शिक्षा में नकल बन गई है संस्कृति : अखिलेश यादव
BLOG VICHAAR : NAKAL KO LEKAR ADHYADESH LAANA CHAHIYE.
LEKIN UO MEIN LAGATAR FANS RAHEE BHRTIYON KA KYA.
ADVT. KAMIYON KE SAATH AATE HAIN AUR LOGO DWARA COURT MEIN YACHIKAYEN DAALEE JAATEE HAIN.
RESERVATION KO BHEE LEKAR KAYEE BAAR CANDIDATES MEIN ROSH UBHRA HAI.
RESERVATION BHRTEE KEE LAST STAGE MEIN HONA CHAHIYE. LEKIN AGAR EK EXAM/ BHRTEE KE KAFEE SAARE LEVELS KAR DEN , AUR HAR LEVEL MEIN RESERVATION TO FIR GENERAL CANDIDATE KAHAN JAYEGAA.
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BLOG PAR PEHLEE COMMENT JO AAYEE HAI- USMEN ALHILESH YADAV JI KO ISHAARE MEIN POOCHAA HAI KI 6 MAHINE PEHLE APNE ORIGINAL DOCUMENT JAMA KARANE KE BAAD BHEE NIYUKTI NA MILNE PAR LUCKNOW MEIN JO LOG ANSHAN KARTE HUE HOSPITAL PAHINCH GAYE AUR JIN PAR POLICE NE LATHEEYAN BARSAYEE, UNKE BAARE MEIN BHEE KUCH SOCHENGE KEE NAHIN.
UNHE NIYUKTI PATR KAB DENGE
VAIBHAV MISHRA JI NE AAKROSH VYAKT KARTE HUE IS PAR VYANGKAREE COMMENT DEE HAI
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परीक्षाओं में नकल पर अखिलेश यादव चिंतित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समान शिक्षा प्रणाली की जरूरत पर जोर देते हुए परीक्षाओं में ‘नकल की संस्कृति’ पर चिंता जाहिर की और कहा कि इसके लिये सरकारें ही नहीं बल्कि समाज भी जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री ने यहां अपने आवास पर 150 स्कूल भवनों के शिलान्यास और लोकार्पण तथा शिक्षकों के सम्मान समारोह में कहा ‘‘आज अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरह की पढ़ाई हो रही है। सरकारों ने जिस तरह से जिम्मेदारी निभानी चाहिये थी, वह नहीं निभायी। अगर निभायी होती तो सबको समान शिक्षा मिल जाती।’’ उन्होंने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। अगर बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को हम बहुत सुधार दें तो परिणाम दूसरे होंगे और शिक्षा की तस्वीर बदल जाएगी।’’
परीक्षाओं में नकल की बुराई पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए अखिलेश ने कहा ‘‘अब नकल करने की एक संस्कृति बन गयी है--इसके लिये सरकार ही जिम्मेदार नहीं है। जब मैं सांसद था तब मैंने खुद देखा था कि परीक्षाओं के दौरान स्कूल के बाहर छात्र-छात्राओं के मां-बाप और सहयोगी आकर उन्हें नकल कराते थे। अगर यही जारी रहा तो आने वाले वक्त में सभी नौकरियों के लिये परीक्षा करानी पड़ेगी- सोचिये, हम कहां जा रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में असमान शिक्षा और समय पर रोजगार ना मिलने के कारण हम युवाओं की उर्जा को सही समय पर हम इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। आज किस तरह की शिक्षा है, हम बच्चों को कुछ भी पढ़ा लें लेकिन नौकरी नहीं मिलती। यह बड़ा सवाल है।’’
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शिक्षा में नकल बन गई है संस्कृति : अखिलेश यादव
लखनऊ। शिक्षा के गिरते स्तर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काफी चिंतित हैं। उनका यह दर्द आज छलका शिक्षकों के सम्मान के दौरान। अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर आज सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आज के दौर में नकल करना संस्कृति बन गई है। सांसद रहते मैंने खुद देखा कालेज में माता-पिता और सहयोगी नकल कराते हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए तीन शिक्षकों को सरस्वती सम्मान और छह को शिक्षक श्री सम्मान से अलंकृत किया। सरस्वती सम्मान से नवाजे गए प्रत्येक शिक्षक को तीन लाख रुपये और शिक्षक श्री से विभूषित शिक्षक को डेढ़ लाख रुपये के अलावा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
सरस्वती सम्मान से अलंकृत शिक्षक
1-प्रो.मुन्ना सिंह, कुलपति, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर
2-प्रो.ध्रुवसेन सिंह, भू-विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
3-प्रो.जीसी पांडेय, सेवानिवृत्त अध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान विभाग, डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद
शिक्षक श्री सम्मान से अलंकृत शिक्षक
1-डॉ.सोमेश कुमार शुक्ला, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
2-डॉ.उदय प्रताप सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मानवविज्ञान, लखनऊ विश्वविद्यालय
3-डॉ.निसार अहमद आजमी
एसोसिएट प्रोफेसर (अवकाशप्राप्त), अरबी कल्चर, लखनऊ विश्वविद्यालय
4-डॉ.गुलाब शंकर लाल सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, इंदुपुर, देवरिया
5-डॉ.बलबीर सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी
6-डॉ.हरेंद्र सिंह, प्राचार्य, आरएन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉडर्न मैनेजमेंट एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, मेरठ
News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Sat, 20 Dec 2014 02:44 PM (IST) | Updated Date:Sat, 20 Dec 2014 02:51 PM (IST))
BLOG PAR 1ST COMMENTS :->>
Vibhav Mishra said...
abe akal less jo anshan k karan hospital chale gye h unki b 2 chinta kar. lucknow me inta kuch ho rha h abhyartee apne documents jama kar pareshaan ho rhe h niyukti patra lab jaaree karega.
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VAIBHAV MISHRA JI NE AAKROSH VYAKT KARTE HUE IS PAR VYANGKAREE COMMENT DEE HAI
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परीक्षाओं में नकल पर अखिलेश यादव चिंतित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समान शिक्षा प्रणाली की जरूरत पर जोर देते हुए परीक्षाओं में ‘नकल की संस्कृति’ पर चिंता जाहिर की और कहा कि इसके लिये सरकारें ही नहीं बल्कि समाज भी जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री ने यहां अपने आवास पर 150 स्कूल भवनों के शिलान्यास और लोकार्पण तथा शिक्षकों के सम्मान समारोह में कहा ‘‘आज अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरह की पढ़ाई हो रही है। सरकारों ने जिस तरह से जिम्मेदारी निभानी चाहिये थी, वह नहीं निभायी। अगर निभायी होती तो सबको समान शिक्षा मिल जाती।’’ उन्होंने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। अगर बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को हम बहुत सुधार दें तो परिणाम दूसरे होंगे और शिक्षा की तस्वीर बदल जाएगी।’’
परीक्षाओं में नकल की बुराई पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए अखिलेश ने कहा ‘‘अब नकल करने की एक संस्कृति बन गयी है--इसके लिये सरकार ही जिम्मेदार नहीं है। जब मैं सांसद था तब मैंने खुद देखा था कि परीक्षाओं के दौरान स्कूल के बाहर छात्र-छात्राओं के मां-बाप और सहयोगी आकर उन्हें नकल कराते थे। अगर यही जारी रहा तो आने वाले वक्त में सभी नौकरियों के लिये परीक्षा करानी पड़ेगी- सोचिये, हम कहां जा रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में असमान शिक्षा और समय पर रोजगार ना मिलने के कारण हम युवाओं की उर्जा को सही समय पर हम इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। आज किस तरह की शिक्षा है, हम बच्चों को कुछ भी पढ़ा लें लेकिन नौकरी नहीं मिलती। यह बड़ा सवाल है।’’
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शिक्षा में नकल बन गई है संस्कृति : अखिलेश यादव
लखनऊ। शिक्षा के गिरते स्तर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काफी चिंतित हैं। उनका यह दर्द आज छलका शिक्षकों के सम्मान के दौरान। अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर आज सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आज के दौर में नकल करना संस्कृति बन गई है। सांसद रहते मैंने खुद देखा कालेज में माता-पिता और सहयोगी नकल कराते हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए तीन शिक्षकों को सरस्वती सम्मान और छह को शिक्षक श्री सम्मान से अलंकृत किया। सरस्वती सम्मान से नवाजे गए प्रत्येक शिक्षक को तीन लाख रुपये और शिक्षक श्री से विभूषित शिक्षक को डेढ़ लाख रुपये के अलावा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
सरस्वती सम्मान से अलंकृत शिक्षक
1-प्रो.मुन्ना सिंह, कुलपति, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर
2-प्रो.ध्रुवसेन सिंह, भू-विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
3-प्रो.जीसी पांडेय, सेवानिवृत्त अध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान विभाग, डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद
शिक्षक श्री सम्मान से अलंकृत शिक्षक
1-डॉ.सोमेश कुमार शुक्ला, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
2-डॉ.उदय प्रताप सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मानवविज्ञान, लखनऊ विश्वविद्यालय
3-डॉ.निसार अहमद आजमी
एसोसिएट प्रोफेसर (अवकाशप्राप्त), अरबी कल्चर, लखनऊ विश्वविद्यालय
4-डॉ.गुलाब शंकर लाल सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, इंदुपुर, देवरिया
5-डॉ.बलबीर सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी
6-डॉ.हरेंद्र सिंह, प्राचार्य, आरएन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉडर्न मैनेजमेंट एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, मेरठ
News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Sat, 20 Dec 2014 02:44 PM (IST) | Updated Date:Sat, 20 Dec 2014 02:51 PM (IST))
BLOG PAR 1ST COMMENTS :->>
Vibhav Mishra said...
abe akal less jo anshan k karan hospital chale gye h unki b 2 chinta kar. lucknow me inta kuch ho rha h abhyartee apne documents jama kar pareshaan ho rhe h niyukti patra lab jaaree karega.
UP sarkar kucch nahi karane wali
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