Friday, August 9, 2013

UPTET / Shiksha Mitra News : प्राथमिक स्कूलों में अब नहीं रखे जाएंगे शिक्षामित्र


UPTET / Shiksha Mitra News  : प्राथमिक स्कूलों में अब नहीं रखे जाएंगे शिक्षामित्र




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इलाहाबाद (ब्‍यूरो)। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति नहीं करने के सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की मोहर लग गई है। तीन जजों की पूर्णपीठ ने इस विधिक प्रश्न का समाधान करते हुए कहा है कि दो जून 2010 का शासनादेश आने के बाद चयनित शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं रहा। पूर्णपीठ ने यह भी तय किया कि चयन हो जाने का मतलब नियुक्ति पाने का हकदार होना नहीं है। दो जून के शासनादेश द्वारा प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की तैनाती की योजना वापस ले ली है। कोर्ट ने इसे सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
हाईकोर्ट में सैकड़ों शिक्षामित्र अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर कहा कि वर्ष 2009-10 सत्र के लिए उनका चयन शिक्षामित्र के लिए किया गया। चयनित होने के बाद उनको न तो प्रशिक्षण पर भेजा गया और न ही नियुक्ति दी गई। प्रदेश सरकार ने दो जून 2010 को शासनादेश जारी कर शिक्षामित्रों की योजना ही वापस ले ली है। प्रकरण को एकल न्यायपीठ ने पूर्णपीठ के लिए इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए संदर्भित किया क्या शासनादेश जारी होने के बाद पूर्व में चयनित हो चुके शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार है अथवा नहीं। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभाव में आ जाने के कारण और एनसीटीई द्वारा न्यूनतम अर्हता निर्धारित कर देने के बाद शिक्षामित्र योजना को वापस लेने की आवश्यकता महसूस की गई। न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति प्रकाश कृष्ण और न्यायमूर्ति संजय मिश्र की पूर्णपीठ ने प्रकरण सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षामित्र नियमित कर्मचारी नहीं हैं। वह 11 माह की संविदा पर नियुक्त होते हैं और यदि उनका कार्य संतोषजनक रहा तो अगले सत्र के लिए पुन: 11 माह हेतु उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है। मौजूदा प्रकरण में याचीगण पूर्णरूप से चयनित नहीं हैं और यदि चयनित भी होते तो उससे नियुक्ति पाने का अधिकार उत्पन्न नहीं होता है। पूर्णपीठ ने इस निरीक्षण के बाद प्रकरण वापस एकल न्यायाधीश के पास भेज दिया है

News Sabhaar : अमर उजाला (9.8.13)


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प्रमोशन से पहले ट्रांसफर
प्रोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षकों ने जताई नाराजगी


इलाहाबाद। परिषदीय विद्यालयों के तकरीबन 400 शिक्षकों का प्रमोशन के पहले ही स्थानांतरण कर दिया गया है। शिक्षकों का स्थानांतरण व्यक्तिगत रूप किया गया है। प्रमोशन का इंतजार कर रहे शिक्षकों ने स्थानांतरण पर नाराजगी जताई है। शिक्षकों का कहना है कि नियम के अनुसार पहले प्रमोशन होता है उसके बाद ट्रांसफर की प्रक्रिया होती है। पहले स्थानांतरण किए जाने से प्रत्यावेदन देने वाले शिक्षकों को अच्छे स्कूल मिल जाएंगे। इन स्कूलों में सीटें भर जाने की पदोन्नत शिक्षकों को पिछड़े इलाकों के विद्यालयों में भेज दिया जाएगा।
विभागीय लोगों का कहना है कि 20 अगस्त तक ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए थे। इसलिए शिक्षकों का स्थानांतरण पहले कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि व्यक्तिगत रूप से शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। लिस्ट दो चार दिनों में जारी कर दी जाएगी। वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि स्थानांतरण हुआ है। लिस्ट में अगर गड़बड़ी हुई होगी तो निश्चित रूप से विरोध किया जाएगा। इसको लेकर उनके संगठन में पूरी तरह से एकता है।

काउंसलिंग के लिए पहुंचे शिक्षामित्र
इलाहाबाद(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों के दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी प्रशिक्षण के तीसरे चरण की प्रक्रिया बृहस्पतिवार कांउसलिंग के साथ शुरू हो गई। काउंसलिंग के लिए सुबह से ही शिक्षामित्रों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। तीसरे चरण के प्रशिक्षण में 300 शिक्षामित्रों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों का यह आखिरी बैच होगा। शिक्षामित्रों की संख्या कम होने की वजह से प्रशिक्षण के लिए तकरीबन पांच केंद्र बनाए जाएंगे। शिक्षामित्रों को पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा गया है। शासन की ओर से निर्देश है कि प्रशिक्षण या परीक्षा दोबारा नहीं कराए जाएंग। इसको ध्यान में रखकर ही शिक्षामित्र आएं

News Sabhaar : अमर उजाला (9.8.13)

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