1.72 लाख शिक्षामित्रों की पक्की नौकरी मुश्किल
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इलाहाबाद संजोग मिश्र। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर सितंबर 2015 तक प्रस्तावित टीईटी मुक्त समायोजन मुश्किल दिखाई पड़ रहा है। एक ओर जहां उत्तर प्रदेश सरकार नियुक्ति पत्र जारी कर रही है, केन्द्र सरकार ने यूपी के शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने से साफ इनकार कर दिया है।
एक आरटीआई के जवाब में 23 जून, 2014 को भेजे गए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के जवाब से शिक्षामित्रों में खलबली मची है। दरअसल नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट 2009) में शिक्षक भर्ती की न्यूनतम योग्यता में छूट देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के टीईटी मुक्त समायोजन की कवायद शुरू की तो गोंडा के दुर्गेश प्रताप सिंह ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) से आरटीआई के तहत छह बिन्दुओं पर सूचनाएं मांगी।
दुर्गेश के दूसरे सवाल 'क्या कोई नियोक्ता बगैर टीईटी पास किए किसी को प्राइमरी स्कूल में शिक्षक नियुक्त कर सकता है?' के जवाब में केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि ऐसा नहीं किया जा सकता। तीसरे प्रश्न 'क्या केंद्र सरकार या एनसीटीई किसी राज्य को कक्षा 1 से 8 तक सहायक अध्यापक की नियुक्ति में टीईटी से छूट दे सकती है' के जवाब में एमएचआरडी में स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग के अंडर सेक्रेटरी और मुख्य जनसूचना अधिकारी आलोक जवाहर ने लिखा है कि आरटीई के तहत एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता में छूट सिर्फ केंंद्र सरकार दे सकती है।
हालांकि 8 नवंबर 2010 की गाइडलाइन में केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि किसी राज्य सरकार को टीईटी अनिवार्यता से छूट नहीं देगी। चौथे सवाल 'क्या केंद्र सरकार या एनसीटीई ने उत्तर प्रदेश को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों के बगैर टीईटी समायोजन की छूट दी है' के जवाब में ऐसी कोई छूट नहीं देने की बात कही गयी है।
गौरतलब है कि टीईटी मुक्त समायोजन के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं विचाराधीन हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अधीन होगी नियुक्ति शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद जारी होने वाले नियुक्ति पत्र का प्रारूप बेसिक शिक्षा परिषद ने सोमवार को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिया। पत्र में लिखा है कि नियुक्ति आदेश हाईकोर्ट में योजित विभिन्न याचिकाओं में पारित अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
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इलाहाबाद संजोग मिश्र। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर सितंबर 2015 तक प्रस्तावित टीईटी मुक्त समायोजन मुश्किल दिखाई पड़ रहा है। एक ओर जहां उत्तर प्रदेश सरकार नियुक्ति पत्र जारी कर रही है, केन्द्र सरकार ने यूपी के शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने से साफ इनकार कर दिया है।
एक आरटीआई के जवाब में 23 जून, 2014 को भेजे गए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के जवाब से शिक्षामित्रों में खलबली मची है। दरअसल नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट 2009) में शिक्षक भर्ती की न्यूनतम योग्यता में छूट देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के टीईटी मुक्त समायोजन की कवायद शुरू की तो गोंडा के दुर्गेश प्रताप सिंह ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) से आरटीआई के तहत छह बिन्दुओं पर सूचनाएं मांगी।
दुर्गेश के दूसरे सवाल 'क्या कोई नियोक्ता बगैर टीईटी पास किए किसी को प्राइमरी स्कूल में शिक्षक नियुक्त कर सकता है?' के जवाब में केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि ऐसा नहीं किया जा सकता। तीसरे प्रश्न 'क्या केंद्र सरकार या एनसीटीई किसी राज्य को कक्षा 1 से 8 तक सहायक अध्यापक की नियुक्ति में टीईटी से छूट दे सकती है' के जवाब में एमएचआरडी में स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी विभाग के अंडर सेक्रेटरी और मुख्य जनसूचना अधिकारी आलोक जवाहर ने लिखा है कि आरटीई के तहत एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता में छूट सिर्फ केंंद्र सरकार दे सकती है।
हालांकि 8 नवंबर 2010 की गाइडलाइन में केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि किसी राज्य सरकार को टीईटी अनिवार्यता से छूट नहीं देगी। चौथे सवाल 'क्या केंद्र सरकार या एनसीटीई ने उत्तर प्रदेश को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों के बगैर टीईटी समायोजन की छूट दी है' के जवाब में ऐसी कोई छूट नहीं देने की बात कही गयी है।
गौरतलब है कि टीईटी मुक्त समायोजन के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं विचाराधीन हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अधीन होगी नियुक्ति शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद जारी होने वाले नियुक्ति पत्र का प्रारूप बेसिक शिक्षा परिषद ने सोमवार को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिया। पत्र में लिखा है कि नियुक्ति आदेश हाईकोर्ट में योजित विभिन्न याचिकाओं में पारित अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
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