Monday, September 3, 2012

सफलता (Success )


सफलता  (Success )


Always keep trying for better alternatives.

Concept of 3-idios movie is good.

success ke peeche mat bhago, kabil bano, success tao jhak marke ayegi!!!!

बाबा रणछोड़ दास सही कहते थे...बच्चा काबिल बनो काबिल..कामयाबी तो साली झक मार के पीछे आयेगी

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नए और अच्छे विकल्पों की तलाश जारी रखो , और आगे बड़ने के नए रास्ते पर चलते रहो 

मेहनत कभी बेकार नहीं जाती और मेहनत का कोई  विकल्प नहीं 

UPTET : Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


UPTET : Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 53 

Case :- WRIT - A No. - 76392 of 2011 

Petitioner :- Shivani 
Respondent :- The State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava 
Respondent Counsel :- C.S.C.,C.N.Tripathi,Rajeev Joshi 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
Learned counsel for the petitioner submits that the notification published by the State Government dated 2nd September, 2012 is proposed to be challenged by making an amendment application in the present writ petition. For the purpose, three days' time is prayed for. 
Similar request is being made in connected writ petitions also. 
Time prayed for is granted. 
Let the matter come up on 11th September, 2012 along with connected matters. 

(Arun Tandon, J.) 

Order Date :- 3.9.2012 
Sushil/- 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2050945
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Analysis :
From reading above , It looks - Matter is not completely closed.
And court not said anything about rules for selection. And we hope it will be clear to candidates in next hearing (As many candidates like selection from old advertisement with a base of TET merit. And many candidates have faith on academic merit/as amended in niyamavali)

UPTET: Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


UPTET: Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 53 

Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011 

Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur 
Respondent :- State Of U.P. & Others 
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav 
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
Petitioner before this Court seeks quashing of the advertisement dated 30th November, 2011. 
Learned counsel for the petitioner submits that advertisement itself has been withdrawn by the State Government under� the subsequent notification published in newspaper on 2nd September, 2012. 
In view of the aforesaid, the present writ petition has become infructuous. 
It is, accordingly, dismissed as having become infructuous. 
Interim order, if any, stands discharged. 

(Arun Tandon, J.) 

Order Date :- 3.9.2012 
Sushil/-
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2050937
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Analysis (What I think by reading above) : 
Kapil Yadav's petition is - Advt. is not published according to rules.
And court gets information (from Petitioner Counsel i.e  party behalf of Kapil Yadav) from state government that - Advertisement is cancelled on 2nd Sept. 2012 therefore Kapil Yadav's  petition has no meaning now.And stay also vacated (i.e.  interim order ).

When petitioner admits that there is no meaning to fight more as advt. is cancelled, then why court will go ahead with this case.
If any body having better understanding then they can give light and elaborate the matter.

Sunday, September 2, 2012

UP Basic Education Teacher News : बेसिक शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर फिरा पानी


UP Basic Education Teacher News : बेसिक शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर फिरा पानी


•सपा के घोषणा पत्र और मुख्यमंत्री के पत्र पर अमल नहीं
•शिक्षक माननीय से लेकर विभागीय अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर


लखनऊ। सरकार की ढुलमुल नीति से सूबे के हजारों बेसिक नगर शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर पानी फिर गया है। सपा के घोषणा पत्र और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शिक्षकों को लिखे पत्र के बाद नई सरकार से शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन तबादला सीजन बीतने के बावजूद नगर शिक्षकों के मनचाहे तबादले की आस पूरी नहीं हुई। यह स्थिति तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पहले 31 जुलाई तक शिक्षकों को महचाही तैनाती का ऐलान किया और बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया। लेकिन दो माह बाद भी स्थिति यह है कि लखनऊ सहित प्रमुख शहरों में सैकड़ों पद खाली हैं और मनचाहे तबादले के लिए शिक्षक माननीय से लेकर विभागीय अधिकारियों तक के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वयं शिक्षकों को 27 जुलाई को पत्र लिखकर गृह जनपद में तैनाती का भरोसा दिलाया था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में खासकर शिक्षिकाओं को अपने परिवार व गृह जिले में यथासंभव तबादला करने आश्वासन दिया था। लेकिन हजारों शिक्षिकाएं असाध्य बीमारी व अन्य कारणों से अपने परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने को मजबूर हैं

News Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120902a_010163019&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120902a_010163019 / Amar Ujala (2.9.12)
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News Analysis : It looks an effort for teacher transfer / shuffling going to conduct before teachers recruitment (72825 + approx. 5000 posts),
But transfer process slowed as new teacher recruitment process slowed, and now cancelled.
May be transfer process going to conduct, when new teachers recruitment going to start.

UPTET : शिक्षकों की भर्ती का मामला आवेदन के साथ लगे ड्राफ्ट के पैसे वापस होंगे


UPTET : शिक्षकों की भर्ती का मामला
आवेदन के साथ लगे ड्राफ्ट के पैसे वापस होंगे

शासन ने डायट से वापस करने के दिए निर्देश  -

लखनऊ। शासन ने शिक्षकों के 72825 पदों पर भर्ती के लिए किए गए आवेदन के साथ लगाए गए बैंक ड्राफ्ट के पैसे वापस करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की भर्ती केलिए नए सिरे से जिलास्तर पर विज्ञापन किए जाएंगे।
शिक्षक भर्ती के लिए पूर्व में निकाले गए विज्ञापन को रद करने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने आवेदन के साथ लगाए गए बैंकड्राफ्ट के पैसे को वापस करने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया गया है कि शिक्षक भर्ती के लिए जिन्होंने आवेदन किया था, उनके पैसे चेक के माध्यम से डायट से वापस कराया जाए। यह पैसा कब और किस तिथि से वापस किया जाएगा इसके लिए स्थानीय अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा।
शासन ने कहा है कि यदि अभ्यर्थियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध हैं तो उस पर भी सूचना दी जाए ताकि सभी आवेदनकर्ताओं को पैसे मिल सकें। पैसे वापस करते समय यह सावधानी बरती जाएगी कि आवेदनकर्ता को फार्म और बैंकड्राफ्ट की फोटोकापी दिखानी होगी।
इसके अलावा उसे यह भी प्रूफ देना होगा कि उसने ही फार्म जमा किया है और ड्राफ्ट भी उसी का है। शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए नए सिरे से जनपद स्तर पर विज्ञापन निकाला जाएगा


News Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120902a_013131002&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120902a_013131002 / Amar Ujala (2.9.12)
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News Analysis : -
It is shocking news for many TET candidates as they are expecting that their advertisement is safe till judgement of Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012.
It looks candidates has to reapply again as per new advertisements terms and conditions. (as per news)
Wait and watch - What happens in court on 3rd Sept. 2012.

UPTET : फीस वापसी, डायट की होगी अग्नि परीक्षा!


UPTET : फीस वापसी, डायट की होगी अग्नि परीक्षा!


सहारनपुर : प्रदेश शासन द्वारा बेसिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया का विज्ञापन रद करने से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के समक्ष नई चुनौती पैदा हो गई है। जारी आदेश के मुताबिक संस्थानों को अभ्यर्थियों की फीस वापस करनी होगी। जिला डायट में 1.15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भर्ती के लिए आवेदन किया था। हालांकि अभी डायट को फीस वापसी संबंधी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ने प्रदेश सरकार के समक्ष कई चुनौतियां पैदा कर रखी हैं। टीईटी का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाल ही में सरकार ने टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा मानने का निर्णय है। माना जा रहा है कि प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद करने का आधार भी यही कारण है। बता दें कि प्रदेश में नवंबर के अंतिम सप्ताह में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से प्राइमरी शिक्षकों के 72 हजार 825 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।

800 पदों को 1.15 लाख आवेदन

जिले में प्राइमरी शिक्षकों 800 पदों के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट) में आवेदन पत्र मांगे गए थे। प्रक्रिया में पहले एक आवेदक को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। बाद में केवल 500 रुपये की एक फीस के आधार पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दे दी गई थी। अन्य जिलों में आवेदन के लिए बैंक ड्राफ्ट की फोटो प्रति को मान्य किया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 1.15 लाख आवेदकों में से करीब 30 हजार ने निर्धारित फीस के साथ डायट में आवेदन किया था।

प्रक्रिया रद करने के आदेश में आवेदकों की फीस लौटाने की बात कही गई है। एक आंकलन के मुताबिक जिले में तीस हजार आवेदकों से करीब 1.50 करोड़ डायट को मिले थे। यह फीस अभ्यर्थियों को वापिस लौटाना अग्निपरीक्षा से कम नही होगा। डायट से मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं मिले हैं

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/saharanpur-9625225.html / Jagran ( 02.09.12)
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News Analysis :
It is really tough to return money of candidate's, As many candidates applied in more than one district to increase their chances in selection. And we hope that draft amount was encased by the DIETs as at this moment validity of DD is expired. 

DIETs have to do a lot of work in returning money of candidates.


UPTET : शासन की कसरत में हाइकोर्ट का रोड़ा


UPTET : शासन की कसरत में हाइकोर्ट का रोड़ा


बागपत : आखिर जिसका अंदेशा था वही हुआ, टीईटी को लेकर शासन द्वारा हाई पावर कमेटी गठित करने जैसे हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद अब इस पूरी भर्ती को रद कर हजारों उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर कुठाराघात कर दिया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में 72825 शिक्षकों की भर्ती रद करने का फरमान तो शासन ने सुना दिया है, मगर उम्मीद की किरण अभी बाकी है। तीन सितंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई इस भर्ती के भविष्य को तय करेगी।

बसपा सरकार में उलझा टीईटी का गणित सपा सरकार में ओर भी उलझ गया है। विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दों में शामिल रही टीईटी भर्ती प्रक्रिया पर सपा की कसरत सरकार बनने के बावजूद कोरा आश्वासन ही साबित हुई। प्रमुख सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में हाई पावर कमेटी की सिफारिशें भी इस बहुप्रतिक्षित भर्ती को जीवनदान न दे सकी। इधर, कोर्ट में भर्ती नियमों में संशोधन के मामले में खुद को घिरता देख शासन ने भर्ती निरस्त करने का आसान दांव खेल दिया है।

तीन सितंबर पर लगी निगाहें
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अरुण टंडन की कोर्ट में तीन सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई है। कोर्ट ने जहां पूर्व में भर्ती विज्ञापन जारी करने के मामले में स्टे दे रखा है, वहीं चार अन्य दायर रिटों में शासन के शैक्षिक आधार पर भर्ती कराने की मंशा को चैलेंज किया है। गत 27 अगस्त को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि भर्ती को लेकर शासन द्वारा बनाए गए नए नियम मान्य नहीं होंगे। लिहाजा शासन ने पुराने विज्ञापन को रद करते हुए नए सिर से भर्ती करने का निर्णय ले लिया है

अंत तक जारी रखेंगे संघर्ष

टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि इस भर्ती की बहाली के लिए अंत तक प्रयास किए जाएंगे। कोर्ट में प्रकरण चल रहा है। कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही आगामी रणनीति बनाई जाएगी


Source : Jagran (2.9.12 ) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/bagpat-9625191.html
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News Analysis : 
Daily new update comes in news, Earlier in news that entire UPTET exam may be cancelled, after that Base of Selection Change, And now another update is - Advertisement is cancelled and new fresh advertisement (including CTET candidate) is going to announce.

Candidate's anxiety increases - What happens on 3rd Sept. 2012 in Allahabad High court.
Expectation for  - True and good judgement will arrive to give relief to candidates.

Saturday, September 1, 2012

UPTET : Article By Shyam Dev Mishra regarding Teacher Recruitment Cancellation News


UPTET : Article By Shyam Dev Mishra regarding Teacher Recruitment Cancellation News

प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन रद्द करने का सरकार का आदेश : इसमें नया क्या है?

आज के समाचारपत्रों में प्रकाशित समाचार के अनुसार सरकार ने प्रमुख सचिव को आदेश दिया है कि 2 दिसंबर 2011 को प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन को निरस्त करें. पर इस समाचार से किसी को भी हताश होने या प्रसन्नता से उछल पड़ने का कम से कम कोई नया कारण इसलिए नहीं मिल जाता कि सरकार द्वारा 23 जुलाई 2012 की कैबिनेट मीटिंग में इस आशय का निर्णय लिया गया था जिसकी जानकारी सभी को है और इसकी प्रति सरकार ने कोर्ट में भी 6 अगस्त 2012 की सुनवाई के दौरान पेश की थी. अतएव स्थिति में कोई भी परिवर्तन नहीं आया है, क़ानूनी तौर से हम आज उसी स्थिति में हैं, जिस स्थिति में हम 27 अगस्त 2012 की सुनवाई के बाद थे. समाचार अगर सत्य है तो यह केवल इतना स्पष्ट करता है कि सरकार अपने पुराने हठवादी एवं दुराग्रही रुख पर ही कायम है और इसकी मंशा को पूरा होने से रोकने के लिए टी.ई.टी. मेरिट समर्थकों को न्यायालय में सरकार के खिलाफ पूरी मजबूती से डटे रहने की आवश्यकता है जिसके लिए वे पहले से तैयार भी बैठे हैं. .
स्थिति में कोई भी परिवर्तन अब 3 सितम्बर 2012 को ही होगा, उसके पूर्व नहीं
जहाँ एक ओर अभी सरकार के इस आदेश को न्यायिक अवमानना नहीं माना जा सकता क्योंकि कैबिनेट के निर्णय को चुनौती देने वाली चारो याचिकाएं (मेरी जानकारी के अनुसार) विचारार्थ स्वीकार भले ही हुई हैं पर उनपर न्यायालय ने कोई अंतरिम आदेश या स्थगनादेश (स्टे) जारी नहीं किया है. पर दूसरी ओर यह मामला सब-ज्यूडिस (न्यायालय में विचार के लिए स्वीकृत और विचाराधीन) है इसका स्पष्ट मतलब है है कि इस आदेश का मूल यानि सरकार का 23 जुलाई का निर्णय सर्वव्यापी, न्यायिक समीक्षा से परे या अंतिम नहीं है और न्यायालय द्वारा इस गलत समझे जाने पर इसे रद्द भी क्या जा सकता है. अतः यह भी मानना होगा कि सरकार द्वारा 23 जुलाई 2012 को लिया गया निर्णय कोर्ट द्वारा रद्द होने की स्थिति में यह आदेश स्वतः निष्प्रभावी हो जायेगा

माननीय न्यायाधीश अरुण टंडन जी इस मामले पर विचार करते सरकार का नहीं, कानून के दायरे में और साक्ष्यों के आधार पर सिर्फ और सिर्फ न्याय का ही पक्ष लेने वाले हैं. उनकी असंदिग्ध न्यायप्रियता और सरकार के प्रति उनके दृष्टिकोण की पुष्टि केस संख्या 14427 / 2010 (रणजीत सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार) की 17 व 31 अगस्त 2012 की सुनवाई के बाद उनके आदेशो से होती है जिसमे उन्होंने बिना किसी संकोच, दबाव और भय के सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश में स्वयं सरकार को शिक्षा-व्यवस्था को प्रदूषित (भ्रष्ट कह सकते हैं) करने वाला सबसे बड़ा कारक बताते हुए सरकारी डायट में चल रहे प्रशिक्षण को मात्र प्रमाणपत्र बाटने के उद्देश्य से किया जा रहा तमाशा करार देते हुए लिखित रूप से स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में सरकार को अपनी शक्तियों का मनचाहा प्रयोग करते हुए कुछ भी करने की छूट नहीं दी जाएगी और सरकार को कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे. अतः सबको यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि "सरकार बहुत कुछ तो कर सकती है, पर सबकुछ नहीं कर सकती!

जिन लोगो को सरकार और व्यवस्था के खिलाफ कुछ हो सकने का भरोसा नहीं. उन्हें एक बार उत्तर प्रदेश सरकार तो क्या, खुद भारत सरकार और भारत की सर्वोच्च "संसद' तक द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों को 4.5% आरक्षण देने के लिए बनाये गए कानून के हश्र को याद रखना चाहिए जिसे न्यायपालिका ने असंवैधानिक बताते हुए, सिरे से खारिज करते हुए रद्द कर दिया. अगर केंद्र और संसद तक के नीतिगत आदेश न्यायिक समीक्षा के अंतर्गत हैं तो अखिलेश यादव की सरकार क्या चीज़ है, बस हमारा पक्ष सही होना चाहिए, सही ढंग से न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

अतः इस आदेश से भ्रमित या विचलित हो उठे साथियों से केवल इतना कहना चाहूँगा कि इस समाचार में कुछ नया नहीं है और आज भी इस देश में न्यायालय के रूप में हमारे पास एक एक ऐसा संरक्षक मौजूद है जो आपके सही होने, आपके जागरूक होने और आपके प्रयास करने पर आपको ऐसे अन्यायों से बचने में पूर्णतया सक्षम है.अगर न्यायालय आपका पक्ष सही मानता है तो सरकार भी आपका हक़ आपसे छीन नहीं सकती, बस जागरूक रहें, विवेक का प्रयोग करें और अपने अधिकारों के लिए पूरी सामर्थ्य के साथ संघर्ष करने का संकल्प करें. आशा है आगामी ३ सितम्बर को शायद स्थिति काफी स्पष्ट हो जाएगी.
उपरोक्त विषय-वस्तु मेरी व्यक्तिगत सोच और मेरे अधिवक्ता मित्र द्वारा दी गई जानकारी का निष्कर्ष है, यदि कोई साथी इसमें कोई तार्किक या तथ्यात्मक संशोधन करना चाहे या कुछ जोड़ना चाहे तो उनका स्वागत है. पर प्रत्येक परिस्थिति में नकारात्मक सोचने वाले लोगो के लिए और कडवी सच्चाई से आँख मूंदकर आत्म-मुग्ध रहने वालों के लिए यह सब निरी बकवास है, इसका भी मुझे पूर्ण विश्वास है.

- Article By Mr. Shyad Dev Mishra 

72,825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन रद्द, अब नए सिरे से जारी होगा

शिक्षक भर्ती की संशोधित नियमावली जारी

लखनऊ। राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली की संशोधन का शासनादेश शुक्रवार को जारी कर दिया।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड के प्राप्तांकों को जोड़कर मेरिट के आधार पर की जाएगी। शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे। भर्ती के लिए न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 कर दी गई। पूर्व में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन भी रद्द कर दिया गया है। अब शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन नए सिरे से जारी होगा।

बसपा सरकार में नियमावली को संशोधित कर शिक्षक भर्ती की अर्हता टीईटी मेरिट कर दी गई थी। अखिलेश सरकार ने इसमें बदलाव कर फिर से शैक्षिक मेरिट कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष कर दी गई थी लेकिन नियमावली में इसका प्रावधान नहीं किया गया था। विभाग ने नियमावली में भी इसका प्रावधान कर दिया है। इसके अलावा अध्यापकों के स्थानांतरण संबंधी नियमावली को संशोधित कर आदेश जारी कर दिया गया है

News Source : Amar Ujala (1.9.12)
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News Analysis :  Recruitment matter still running in court and next date of hearing is 3rd Sept. 2012

UPTET : Recruitment of Primary Teacher Cancelled


UPTET : Recruitment of Primary Teacher Cancelled



News Source : http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx (Page No. 10 , Date 1.9.12,  Lucknow Edition )
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News Analysis -
However recruitment matter still running in court and next date of hearing is 3rd Sept. 2012

UPTET : अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश




UPTET : अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश 

 सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी।


टीईटी अब सिर्फ पात्रता परीक्षा
जाब्यू, लखनऊ : तीन दशक से ज्यादा पुरानी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को फिर संशोधित कर दिया गया है। नियमावली में संशोधन के साथ ही शिक्षकों की भर्ती का आधार अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट हो गया है। बीते दिनों कैबिनेट के निर्णय के अनुसार शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने संशोधित नियमावली जारी कर दी। ऐसे में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ ही अब केंद्र सरकार की केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता मिल गई है। संशोधन से सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता भी साफ हो गया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी। नियमावली संशोधित होने से परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों की पुरानी व्यवस्था भी बहाल हो गई है। अब शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु 21 वर्ष भी हो गई है। 

अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश : सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी


News Source : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=37&edition=2012-09-01&pageno=11 / Jagran (1.9.12)

Unemployed Allowance : 9 सितंबर को बंटेगा बेरोजगारी भत्ता


Unemployed Allowance : 9 सितंबर को बंटेगा बेरोजगारी भत्ता

लखनऊ। बेरोजगारी भत्ते का इंतजार अब खत्म होने वाला है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नौ सितंबर को बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 का विधिवत उद्घाटन करेंगे। काल्विन तालुकेदार्स कॉलेज में दस हजार बेरोजगारों को चेक से भत्ते का वितरण किया जाएगा। लखनऊ मंडल के अलावा आसपास के जिलों के बेरोजगारों को उद्घाटन समारोह के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उद्घाटन के तुरंत बाद ही सभी जिलों के जिलाधिकारी या प्रतिनिधि भत्ते का चेक वितरित करेंगे। उद्घाटन के दिन जुलाई तक आवेदन करने वाले प्रदेश के 96000 बेरोजगारों को भत्ते का चेक दिया जाए

Unemployed Allowance : पंजीयन के अंतिम दिन उमड़ी भीड़



Unemployed Allowance : पंजीयन के अंतिम दिन उमड़ी भीड़

31st August was the Last Date to Register for 1st installment of Unemployed Allowance , And on this day a heavy crowd of unemployed is seen to register their name in employment exchange :

भत्ते की पहली किस्त के लिए 31 अगस्त तक आवेदन जमा कराए जाने हैं, जबकि एक सितंबर से दूसरी किस्त के लिए आवेदन कराए जाएंगे, जबकि पंजीकरण कराने की कोई तिथि निर्धारित नहीं है
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 लखनऊ: बेरोजगारी भत्ते के लिए शुक्रवार को पंजीयन की अंतिम तिथि होने की वजह से सुबह से ही बेरोजगारों का लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में जमावड़ा लगा रहा। देर शाम तक 2245 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया जबकि 869 ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन जमा किया। सेवायोजन कार्यालय मे बेरोजगारों की कतारें लग गई थीं। आपाधापी में कई बेरोजगारों के दस्तावेज भी गुम हो गए। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि न होने की लाउड स्पीकर से घोषणा के बावजूद आवेदन करने वालों की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही थी। भत्ते के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि होने की वजह से देर शाम तक बेरोजगारों का जमावड़ा लगा रहा। बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए पुलिस की मौजूदगी के बावजूद अवैध स्टैंड का संचालन होने लगा। पांच से 10 रुपये की मनमानी वसूली को लेकर संचालकों और बेरोजगारों में कई बार झड़प भी हुई



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News Analysis :
As in recent News , Unemployed Allowance going to distribute shortly and work will not be taken from Unemployed , A charm for Unemployed Allowance Registration is increased -
बेरोजगारी भत्ते पर पलटी मारते हुए यूपी सरकार ने कहा कि अब बेरोजगारों को भत्ते के बदले कोई काम नहीं करना होगा। सरकार ने बेरोजगारों को दिए जाने वाले भत्ते में एक बार फिर संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया है। बेरोजगारों को यह भत्ता सितम्बर माह से मिलना शुरू हो जाये

2nd Point is Age Limit Factor : -
पहले कहा गया कि 35 से 45 वर्ष के लोगों को भत्ता दिया जाएगा। उसके बाद आयु सीमा 25 से 35 की गयी, फिर यह सीमा 25 से 45 वर्ष की गयी। इसी बीच सरकार ने कहा था कि बेरोजगारी भत्ता के बदले काम लिए जाने की शर्त रखी गई थी लेकिन  उसे भी वापस लेने की घोषणा कर दी गई

However candidates will receive allowance in their bank account from -
अक्टूबर में मिलेगी बेरोजगारी भत्ते की पहली किश्त

सिर्फ राष्ट्रीय बैंक के चलेंगे खाते
भत्ते का भुगतान सीधे बेरोजगारों के राष्ट्रीय बैंकों के खाते में भेज दिया जाएगा। सहायक सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि सहकारी और ग्रामीण बैंकों के खाते नहीं चलेंगे। हालांकि खबर है कि कई बेरोजगार महिलाओं के पति ने सहकारी या ग्रामीण बैंक का खाता अपने आवेदन पत्र में अंकित कर दिए हैं। उन्हें सुधार का मौका मिलेगा


News regarding registration in employment exchanges - http://www.jagran.com/uttar-pradesh/raebareli-9622143.html , http://www.amarujala.com/City/Raebareli/Raebareli-41626-129.html
http://www.amarujala.com/city/Hardoi/Hardoi-92930-37.html ,  http://navbharattimes.indiatimes.com/end-watches-to-wait-for-unemployment-allowance/articleshow/16078704.cms

UPTET : शिवकीर्ति सिंह होंगे मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट


UPTET : शिवकीर्ति सिंह होंगे मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट 

 पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं। वह दो माह बाद इलाहाबादहाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अमिताभ लाला 13 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। शिवकीर्ति सिंह उनकी जगह लेंगे। न्यायाधीश रफत आलम ने आठ अगस्त को इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश के पद से अवकाश ग्रहण किया था। उसके बाद जस्टिस अमिताभ लाला को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था


About : Hon'ble Mr. Justice Shiva Kirti Singh -

Hon’ble Mr Justice Shiva Kirti Singh (M.A., LL.B.) was born on November 13, 1951. He passed Senior Cambridge examination from Sainik School, Tilaiya, graduated in Political Science (Hons.) from Patna College, completed post graduation in the same subject from Patna University, passed LL.B. examination from Patna Law College, all in first division. He belongs to a family of eminent legal luminaries. He is grandson of late Justice B. P. Sinha who rose to be the Chief Justice of India between 1961 and 1964. His father, late Justice Shambhu Prasad Singh was an eminent civil lawyer and a Judge of Patna High Court between 1967 and 1979 and was also Acting Chief Justice for sometime. His maternal uncle late Justice R.P. Sinha was also a Judge of Patna High Court.

 Justice Shiva Kirti Singh was enrolled as an Advocate on March 17, 1977 and was designated Senior Advocate on January 17, 1990. He practiced in the Patna High Court in all kinds of cases- Civil, Criminal, Service and Constitutional. He was counsel for the Bihar State Electricity Board for several years. He was elevated as a Permanent Judge of the Patna High Court on December 29, 1998. He is Executive Chairman of the Bihar State Legal Services Authority since 7th March, 2006. He became Acting Chief Justice of Patna High Court in May 2009 for about four months, again in September 2009 for about same period and for the third time in May 2010 for a lesser period

Friday, August 31, 2012

UPTET : Relaxation for B Ed candidates to Recruit as PRT upto 2014 ( Granted by Union HRD Minister Kapil Sibbal )


UPTET : Relaxation for B Ed candidates to Recruit as PRT upto 2014 ( Granted by Union HRD Minister Kapil Sibbal )


























Source : Hindstan Epaper - Delhi ( Pagen no. 8, Date - 30.08.2012)
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However I felt, UPTET candidates already applied within NCTE date limit (1st Jan 2012 ) and stay was imposed by Highcourt. Therefore such date limit is not a big problem for B. Ed (TET Level - I Qualifide) candidates to be appoint as Primary Teacher as process started in time bound manner.

Allahabad Highcourt Judgement regarding Teachers / Faculty for Training in DIETs of UP


 Allahabad Highcourt Judgement  regarding Teachers / Faculty for Training in DIETs of UP


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 53

Case :- WRIT - A No. - 14427 of 2010

Petitioner :- Ranjeet Singh
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Chandan Sharma,Abhishek Rai,U.N. Sharma
Respondent Counsel :- C.S.C.

Hon'ble Arun Tandon,J.
Affidavit filed by the Director, State Council of Education, Research and Training, U.P. Lucknow dated 16th April, 2010 presents a very sorry State of affairs� in respect of teaching faculty available at various District Institutes of Education and Training specifically the� District Institute of Education and Training at Basti. In paragraph-17 of the affidavit it has been stated that total number of� posts sanctioned for each District Institute of Education and Training is 1 principal, 1 vice-principal, 6 senior lecturers, 17 lecturers, 1 technical assistant, 1 statistical assistant and 1 work experience teacher. The total number of such posts has been disclosed as 70-70-420-1190-70-70-70 respectively, as there are 70 District Institutes of Education and Training through out the State of Uttar. 
Total existing strength of� faculty actually working against these sanctioned posts has been mentioned as 38 against the post of principal, 24 against the post of vice-principal and 59� against the post of senior lecturers, none against all remaining four posts. 
This Court fails to see as to how any training for teaching can be imparted with such low level of actual faculty members� being available at District Institutes of Education and Training. The State has put the norms of National Council for Teachers Education too shame and the National Council for Teachers Education is also� negligent� in� not taking appropriate action against the State Government� in the matter of� non-compliance of the terms for permitting the Basic Teaching Training Certificate Course and Special Basic Teaching Training Certificate Course being undertaken by the State Government in various District Institutes of Education and Training. It appears that the National Council for Teachers Education and the State Government are deficient in discharge of their duties. Instead of ensuring proper training of teacher students, a mockery is being made only for the purposes of awarding Basic Teaching Training Certificates/Special Basic Teaching Training Certificates.
An affidavit was filed again on 28th May, 2010 by the then Director, State Council of Education, Research and Training, U.P. Lucknow and in paragraph-7 it has been stated that a decision has been taken by the State Government under the chairmanship of the Secretary, Basic Education, Government of U.P. at Lucknow on 11th May, 2010 to issue orders for inviting teacher trainers by the State Council of Education, Research and Training, U.P. Lucknow on contractual basis. The� issuance of the Government Order is under process. What has happened thereafter is not known, but the training at various District Institutes of Education and Training continues uninterrupted. 
If the facts noticed above are correct, this� Court has no hesitation to record that the State Government has become the worst polluter of the system of education in the State of Uttar Pradesh and the National Council for Teachers Education has become a mute spectator. 
The Secretary, Basic Education, U.P. Government at Lucknow shall appear before this Court on 31st August, 2012 along with his personal affidavit disclosing the action taken and the total number of contract appointees� actually appointed at various District Institutes of Education and Training till date in terms of the decision of the State Government on 11th may, 2010. 
This Court may record that if the requisite number of teachers educated are not appointed in District Institutes of Education and Training in terms of the Regulations of National Council for Teachers Education, this Court will have no other option but to stop teaching at all District Institutes of Education and Training till such requisite number of teaching faculties are actually provided
List this matter on 31st August, 2012. 
Sri Rajeev Joshi, learned counsel for the National Council for Teachers Education is directed to appear before this Court on the next date. Learned counsel for the petitioner may serve a copy of this order upon Sri Rajeev Joshi.

(Arun Tandon, J.)

Order Date :- 17.8.2012
Sushil/-

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2021739

Thursday, August 30, 2012

UPTET : Allahabad Highcourt Judgement regarding Mistakes in OMR etc.


UPTET : Allahabad Highcourt Judgement regarding Mistakes in OMR etc.


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

Court No. 30

Civil Misc. Writ Petition No. 34295 of 2012
Anil Kumar Mishar
Vs.
State of U.P. and another

Hon'ble V.K.Shukla,J.
Petitioner has rushed to this Court with request to issue writ in the nature of certiorari quashing the order dated 26.12.2011 passed by respondent no. 2.
Petitioner had applied for consideration of his candidature for Teacher Eligibility Test-2011 for Junior Primary Level Examination under General Category. Petitioner appeared and claims that he was provided question booklet of ''A' series and further submits that due to inadvertence mistake has been committed in OMR answer sheet no. 148045 as in the question booklet as provided code ''B' has been filled up in place of Code ''A'. 
Earlier before this Court Bunch of writ petitions have been filed, the leading one being Civil Misc. Writ Petition No. 71563 of 2011 (Lalit Mohan Singh Vs. State of U.P. and others), pointing out large scale illegalities being there and this Court considered the matter at length, proceeded to dispose of said writ petition with following directions: 
29. In the facts and circumstances, in view of discussion made above, I dispose of these writ petitions with the following directions: 
(I) Question No.121, Series 'B', J.L.E. contain all wrong options and, therefore, it shall be treated a wrong question. Consequently the marks in respect of Question no. 121, Series 'B', J.L.E. shall be allotted to all candidates who have appeared in the concerned test. This direction shall simultaneously apply to corresponding question in 
remaining Series namely, 'A', 'C' and 'D' in J.L.E. 
(II) In respect of Question no.125, Series 'B' JLE, the candidates answering any of the options i.e., 'B' or 'C' shall be awarded marks. This direction shall simultaneously apply to corresponding question in remaining Series namely, 'A', 'C' and 'D' in J.L.E. 
(III) In respect of Question No. 142, Series 'B' JLE, the candidates who have answered any of the options i.e., 'A' or 'D' shall be awarded marks. This direction shall simultaneously apply to corresponding question in remaining Series namely, 'A', 'C' and 'D' in J.L.E. 
(IV) Revised opinion of the Board with respect to Questions shown in the charts in para 5 above (other than asterisk marked) shall not affect adversely the result of the candidates already declared successful merely for the reason of change of opinion of the Board vis a vis correct option. 
(V) All the candidates who have attempted these questions and have answered by referring to one of the two options, namely, the one which was correct as per initial Model Key Answer or that which is now correct as per the revised opinion, the candidates in both the events shall be awarded marks and their result shall be prepared 
accordingly. 
(VI) The Board shall publish a notice at least in four newspapers of different languages having wide circulation at the State level informing all concerned that in case any candidate has any grievance regarding UPTET Examination, 2011, about assessment etc., he may register his complaint by submitting application along with process fee of Rs. 100/per application (by cash or by demand draft) within 15 days from the date of publication in the newspapers. 
(VII) The Board shall entertain all applications of the candidates raising their grievance regarding assessment etc. and shall look into their grievance and take a decision thereon within a week from the date of receipt of such application. Such decision shall be communicated to the candidate concerned within a week thereafter either by placing information on internet or on mail address given by the candidate or by registered post. 
(VIII) The candidates who are already declared successful, their result shall not be affected to their prejudice but in case in view of the directions give above regarding certain questions, if their marks are to be increased, the same shall be given due credit. 
(IX) The revised result as a consequence of compliance of above directions shall be uploaded on internet and shall be given due publicity at the earliest." 
Petitioner thereafter applied and petitioner has been informed that he has received 38 marks. Now petitioner has rushed to this Court contending therein that due to inadvertence he had incorrectly filled up booklet code on the question booklet as such correction be carried out and answer sheet be rechecked accordingly. 
On the matter being taken up today, Sri J.P.N.Singh, Advocate appearing with Sri Anand Kumar Pandey, Advocate submits that his OMR Sheet is liable to be rechecked on the basis of question booklet ''A' and authority has erred in law by not correcting the same, whereas this was a case of human error, as due to inadvertence Code "B" had been mentioned as such writ petition in question deserves to be allowed. 
Countering the said submission Sri Neeraj Upadhya, Advocate representing State on the other hand contended that such error cannot be corrected, and rectified as of now inasmuch as petitioner himself has faulted in filling the incorrect code in OMR answer sheet no. 148045 as booklet code ''B' in place of Code ''A' and it is practically impossible to accept the request of the petitioner looking to the number of candidates who have undertaken the text and as far as earlier directives are concerned inquiry is in respect of illegalities committed at the level of respondents and at no point of time said judgment has given liberty to correct error committed in the booklet, as such writ petition deserves to be dismissed. 
After respective arguments have been advanced factual situation which has so emerged in the present case that large number of writ petitions have been filed before this Court complaining illegalities which has been committed by the respondents and this Court has taken note of broadly the issues raised and thereafter this Court on 16.07.2011 proceeded to give direction. It is true that this Court gave liberty to candidates in case they have any grievance regarding UPTET Examination 2011 about assessment etc., they may register complaint by submitting application along with process fee of Rs. 100/per application (by cash or by demand draft) within 15 days from the date of publication in the newspapers and the Board shall entertain all applications of the candidates raising their grievance regarding assessment etc. and shall look into their grievance and take a decision thereon within a week from the date of receipt of such application. Such decision shall be communicated to the candidate concerned within a week thereafter either by placing information on internet or on mail address given by the candidate or by registered post. Said judgment and order cannot be stretched to permit even error committed by examinee to be corrected, the request for correction has to be confined qua any illegality committed by respondents, and said situation was to be remedied by correcting their records qua evaluation/assessment etc and nothing beyond the same. 
In the present case petitioner, himself is responsible for such a situation by filling incorrect as Code ''B' in place of Code ''A' on the question booklet as such no relief or reprieve can be accorded to the petitioner. OMR sheets are checked by computer and the moment OMR sheet is permitted to be erased by erasing Code "B" and putting Code "A" computer would refuse to accept the same. Correction on OMR sheet is not practically feasible and mannual examination, in such large examination is also not feasible. 
Consequently, present writ petition is dismissed. 
Dated 19th July, 2012 
Dhruv

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1970588

UPTET : Allahabad Highcourt Judgment to provide Correct TET Certificate to candidate


UPTET : Allahabad Highcourt Judgment to provide Correct TET Certificate to candidate


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30

Case :- WRIT - A No. - 36861 of 2012

Petitioner :- Km. Anuradha Kumari
Respondent :- State Of U.P. And Anr.
Petitioner Counsel :- Raj Kumar Mishra
Respondent Counsel :- C.S.C.
Hon'ble V.K. Shukla,J.
Heard learned counsel for the petitioner and learned Standing Counsel for respondents. 
Petitioner is contending that she had applied for consideration of her candidature as Scheduled Caste category candidate in Teacher Eligibility Test. Petitioner has stated that certificate which has been issued to her, quite incorrectly describes her as general category candidate. Petitioner submits that records are to be set right and in this regard she has also requested by means of representation dated 8.5.2012, but no action has been taken
Consequently, Secretary, Madhyamik Shiksha Parishad, U.P. at Allahabad is directed to see and ensure that final decision is taken on the representation so moved on behalf of the petitioner in accordance with law, preferably within period of next eight weeks from the date of production of certified copy of this order, on the basis of records available. 
With these observation? writ petition is disposed of. 
Order Date :- 31.7.2012
T.S.

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1992579

UPTET - Article By Shyam Dev Mishra on Current Situation of recruitment through UPTET



UPTET - Article By Shyam Dev Mishra on Current Situation of recruitment through UPTET


 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षको की भर्ती-प्रक्रिया : आजतक की वस्तुस्थिति

प्रिय मित्रों,
टी.ई.टी. संघर्ष से जुड़े तमाम विश्वसनीय साथियों (जिनमे से बहन अंजलि राय, भाई सुजीत सिंह, गणेश दीक्षित, निर्भय सिंह, राजेश प्रताप सिंह, सदानंद मिश्रा, अजय सिसोदिया, ज्ञानेश देव, अर्जुन सिंह, अमितेश पाण्डेय, आनंद तिवारी, शलभ तिवारी, विकास पाण्डेय, पीयूष चतुर्वेदी सहित अन्य महत्वपूर्ण लोग सम्मिलित हैं) द्वारा आनलाइन दी गयी जानकारी के बाद भी हमारे तमाम साथी इस बात से या तो अनभिज्ञ हैं या आशंकित कि हमारे साथ अर्थात टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर चयन की पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के साथ आनेवाले दिनों में सरकार क्या खेल खेलने वाली है, बहुतों को तो ऐसा लग रहा है कि सरकार द्वारा कल बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में 13वे संशोधन के द्वारा शिक्षकों की भर्ती अकादमिक मेरिट के आधार पर करने की व्यवस्था इस 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती पर लागू होगी. अत्यंत सामान्य बुद्धि से सोचा जाये तो भी स्पष्ट है कि कोई नियम बनने की तारीख और उसके बाद प्रभावी होता है न कि पिछली किसी तारीख से. 
वैसे कैबिनेट के निर्णय में जहाँ सी.टी.ई.टी. को भी अर्हता में शामिल करना इंगित करता है कि यह बदलाव या संशोधन भावी /आगामी भर्तियों को ध्यान में रखकर की गई हो सकती हैं, पर अगर सरकार यह संशोधन 72825 भर्तियों पर लागू करना चाहे तो चयन के आधार के साथ-साथ आयु सीमा में भी परिवर्तन के जैसे कदम, जो वर्तमान प्रक्रिया में अर्ह तमाम अभ्यर्थियों को बिना किसी कारण के अनर्ह करके प्रक्रिया से बाहर कर देंगे, किसी भी प्रकार कोर्ट में वैध नहीं ठहराए जा सकते. वैसे जिस प्रकार सरकार द्वारा गुप-चुप तरीके से संशोधन करके इरादतन अस्पष्ट और संक्षिप्त प्रेस-विज्ञप्ति जारी हुई और समाचार-पत्रों में आधे-अधूरे विवरण प्रकाशित हुए, उनसे अभ्यर्थियों में अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है, पर इस सब से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्यूंकि सरकार की मंशा अगर इन परिवर्तनों को 72825 पदों की भर्ती पर लागू करने की है भी तो उसके रास्ते में न्यायालय खडा है . वैसे टी.ई.टी. मेरिट समर्थक इस लड़ाई के लिए एकजुट और तैयार हैं और यदि किसी भी प्रकार कोर्ट इनके पक्ष में निर्णय नहीं देता, जिसकी सम्भावना कतई नहीं दिखती, तो हमारे साथी डबल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस हक़ की लड़ाई को लड़ने के लिए कमर कसे बैठे हैं, जरुरत है तो इनका साथ देने की, इनका मनोबल बढ़ाने की. 
फिर भी इस प्रकार की दु:शंका दूर करने के लिए और वस्तुस्थिति से अभी तक अनभिज्ञ साथियों की जानकारी के लिए फिर से दोहराना पड़ रहा है कि हमारा पूरा संगठन एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहा है और शायद पहली बार ये लग रहा है कि हम जीत के बहुत करीब हैं. यह सत्य है कि तमाम प्रयासों के बाद भी २७ अगस्त २०१२ तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में टी.ई.टी. समर्थको का अधिकृत रूप से पक्ष रखनेवाला कोई नहीं था जिसके कारण शायद जज साहब को भी टी.ई.टी. की वास्तविकता और महत्ता, एन.सी.टी.ई. द्वारा जारी इस से सम्बंधित दिशा-निर्देशों के आलोक में वर्तमान विज्ञप्ति की वैधता और सरकार-मीडिया द्वारा जान-बुझकर किये जा रहे दुष्प्रचार की सही जानकारी नहीं थी. इसी बीच 23 जुलाई को सरकार ने टी.ई.टी.-2011 को जब मात्र अर्हता परीक्षा बनाने और वर्तमान विज्ञप्ति को रद्द कर अकादमिक मेरिट के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया तो हमारे साथी रत्नेश पाल, अभिषेक त्रिपाठी, नवीन कुमार और एस.के. पाठक ने अलग-अलग याचिकाओं में सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की जिसपर माननीय वी. के. शुक्ल जी की एकल बेंच ने पूर्णतया सकारात्मक रवैया दिखाते अर्थात प्रथम दृष्टया अपील को विचार-योग्य मानकर इन्हें भी माननीय अरुण टंडन के न्यायालय में चल रहे मामले से सम्बद्ध कर दिया. गौरतलब है कि विचार के दौरान माननीय न्यायाधीश महोदय ने सरकार के रवैये को राजनैतिक नाटक की संज्ञा दी. यह सब कुछ निर्धारित योजना के अनुरूप ही हुआ.

इस प्रकार २७ अगस्त को कोर्ट में टी.ई.टी. समर्थकों का पक्ष रखने के लिए पहली बार अधिकृत रूप से शाशिनंदन जी, अशोक खरे जी, अभिषेक श्रीवास्तव एवं वी.के. सिंह आदि चार वकील मोर्चे पर डटे थे जिसका स्पष्ट फायदा भी दिखा. शायद पहली बार न्यायाधीश महोदय को इस विषय का सिलसिले-वार ब्यौरा, जिसमे एन.सी.टी.ई. द्वारा शिक्षकों के लिए योग्यता निर्धारण के दौरान टी.ई.टी. प्रारंभ करना, सरकार द्वारा नियमावली में परिवर्तन करके टी.ई.टी. को चयन का आधार बनाना, टी.ई.टी. की महता और उसके विषय में तथ्यात्मक जानकारी, टी.ई.टी. का आयोजन एवं परिणाम की घोषणा, शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन, आवेदकों द्वारा विज्ञप्ति के आधार पर आवेदन, सरकार द्वारा तथाकथित धांधली के प्रभाव को न्यून करने के नाम पर प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में परिवर्तन के मंत्री-परिषद् के निर्णय और उसपर उठाई गयी आपत्तियां आदि शामिल है, दिया गया जिसे उन्होंने गौर से सुना. वकीलों द्वारा इस स्तर तक बढ़ चुकी प्रक्रिया के बीच में चयन का आधार बदलने को न्यायसंगत न मानने की बात से भी वो सहमत प्रतीत हुए. 

चूंकि सरकारी वकील ने हमारे पक्ष के वकीलों की दलीलों और उनपर कोर्ट के सकारात्मक रुख को देखते हुए मैदान छोड़ना सही मानकर स्पष्ट कर दिया था कि सरकार की ओर से हलफनामा नहीं लाए हैं, उन्होंने कोर्ट से समय माँगा जिसपर न्यायाधीश महोदय ने उन्हें अगले दिन पेश होने को कहा. इस पर सरकारी वकील ने अगले दिन यानि २८ अगस्त को इस सम्बन्ध में निर्णय के लिए अर्थात चयन का आधार बदलने के लिए नियमावली में संशोधन करने के लिए प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ समय माँगा. हमारे वकीलों ने हस्तक्षेप करते हुए इस बात को उठाया कि इस प्रकार का किया जाने वाला संशोधन तो आगे होने वाली नियुक्तियों पर लागु हो सकता है, इस प्रक्रिया पर नहीं. न्यायाधीश महोदय ने सहमति जताते हुए सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए अगले सोमवार यानि 3 सितम्बर २०१२ कि तारीख दे दी. न्यायालय में अपनी प्रभावी पैरवी और उसपर न्यायालय का रुख हमारे लिए एक संजीवनी सा उत्साह-वर्धक साबित हुआ है. इस से इस सत्य का आभास हुआ है कि कानूनी तौर पे मजबूती के बावजूद आज की परिस्थितियों में सच को भी सच साबित करने के लिए एकजुटता, संगठन और प्रभावी प्रस्तुतीकरण जरुरी है और अब हम समय के साथ, सही रास्ते पर चल पड़े हैं और मंजिल मिलना भी तय है.

एक बात यहाँ अप्रासंगिक लग सकती है पर आप सबके साथ साझा करना चाहूँगा कि विज्ञापन के तकनीकी तौर पर रद्द होने की आशंका भी अब निराधार प्रतीत होती है. बी.एस.ए. द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति के स्थान पर सचिव द्वारा उनकी ओर से राज्य-स्तर पर एक विज्ञप्ति के द्वारा आवेदन आमंत्रित करने को विधि-विरुद्ध बताते हुए कपिल यादव द्वारा उठाई गई आपत्ति के जवाब में सरकार की ओर से तत्कालीन सचिव, बेसिक शिक्षा, श्री अनिल संत द्वारा दाखिल हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार कोई अभ्यर्थी जिस प्रक्रिया का हिस्सा है, उसे चुनौती नहीं दे सकता. साथ ही हलफनामे में स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया था कि यह भर्ती प्रमुख रूप से "प्रशिक्षु अध्यापकों" कि भर्ती है न कि "सहायक अध्यापकों" कि भर्ती. उन्होंने स्पष्ट किया कि कपिल यादव ने बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, १९८१ में चयन-भर्ती के लिए बी.एस.ए. द्वारा द्वारा जिलेवार विज्ञप्ति निकले जाने की जिस व्यवस्था का उल्लेख किया है, वह "सहायक अध्यापकों" के चयन के लिए लागू होती है. एक बिलकुल ही नई अवधारणा के तहत "प्रशिक्षु अध्यापक" के रूप में यह भर्ती प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूरी करने के उद्देश्य से एन.सी.टी.ई. द्वारा दी गई विशेष अनुमति के तहत पहली बार की जा रही है, अतएव इनके चयन या भर्ती के लिए किसी पूर्व-निर्धारित किसी प्रक्रिया या नियम के होने का प्रश्न ही नहीं उठता, ऐसी स्थिति में राज्य-सरकार आवश्यक नियम और प्रक्रिया का निर्धारण एवं क्रियान्वयन करने के लिए पूर्णतया सक्षम है. अतएव वैधानिक दृष्टि से राज्य-सरकार कतई बाध्य नहीं है कि "सहायक अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन "प्रशिक्षु अध्यापकों" के चयन-भर्ती के लिए भी करे. इस प्रकार जहाँ तक वैधानिक रूप से विज्ञप्ति के गलत होने का प्रश्न न्यायालय में नेपथ्य में जा चुका है.

तमाम भाइयों को यह नागवार गुजर रहा है कि कोर्ट ने पहले स्टे क्यूँ नहीं हटा लिया और प्रक्रिया शुरू करने की छूट सरकार को क्यूँ नहीं दी? आप स्वयं समझ सकते हैं कि पल-पल रंग बदल रही सरकार स्टे हटने पर विज्ञप्ति के अनुसार भर्ती करने के बजाय किसी न किसी आधार पर विज्ञप्ति रद्द करके नए आधार पर मनमाने तरीके से भर्ती करती. ऐसी स्थिति में या तो आप चुपचाप बैठ कर अन्याय सहते या फिर नई प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट में नए सिरे से लड़ाई लड़ते, जिसमे कोई जरुरी न होता कि प्रक्रिया पर स्टे मिलता. ऐसी सूरत में आप कोर्ट में लड़ते रहते और अगर कभी जीत भी जाते तो उस समय तक वो भर्ती पूरी हो चुकी होती. ऐसे में आप कोर्ट से कहने को तो भले जीत जाते पर असलियत में आप हार चुके होते. ऐसे में बेहतर है कि सरकार कि हर वो चाल, जिसे स्टे मिलने के बाद वो कोर्ट के दायरे से मुक्त होकर चल पाती, आज कानून की निगरानी में है, उसकी न्यायिक समीक्षा के बाद कोर्ट की हरी झंडी मिलने की सूरत में ही वो क्रियान्वित हो सकती है. इसके अलावा बी.टी.सी./ वि.बी.टी.सी. वाले भाइयों के बी.एड. अभ्यर्थियों से इतर चयन प्रक्रिया और नियुक्ति का मसला भी बाकी है जिसको लेकर कोर्ट ने सरकार से तारीख-वार कार्य-योजना तलब की है. अतः आज की स्थिति में ये न्यायालय का संरक्षण ही है जो इस सरकार की मनमानी से इस प्रक्रिया को आजतक बचाए हुए है. 

फेसबुक पर समय-समय पर उपयोगी जानकारी देने वाले हमारे साथी अमितेश पांडे जी, अर्जुन सिंह जी और आनंद तिवारी जी द्वारा न्यायालय में हमारे पक्ष के वकील अभिषेक श्रीवास्तव, जोकि कि बी.टी.सी. वालों के भी वकील हैं, द्वारा प्रमुख रूप से मात्र बी.टी.सी. अभ्यर्थियों के पक्ष में की गई बहस के औचित्य पर उठाये गए प्रश्नों और उनके द्वारा सभी वकीलों द्वारा एक-दुसरे के साथ मिलकर एक मजबूत मोर्चे के रूप में अपना पक्ष मजबूती से रखने की जताई गई आवश्यकता को लड़ाई के इस भाग में नज़र-अंदाज़ नहीं किया जा सकता. इस सम्बन्ध में स्वयं भाई रत्नेश पाल से २७ अगस्त (सुनवाई वाली रात) बातचीत के दौरान यह जानकर संतुष्टि हुई कि वे भी अपने साथियों की आशंकाओं से न सिर्फ अवगत और सहमत है बल्कि उन्होंने भी भाई सुजीत जी से इस सम्बन्ध में विस्तृत वार्ता की है ताकि इस लड़ाई में आपसी एकजुटता में किसी प्रकार की कमजोरी न आने पाए, हमारा कोई प्रयास हमारे ही लिए हानिकारक न हो जाये, सभी वकील एकमात्र टी.ई.टी. मेरिट से चयन की वकालत करे. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस सम्बन्ध में समय रहते आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं ताकि किसी संभावित दुष्परिणाम से बचा जा सके और जीत हासिल की जा सके. 

मैंने जो कुछ यहाँ लिखा है, ज्यादातर मित्रो को पहले से ही विदित होगा पर मुझे फिर से ये सब लिखने की जरुरत अपने तमाम साथियों द्वारा व्यक्त कि जा रही जिज्ञासाओं और आशंकाओं के कारण महसूस हुई है. आप में से बहुतों के लिए बासी और अनावश्यक सामग्री को प्रस्तुत करते हुए यह भी अनुरोध है कि यदि मैं भूलवश अगर कुछ गलत लिख गया होऊं या कुछ महत्वपूर्ण बात रह गयी हो तो आप इसमें जोड़ने / सुधार करने का सहयोग प्रदान करेंगे.

Wednesday, August 29, 2012

UPTET : News Published in Hindustan Times Epaper ( News Analysis On Blog)


UPTET : News Published in Hindustan Times Epaper ( News Analysis On Blog)






































































News Source : http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx (Hindustan Epapr - Lucknow Edition Dated 29.08.12)
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Situation is really tough , Selection base is changed by UP Govt. and already stay continued in Allahabad Highcourt , Next hearing on 3rd Sept. 2012. (Matter in court is continued from a long time)

2nd problem - B Ed candidates eligibility for appointment after 1st Jan 2012 (NCTE notification) , may not be a big problem as stay was imposed by court before 1st Jan 2012, therefore after removal of stay , start of recruitment is not a big problem.

Another News - Science / Maths teacher direct recruitment in Upper PRT is good news for TET candidates as most of TET candidates who qualified Upper PRT level also qualified PRT level. Therefore chances of many TET candidates increased to get select in UP basic Education Dept. for regular jobs.
However it is a question, When will recruitment for Upper PRT starts.

UPTET : UP Cabinet Decision on 28 August 2012


UPTET : UP Cabinet Decision on 28 August 2012

















Information Source : http://information.up.nic.in/View_hindinews.aspx?id=258 (Dated - 28 August 2012)

UPTET : शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट से


UPTET : शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट से
सीटीईटी पास करने वाले भी पात्र, अंतरजनपदीय तबादले के लिए भ्‍ाी बदल गई व्यवस्‍था

लखनऊ। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 2012 को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक टीईटी को पात्रता परीक्षा मानते हुए शिक्षकों की भर्ती में शैक्षिक मेरिट से की जाएगी। भर्ती के लिए यूपी के साथ केंद्रीय बोर्ड से टीईटी पास करने वाले भी पात्र होंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण के संबंध में वर्तमान व्यवस्था में भी संशोधन कर दिया गया है। माया सरकार द्वारा नियमावली में सेवाकाल में केवल एक बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण पाने की व्यवस्था को समाप्त करते हुए जरूरत के आधार पर तबादला लेने की व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान व गणित के शिक्षकों की 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती होगी और 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। शिक्षकों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के एक लाख 60 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। प्राथमिक स्कूलों में 1 लाख, 99 हजार, 571 पद और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 58 हजार 668 पद खाली है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (अध्यापक) सेवा नियमावली के आधार पर शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नति की जाती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षकों की भर्ती को टीईटी पास अनिवार्य हो गया है। यूपी में नवंबर 2011 में टीईटी के आयोजन के साथ शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (अध्यापक) सेवा नियमावली में भी 15वां संशोधन कर दिया गया। इसमें भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने का प्रावधान कर दिया गया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा माना है, इसलिए अखिलेश सरकार ने टीईटी को पात्रता परीक्षा मानने का निर्णय किया।
इसके आधार पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (अध्यापक) सेवा नियमावली को संशोधित करते हुए शिक्षकों की भर्ती शैक्षणिक योग्यता के आधार पर प्रमुखता देने की व्यवस्था कर दी गई है


News Source : Amar Ujala (29.8.12)
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Good News to  TET pass candidates that 50% Upper Primary Teacher jobs in UP filled through Direct Recruitment, And approx 30,000 vacancies are more (1/2 of 58668 + Some Retirements) .
A big question - When will these vacancies are to be filled ?

May be all matter of Primary Teacher recruitment will be decided in Next hearing of Highcourt on 3rd Sept. 2012. 

However it is NOT clear about 15th amendment Base for selection - B.Ed marks included OR not.
And details will be published when available. 

Tuesday, August 28, 2012

UPTET : उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन



UPTET : उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन

-हाईस्कूल, इंटर व स्नातक के अंकों के आधार पर होगा चयन
-सीटीईटी भी पात्रता परीक्षा के तौर पर मान्य
-विज्ञान व गणित शिक्षक के 50 फीसद पदों पर सीधी भर्ती
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को राज्य में पात्रता परीक्षा का दर्जा मिल गया है। टीईटी को पात्रता परीक्षा देने के लिए कैबिनेट ने मंगलवार को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की धारा-14 में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नियमावली में इस संशोधन के बाद शिक्षकों की भर्ती का आधार टीईटी की मेरिट की बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट होगी।
कैबिनेट ने नियमावली की धारा-8 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ अब केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता दे दी है। इस संशोधन के बाद सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेगा। नियमावली की धारा-5 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति देकर कैबिनेट ने परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। इससे पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी।
नियमावली की धारा-21 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर कैबिनेट ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों की पुरानी व्यवस्था को भी बहाल कर दिया है। मायावती सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों को उनकी मर्जी के मुताबिक एक से दूसरे जिले में तबादला करने की सुविधा देने के मकसद से नियमावली में संशोधन किया गया था। इन तबादलों में शिक्षिकाओं को वरीयता दी गई थी। इसके लिए शिक्षकों से बीती 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में 24,392 शिक्षकों के तबादले किये थे। इस व्यवस्था को समाप्त कर अंतर जनपदीय तबादले की पूर्व में प्रचलित व्यवस्था फिर से लागू कर दी गई है। शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के लिए नियमावली की धारा-6 में भी संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया है


News Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_9609978.html / Jagran (28.8.12)
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News Analysis :
After all amendment in Niyamavali happens to fill posts in Basic Education Dept., However wait & watch to see - what happens in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012.

And a good news for Upper PRT qualifide TET candidates that half of Upper PRT (Science / maths) posts will be filled through Direct Recruitment and NOT through Promotion.
CTET Qualifide candidates also become eligible to apply in UP Basic Education Dept.

UPTET : विज्ञान-गणित शिक्षकों के आधे पद सीधी भर्ती से


UPTET : विज्ञान-गणित शिक्षकों के आधे पद सीधी भर्ती से


राजीव दीक्षित, लखनऊ बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। शेष 50 फीसदी पद प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की धारा-पांच में संशोधन करने का प्रस्ताव है। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की संभावना है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 1.14 लाख प्राथमिक विद्यालय और तकरीबन 46,000 जूनियर हाईस्कूल हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की जहां सीधी भर्ती होती हैं, वहीं जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से भरे जाते हैं। प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए शिक्षकों को तीन साल की सेवा पूरी करने पर प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक या जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर प्रोन्नत किया जाता है। पदों की उपलब्धता के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद इस समयसीमा को शिथिल भी कर सकती है। जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षकों की जबरदस्त कमी है। वहीं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने कक्षा छह से आठ में शिक्षकों की तैनाती के लिए अलग से टीईटी अनिवार्य कर दी है। इसी आधार पर राज्य सरकार ने बीती 30 नवंबर को जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी टीईटी आयोजित की थी जिसमें 2,64,928 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। चूंकि वर्तमान नियम के तहत जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से भरने की व्यवस्था है, इसलिए टीईटी उत्तीर्ण कर चुके इन अभ्यर्थियों को फिलहाल उच्च प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इस गतिरोध को दूर करने के लिए नियमावली में बदलाव करने का प्रस्ताव है ताकि जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के 50 फीसद पद सीधी भर्ती से भरे जा सकें

Jagran – 28.8.12
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News Analysis : 
Its a Good News for UPTET (Upper Primary Level) qualified candidates, If such an amendment to fill Upper Primary teacher job through happen.
And just like bonus to all UPTET candidates, because most of Upper PRT - UPTET qualified candidates cleared UPTET (PRT Level) also.
So that they if above is true then chances are increases for selection to become permanent teacher in basic education.

UPTET / Shiksha Mitra : नौकरी पड़ सकती है खटाई में



UPTET / Shiksha Mitra : नौकरी पड़ सकती है खटाई में

रोहित मिश्र, लखनऊ शासन के आदेश के अनुसार भले ही स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करके शिक्षक पद पर तैनात करने की तैयारी हो रही हो, लेकिन सर्विस लॉ के मुताबिक शिक्षामित्र रहने के दौरान नियुक्त अध्यापकों की नौकरी पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी। सेवा मामलों के जानकारों के मुताबिक भी नियुक्ति तर्कसंगत नहीं होगी। सर्व शिक्षा अभियान के मानकों के मुताबिक अध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने शिक्षामित्रों को अध्यापकों के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्नातक शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रशिक्षण के बाद टीईटी (टीचर्स इलेजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण करके वे शिक्षकों के रूप में नियुक्त होंगे। इसमें उन शिक्षामित्रों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने शिक्षामित्र रहने के दौरान रेगुलर स्नातक किया है। 

सेवा नियमों के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश कालरा के मुताबिक पूर्णकालिक नौकरी में यदि किसी ने छुट्टी नहीं ली है तो उस सेवा के दौरान की डिग्रियां मान्य नहीं हो सकतीं। इस लिहाज से शिक्षकों की नियुक्ति को हमेशा कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है और दूसरे पक्ष के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं होगा। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचार्य ललिता प्रदीप का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक हमको दोनों को एकसाथ प्रशिक्षित करना है। सेवा नियमों पर टिप्पणी करने का मुझे कोई अधिकार नहीं है। एक और शिक्षा अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सेवा नियमों के मुताबिक दोनों एक साथ मान्य नहीं हो सकते। या तो डिग्री सही होगी अथवा नियुक्ति। ऐसे में इनकी नियुक्ति पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी और किसी भी समय, कोर्ट में इनकी नियुक्ति पर अंगुलियां उठ सकती हैं


News Source : Jagran (28.8.12)
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News Analysis :
 Its a very terrible situation if TET is mandatory to become regular teacher.
And second point - Training + Job simultaneously and if training is not valid then it is another problem.

If candidate have no option candidate then they have to faith on whatever they have and to try for better.