai aur vichoro me 1 roopta khatam ho jati hai. right or wrong to sabhi samjhte hai
 

(News : Amar ujala , Agra, 23.4.12)

Sorry Visitors,
I will not publish any info, until it is confirmed from News / OR some authenticated emails.

vivekanad said...

Friends, Mere Name se koi bhe koi bhe comment deta hai to use mera comment na mana jai mujhe jo bhe comment dena hoga mai apni ID se dooga, isse log bharmit ho jate hai aur mujhe jo ghoshna karna hoga mai apni I.D. se krooga.

However my email ID is : muskan24by7@gmail.com
Mr Nitin Mehta gave his email one time witn some document details.
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Always keep in touch with your leaders for updates and abide law.

UPTET Sangarsh Morcha Meeting in Lucknow (See Below Information )

BLOG VISITOR Karan Singh / Rooshi Gel Informed - UPTET Sangarsh Morcha Meeting in Lucknow (See Below Information )

प्रेषक: Rooshi Gel <rooshi321@gmail.com>
दिनांक: 24 अप्रैल 2012 5:59 pm
विषय: TET SANGHARSH MORCHA
प्रति: muskan24by7@gmail.com


sab log 25ko lko pahuch rhe hai.pls attach file ko publish kar dijiye
25 ko lko jane wali soochna ko.
yadi AAPKO conform karna hai to
Vivekanand -09125501199 (personal no.)
gyanesh yadav 09807188538
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TET SANGHARSH MORCHA
***LUCKNOW CHALO***
ABHIYAN
AGAR AAP TET MERIT PAR CHAYAN CHAHTE HAI
TO 25 April KO LUCKNOW
CHALO
ABHIYAN ME BHARI SANKHYA ME
SHAMIL HO.

TIME:- SUBAH 9:00 a.m.
CHARBAG STATION

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Suggestions regarding this post can be given through comments.
Please do not use abusive language, And post your comments abiding by law.

UPTET / B. Ed / Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसी व टीईटी ने कर दी बीएड की छुंट्टी



UPTET / B. Ed / Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसी व टीईटी ने कर दी बीएड की छुंट्टी


कानपुर, शिक्षा संवाददाता: अर्थशास्त्र के मुताबिक जिस वस्तु की मांग बढ़ती है, उसकी कीमत भी बढ़ती है। पिछले कुछ सालों तक बीएड में मांग व आपूर्ति का यही नियम लागू रहा तो ग्राफ आसमान पर था। लेकिन विशिष्ट बीटीसी पर रोक लगी और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) लागू हुई तो बीएड का ग्राफ कई पावदान नीचे खिसक गया। इस बार पौने दो लाख से अधिक अभ्यर्थी कम हो गये हैं। इससे निजी कालेजों की सांस फूली हुई है।

विशिष्ट बीटीसी में मेरिट से सीधे चयन व छह माह प्रशिक्षण के बाद लगभग 28 हजार रुपये मासिक वेतन की नौकरी। हाईस्कूल से स्नातक तक प्राप्तांक प्रतिशत ठीक हो तो किसी तरह बीएड करके विशिष्ट बीटीसी का लाभ मिलना तय था। इसी माध्यम से करीब एक लाख शिक्षक शिक्षिकाओं की नियुक्तियां भी हुईं। ऐसे में बीएड का ग्राफ इतना चढ़ा कि हर साल कालेजों में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या साढ़े पांच लाख तक पहुंच गयी। प्रबंधन कोटे की सीटों पर सीधे प्रवेश के लिए सवा लाख से दो लाख रुपये तक के रेट खुले। काउंसलिंग से प्रवेशित छात्रों से भी अतिरिक्त शुल्क वसूला गया पर बेहतर मेरिट पाने के चक्कर में वे खामोश रहे। विशिष्ट बीटीसी प्रक्रिया खत्म होते ही अभ्यर्थियों का बीएड के प्रति मोह बिखरने लगा। इसी सत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा (टीईटी) लागू कर दी। अर्थात अब बीएड करने के बाद टीईटी नहीं तो बीएड बेकार। इस व्यवस्था से जुगाड़ करके बीएड में अच्छे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की सांस फूलने लगी। उन्हें टीईटी क्वालीफाई कर लेने का आत्मविश्वास नहीं था, इसलिए उन्होंने भी बीएड से मुंह मोड़ लिया। इधर शासन ने पिछले सत्र में निजी कालेजों के लिए बीटीसी के द्वार खोल दिये। चूंकि बीटीसी से तुरंत नौकरी मिलती है इसलिए तमाम छात्र-छात्राएं बीएड छोड़कर बीटीसी की ओर मुड़ गये

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बीएड का ग्राफ

बीते सत्र में कालेज : 980

बीते सत्र में सीटें : 1.10 लाख

इस बार सीटें बढ़ीं : शून्य


बीते सत्र में अभ्यर्थी : 5.26 लाख


इस बार अभ्यर्थी : 3.49 लाख

अभ्यर्थी घटे : 1.77 लाख

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बीएड डिग्रीधारियों के लिए नौकरी के अवसर घटे हैं। पहले से ही लाखों बीएड बेरोजगार हैं। शुल्क भी कम नहीं है। इसीलिए बीएड अभ्यर्थियों की संख्या कम हो रही है।


- प्रो. अशोक कुमार, कुलपति सीएसजेएम

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निजी बीटीसी खुलने, टीईटी लागू होने तथा विशिष्ट बीटीसी पर रोक के चलते बीएड के प्रति मोह घटा है। पहले अच्छी मेरिट वाले सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड से इंटर कर अंग्रेजी माध्यम से स्नातक बड़ी संख्या में बीएड की ओर आये थे, लेकिन अब वे पीछे हट गये हैं


- विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष उप्र. स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन



News : Jagran ( 23.4.12)

Monday, April 23, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यार्थियों का अल्टीमेटम , विज्ञापन रद हुआ तो करेंगे प्रदेश स्तरीय आंदोलन


UPTET : टीईटी अभ्यार्थियों का अल्टीमेटम , विज्ञापन रद हुआ तो करेंगे प्रदेश स्तरीय आंदोलन


उन्नाव। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अतुल तिवारी ने कहाकि प्रदेश सरकार नकल तंत्र को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। विज्ञापन रद्द होने की स्थिति में उन्होंने प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की चेतावनी दी।
रविवार को निराला उद्यान में हुई बैठक में टीईटी अभ्यार्थियों ने शासन के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई। बैठक को संबोधित करते हुए निजाम अहमद ने कहा कि लोकसभा और निकाय चुनाव में टीईटी अभ्यर्थी प्रदेश सरकार की लापरवाही की पोल खोलेंगे। किरन सिंह ने कहा कि 72825 सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां टीईटी की मेरिट से ही होनी चाहिए, शैक्षणिक आधार पर नियुक्तियां होने से नकलतंत्र को बढ़ावा मिलेगा। सीता सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार टीईटी को नजरंदाज कर प्रदेश के नकल माफियाओं को और बढ़ावा देने का काम करेगी। संरक्षक अमित त्रिपाठी, देवेंद्र सिंह, राकेश शुक्ला, रचना, अनूप श्रीवास्तव समेत अन्य वक्ताओं ने भी बैठक को संबोधित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद थे।


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UPTET :  ...तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी


बिजनौर। टीईटी एसोसिएशन की ओर से नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन निरस्त करने की संस्तुति पर रोष जताया गया। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का फैसला अभ्यर्थियों के हित में नहीं आने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। रविवार को अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया।
टाउन हॉल पार्क में अभ्यर्थियों की बैठक हुई। अभ्यर्थियों ने शासन की ओर से विज्ञापन निरस्त करने की संस्तुति की निंदा की। एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञापन निरस्त करके अभ्यर्थियों के साथ घोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यसचिव की रिपोर्ट 25 अप्रैल को हाईकोर्ट में जमा की जाएगी, जिसके बाद हाईकोर्ट फैसला सुनाएगी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला अगर अभ्यर्थियों के खिलाफ आता है तो सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
बैठक के बाद अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया। इस दौरान नाहिद हुसैन, श्रेयस्कर गौड़, प्रयाग, रघुनेंद्र, शोभित, अनुराज, इदरीस, खुर्शीद, दर्शनपाल, अवनीश, राकेश, मुहम्मद यामीन, मुहम्मद साकिब आदि मौजूद रहे।
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सरकार पर भड़के टीईटी अभ्यर्थी , कचहरी में फूंका मुख्य सचिव का पुतला, विज्ञापन निरस्त होने से गुस्सा

प्रतापगढ़। यूपी सरकार के टीईटी विज्ञापन निरस्त करने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को मुख्य सचिव का पुतला फूंका। सरकार ने हाईपावर कमेटी का गठन करके मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को अध्यक्ष बनाया था। जांच के दौरान उस्मानी ने चयन प्रक्रिया में धांधली बताते हुए विज्ञापन को ही निरस्त करने का सुझाव दिया था।
रविवार को विवेक सिंह के नेतृत्व में एकजुट हुए अभ्यर्थियों ने विज्ञापन निरस्त करने के लिए पूरी तरह मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि दो लाख साठ हजार बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । कचहरी में बैठक कर वक्ताओं ने कहा कि पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव से मिलकर टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय की मांग की गई थी। एकजुट अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका। इस मौके पर राघवेंद्र सिंह, नीरज, चंद्र प्रकाश, विपिन, महेश, संदीप, अनिल, अनूप तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

प्रतापगढ़। यूपी सरकार के टीईटी विज्ञापन निरस्त करने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को मुख्य सचिव का पुतला फूंका। सरकार ने हाईपावर कमेटी का गठन करके मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को अध्यक्ष बनाया था। जांच के दौरान उस्मानी ने चयन प्रक्रिया में धांधली बताते हुए विज्ञापन को ही निरस्त करने का सुझाव दिया था।
रविवार को विवेक सिंह के नेतृत्व में एकजुट हुए अभ्यर्थियों ने विज्ञापन निरस्त करने के लिए पूरी तरह मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि दो लाख साठ हजार बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । कचहरी में बैठक कर वक्ताओं ने कहा कि पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव से मिलकर टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय की मांग की गई थी। एकजुट अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका। इस मौके पर राघवेंद्र सिंह, नीरज, चंद्र प्रकाश, विपिन, महेश, संदीप, अनिल, अनूप तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।


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UPTET : भर्ती प्रक्रिया निरस्त न करने की लगाई गुहार , टीईटी मोर्चा ने भीख मांग किया विरोध

•जल्द नियुक्ति कराने की गुहार लगाई
•मांग पूरी नहीं की गई तो करेंगे आंदोलन
Kusinagar

पडरौना। टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा ने रविवार को बैठक की। इसमें पावर कमेटी द्वारा टीईटी भर्ती विज्ञापन को निरस्त करने की बनाई गई सहमति पर रोष प्रकट किया। नगर में भिक्षाटन करते हुए सरकार से मांग की कि उनकी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त न किया जाए, बल्कि जल्द ज्वाइनिंग कराई जाए।
नगर स्थित जूनियर हाईस्कूल में हुई बैठक में टीईटी मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति कराने की मांग की गई। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह पक्षपात पूर्ण व्यवहार कर रही है। इसके साथ ही टीईटी उर्त्तीण लोगों ने भिक्षाटन किया गया। मोर्चा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में राहुल सिंह, रत्नेश, अखिलेश मिश्र, दिनेश यादव, राजेंद्र, महेश, राजेश, विनोद, इश्तेयाक, छोटेलाल आदि उपस्थित रहे।

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टीईटी ः मुख्य सचिव का पुतला फूंका
मेरठ। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। चौ. चरण सिंह पार्क में आयोजित एक सभा में मोर्चा ने हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष जावेद उस्मानी (मुख्य सचिव) व बेसिक शिक्षा सचिव सुनील के बयानों व एकेडमिक द्वारा भर्ती की संस्तुति किए जाने की घोर निंदा की। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे बयानों से आत्महत्याएं हुईं। नितिन मेहता, गौरव यादव, राजीव कुमार, चंद्रशेखर, पराग, योगेश, विनोद कुमार, सलाऊद्दीन सैफी, विकास कुमार, प्रवीण, खालिद उपस्थित रहे।
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UPTET :  टीईटी : इंसाफ की दरकार , अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंका


मुजफ्फरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञापन रद किए जाने पर बनी सहमति का विरोध किया है। अभ्यर्थियों का कहना था कि चयन नियमावली में परिवर्तन करना गलत है। विरोध में जांच समिति के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला भी जलाया गया।
रविवार को टाउन हॉल में आयोजित अभ्यर्थियों की सभा में विज्ञापन रद किए जाने पर बनी सहमति का कड़ा विरोध किया गया। अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर परीक्षा में धांधली नहीं पाई गई है तो पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार पर चयन किया जाना चाहिए। प्रवेंद्र मलिक, साकिद अली, कपिल शर्मा, मनोज कौशिक, सतेंद्र कुमार, रवि प्रकाश व सौरभ ने कहा कि प्रदेश सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
अभ्यर्थियों ने इसके बाद टीईटी जांच समिति के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका। चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश सरकार ने न्याय नहीं किया तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। नीरज कुमार, प्रवीण गोयल, संजीव, नदीम, सुधीर, पंकज, रश्मि, कुसुमलता, देवदत्त, नवनीत, मेहरुन्निशां आदि उपस्थित रहे।
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UPTET : एकेडमिक मेरिट से भर्ती पर होगा आंदोलन


•टीईटी अभ्यर्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
•चयन नियमावली में फेरबदल पर सवाल
•प्रदेश सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई


शामली। टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि जल्द उनकी भर्ती नहीं की गई तो वे आमरण अनशन करेंगे। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
टीईटी संघर्ष मोर्चा ने नरेंद्र सिंह मार्किट में हुई बैठक में कहा कि यदि प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर नहीं करती हैं, तो अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे। साथ ही अंदेशा जताया यदि शिक्षकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर की गई तो भविष्य में यूपी बोर्ड के कॉलेजों में ताले लग जाएंगे। उन्होंने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप भी लगाया। शिव कुमार ने कहा कि यदि शीघ्र ही टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो सभी वे आमरण अनशन करेंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रदीप शर्मा तथा संचालन रोहित ने किया। इस दौरान प्रवीण, अभिलाष, अरविंद, प्रवेश कुमार, आनंद, सुमित कुमार, सुभाष, अमित, सोनू, दीपक कुमार, सुधीर कुमार आदि उपस्थित रहे।

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UPTET :  ‘भर्ती प्रक्रिया बदली तो आंदोलन होगा’

सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा से जुड़े अभ्यर्थियों की रविवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में शासन द्वारा तय की गई हाई पावर कमेटी की ओर से टीईटी के पूर्व विज्ञापन को निरस्त करने की संस्तुति पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने का मकसद ही यही था कि बोर्ड परीक्षाओं वाली अंकों की मेरिट के चक्कर में किसी के साथ कोई अन्याय हो, मगर अब इसी व्यवस्था को फिर से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
मोर्चा के जिला महामंत्री प्रदीप कुमार पौडवाल ने कहा कि टीईटी में एक ही प्रारूप में सबके लिए परीक्षा हुई और उसके परिणाम के आधार पर बनने वाली मेरिट से चयन सबके लिए न्यायोचित होता, मगर अब पुरानी विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर प्रारूप की तैयारी से सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड वाले अभ्यर्थियों को ही अधिक फायदा मिलेगा, क्योंकि बोर्ड एग्जाम में इनके अंकों की मेरिट 80 से 90 तक की होती है जबकि यूपी बोर्ड में काबिल से काबिल अभ्यर्थी भी यहां तक नहीं पहुंच पाते।
उन्होंने चेतावनी दी कि अपने हक के लिए उन्हें हाईकोर्ट तक भी लड़ाई लड़नी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे। यह टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों के भविष्य का मामला है। कहा कि यदि टीईटी के पूर्व के विज्ञापन के आधार पर भर्ती नहीं की जाती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान शराफत अली, रवींद्र राठौर, पंकज किशोर, रवींद्र, मनोज गुर्जर, अंकित शर्मा, सोमवीर गुर्जर और ईसम सिंह आदि मौजूद रहे।
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UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक 24 को
गाजीपुर। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रेलवे स्टेशन स्थित शिव मंदिर परिसर में 24 अप्रैल को 10 बजे से होगी। यह जानकारी देते हुए राधेश्याम कुशवाहा ने बताया कि इसमें टीईटी नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा।
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UPTET : संघर्ष मोर्चे की बैठक कल

फतेहपुर। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा जिला इकाई की बैठक में चौबीस अप्रैल को नहर कालोनी परिसर में आयोजित की जाएगी। यह जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने बताया टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भारी संख्या में बैठक में पहुंचने का आवाहन किया।
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UPTET : टीईटी परीक्षा रद्द तो होगा आंदोलन

अलीगढ़। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को इस समय परीक्षा के रद्द होने का भय का सता रहा है। अभ्यर्थियों ने ऐलान किया है कि यदि टीईटी मेरिट पर नियुक्ति नहीं हुई तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को मालवीय पुस्तकालय में उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता अमित दुबे ने की व संचालन संजय सिंह ने किया। प्रदेश अध्यक्ष प्रवीन सक्सेना, सुधीर कुमार, कौशल राघव, भीकम सिंह, कंछी सिंह, देवेंद्र आदि उपस्थित थे।

News : Amar Ujala (23.4.12)

UPTET : टीईटी पास छात्रों ने भरी आंदोलन की हुंकार


UPTET : टीईटी पास छात्रों ने भरी आंदोलन की हुंकार


टीइटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में आरपार की लड़ाई का एलान।
•मुख्य सचिव का पुतला फूंका, 28 को अनशन की चेतावनी


कानपुर। परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की भर्ती में टीईटी को आधार न बनाये जाने के विरोध में टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन की हुंकार भरी। साकेत पार्क में रविवार को धरना-प्रदर्शन के बाद मुख्य सचिव का पुतला फूंका। तय हुआ कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो 28 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया जाएगा।

धरने की अध्यक्षता करते हुये दिनेश पाठक और रत्नेश पाल ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी उत्तीर्ण प्रतिनिधिमंडल ने भेंटकर शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट लिस्ट के आधार पर करवाने की मांग की थी। जिस पर सीएम ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया था। कमेटी को तीन सप्ताह में निर्णय देने को कहा था। उन्होंने कहा कि कमेटी ने रिपोर्ट में शिक्षकों की भर्ती में टीईटी के स्थान पर मेरिट से भर्ती प्रक्रिया करने की बात कही है। जिसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण 28 अप्रैल को लखनऊ में मांगे पूरी होने तक अनशन करेंगे। इस दौरान जुलूस निकालकर नंदलाल चौराहे पर मुख्य सचिव का पुतला भी फूंका गया। विजय सिंह तोमर, सर्वेश राठौर, प्रवीन सचान, अमित सोनी, अभिरुचि, क्षमा त्रिपाठी, श्रद्धा त्रिपाठी, हरेन्द्र आदि मौजूद रहे।

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UPTET : टीईटी अभ्यर्थी 28 को लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन

•लोहार बाग पार्क में बैठक कर बनाई रणनीति
•72825 शिक्षकों की भर्ती शीघ्र कराने की मांग 
सीतापुर। रविवार को लोहार बाग स्थित नेहरू पार्क में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक सुनील कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सुनील कुमार ने कहा कि मूल विज्ञापन से कोई भी छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर शीघ्र करायी जाय।
इस अवसर पर विवेक मिश्र ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा प्रदत्त आख्या अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत मालूम पड़ती है। जिससे आगामी 1 जुलाई 2012 को संविधान द्वारा अनुच्छेद 21 ए का अनुपालन होना संभव नहीं है। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समस्त टीईटी अभ्यर्थियों का 28 अप्रैल 2012 को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन लखनऊ विधान सभा पर विज्ञापन रद्द करने के संस्तुति के विरोध में किया जायेगा।
अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो टीईटी पास अभ्यर्थी आंदोलन करने पर मजबूर होगे। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। बैठक में रमेश यादव, दिलीप श्रीवास्तव, सुशील तिवारी, प्राची यादव, काव्य शर्मा, सर्वोत्तम कुमार, डाली मिश्रा, मुरलीधर, विनीत त्रिपाठी, नवीन कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
लोहार बाग पार्क में बैठक करते टीईटी प्रशिक्षु।

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UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला बाइक जुलूस

•कहा, प्राथमिक शिक्षा को टीईटी पास की नियुक्ति जरूरी
Varanasi Mau :
मधुबन। टीईटी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को मोटरसाइकिल जुलूस निकाला। जुलूस कस्बा का चक्रमण करता हुआ शहीद स्मारक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।

इस मौके पर राजीव यादव ने कहा कि सरकार को प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए टीईटी प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों को ही नियुक्त करना चाहिए। जब योग्य कुशल अध्यापक रहेेंगे तो शिक्षा का स्तर बढे़गा। सरकार बदलती है नियम बदलते हैं लेकिन अभ्यर्थियों का क्या कसूर होता है। उन्होंने कहा कि सरकार 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है, उसमें टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का चयन किया जाए। उन्होंने कहा कि मांगें न माने जाने की स्थिति में आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने 24 अप्रैल को लखनऊ कूच करने के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सत्येंद्र, सुरेश, राजकुमार, सतीश, चंदन, मोहम्मद मोबीन, जयराम, अमरेश, दिनेश, रामप्रवेश, मुनीर, जफर अंसारी, रमेश, उमेश, पंकज, राजेंद्र, इम्तियाज, अफजल, शाहिद आदि उपस्थित रहे।
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UPTET : टीईटी परीक्षा रद्द तो होगा आंदोलन

अलीगढ़। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को इस समय परीक्षा के रद्द होने का भय का सता रहा है। अभ्यर्थियों ने ऐलान किया है कि यदि टीईटी मेरिट पर नियुक्ति नहीं हुई तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को मालवीय पुस्तकालय में उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता अमित दुबे ने की व संचालन संजय सिंह ने किया। प्रदेश अध्यक्ष प्रवीन सक्सेना, सुधीर कुमार, कौशल राघव, भीकम सिंह, कंछी सिंह, देवेंद्र आदि उपस्थित थे।
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UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों का पावर कमेटी के बयान पर ऐतराज

लखीमपुर खीरी (रिपोर्टर)। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष देवेश चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि वे पावर कमेटी के बयान का विरोध करते हैं, जिसमें रोजगार के अवसर छीनने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि एकेडेमिक मेरिट को चयन का आधार बनाने का पुरजोर विरोध करते हैं।
नसीरुद्दीन मेमोरियल परिसर में टीईटी महासंघ ने बैठक कर रणनीति बनाई। सरकार के रवैये से खिन्न टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एकेडेमिक मेरिट चयन को नकारते हुए यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रमों में अंकों के वितरण में भिन्नता का हवाला दिया। आवेदन के आधार पर चर्चा हुई कि नियुक्तियां टीईटी के अंकों के अवरोही क्रम में हों। अन्यथा आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।
बैठक में उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता, रवि शुक्ला, बूटा सिंह, आलम, पंकज राय, रामजी वर्मा, विजय आदि उपस्थित रहे।
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टीईटी धारकों की बैठक आज
शाहजहांपुर। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक कल 23 अप्रैल को प्रात: 10 बजे जिला कार्यालय न्यू वे इंग्लिश क्लासेस पर होगी।
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UPTET : मुख्य सचिव का पुतला फूंका
•पावर कमेटी के निर्णय से नाराज हैं टीईटी बेरोजगार

बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव का पुतला भी फूंका।
जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय आदि रहे। 

News : Amar Ujala (23.4.12) 

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन


लखनऊ। टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को मेरिट के आधार पर चयन की मांग को लेकर जीपीओ में गांधी प्रतिमा के सामने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांग थी कि प्रदेश सरकार यूपी टीईटी भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन को निरस्त करने की संस्तुति को न माने और टीईटी अभ्यर्थियों पर अन्याय होने से रोके। अभ्यर्थियों प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग न पूरी हुई तो वह 28 अप्रैल को लखनऊ में बड़ा आंदोलन करेेेंगे।
उधर, युवा स्नातक बेरोजगार वेलफेयर एसोसिएशन ने शक्ति नगर में बैठक कर प्रदेश सरकार से मांग की है कि जाति धर्म से ऊपर उठकर निर्णय ले ताकि सभी युवा बेरोजगारों के हाथ मजबूत हों। संगठन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि सभी बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा कर सरकार बनाने वाली सपा की सरकार को अपना वादा पूरा करना होगा।


News : Amar Ujala (23.4.12)

UPTET Bulandsehar : टीईटी उत्तीर्ण युवाओं का प्रदर्शन


UPTET Bulandsehar : टीईटी उत्तीर्ण युवाओं का प्रदर्शन

बुलंदशहर। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए टीईटी उत्तीर्ण युवकों ने रविवार को राजे बाबू पार्क में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अब इंतजार की हद हो गई। शिक्षकों की भर्ती नहीं की तो वह सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा के नेतृत्व में सुबह 11 बजे राजे बाबू पार्क में अभ्यर्थी पहुंचे। मोर्चा के रामवीर शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिभावान छात्रों की कदर नहीं है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित है। इस कारण टीईटी परीक्षा पास करने वाले निराश है। अन्य छात्र संगठनों ने भी उनका समर्थन किया। शिक्षा सुधार समिति के संरक्षक लक्ष्मी राज सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षा स्तर में सुधार करना चाहिए। छात्र नेता अमर पाल लोधी ने कहा कि वह टीईटी उत्तीर्ण युवकों के साथ हैं, सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती तो आंदोलन शुरू होगा। प्रदर्शन में अरविंद शर्मा, देवेंद्र सिंह, संजय सैनी, सत्यपाल, योगेंद्र, संतोष कुमार संजीव कुमार, अवनेश कुुमार, नरेश कुमार, मनोज कुमार, लक्ष्मी चंद, प्रेमपाल आदि रहे

News : Amar Ujala (23.4.12)
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UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा की  बैठक हुई

चित्रकूट। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की संभावना पर आक्रोश व्यक्त किया गया। जिलाध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। उपाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने दावा किया कि टीईटी मेरिट ही शिक्षक भर्ती का व्यवहारिक और न्यायसंगत मापदंड है। संगठन मंत्री प्रदीप तिवारी, ने मांग की कि आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की भर्ती की जाए। बताया गया कि 26 अप्रैल को कचहरी परिसर में बैठक में टीईटी संघर्ष मोर्चा और मुख्यमंत्री के बीच होने वाली वार्ता के मुद्दे तय किए जाएंगे।


News : Amar Ujala (23.4.12)
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UPTET Basti : मुख्य सचिव का पुतला फूंककर जताया विरोध

बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का प्रतीकात्मक पुतला भी फूंका।
जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय प्रताप, रवींद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।


News : Amar Ujala (23.4.12)

UPTET : TET Candidates Heavily Upset over Javed Usmani Committee Report regarding UPTET-2011



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों ने मांगी इच्छा मृत्यु की आज्ञा

आगरा। टीईटी पास अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया न होने पर एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को सामूहिक इच्छा मृत्यु की आज्ञा देने के लिए पत्र लिखा है। बैठक में 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की शपथ ली गई। 
रविवार को शहीद स्मारक पर टीईटी संघर्ष मोर्चा, आगरा मंडल के अभ्यर्थियों की बैठक हुई बैठक में कहा गया कि टीईटी पास अभ्यर्थियों का चयन दिसंबर 2011 तक होना था, लेकिन प्रदेश सरकार की संवेदन शून्यता के कारण तीन लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा गया है कि आठ माह बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। शासन-प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। सभी भुखमरी की कगार पर है, ऐसे में अभ्यर्थियों के पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव को भी पत्र भेजा गया है। उन्होंने मांग की है कि टीईटी का राजनीतिकरण न करके समस्या का निदान करें। 
बैठक में तय किया गया कि मंडल के टीईटी पास अभ्यर्थी 28 अप्रैल को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। बैठक में उपस्थित सभी 60 छात्रों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। बैठक में देवेश द्विवेदी, विवेक समाधिया, कौशल जसवानी, सतेंद्र शर्मा व रोहित आदि उपस्थित रहे।


News : Amar Ujala (23.4.12)
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मुख्य सचिव का पुतला फूंककर जताया विरोध

बस्ती। टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने रविवार को कटेश्वर पार्क में बैठक कर हाई पावर कमेटी के निर्णय को अनैतिक करार दिया। नाराज टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का प्रतीकात्मक पुतला भी फूंका।
जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। प्रतिनिधि मंडल को सीएम ने उचित र्कारवाई का आश्वासन दिया। इसके लिए सीएम स्तर से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में कमेटी गठित हुई। कमेटी ने भ्रामक रिपोर्ट तैयार की। इसका टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार जमकर विरोध कर रहे हैं। कहा कि युवा मुख्यमंत्री से टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों को अब भी उम्मीदें हैं। विनय पांडे ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के सकारात्मक आश्वासन को तोड़ा जाता है तो अगले सप्ताह में फिर लखनऊ में जनांदोलन छेड़ा जाएगा। बैठक के बाद टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों ने मुख्य सचिव का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इस दौरान आनंद कुमार, अवनीश त्रिपाठी, महावीर यादव, विमलेश चंद्र, संजय गौड़, गौरव यादव, शेषमणि, अनुराग द्विवेदी, परवीन, चंद्रमणि पांडे, अनूप कुमार सिंह, नीरज श्रीवास्तव, राम प्रसाद यादव, कृष्णकांत मिश्र, मुकुल, उमेश, नजमा खातून, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, उदय प्रताप, रवींद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।

News : Amar Ujala (23.4.12)
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UPTET Barabanki : भीख मांगकर किया टीईटी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन

बाराबंकी, शिक्षक पद पर भर्ती की मांग को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को सड़क पर भीख मांगकर व सफाई कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम्य विकास मंत्री को मांगपत्र सौंपा।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक माध्यमिक शिक्षक की जिलाध्यक्ष नीता अवस्थी के आवास पर हुई। इसके बाद यहां से निकले अभ्यर्थियों ने नगर की मुख्य सड़क पर झाडू लेकर सफाई व भीख मांगकर विरोध प्रकट किया। अभ्यर्थी ग्राम्य विकास मंत्री स्वतंत्र प्रभार अरविंद कुमार सिंह गोप के आवास पर पहुंचे मांग पत्र सौंपा। मुकेश शर्मा ने कहा कि मेधावी छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर सत्तर हजार शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के लिए पूर्व में निकाले गए विज्ञापन में शासन स्तर पर जो निर्णय लिया गया है वहीं सर्वोपरि है। चयन का आधार टीईटी की मैरिट को निरस्त न कर नियुक्ति की जाए। प्रदर्शन करने वालों में विनोद वर्मा, उमाशंकर यादव, आशीष शुक्ला, जितेंद्र वर्मा, संदीप वर्मा, रजनीश वर्मा, यज्ञेश नारायन बैसवार, आलोक वर्मा, हरिहर, विशाल गुप्ता, नरेंद्र यादव, सरिता शुक्ला, वीरेश गुप्ता, विजय तिवारी, धीरज कुमार, संदीप कुमार यादव, रीना वर्मा, उमाशंकर यादव, विशाल गुप्ता सहित कई लोग शामिल रहे। प्रदर्शन के पश्चात नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।

News : Jagran (23.4.12)

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UPTET Mahrajganj : टीईटी अभ्यर्थियों ने उठाई मांग

महराजगंज: रविवार को सदर बीआरसी परिसर में टीईटी एकता संघर्ष मोर्चा के लोगों ने बैठक कर तैनाती की मांग उठाई। इन लोगों ने जावोद उस्मानी की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी के जांच रिपोर्ट की तारीफ करते हुए हर्ष व्यक्त किया और जल्द से जल्द तैनाती की बात कही।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार चयन का आधार टीईटी प्राप्तांक मेरिट था। चयन का आधार शैक्षिक मेरिट को बनाए जाने का कड़ा विरोध किया जाएगा। शासन स्तर तक इसके लिए आंदोलन किया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष ब्रिजेश यादव ने कहा कि यदि राज्य सरकार शिक्षक चयन के आधार को शैक्षिक मेरिट के अनुसार करना चाहती है तो पहले यूपी बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा में हो रही अंधाधुन नकल पर नियंत्रण किया जाना चाहिए। उसके बाद शैक्षिक मेरिट के बारे में विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द हमारी तैनाती नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

इस मौके पर राजकुमार, हरि प्रकाश, राकेश अग्रहरी, प्रिंस कुमार शुक्ला, रामनरेश, कमलेश, कैलाश, अंगद सिंह, संतोष, विनय, आनंद, मनोज, यशपाल, संतोष समेत तमाम लोग मौजूद रहे


News : Jagran (23.4.12)
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UPTET Badot : उस्मानी कमेटी के निर्णय पर भड़के टीईटी अभ्यर्थी


बड़ौत (बागपत)। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में प्रमुख सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी की संस्तुति के खिलाफ आक्रोश फैल गया है। अब अभ्यर्थियों ने इसके विरुद्ध कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखने का निर्णय लिया है।

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक रविवार को रेलवे स्टेशन पार्क में हुई। वक्ताओं ने शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन रद करने संबंधी संस्तुति का विरोध जताया। टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भर्ती की शुरुआत में आवेदन के दौरान जो नियम लागू किए गए थे, उन्हीं के अनुरूप भर्ती की जाए। इस प्वांइट को हाइकोर्ट में चेलेंज किया जाएगा। निर्णय लिया कि इस संबंध में हाइकोर्ट में पूर्व में चल रहे केस की मजबूत पैरवी की जाएगी और उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से इस संबंध में दिग्भ्रमित न होने की अपील की। बैठक में अर्चना, कर्मवीर सिंह, संदीप कुमार, अमित बसी, कपिल कुमार, दिनेश यादव, रामपाल आदि मौजूद थे।

News : Jagran (23.4.12)

Sunday, April 22, 2012

UPTET : टीईटी उत्तीर्ण ने समस्याओं पर किया विमर्श


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण ने समस्याओं पर किया विमर्श
(UP Teacher Eligibility Test 2011 News )

संतकबीर नगर:
उत्तर प्रदेश टीईटी उ‌र्त्तीण अभ्यथियों की बैठक जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद में रविवार को हुई। इस दौरान समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। साथ ही टीईटी अभ्यर्थी संत कबीर अंगद चौरसिया तथा बुलन्दशहर के महेन्द्र सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

अपने संबोधन में महामंत्री देवेन्द्र राय ने कहा कि मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट नकल माफियाओं के कूकृत्यों को बढ़ावा देने वाली है। उन्होंने ऐसा क्यों किया? स्पष्टीकरण करने की यह मोर्चा मांग करता है। न जाने किस स्वार्थ वश प्रदेश सरकार नौनिहालों के भविष्य को अकुशल हाथों में सौंपना चाह रही है। टीईटी मेरिट के आधार पर चयन को हाईकोर्ट ने उचित ठहराया है। उपाध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि चयन प्रक्रिया में नब्बे फीसदी कार्य हो चूका है। ऐसे में चयन का आधार बदलना न्यायोचित नही है। इस दौरान सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि चयन प्रक्रिया बदली गयी तो न्यायालय की शरण ली जायेगी।

बैठक में एन.डी. त्रिपाठी, राजकुमार चौधरी, सतीश विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र पाल, शाह आलम, मु.शालिब, ज्ञानप्रकाश द्विवेदी, ऋषिकेश मिश्र, रामजीवन, विद्या, पवन गुप्ता, योगेन्द्र कुमार, विपिन राज, कृष्ण कुमार, कमलेश यादव, रईसखान, अब्दुल्लाह अंसारी, मो.अशफाक, दिनेश मिश्र, अशोक गुप्ता, पंकज गौतम, संतोश सिंह, अलोक कुमार पाठक, रामधनी शर्मा, संदीप ओझा, सुनील पाण्डेय, जाकिर अली, शिवकुमार आदि मौजूद रहे।

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टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला जागरुकता जुलूस

मधुबन (मऊ) : टीईटी बेरोजगारों ने अपनी मांगों के समर्थन में स्थानीय बाजार में जागरुकता अभियान के तहत जुलूस निकालकर राजधानी चलने का आह्वान किया। टीईटी संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में राजीव यादव, सत्येन्द्र कुमार, सुरेश यादव, राजकुमार, चन्दन कुमार, मुनीर अहमद, जफर अंसारी सहित दर्जनों अभ्यर्थी मोटर साइकिल जुलूस से पूरे बाजार का भ्रमण किये।

इसके पश्चात हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आगामी 24 अप्रैल को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी कूच करेंगे। वहां सरकार से मांग करेंगे कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को तत्काल शुरु किया जाये। शिक्षक भर्ती में चयन का आधार टीईटी मेरिट को ही बनाया जाये तथा किसी भी दशा में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त न किया जाये। यदि ऐसा हुआ तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी सड़क पर उतरकर आन्दोलन चलाने का कार्य करेंगे



News : Jagran ( 22.4.12)

युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने


युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने
 ( Another Articles of Sh. Manoj Kumar Singh 'Mayank')
Taken from - bhadas.blogspot.in
युपीटीईटी-न उगलते बने,न निगलते बने

महाभारत में एक श्लोक है –
यस्म यस्म विषये राज्ञः,स्नातकं सीदति क्षुधा|
अवृद्धिमेतितद्दराष्ट्रं,विन्दते सहराजकम्||

अर्थात, हे राजन!जिन जिन राज्यों में स्नातक क्षुधा से पीड़ित होता है,उन उन राज्यों की वृद्धि रुक जाती है और वहाँ अराजकता फ़ैल जाती है|

बुभुक्षितं किं न करोति पापं की तर्ज पर महाभारतकार ने राजा को चेतावनी देते हुए स्पष्ट रूप से यह निर्देशित किया है की योग्यतम को उसकी आजीविका से विरत करना,अराजकता को आमंत्रित करना है|

यह तब की बात है,जब गिने चुने मेधावी छात्र ही स्नातक हो पाते थे और जब इस देश में प्रजा के व्यापक हित में अपने स्वार्थ की तिलांजलि देने वाले कर्मठ,नीतिनिपुण और धर्मग्य राजा हुआ करते थे|

आज परिस्थितियां परिवर्तित हो चुकी हैं| किसी भी परीक्षा में ३२ प्रतिशत अंक पाने वाला विद्यार्थी अनुत्तीर्ण होता है और २९ प्रतिशत मत पाने वाला उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता है|

१ अरब जनता की आँखों के सामने पागलों की तरह गोलियाँ बरसाने वाला जेल में भी फाइव स्टार स्तर तक की सुविधाओं का लाभ उठाता है और जिसने अपने पूरे जीवन में एक चींटी भी नहीं मारी,वह नारी होने के वावजूद दुस्सह यंत्रणा भोगने को विवश है,क्योंकि वोट की राजनीति ने उसके माथे पर आतंकवादी होने का कलंक लगा दिया है|स्थितियां दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही हैं और हम कानून व्यवस्था के नाम पर निर्दोषों को दण्डित करने तथा दोषियों को बचाने के मिशन में तन्मयता के साथ जुटे हुए हैं|नक्सली आकाश से नहीं टपकते,जब राज्य के हाथों में स्थित दंड निरंकुश हो जाता है, तब मासूम भी अपने हांथो में आग उगलने वाली बन्दूक थामने को विवश हो जाता है|

बात युपीटीईटी के सन्दर्भ में हो रही है
|विगत १८ अप्रैल को, जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में टीईटी के सन्दर्भ में गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दिया है|समाचार पत्रों के आलोक में यह तथ्य सामने आया है की युपीटीईटी परीक्षा की शुचिता पर कोई भी प्रश्नचिन्ह नहीं उठाया जा सकता अतः युपीटीईटी को भंग न करते हुए इसे अर्हताकारी परीक्षा के स्थान पर, पात्रताकारी परीक्षा बना दिया जाय|

ध्यान देने योग्य बात है की अगले ही सत्र में यदि सहायक अध्यापकों की रिक्तियां तत्काल प्रभाव से नहीं भरी जाती हैं तो उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान पूरी तरह से विफल होने के कगार पर खडा होगा|अतः पूर्व विज्ञापित नियम में संशोधन करना न सिर्फ इस प्रक्रिया को उलझा देना है वरन प्रदेश ही नहीं,देश को भी शिक्षा के मद में मिलने वाले आर्थिक सहायता पर संकट के बादल मडराने के प्रबल आसार है|

हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा की इस देश को शिक्षित बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं अपना अमूल्य योगदान देती हैं और यदि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में विज्ञापित नियुक्तियों के संदर्भ में वैधानिक खींचातानी और राजनैतिक हीलाहवाली का कोई भी मामला इन अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के संज्ञान में आता है तो देश को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाली आर्थिक मदद रोकी जा सकती है|
अभी भी इस देश में शिक्षा के मद में सकल घरेलु उत्पाद का महज ४.१ फीसदी ही व्यय किया जाता है और प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में तो यह १ प्रतिशत से भी कम होगा|ऐसी स्थिति में पूर्व विज्ञापित प्रक्रिया में छेड़छाड़ अभ्यर्थियों के मन में रोष का संचार करेगा और पूरे प्रदेश को अराजकता की स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है|

युपीटीईटी के संदर्भ में प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने के पीछे न तो कोई विधिक शक्ति है और न ही कोई नैतिक आधार,ऐसे में,अगर विज्ञप्ति निरस्त होती है तो इसका एकमात्र कारण राजनैतिक विद्वेष की भावना ही होनी चाहिए|
यह कहना की अन्य राज्यों ने भी टीईटी को मात्र एक पात्रता परीक्षा ही रखा है और इसे अर्ह्ताकारी नहीं बनाया है तर्कशास्त्र के नियमों की घनघोर अवहेलना है|

क्या माननीय जावेद उस्मानी जी यह बताने का कष्ट करेंगे की अन्य राज्यों में अथवा केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा में सकल रिक्तियों के सापेक्ष कितने प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं और उत्तर प्रदेश में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का संख्या बल कितना है?यह हास्यस्पद ही है की इतना बड़ा प्रशासनिक अधिकारी इतने छोटे तथ्य की उपेक्षा करता है और जिसने इतने छोटे तथ्य की उपेक्षा की हो उसे इतना महत्वपूर्ण दायित्व किस आधार पर प्रदान किया गया है?

शायद अब अभ्यर्थियों को भी इस तथ्य का ज्ञान होने लगा है की सरकार हमारे पक्ष में नहीं है बल्कि यह कहना ज्यादा उचित रहेगा की सरकार प्राथमिक शिक्षा के ही पक्ष में नहीं है अन्यथा हमारे साईकिल वाले बाबा,पगड़ी वाले बाबा से प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हेतु २०१५ तक का समय न मांगते|


हद हो गयी है,अभ्यर्थी परीक्षा दे चुके हैं,अपने अंकपत्र सह प्रमाणपत्र ले चुके हैं, बैंक ड्राफ्ट बनवा चुके हैं,लंबी लम्बी पंक्तियों मंग लग कर अपने आवेदन भी जमा कर चुके हैं,प्रत्येक अभ्यर्थी के लगभग १० हजार रूपये खर्च हो चुके हैं और श्रीमान जी का कहना है की हम प्रक्रिया में बदलाव लायेंगे क्योंकि इससे पहले लोग हांथी पर चढते थे और आज हमने साईकिल का आविष्कार कर लिया है|

संख्या में अति न्यून अकादमिक समर्थक भी सरकार के कंधे पर बन्दूक रखकर निशानेबाजी से नहीं चूक रहे है|

भाई, कहा भी गया है – जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का?
मुलायम आते ही नकल विरोधी अध्यादेश को रद्द कर देते हैं तो उनका पुत्तर आते ही टीईटी को रद्द क्यों न कर दे?
वैसे भी अखिलेश ने अपने चुनावों में इस तरह की उद्घोषणा पहले ही कर चुकी है और परीक्षा में असफल अभ्यर्थी अखिलेश भैया के पाँव पूज ही रहे हैं, लिहाजा टीईटी को निरस्त होना ही चाहिए|

साथ ही बलात्कार पीडिता को नौकरी देने संबंधी बयान पर भी तो अमल करना है|वैसे भी, समाजवादियों की सरकार बनने से पहले ही,शपथ ग्रहण से भी पहले उत्तर प्रदेश की जनता ने चुनाव परिणामों की घोषणा के महज एक सप्ताह के अंदर जिस तरह की अराजकता झेली है उसे देखकर यही लगता है की आने वाले समय में यह अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार होगी और कहीं ऐसा न हो की हिन्दुस्तान के राजनैतिक इतिहास में अखिलेश का शासन एक काले अध्याय के रूप में जाना जाय, फिलहाल संभावना तो यही है और उसके संकेत भी मिलने लगे हैं|

अब अपने मूल विषय पर लौट चलते हैं,हमारे देश में बेसिक शिक्षा की प्रवृत्ति कैसी रही है और समय समय पर इस क्षेत्र में हमारे देश में किस प्रकार के परिवर्तन हुए है इन सब बातों का जानना बहुत ही जरूरी है|

मुसलमानों के आने से पहले हमारे देश में बालक की प्राथमिक शिक्षा का प्रारम्भ माँ की गोद में होता था|
यह वह समय था जब बालक को अक्षरारंभ के समय ग से गदहा नहीं, ग से गणेश पढाया जाता था|कहना न होगा की हमारे जीवन मूल्य आधुनिक मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं से इस कदर मेल खाते थे की उनमें विरोध की कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं थी|हम पहले ही इस तथ्य से परिचित थे की शिक्षा का मूल उद्देश्य बालक के पूर्व ज्ञान में वृद्धि कर क्रमिक ढंग से बालक के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है|स्पष्ट है ग से गदहा वाला पूर्वज्ञान बालक को गदहा ही बना सकता है,सर्वशास्त्र विशारद गणेश कदापि नहीं|

जब इस देश में मुसलमानों का आगमन हुआ तब सबसे अधिक चोट हमारे प्राथमिक शिक्षा पर ही पड़ी|मदरसों में दी जाने वाली दीनी तालीम बालक को आत्मकेंद्रित बनाती थी,यह उसके व्यक्तित्व में सहिष्णुता के स्थान पर धर्मान्धता का संचार करती थी|मुग़ल काल में दारा शिकोह के सत्प्रयासों से मकतबों में दीनी तालीम के साथ साथ बुनियादी तालीम देने की भी व्यवस्था की गयी, किन्तु यह व्यवस्था बहुत दिनों तक नहीं चली और अंग्रजों के आगमन के साथ हमारी शिक्षा व्यवस्था का जो बंटाधार हुआ, वह आज तक बदस्तूर जारी है|

मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के आलोक में यह बात जग जाहिर है की व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी शैशवावस्था और उसका बाल्यकाल सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं|व्यवहारवाद कहता है की एक शिशु को एक कुशल चिकित्सक, एक कुशल अभियंता,एक कुशल अभिनेता,एक कुशल दार्शनिक इत्यादि किसी भी कौशल के लिए प्रारम्भ से ही प्रशिक्षित किया जा सकता है और उसके अंदर बचपन में डाले गए संस्कार इतने दृढ होते हैं की वे पचपन क्या,पचासी क्या, आजीवन पीछा नहीं छोड़ते|ठीक यही बात कुसंस्कारों के संदर्भ में भी सत्य है|यहाँ पर संस्कार देने वाले शिक्षकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और अध्यापक शिक्षा की महत्ता का पता चलता है

|२२ और २३ अक्टूबर १९३७ में वर्धा नामक स्थान पर डॉ जाकिर हुसैन की अध्यक्षता में तत्कालीन भारतीय राजनीती में अपनी प्रभुता स्थापित कर चुके गांधी ने भारतीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा का एक बेहतरीन माडल तैयार किया|आमतौर से इसे भारत में प्राथमिक शिक्षा की वर्धा योजना अथवा बुनियादी तालीम के नाम से जाना जाता है|आज भी इसे शिक्षा जगत में बालक केंद्रित शिक्षा का बेमिसाल उदाहरण समझा जाता है|

वर्धा योजना में बालक की शिक्षा को लेकर जिन उच्च आदर्शों की कल्पना की गयी थी, उनकी प्राप्ति बुनियादी तालीम के लिए प्रशिक्षित अध्यापकों के अभाव में संभव ही नहीं थी|अतः शिक्षकों को बुनियादी तालीम के लिए प्रशिक्षित करने हेतु १ वर्षीय अल्पकालीन और २ वर्षीय दीर्घकालीन पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी|उस समय जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति गिने चुने ही मिलते थे, इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश की योग्यता हाई-स्कूल निर्धारित की गयी थी|


चूँकि उस समय तक भारत स्वतंत्र नहीं हो पाया था, अतः यह योजना असफल रही और स्वतंत्रता के पश्चात विकास के मुद्दों पर लालफीताशाही,नौकरशाही हावी हो गयी, लिहाजा सर्व शिक्षा के उद्देश्यों को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया|

तब से अब तक प्राथमिक शिक्षा को लेकर एक से एक बेहतरीन माडल प्रस्तुत किये जाते रहें और कभी नौकरशाही तो कभी हमारे देश का माननीय वर्ग उन सभी माडलों को नकारता रहा|

शिक्षा को लेकर न तो कभी केन्द्र सरकार गंभीर रही और न ही किसी राज्य ने ही इस संदर्भ में अपनी सक्रिय रूचि प्रदर्शित की|
सभी ने तालीम को एक निहायत ही गैर जरूरी चीज समझा और अपने राजनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए, जानबूझ कर जनता को अशिक्षित रखा|
शिक्षकों के चयन में कभी भी पारदर्शिता नहीं बरती गयी यहाँ तक की प्रोफेसर साहब का कुत्ता भी डाक्टरेट की डीग्री लेकर सड़कों पर खुलेआम घूमने लगा और जब अति हो गयी तब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा और शोध के क्षेत्र में भी पात्रता का निर्धारण करना पड़ा|


यहाँ भी संपन्न वर्ग की ही सुनी गयी|
पात्रता के निर्धारण में न्यूनतम ५० प्रतिशत (आरक्षित वर्ग हेतु) तथा ५५ प्रतिशत (सामान्य वर्ग हेतु) की बाध्यता के साथ अकादमिक उपलब्धियों को सर्वोपरी माना गया|


समझ में नहीं आता की जब मनोविज्ञान पृथक पृथक कार्यों के लिए पृथक पृथक अभिरुचियों की बात करता है, तो प्रत्येक पदों के लिए पृथक पृथक चयन परीक्षाएं क्यों नहीं आयोजित की जाती?और जब इस तरह का कोई नवाचार हमारे सामने है तो कुत्सित राजनीति द्वारा राह को कंटकाकीर्ण करना किस तरह से जायज है?


हमारे देश का संविधान पद और अवसर के समता की बात करती है और राजनीति वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करती है|जब इससे आजिज आकर हमारे देश का कोई प्रतिभाशाली युवक आजीविका की खोज में दूसरे देशों का आश्रय ग्रहण करता है तो इसे प्रतिभा पलायन कहा जाता है|स्वतंत्रता के बाद से आज तक हम खोते ही आ रहे है और अगर यही नीति रही तो हम आगे भी खोते रहेंगे –

निजामे मयकदा साकी बदलने की जरूरत है|
हजारों हैं सफे ऐसी,न मय आई,न जाम आया||


UPTET : To All Blog Visitors regarding UPTET


UPTET : To All Blog Visitors regarding UPTET

Mene comment par filter jarror lagaya hai par aap log jarooree baten - Chat Box  va Facebook ke madhyam se share kar sakte hain.


Kafi saare comments anap shanap baton se bhre hote hain, isleeye Visible after Approval lagana jarooree hai 
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UPTET Morcha candidates kee planing abhee final nahin huee hai, aur isleeye kuch der pehle 25 April valee meeting / planing ko Blog se hata deeya gaya hai.

UP News : बदल गया अखिलेश के जनता दरबार का समय



UP News  : बदल गया अखिलेश के जनता दरबार का समय


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनता दरबार के कार्यक्रम में बदलाव किया है। अब मुख्यमंत्री का जनता दरबार महीने के पहले और तीसरे बुधवार को लगेगा। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से हर बुधवार को जनता दरबार लगाने का ऐलान किया गया था।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को एक बयान जारी कर बताया कि प्रथम जनता दर्शन (जनता दरबार) की उपयोगिता के मद्देनजर लोगों के दुख-दर्द एवं उनकी समस्याओं की सीधी जानकारी प्राप्त कर प्रभावी समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है कि अब जनता दर्शन प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय बुधवार को आयोजित किया जायेगा।

माना जा रहा है कि उम्मीद से ज्यादा फरियादियों के पहुंचने से परेशान मुख्यमंत्री द्वारा यह फैसला किया गया है। पहले जनता दरबार में दस हजार से ज्यादा फरियादियों के पहुंचने के कारण मुख्यमंत्री ने तय समय से अधिक सुबह 9 से 11 बजे तक जनता दरबार में समय दिया

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास 5-कालीदास मार्ग पर प्रात: 8 बजे से 10 बजे तक प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय बुधवार को जनता दर्शन में स्वयं लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और समाधान के लिए आवश्यक निर्देश भी देंगे। इस प्रकार अगला जनता दर्शन आगामी दो तथा 16 मई को आयोजित होगा।


News : Bhaskar (22.4.12)

UPTET Deoria : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला विरोध जुलूस


UPTET Deoria : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला विरोध जुलूस



देवरिया : नियुक्ति को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। रविवार को जनपद के टीईटी अभ्यर्थियों ने जहां साइकिल जुलूस निकाला वहीं विरोध में मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंक अपना आक्रोश जताया। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि यदि चयन प्रक्रिया बदली तो वे आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे

तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार टीईटी अभ्यर्थी पहले टाउनहाल पर एकत्र हुए और फिर बैठक की। इसके उपरांत अभ्यर्थियों ने मोटर साइकिल जुलूस निकाला जो शहर के मालवीय रोड, मोतीलाल रोड, जलकल रोड, भटवलिया चौराहा होते हुए राघव नगर स्थित हनुमान मंदिर पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान अभ्यर्थियों ने सुभाष चौक पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का पुतला फूंका

पुतला दहन के पश्चात आयोजित सभा को संबोधित करते हुए टीईटी संघर्ष मोर्चा के गोरखनाथ सिंह ने कहा कि एक तरफ जहां केन्द्र सरकार नवोदय विद्यालयों में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सीटेट को आधार बनाकर बतौर शिक्षक नियुक्ति कर रही है वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार टीईटी विरोधी कार्य कर रही है। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने टीईटी अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया था कि उनके साथ पूरा न्याय किया जाएगा। जबकि मुख्य सचिव टीईटी अभ्यर्थियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए चयन प्रक्रिया बदलने पर आमादा हैं।

शालिनी चौधरी ने कहा कि यदि सरकार टीईटी के प्राप्तांकों के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द आरंभ नहीं करती तो हम सभी पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

सभा की अध्यक्षता चन्द्र प्रकाश कुशवाहा व संचालन संदीप कुशवाहा ने किया। इस अवसर पर विनीता वर्मा, रघुवंश शुक्ला, विकास पाण्डेय, गौरीशंकर पाठक, अश्वनी यादव, गोरखनाथ यादव, अनुराग मल्ल, जन्मेजय सिंह, मनोज यादव, दिनेश चौहान, रघुवंश मणि, श्रीनिवास कुशवाहा, शमशेद अहमद, अनुपम मद्धेशिया, प्रियरंजन, रूपेश कुमार वर्नवाल, विष्णुदेव यादव, ईश्वर प्रसाद, कृष्ण कुमार सिंह, सस्वती राम त्रिपाठी, शाहिद अली अंसारी, अभिमन्यु कुमार मद्धेशिया, वेद प्रकाश चौहान, राकेश कुमार, अशोक कुमार, जय प्रकाश, शैलेष मणि त्रिपाठी, संजय कुमार सिंह, मनोज मिश्रा, गिरीश मिश्र, जितेन्द्र सैनी, संदीप पटवा, संतोष चौबे, दीपक सिंह, अरविन्द मिश्र, घनश्याम सैनी, प्रदीप कुमार, दीनानाथ जायसवाल, प्रमोद सिंह, अशोक कुमार, प्रज्ञानंद, विजय शंकर चौरसिया, अश्वनी मिश्र, योगेन्द्र कुमार, नन्हें शाही, श्रीनिवास राजभर, अंजनी पाण्डेय तथा रामानंद कुशवाहा आदि मौजूद थे।

News : Jagran (22.4.12)