Shiksha Mitra , BTC, 72825 Teacher Recruitment , 29334 Junior High school Teacher Recruitment News
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Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, UPTET, Allahabad Highcourt,
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जूनियर शिक्षकों की भर्ती का मसला न्याय विभाग पहुंचा ....>>>
राज्य मुख्यालय : सरकारी जूनियर स्कूलों में29,334 गणित वविज्ञानंके सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के मामले मेंराज्य सरकार असमंजस मेंपड़ गई है। यदि भर्ती करती है तोसुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसलेके खिलाफ जानापड़ेगाऔर यदि नहींशुरू करती हैतो हाईकोर्ट के फैसलेकी अवमानना होगी। लिहाजाबेसिक शिक्षा विभाग नेनिर्णय पर न्याय विभाग की राय मांगी है।
12 जून कोहाई कोर्ट ने 29,334 विज्ञानं वगणित के अध्यापकों की भर्ती मामले में शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती के आदेश दिए हैं। लेकिन इस पर तुरंत अमल राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट ने25 मार्च को दिए अपने अंतरिम आदेश मेंउस नियम को ही रद्द कर दिया है जिसमे शैक्षिक गुणांक के आधार पर भर्ती करने का संशोधन किया गया था
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अलग-अलग हैं शिक्षक बनने के मानक
Publish Date:Friday,Jun 20,2014 01:07:41 AM | Updated Date:Friday,Jun 20,2014 01:07:56 AM
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश में टीईटी अनिवार्यता का आदेश जारी होनेके बाद भीकरीब बीस हजार युवामास्साब बनने में सफल रहे हैं। अब उन गुरुजनों को भी टीईटीपास करनी होगी। सवाल यह है कि यदि वेटीईटी में असफल होतेहैंतो क्या उनकी सेवा खत्महो जाएगी। यदि नहीं, तो अब इस परीक्षा का क्या औचित्य है। साथ ही जो प्रशिक्षुसारे मानक पूरे कर टीईटी पास कर पांच साल सेभटक रहे हैं उन्हें नियुक्ति कब मिलेगी कोईसाफ बताने को तैयार नहीं है। ऐसे में प्रशिक्षु गांधीवादी रास्तेपर चलकर धरना व अनशन करके सरकार को नौकरी देनेके लिए मजबूर करनेका मन बना रहे हैं।
टीईटी यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा। यह परीक्षा तभी उपयोगी है जब शिक्षक बननेकी प्रक्रिया चल रही हो। जब प्रशिक्षुओंको शिक्षक बनाकर उन्हें स्कूलों मेंनियुक्ति कर दियागया तबउनकी पात्रता पर सवाल उठाना कहां सेजायज है। ऐसेमें 23 अगस्त 2010 के बाद और 27 जुलाई 2011 के बीच नियुक्तकरीब बीस हजार शिक्षकोंकी परीक्षा लेना नियम विरुद्ध है, क्योंकि इससेउनकी सेवा पर शायद ही कोई असर पड़ेगा। एक ओर एनसीटीई बिना टीईटी पास शिक्षकों की परीक्षा पर जोर देरहा है, वहीं प्रदेश में बड़ी संख्यामें शिक्षकों केपद रिक्त हैं। उन्हें भरने पर गंभीरता नहीं दिखायी जा रही है।
विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007-08 मेंबचे हुए हजारोंछात्र टीईटी पास हैं और डायट से प्रशिक्षितभी हैफिर भी नियुक्ति नहीं मिल रहीहै। विशिष्ट बीटीसी एसोसियेशन के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम लोग पांच साल से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मिलकर बार-बार अपीलकर चुके हैं, लेकिन मांग अनसुनीहै। उन्होंने कहा कि मांगे नहीं मानी गईतो एसोसिएशन बेसिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद व लखनऊ विधानसभा के सामनेधरना-प्रदर्शन और क्रमिक अनशन करेगा।
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स्पष्ट किया, समायोजन याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगाअगली सुनवाई 14 जुलाई को
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में एक लाख सत्तर हजारशिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक पदों पर समायोजन के मामले में प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 14 जुलाई को नियत की है।यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने शिवम राजन व अन्य तीन की याचिकाओं पर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि इस बीच कोई समायोजन किया जाता है तो वह याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। प्रश्नगत याचिका में उप्र नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 में किए गए संशोधन की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। जिसके तहत राज्य सरकार ने टीईटी की अनिवार्यता को शिक्षा मित्रों के समायोजन की अनुमति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार की तरफ सेमुख्य स्थायी अधिवक्ताओं रमेश उपाध्याय ने तर्क रखा। यह आधार लिया गयाकि राज्य सरकार को इस प्रकार का शासनादेश जारी करने का अधिकार नहीं है। जो कि एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता नियमावली के खिलाफ है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि न्यायालय के फैसले के तहत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को बीटीसी की ट्रेनिंग कराकर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। सभी शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
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शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
Fri, 20 Jun 2014 01:58 AM (IST)
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में तैनात 1.7 लाख शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी, बीटीसी , विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त स्नातक शिक्षामित्रों को परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने के लिए गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया। फिलहाल पहले चरण में बीटीसी कोर्स उत्तीर्ण करने वाले तकरीबन 58 हजार शिक्षामित्रों को इसका फायदा मिलेगा।
शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में उप्र नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 के शुरू होने के पहले से विभिन्न शासनादेशों के तहत कार्यरत शिक्षामित्र ही सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाने के पात्र होंगे। ऐसे शिक्षामित्र अधिकतम 60 वर्ष तक की आयु तक सहायक अध्यापक बन सकेंगे। सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) द्वारा सूची बनाई जाएगी। इस सूची में बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले उन शिक्षामित्रों को पहले स्थान दिया जाएगा जिनकी उम्र ज्यादा है। यदि दो शिक्षामित्रों की जन्मतिथि समान है तो अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में सूची में उनका नाम रखा जाएगा। शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति के लिए तब तक हकदार नहीं होंगे जब तक उनका नाम सूची में शामिल न हो। बीएसए यह सूची डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति को सौंपेगा जो संबंधित प्रमाणपत्रों की जांच करने के बाद फिर यह सूची बीएसए को सौंप देगी ताकि वह शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति का आदेश जारी कर सके।
शासन ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति के लिए समय-सारिणी भी जारी कर दी है। इसके मुताबिक डायट 30 जून तक बीएसए को बीटीसी प्रशिक्षणप्राप्त शिक्षामित्रों की सूची उपलब्ध कराएंगे। बीएसए सूची प्राप्त होने के एक हफ्ते के अंदर सूची में शामिल शिक्षामित्रों को काउंसिलिंग के लिए बुलाने के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराएंगे। 10 से 22 जुलाई तक शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग चलेगी जिसमें जिला स्तरीय चयन समिति शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। चयन समिति को चयन सूची को 25 जुलाई तक अनुमोदित करना होगा। शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र जारी करने की कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
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शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
ब्यूरो
अमर उजाला, लखनऊशुक्रवार, 20 जून 2014
Updated @ 2:54 AM IST
shikshamitra gets relief from highcourt
हाईकोर्ट ने और तीन सप्ताह का वक्त दिया
प्रदेश के करीब पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के मामले में शिक्षामित्रों को फिलहाल राहत मिल गई है।
हाईकोर्ट ने समायोजन के विरुद्ध दाखिल याचिका पर जवाब दाखिल करने की समय अवधि तीन सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी।
कोर्ट ने समायोजन पर रोक लगाने की मांग को स्वीकार नहीं किया मगर यह साफ किया है कि यदि नियुक्तियां की जाती हैं तो याचिका पर हुए अंतिम निर्णय के अधीन होंगी
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72825 Teacher Recruitment News:
नियुक्ति होने तक जारी रहेगा संघर्ष
Publish Date:Wednesday,Jun 18,2014 08:32:37 PM | Updated Date:Wednesday,Jun 18,2014 08:32:01 PM
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा द्वारा अपनी मांग प्राथमिक शिक्षक भर्ती सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियत समय सीमा में भर्ती पूरी करने के संबंध में मेहता पार्क में जारी क्रमिक अनशन 15वें दिन बुधवार को भी जारी रहा।
संगठन के अध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि 72,825 शिक्षकों की भर्ती के संबंध में क्रमिक अनशन पर बैठे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का उत्साह 15वें दिन भी देखने लायक है। सभी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं तथा काउंसिलिंग होने तक अनशन जारी रखने के प्रति कटिबद्ध है। मोर्चा के महामंत्री अरविंद यादव ने कहा कि हमारा संघर्ष व्यक्तिगत न होकर सर्वसमाज के हित में है। टीईटी अभ्यर्थियों की जीत एवं इनका संघर्ष गरीब, मजबूर, योग्य एवं कुशल योग्यताधारियों की जीत एवं संघर्ष है। अनशन के समर्थन में शिक्षक संघ के नेता शैलेश राय व कृपाशंकर राय ने कहा कि सपा सरकार शिक्षा, रोजगार एवं युवा विरोधी है। जबसे यह सरकार सत्ता में आई है तबसे प्रतिभा एवं लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की हठधर्मिता एवं द्वेषपूर्ण नीति के कारण आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। इस अवसर पर जौनपुर संगठन के जिलाध्यक्ष शशांक सिंह, बृजभान यादव, अमरनाथ, अरविंद यादव, शरद राय, विघ्नेश गौतम, शैलेश राय आदि उपस्थित
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Facebook se Logo Ke Comment :
Rahul Pandey
अभी टेट मेरिट वालों के लिए भूखा बंगाली भात-भात लगा है।
अगर शिक्षामित्र आप से पहले नियुक्त हुए तो दो हानि है
आप सहायक पद पर नियुक्त होंगे और सहायक अध्यापक पद से रिटायर हो जायेंगे।
शिक्षामित्र आपके सीनियर होंगे और उनके स्थानीय होने के कारण आप दूर से जाकर दुर्दशा का शिकार होंगे।
अकादमिक मेरिट वालों फिर आप कभी शिक्षक नहीं बनोगे
बीटीसी की जो खेप निकल रही है वह सिर्फ रिटायर होने वाले
अध्यापकों के द्वारा रिक्त पदों पर ही नियुक्त हो सकेंगे ।
अंततः अगर सही पैरवी और रणनीति के तहत कार्य हो तो शिक्षामित्रों का समायोजन रुक जायेगा
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निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही' >>
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
साथियों,
आज हाई कोर्ट में शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक सम्बन्धी याचिका की सुनवाई के दौरान जो कुछ भी हुआ वह अप्रत्याशित कदापि नहीं था। आज कोर्ट में मैं स्वयं मौजूद था और पूरे तमाशे को देखकर एक ही बात समझ में आयी है की बी.टी.सी. वालों ने हाई कोर्ट को मदारी का मजमा समझकर रिट दाखिल की है। एक ओर जहाँ शिक्षामित्र 100-150 की संख्या में मौजूद थे वहीं मुझे लाख ढूंढनें पर भी बी.टी. सी. पक्ष की ओर से एक भी बन्धु के दर्शन नहीं हुए,,,बाकी की तो बात ही छोड़ दीजिये मुख्य याची शिवम् राजन भी केस का पूरा दारोमदार एडवोकेट मान बहादुर और एडवोकेट इन्द्रसेन सिंह तोमर के जिम्मे छोड़कर पूरी सुनवाई के दौरान नदारद रहे। एक ओर जहाँ शिक्षामित्रों ने आज की सुनवाई के महत्त्व को गंभीरता से लेते हुए आर.के.ओझा जैसे काबिल और अभिषेक श्रीवास्तव जैसे तेज तर्रार वकीलों को अपनी तरफ से मैदान में उतारा था वहीँ दूसरी और बी.टी.सी. वालों की ओर से कोई एक सीनियर वकील भी खड़ा नहीं हुआ। शिक्षामित्रों की ओर से आर.के. ओझा ने जोरदार पैरवी की, CSC ( चीफ स्टैंडिंग कौंसिल) रमेश उपाध्याय ने भी अपना पूरा जोर लगाया जबकि ncte के अधिवक्ता रिजवान अख्तर मूक दर्शक बने रहे। हालाँकि आज की पूरी कार्यवाही के दौरान शिक्षामित्रों की ओर से बार-बार यही दलील दी गई की शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर हैं और इन्हें नियमानुसार छूट मिलनी चाहिए किन्तु जस्टिस पी.के.एस. बघेल जी ने तक़रीबन सात बार कहा की ' शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर नहीं हैं, वे शिक्षक श्रेणी में शामिल नहीं हैं'। कोर्ट का रुख पूरी तरह बी.टी.सी. वालों के पक्ष में जाता दिख रहा था की अचानक सरकारी काउन्सिल उपाध्याय जी ने नया दांव खेलते हुए कह दिया की 'सर ! अभी हम next प्रोसेस अडॉप्ट ही नहीं कर रहे हैं तो फिर stay की माँग किस आधार पर हो रही है?' और यहीं से मामले का टर्निंग पॉइंट शुरू हुआ,,,अंत में जज महोदय ने मैटर को प्री-मैच्योर मानते हुए नेक्स्ट डेट लगा दी और पूरे प्रोसेस को फाइनल आर्डर के अंडर रन करने की बात कही।
आज की पूरी कार्यवाही से एक बात पूरी तरह साबित हुई है की जहाँ शिक्षामित्र अपने मामले को लेकर संगठित और गंभीर हैं वहीँ दूसरी ओर बी.टी.सी. बन्धु आर्थिक अभाव और लापरवाही के कारण ठीक ढंग से अभी मुकाबले के काबिल ही नहीं हो पाए हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की अगर आज बी.टी.सी. वालों की ओर से एक भी अच्छा वकील होता तो आज स्टे लगना 300% तय था।
मेरी राय में जब सरकार हमारे खिलाफ कई मोर्चे पर लड़ रही है तो हमे कई मोर्चे खोलने की बजाय सरकार के खिलाफ ही दूसरे मोर्चे को सपोर्ट कर देना चाहिए,,,अर्थात शिक्षामित्रों के खिलाफ नई रिट डालने की बजाय बी.टी.सी. मोर्चे को ही विधिक एवं आर्थिक सहयोग मुहैय्या करा दिया जाय ताकि हमारा पूरा ध्यान 72825 पर केन्द्रित हो सके।
आपके विचार सादर आमंत्रित हैं....
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Avnish Avi : >>
12वीं पास, शिक्षामित्रों (शत्रुओं) को बिना टेट पास किए सहायक अध्यापक बनाने का जी.ओ. जारी ।30 जुलाई से पहले मिल जायेगा नियुक्त पत्र, अगली सुनवाई 14 जुलाई को , वीक OPPOSITION के कारण नहीं लगा कोई स्टे ।
टेटियन निराश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं जबकि SM को नियमों को तोड़मरोड़ कर नियमावली बिना केंद्र सरकार की अनुमति के पास
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Chaudhary Vikas >>>
कोई जाना माना न्यूज़ चैनल वाला भी अपनी कहानी को इस देश के सामने नहीं दिखता उसे भी साले को बलात्कार वाले सीन चाहिए और ये नहीं पता की पिछले २.५ साल से सरकार हमारी मानसिक स्थिति के साथ रोज बलात्कार कर रही है फर्क बस इतना है की कपडे नहीं फट रहे और खून नहीं निकल रहा और किसी ने पेड़ पर लटक कर जान नहीं दी
सब तरह का इन्तेजार और टेस्ट सिर्फ और सिर्फ बी.एड वालो की किस्मत में ही लिखा है हमसे तो अच्छे ये शिक्षा सत्रु निकले न कोई padai न कोई टेस्ट और नौकरी का g.o. हासिल और हमें बाबा जी का ठुल्लू यहाँ इस उत्तर प्रदेश में इन गवालो को पड़े लिखे पसंद नहीं है इन्हें तो इनके जैसे ही गधे चाहिए
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Prav Sin >>>
बी टी सी वाले साथिओ की लापरवाही के कारन शिक्ष-शत्रु उनके हक़ पर डाका डालने वाले है,,,समझ नहीं आता अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड वाले लोग केवल इंटर पास लोगो से कैसे हार गए,,,शररम करो अपने आप पर,,,अभी भी बहुत नुकसान नहीं हुवा है,,अभी डबल बेंच,,ट्रिपल बेच,,सुप्रीम कोर्ट तक का रास्ता बाकि है,,दिल्ली दूर है,,, बी.टी.सी. याचियों को अब बेशुमार अनुभवी टेट संघर्ष मोर्चे के नेतृत्वकर्ताओं का सहयोग लेना चाहिये
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Avnish Avi >>>
"अंधेर नगरी चौपट राजा " ये कहावत सपा सरकार पर 16 आना सच साबित होती है ,जब नाकारा सरकार सत्ता में आ जाती है तब वो अयोग्य और नाकरा अधिकारीयों का ही चुनाव करती है ।
एक तरफ शिक्षा मित्रों को बिना टेट के और नियमों को तोड़- मरोड़कर G.O जारी कर जुलाई तक समायोजित करने का आदेश जारी किये जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी टेट पास B.ED धारियों की भर्ती में आना कानी की जा रही है !!
ये तो वही बात हुई बादामों ( टेटियन) को 2.5 साल से सडाया जा रहा है और आलुयों ( शिक्षामित्र ) को जुलाई के अंत तक बोरियों में भरने का आदेश दे दिया गया है ।।