UPTET : आखिर कब मिलेगी नौकरी
News Sabhar : Amar Ujala Epaper
आखिर कब मिलेगी नौकरी
हाईकोर्ट के प्रमुख आदेश
फैक्ट फाइल
नवंबर 2011 में शुरू हुई प्रक्रिया में लगातार आ रही हैं मुश्किलें
ये हैं मानक
प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक और दो वर्षीय बीटीसी है। विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेकर बीएड वालों को छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाने का खेल शुरू किया। यह सिलसिला अनवरत जारी है।
यहां हुई चूक
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए। आवेदन को जांचे-परखे बिना ही मेरिट जारी कर दी गई। नतीजा वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर ऐसे नाम आ गए जिनके पूर्णांक और प्राप्तांक एक समान थे। इसका सबसे बड़ा असर मेरिट पर पड़ा। न्यूनतम मेरिट 68.23 गई। इसके चलते 60 फीसदी से अधिक अंक में पास होने वालों का नाम तक नहीं आया।
यह है पेंच
प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में सबसे बड़ा पेंच बार-बार बदला जाने वाला नियम है। वर्ष 2011 में शिक्षक भर्ती के लिए मानक टीईटी मेरिट को रखा गया। सत्ता बदलने के बाद सरकार ने टीईटी मेरिट को समाप्त कर उसे केवल पात्रता परीक्षा माना और भर्ती शैक्षिक मेरिट पर करने का निर्णय किया। टीईटी पास 2.71 लाख बीएड डिग्रीधारकों में कुछ का मानना है कि भर्ती टीईटी मेरिट पर ही होनी चाहिए, तो कुछ इसके पक्ष में नहीं हैं।
मेरिट वाले आरक्षित वर्ग से अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में मौका
शिक्षकों की भर्ती में सामान्य वर्ग के खाते में आरक्षण के हिसाब से भले ही 36 हजार 412 सीटें रखी गई हों, पर इससे भी कम सीटें आएंगी। कुल 72 हजार 825 सीटों में अनुसूचित जाति के हिस्से में 21 प्रतिशत 15 हजार 299, अनुसूचित जनजाति के हिस्से में दो प्रतिशत 1455 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हिस्से में 27 प्रतिशत 19 हजार 660 सीटें आएंगी। टॉप मेरिट वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग की सीटों पर भी मौका मिलता है।
इसलिए हो रहे मुकदमे
शिक्षक भर्ती के लिए बार-बार मानक बदले जाने को लेकर ही मुकदमे हो रहे हैं। टीईटी पास कुछ बीएड डिग्रीधारकों का मानना है कि पूर्व में तय मानक के आधार पर ही भर्ती की जानी चाहिए। सरकार बार-बार मानक क्यों बदल रही है। कुछ ने सरकार द्वारा निर्धारित फीस पर भी आपत्ति उठाई। कहा कि एक ही पद के लिए हर जिले के लिए अलग-अलग शुल्क क्यों
News Source : Amar Ujala (6.2.2013)
*******************************
About Recruitment Process -
Selection process started with TET merit in BSP Govt. and it was opposed in Highcourt. At that time court OK it by saying that it is not contrary to NCTE guidelines.
After some time stay happens. And new Govt of SP formed and selection process is changed due to irregularities ( recommendation of High Power Committee ).And selection rules are amended.
There is some points added like CTET qualified etc. can also apply.
Now a new funda comes that - B.Ed 2012 passed candidates are eligible OR not.
(In terms of previous advt, may be B.Ed 2012 candidates are not eligible as their B.Ed is not completed.
But in terms of new advt. B.Ed 2012 candidates may be applicable as in TET- B. Ed appearing candidates can apply. When new candidates of CTET can come selection process then why B. Ed 2012 are not eligible.
These I found in debates of TET candidates, And B. Ed appearing definition are explained different different by different different candidates. Some are saying appearing is those who are giving exams etc., Some are saying base is of - School Attendance.
All these happenings made different different groups of TET merit holderd -
TET Merit Holders
UPTET Acadmic Merit Holders
B. Ed 2012 etc.
Many candidates interpreted BEST SELECTION criteria in their OWN WAY.
Now , wait and watch , What will happen on new hearing date.
Best of LUCK TO ALL.
No comments:
Post a Comment
To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.