Saturday, June 9, 2012

UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू



UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू


लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षकों के चयन में धांधली की जांच सरकार ने शुरू कर दी है। मामले की जांच प्रमुख सचिव गन्ना और चीनी उद्योग को सौंपी गई है। लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित शिक्षकों के इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है। बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षक दल द्वारा कार्यस्थगन की सूचना देने पर सत्ता पक्ष के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को यह जानकारी दी

शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए बताया कि शासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। दस-दस लाख रुपये लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जा रहा है जिन्होंने न तो लिखित परीक्षा दी और न ही इंटरव्यू। बोर्ड के अध्यक्ष के रिश्तेदारों की भी फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इन फर्जी नियुक्तियों के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। अब तक 200 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रिश्वत के पैसे की बंदरबांट को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों में दफ्तर में मारपीट भी हो चुकी है। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के काम पर सरकार रोक लगायेगी। सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर सरकार को प्रभावी कार्यवाही का निर्देश दिया

निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल और चेत नारायण सिंह ने अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की एकल स्थानांतरण व्यवस्था में आये गतिरोध की जानकारी देते हुए कार्यस्थगन की सूचना दी जिसे अस्वीकार करते हुए सभापति ने सूचना को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित किया। बसपा सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन की दो और सूचनाएं दी गई। एक सूचना आगरा के बाह क्षेत्र में ग्राम प्रधान व बसपा कार्यकर्ता मुन्नालाल जाटव की हत्या से संबंधित थी। दूसरी घटना कांशीराम नगर के सोरों ब्लाक के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सत्यप्रकाश की हत्या के बारे में थी। दोनों सूचनाओं को अस्वीकार करते हुए सभापति ने दोनों प्रकरणों में सरकार को प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया


News Source : Jagran.com (9.6.12)

Friday, June 8, 2012

UPTET : युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट


UPTET : युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट ( Article By Mr Subhan)




---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Subhan Allah <subhanallah2007@gmail.com>
दिनांक: 8 जून 2012 10:24 pm
विषय: युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट
प्रति: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>


युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट

कहते हैं की जो इन्सान आने वाले तूफ़ान को भांपकर, उससे बचने के उपाए निकाल ले , वही इन्सान बुद्धिमान होता है. वर्तमान में सूबे के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव को इसी तरह की दूर-दर्शिता की आवश्यकता है. आज जिस तरह से भारत के अलग-अलग प्रदेशों के टेट अभ्यर्थियों की हालत हो रही है, उससे न सिर्फ यूपी में बल्कि पुरे भारत में एक तूफ़ान आने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. फिर चाहे वो यूपी में कई चरणों में हुए आन्दोलन हों या फिर पंजाब में पिछले ४ दिनों से इस तपती गर्मी में पानी की टंकी पर चढ़े टेट अभ्यर्थी हों या फिर अन्य राज्यों में हो रहे टेट अभ्यर्थीयों पर विभिन्न तरह के अत्याचार हों.

हम यहाँ सूबे में sikhcha के अधिकार और उससे होने वाले नुकशान के बारे में बाद में बात कर लेंगे, उसका तो बेडा गरक हो ही रहा है, उसके पहले उन लोगों की बात कर लेते हैं जिनके माध्यम से sikhsha के अधिकार को अमली जामा पहनाया जा सकता है. कहते हैं किसी ईमारत की नीव अगर मजबूत हो तो उस पर जो भी निर्मार होता है वो निश्चित रूप से उस ईमारत और उसमे रहने वाले व्यक्तियों के लिए मजबूती ही लाता है. पता नहीं क्यूँ सूबे के मुख्यमंत्री इस प्रदेश की ईमारत और अपने ठिकाने को इतना जर्जर बनाने पर तुले हैं.

निश्चित रूप पिछले ६ महीनो से जितनी भी पीड़ा टेट अभ्यर्थी भुगत रहें हैं, उसका हिसाब कोई नहीं दे सकता है. चाहे उनपर पुलिसे द्वारा लाठियों की बरसात हो या फिर सूबे की सरकार का ढिल-मुल रवय्या हो, हर तरफ से टेट अभ्यर्थियों का सोषर ही हो रहा है यधपि इन लोगों का कसूर क्या है ? अभी तक इस सवाल का जवाब ये खुद ही नहीं तलाश कर पा रहे हैं और न ही सूबे की सरकार ही इसका जवाब दे पा रही है.
कहते हैं की जब इन्सान के पास खोने के लिए कुछ न हो तो वो किसी के साथ कुछ भी कर सकता है. वर्त्तमान में टेट अभ्यर्थी कुछ इसी तरह की मनो-दशा से गुजर रहे हैं. इसका सबूत विधान मंडल एवं विधानसभा में विभिन्न पार्टियों द्वारा व्यक्त की गयी चिंता से साफ़ झलकता है. हालाँकि सूबे की सरकार पर इसका क्या असर पड़ा है ये देखना अभी बाकि है.
एक बात और यहाँ देखने वाली ये है की जितना गहरा झख्म टेट अभ्यर्थियों पर लगा है, उस तरह का मरहम अभी भी सूबे की सरकार की तरफ से नहीं मिला है बल्कि समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से उस जख्म को गहरा ही किया गया है. सूबे की सरकार की टेट अभ्यर्थियों की तरफ से कुछ शक घर करके बैठा हुआ है जिसका जवाब टेट पीड़ितों को चाहिए-
१. आखिर क्यूँ नहीं सरकार कपिल देव को बुलाकर कोई बीच का रास्ता निकल रही है ?
२. आखिर क्यूँ कोर्ट तारीख पर तारीख दे रही है ?
३. जिस दिन सरकार की मीटिंग होती है उसके अगले दिन ही डेट कोर्ट क्यूँ दे रही है ?
४. सरकार कोर्ट में मामला चल रहा है कहकर अपना पल्ला क्यूँ झारने की कोसिश कर ही है ?
उपरोक्त सवालों का जवाब आज हर टेट अभ्यर्थियों को सूबे की सरकार से चाहिए.
मेरे पास कई लोगों के फ़ोन आये जिन्होंने आगामी १२ जून को एक दिन के दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले सांकेतिक धरने की विश्वसनीयता के बारे में पूछा गया. मेरा विचार है की जब आप दिल से मेहनत करते हैं तो आप को उसका फल भी मिलना चाहिए. बनारस से चली पदयात्रा ....अलग-लगा जिलों से होती हुयी अभी दिल्ली पहुचने वाली है. इस पद यात्रा के पीछे की मेहनत से सभी भली-भाती परिचित हैं.
एक दिन का ये सांकेतिक धरना उन टेट अभ्यर्थियों के लिए एक तरह से उपहार है. इसे एक अच्छा कदम कहना , कहीं से भी गलत नहीं होगा. कहते हैं की अगर किसी चीज को बंद करके रखा जाता है या उस चीज का प्रयोग नहीं किया जाता है तो उसपर जंग लग जाती है. हमें अपने आप पर जंग नहीं लगने देना है की जबतक हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुच जाते हैं. 
अंत में मै अपने टेट अभ्यर्थियों से ये कहना चाहूँगा की आप लोग धैर्य बना कर रखें, निसंदेह हम अपनी मंजिल के बहुत ही करीब है. अपनी उत्सुकता को बनाये रखें, कभी भी आर-पार की लड़ाई के लिए एक आह्वान पर खड़े होने के लिए तैयार रहें. आगामी १७ जून को प्रतियेक जिलों में एक मीटिंग बुलाई गयी है जिसमे हमारे पदाधिकारीगर्ण कुछ बातों पर निर्णय लेंगे जिसमे आगामी ०१ जुलाई को जो काम अभी तक हमने लखनऊ में किया है वो काम हम एक बार इलाहाबाद में करने पर विचार किया जायेगा ताकि ०२ जुलाई को हमारी न्यूज़ इलाहबाद के समाचार पत्रों में छपे और हमारे सम्मानित जज श्रीमान अरुण टंडन पर एक नैतिक दबाव पड़े और वो हमारी पीड़ा को समझकर , इस केस को जल्द से जल्द निस्तारित करें तथा २७२००० टेट अभ्यर्थियों की दुआओं का खजाना लेलें.

अंत में आप सब एक बार फिर से अपने पदाधिकारियों की बातों पर चलने के लिए तत्पर रहें. भर्मित न हो , बरगलाने वाले तत्वों से बचकर रहें, सकारात्मक सोच रखें. हम एक हैं इसीलिए हम अपनी मंजिल के करीब हैं और मै ये आशा करता हूँ की हम हमेशा एक रहेंगे. निश्चित रहिये जीत हमारी ही होगी और जो आप चाहेंगे वही होगा.

आपका अपना साथी
सुभानाल्लाह (सुभान )
गोरखपुर
9935907083 

UP Board Class 10th/Matric Result 2012 – www.upresults.nic.in | UP 2012 Results | UP Board High School Results 2012 | upresults.nic.in/UPBIN12/intergetroll.html



UP Board Xth Result : 10वीं में रच दिया इतिहास


-यूपी बोर्ड हाईस्कूल में रिकॉर्ड 83.75 फीसद छात्र-छात्राएं सफल
-बाराबंकी की पूजा, आकांक्षा और अन्ना संयुक्त रूप से यूपी टॉपर

 इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 10वीं के परीक्षार्थियों ने इस बार इतिहास रच दिया। हाईस्कूल में पहली बार 83.75 फीसद रिजल्ट गया है। दो सालों से 70 फीसद पर रिजल्ट आकर रुका हुआ था। अच्छे रिजल्ट के लिए पहली बार लागू की गई सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली (सीसीई), स्टेपमार्किंग तथा एकल प्रश्नपत्र व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा रहा है।

इंटरमीडिएट की तरह हाईस्कूल में भी छात्राओं का रिजल्ट बेहतर रहा। बाराबंकी जिले की पूजा यादव व आकांक्षा सिंह ने 96.50 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि इसी जिले के अन्ना यादव भी इतने ही अंक हासिल कर प्रथम स्थान पर रहे। पूजा यादव बाराबंकी जिले के उसी कॉलेज की छात्रा है, जहां की दो अन्य छात्राओं ने इंटरमीडिएट परीक्षा में यूपी टॉप किया था। हाईस्कूल परीक्षा में छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 79.61 व छात्राओं का 88.95 रहा

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति बासुदेव यादव ने शुक्रवार को परिणाम घोषित करते हुए बताया कि पूजा यादव, आकांक्षा सिंह व अन्ना यादव ने संयुक्त रूप से 579/600अंक हासिल किए हैं। पूजा, महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल इंटर कॉलेज, बाराबंकी की छात्रा हैं। इसी कॉलेज की अभिलाषा यज्ञ सैनी व अपूर्वा वर्मा ने पांच जून को घोषित इंटरमीडिएट की परीक्षा में 96.20 फीसद अंक हासिल कर संयुक्त रूप से टॉप किया था। आकांक्षा सिंह सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज बाराबंकी की छात्रा हैं। बालकों में टॉपर अन्ना यादव बीआरजीपी हायर सेकेंड्री स्कूल, बरैया मूरतगंज बाराबंकी के छात्र हैं। संस्थागत परीक्षार्थियों का रिजल्ट 84.36 और व्यक्तिगत छात्र-छात्राओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 83.75 फीसद रहा।

हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 37 लाख 41 हजार 380 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए, जिसमें से 35 लाख 59 हजार 196 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। कुल 29 लाख 80 हजार 913 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित हुए हैं। बालकों के मुकाबले 9.34 फीसदी अधिक छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। वहीं प्राइवेट परीक्षार्थियों की तुलना में 11.18 प्रतिशत संस्थागत छात्र-छात्राएं अधिक उत्तीर्ण हुए हैं।

वर्जन
''हाईस्कूल में पहली बार सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली लागू की गई थी। यह प्रयोग काफी सफल रहा। इस प्रणाली के तहत बच्चों के मन पर लंबे पाठ्यक्रम का बोझ कम हुआ। बच्चे फ्री माइंड से पढ़े और अच्छा परिणाम लाए। यह परिणाम वाकई एतिहासिक है।''


-वासुदेव यादव, सभापति माध्यमिक शिक्षा परिषद


News Source : Jagran.com (8.6.12)
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UP Board Class 10th/Matric Result 2012 – www.upresults.nic.in | UP 2012 Results | UP Board High School Results 2012


यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा में 83.75 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण
UP Board high school class 10th secondary results 2012 declared


UP Board high school class 10th secondary results 2012 have been declared on Friday, June 8, 2012. The results are available on the website http://upresults.nic.in
Click here to check results - http://upresults.nic.in


The students can visit http://upresults.nic.in/UPBIN12/intergetroll.html and access their results by entering their district followed by their allotted roll numbers.

Also, the candidates can view their results online by logging on to- Also, the candidates can view their results online by logging on to-  http://www.jagranjosh.com/exam-results/up-board-result-2012
For SMS, all registered Vodafone and Idea Users can type <UP10 Roll Number> and send it to 572721.
For example if your roll no is 123567, send your SMS by typing <UP10 123567> and send it to 572721.
Other Users can send SMS to 57272. Type <UP10 Roll Number> and send it to 57272.
For example if your roll no is 1234567, then type <UP10 1234567> and send it to 57272.

UP News : कन्नौज में डिंपल ने रचा इतिहास



UP News : कन्नौज में डिंपल ने रचा इतिहास

इत्र नगरी कन्नौज को अब इतिहास के पन्नों में जगह बनाने को बस आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। कन्नौज लोकसभा उप चुनाव के परिणाम घोषणा नौ जून को दोपहर तीन बजे नाम वापसी की अवधि बीतने के बाद की जाएगी। शुक्रवार को निर्दलीय उम्मीदवार संजू कटियार व संयुक्त समाजवादी दल के दशरथ शंखवार के नाम वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है

डिंपल प्रदेश की पहली ऐसी महिला हैं जिनके खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। संयोग भी एक रिकार्ड के रूप में ही देखा जाएगा कि डिंपल जिस लोकसभा के लिए चुनाव हारीं, उसी में निर्विरोध जीतकर पहुंचेंगी। यह तथ्य भी विशिष्टता लिए हुए हैं कि वह ऐसी सांसद हैं जिनके पति मुख्यमंत्री हैं। लोकसभा में उनके साथ श्वसुर व देवर भी होंगे। कन्नौज में फैली उनकी जीत की यह खुशबू लंबे समय तक याद की जाएगी

यूपी में साठ साल बाद आया यह मौका:-
टिहरी में जीते मानवेंद्र शाह को यदि उत्तराखंड में मान लिया जाए तो प्रदेश मे 60 साल बाद यह अवसर आया है जबकि लोकसभा का चुनाव कोई उम्मीदवार निर्विरोध जीता है। एक संयोग ही है कि इससे पहले 1952 में पीडी टंडन भी उप चुनाव में ही जीते थे। डिंपल की जीत भी उप चुनाव में ही हुई है। देश में उप चुनाव के दौरान निर्विरोध जीतने वाले लोगों की संख्या डिंपल को मिलाकर 9 है। 22 उम्मीदवार सामान्य चुनावों में जीते हैं। समाजवादी पाटी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी इसे समाजवादी शक्ति की जीत बताते हैं। उनका मानना है कि प्रदेश में सपा को मिल रहे समर्थन को देखते हुए ही अन्य दलों ने मैदान से बाहर रहने का फैसला किया।

दो दशक बाद कोई निर्विरोध:-
यह 31 वां अवसर है जबकि लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार निर्विरोध जीता है। इससे पहले 1989 नेशनल कांफ्रेस के मो. शफी बट श्रीनगर से निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। लगभग दो दशक बाद देश में कोई निर्विरोध चुना गया है। आजादी के बाद 1951 में हुए देश के पहले चुनाव में पांच प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए थे। इसके बाद 1952 में हुए उप चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम में कांग्रेस के पुरुषोत्तम दास टंडन निर्विरोध जीते। 1962 में टिहरी गढ़वाल से वहां के राजा मानवेंद्र शाह ने जब चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनके मुकाबले कोई प्रत्याशी आगे नहीं आया। इस चुनाव में जनसंघ के रंगीलाल ने परचा भरा था लेकिन वापस ले लिया था। इससे पहले हुए चुनाव में बीकानेर के पूर्व महाराजा और निशानेबाज करणी सिंह भी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। 1962 में ही उड़ीसा में पूर्व मुख्यमंत्री हरेकृष्ण मेहताब को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था


News  Source : Jagran.com (8.6.12)

UPTET : JANTAR-MANTAR EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI



JANTAR-MANTAR EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI

12th JUNE, 2012


MAIN DEVENDRA SINGH UPTET ROLL NO.  02019654, SAMAST UPTET 2011 ABHIYARTIYO KO SUCHIT KARTA HU KI HUME DELHI PRASHASHAN SE JANTAR-MANTAR DHARNA PRADARSHAN ISTHAL PAR SHANTI PURVAK EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI MIL GAYI HAI ISKA SAMAY SUBHA 8 AM SE SHAM 5 PM TAK HOGA. JISME HAMARE SAHASIYE SATHI SHREE MANOJ KUMAR MAYANK JI TATHA ANYE SATHI, JO VARANASI SE PADH-YATRA KARTE HUE DELHI PAHUCHENGE, SAMAST UPTET 2011 ABHIYARTIYO  DUWARA BHAVYE SWAGAT  KIYA JAYEGA, MANINEY SHREE MANOJ KUMAR MAYANK JI UPTET ABHIYATHIYO KI TARAF SE H.R.D.MINISTER MANINEY SHREE KAPIL SIBAL JI KO GYAPAN SOPENGE. AAP SABHI UPTET ABHIYARTHIYO SE APEAL HAI KI DINAK-12JUNE 2012 KO PRADARSHAN ME SHAMIL HO, OR ISE SAFAL BANAYE.

DHANYAVAD 
DEVENDRA SINGH
UPTET ROLL NO.  02019654
(M )- +91-9560705898
ISTHAN- DHARNA PRADARSHAN ISTHAL, JANTAR-MANTAR
DINAK- 12-JUNE-2012



UPTET : जंतर-मंतर पर धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी

बदायूं : यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनाई गयी।


बाल निकेतन हायर सेकेंड्री स्कूल में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रताप सिंह ने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए दिल्ली के आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि 12 जून को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात का समय मिल चुका है। धरने में 20 से 30 हजार तक अभ्यर्थियों के पहुंचने की उम्मीद है।


बरेली मण्डल के प्रभारी पवन सक्सेना ने कहा कि टीईटी चयन प्रक्रिया में भर्ती मेरिट के आधार पर कराने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। सरकार ने ऐसा नहीं किया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।


इस मौके पर पवन कुमार सिंह, विश्राम सिंह, हृदयेंद्र शर्मा, चक्रेश कुमार, मुन्ने खां, अवधेश कुमार, दर्पण यादव, विनीत सोलंकी, हरीश गंगवार, विनय चौहान, राहुल राठौर, सुशांत कुमार, छविनाथ शर्मा, शिखा ठाकुर, प्रियंका भाष्कर आदि मौजूद रहे


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Comments Received for this post :

 – 10 of 10
Blogger uday said...
Hila dege delhi court k dere cm ki susti jagjahr ho jayegi
Thursday, June 07, 2012 10:15:00 PM
 
Blogger MOHD. RASHID AZAD said...
Thanks from all tetians for display this news ...
Thursday, June 07, 2012 11:49:00 PM
 
Blogger Shyam Dev Mishra : PAHAL said...
मनोज कुमार 'मयंक' जी द्वारा की गई पदयात्रा वाकई में आज के समय में भी अहिंसात्मक विरोध प्रदर्शन की महत्ता को स्पष्ट करती है. लड़ाई का यह तरीका न सिर्फ टी.ई.टी.-उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए न सिर्फ एक नई प्रेरणा है, बल्कि आज के सत्ताधारियों के लिए भी आँखें खोलने वाला कारनामा है. मनोज भाई की उत्कट जिजीविषा और अदम्य इच्छाशक्ति को दर्शाने वाली इस मुहिम की महत्ता को राज्य-सरकार और साथ-साथ केंद्र सरकार के सामने साबित करने की बारी अब बाकी साथियों की है. देवेन्द्र भाई और उनकी टीम वाकई में साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने इस दिशा में जंतर-मंतर, नई दिल्ली में एक-दिवसीय धरने की अनुमति लेने का न्यायसंगत व ठोस कदम उठाकर सही शुरुआत की है. सभी टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस मुहिम में आगे बढ़कर साथ देना चाहिए. ज्यादा नहीं तो सिर्फ एक बार तपती गर्मी में, ४५-५० डिग्री तापमान में, बनारस से पैदल दिल्ली तक का सफर तय करने वाले अपने साथी की मनोदशा का ख्याल जरुर करिए, अगर अब भी उनके इस साहसिक एवं कठिन प्रयास को अंजाम तक पहुँचाने के लिए दिल्ली पहुँचने के बजाय सिर्फ और सिर्फ आप लोग ब्लाग पर केवल वार्तालाप करते रहे.
Friday, June 08, 2012 3:42:00 AM
 

UPTET : टीईटी को लेकर सौतेला व्यवहार


UPTET :  टी ई टी को लेकर सौतेला व्यवहार 

(Article / Information By Mr. Anwar Uddin )

---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: ANWAR uddin <anwar5579@gmail.com>
दिनांक: 8 जून 2012 5:00 pm
विषय:
प्रति: muskan24by7 <muskan24by7@gmail.com>


उत्तर प्रदेश सरकार का सच - इच्छा शक्ति की कमी या आचारसंहिता की मजबूरी विगत कई माह से हम टी ई टी पास उम्मीदवार उत्तर प्रदेश सरकार की बहानेबाजी का शिकार है
सरकार लगातार टी ई टी को लेकर सौतेला व्यवहार अपना रही है
हमें कई बार प्रदेश सरकार की तरफ से आश्वासन मिले की ''टी ई टी पर निर्णय एक माह'' में कभी '' दस दिन ''में ऐसा करते करते निकाय चुनाव आ गए अब बहानेबाजी आचारसंहिता की 
|

मै कुछ बाते आप के सामने रखना चाहता हूँ जिससे आप भी सरकार की नियत को समझ सके नीचे कुछ समाचार है जो आप ने विगत दिनों जरूर सुने होगे  - 
@ लखनऊ प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसला करते हुए लोक सेवा आयोग  की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की अधिकतम  आयुसीमा 35 साल से बढ़ाकर 40 साल कर दी है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से इसे मंजूरी दी गई है।
@मुख्यमंत्री 11 जून को घाटमपुर में पावरहाउस का शिलान्यास करेगे
@एक लाख राज्य कर्मचारियों के लिए छठे वेतनमान की स्वीकृति कैबीनेट ने दी
मुझे ये नहीं समझ आता की क्या ये सब आचारसंहिता का उलंघन नहीं है
टी ई टी के मामले में सरकार पूरी तरह से आचारसंहिता का पालन कर रही है जब की इस आचार संहिता के कारण हम केवल एक आधिकारिक और सरकार के विश्वस्त प्रतिनिधि से आश्वासन ही चाहते है
ताकि हमें टी ई टी की अनिश्चितता से राहत तो मिले इसमें कौन सी आचारसंहिता का उलंघन हो जायेगा ?

अगर सरकार में टी ई टी को लेकर कोई इच्छा शक्ति ही नहीं है तो बात अलग है सरकार के रवैये को देख कर ऐसा लगता भी है की सरकार सर्व शिक्षा अभियान और टी ई टी पास उम्मीदवारों की समस्याओ को प्राथमिकता पर नहीं पर रख रही है

आपका भाई
अनवार
कानपुर

UPTET : जंतर-मंतर पर धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी



UPTET : जंतर-मंतर पर धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी

बदायूं : यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनाई गयी।


बाल निकेतन हायर सेकेंड्री स्कूल में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रताप सिंह ने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए दिल्ली के आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि 12 जून को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात का समय मिल चुका है। धरने में 20 से 30 हजार तक अभ्यर्थियों के पहुंचने की उम्मीद है।


बरेली मण्डल के प्रभारी पवन सक्सेना ने कहा कि टीईटी चयन प्रक्रिया में भर्ती मेरिट के आधार पर कराने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। सरकार ने ऐसा नहीं किया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।


इस मौके पर पवन कुमार सिंह, विश्राम सिंह, हृदयेंद्र शर्मा, चक्रेश कुमार, मुन्ने खां, अवधेश कुमार, दर्पण यादव, विनीत सोलंकी, हरीश गंगवार, विनय चौहान, राहुल राठौर, सुशांत कुमार, छविनाथ शर्मा, शिखा ठाकुर, प्रियंका भाष्कर आदि मौजूद रहे


News Source : Jagran.com (8.6.12)

Thursday, June 7, 2012

UPTET : JANTAR-MANTAR EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI


JANTAR-MANTAR EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI

12th JUNE, 2012


MAIN DEVENDRA SINGH UPTET ROLL NO.  02019654, SAMAST UPTET 2011 ABHIYARTIYO KO SUCHIT KARTA HU KI HUME DELHI PRASHASHAN SE JANTAR-MANTAR DHARNA PRADARSHAN ISTHAL PAR SHANTI PURVAK EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN KI ANUMATI MIL GAYI HAI ISKA SAMAY SUBHA 8 AM SE SHAM 5 PM TAK HOGA. JISME HAMARE SAHASIYE SATHI SHREE MANOJ KUMAR MAYANK JI TATHA ANYE SATHI, JO VARANASI SE PADH-YATRA KARTE HUE DELHI PAHUCHENGE, SAMAST UPTET 2011 ABHIYARTIYO  DUWARA BHAVYE SWAGAT  KIYA JAYEGA, MANINEY SHREE MANOJ KUMAR MAYANK JI UPTET ABHIYATHIYO KI TARAF SE H.R.D.MINISTER MANINEY SHREE KAPIL SIBAL JI KO GYAPAN SOPENGE. AAP SABHI UPTET ABHIYARTHIYO SE APEAL HAI KI DINAK-12JUNE 2012 KO PRADARSHAN ME SHAMIL HO, OR ISE SAFAL BANAYE.

DHANYAVAD 
DEVENDRA SINGH
UPTET ROLL NO.  02019654
(M )- +91-9560705898
ISTHAN- DHARNA PRADARSHAN ISTHAL, JANTAR-MANTAR
DINAK- 12-JUNE-2012

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Above details received through email :-
From: rashid azad <rashid.khurshid@gmail.com>
Date: 2012/6/7
Subject: JANTAR-MANTAR EK DIVASIYE DHARNA PRADARSHAN 12th JUNE, 2012
To: Sarkari Damad <sarkaridamad007@gmail.com>, Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>, Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>, dev02019654@gmail.com, rajesh rao <rajeshrow86@gmail.com>, nnitinmehta1982@rediffmail.com, Naved Ahmed <navedahmeds@gmail.com>, dharmchand1980@gmail.com

Please display this as a post on your blog as soon as possible.

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Kindly confirm details from relevant persons/candidates.
(Through Email/contact nos. etc.)
Information published here is only informatory in  nature and for any confirmation you can contact above mentioned persons.
Thanks.

UPTET : कैबिनेट की बैठक आज



UPTET : कैबिनेट की बैठक आज

लखनऊ : अखिलेश सरकार मंत्रिपरिषद की गुरुवार को बैठक होगी जिसमें सूबे को बिजली संकट से उबारने के लिए निजी क्षेत्र की एमओयू रूट वाली 10000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को लगाए जाने के लिए डेढ़ वर्ष की मोहलत देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र में उत्पादन निगम द्वारा नयी परियोजनाएं लगाए जाने को भी मंजूरी दिए जाने की संभावना है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिलाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट मुहर लगा सकती है। इसके अलावा राजधानी में नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के लिए करोड़ों की लागत का प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जाने को भी मंजूरी मिल सकती है


News Source : Jagran.com (7.6.12)
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Selection process can be changed for new recruitment process.
Different Boards/ Universities Marking are different especially  UP Board / Goverment Univrsity candidates getting less marks comapred to CBSE/ICSE/ Pvt Management Colleges.
And some Universities are famous in giving high marks - Sampoornanand University Varanasi etc. (And many candidates obtained fake mark sheets from such universities  to got selection in BTC courses etc.).
Proper scaling system can help to such candidates OR Multilevel Exam for selection process.

UP B. Ed Counselling Starts from Tomarrow



बीएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कल से
UP B. Ed Counselling Starts from Tomarrow -
Details are available on Ram Manohal Lohia Avadh University Website
फैजाबाद : बीएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग आठ जून से प्रदेश के 27 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इन केंद्रों को 10 जिलों में बनाया गया है। सर्वाधिक केंद्र कानपुर जिले में बनाए गए हैं। अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग का पत्र वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। काउंसिलिंग का विस्तृत विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है। राम मनोहर लोहिया अवध विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. एसएन शुक्ला ने बताया कि काउंसिलिंग के समय अभ्यर्थियों को शुल्क भी देना होगा। उन्होंने बताया कि कानपुर में पांच, आगरा में चार, मेरठ में चार, लखनऊ में तीन, गोरखपुर में तीन, वाराणसी में दो, जौनपुर में दो, फैजाबाद में दो, झांसी में एक व बरेली में एक केंद्र पर काउंसिलिंग होगी। काउंसिलिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं


News Source : Jagran.com (7.6.12)

UPSESSB / UPMSSCB / PGT/TGT : चयन बोर्ड सदस्य के खिलाफ जांच बैठी



UPSESSB / UPMSSCB / PGT/TGT : चयन बोर्ड सदस्य के खिलाफ जांच बैठी


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शासन ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के खिलाफ जांच बैठा दी है। यह जांच प्रमुख सचिव चीनी विभाग संजीव नायर को सौंपी गई है। उनपर गंभीर शिकायतों और कदाचार का आरोप है।
सचिव शासन, पार्थ सारथी सेन शर्मा के 30 मई 2012 के पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं। लिहाजा इन शिकायतों/कदाचार की जांच के लिए प्रमुख सचिव चीनी विभाग, संजीव नायर को जांच अधिकारी नामित किया जाता है। संजीव नायर को यह जांच एक माह के अंदर पूरी करके शासन को रिपोर्ट सौंपनी है। हालांकि इस पत्र में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के ऊपर कैसे कदाचार के आरोप हैं व किस तरह की शिकायतें हैं। ज्ञातव्य है कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा के कार्यालय में घुसकर 20 अगस्त को हुई मारपीट के आरोप में डॉ. केशरी नंदन मिश्रा को नामजद किया गया था। घटना के एक माह बाद डॉ. मिश्र को चयन बोर्ड की बैठकों और साक्षात्कार से विरत कर दिया गया। अब शासन ने नए सिरे से जांच बैठा दी है। इस संबंध में डॉ. केशरी नंदन मिश्रा का कहना है कि मैने हमेशा से भ्रष्टाचार का विरोध किया है। मेरे रहते अध्यक्ष और सदस्य जो अपने भाई-बहन और सदस्य का चयन नहीं करा पाए वहीं अब मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं इन सबसे डरने वाला नहीं हूं, सरकार चाहे तो मेरे खिलाफ सीबीआइ जांच करा ले


News Source : Jagran (7.6.12)

Wednesday, June 6, 2012

यूपी बोर्ड टापर को नहीं मिल पाएगा दिल्ली के टाप कालेज में प्रवेश ॽ



और यूपी बोर्ड टापर को नहीं मिल पाएगा दिल्ली के टाप कालेज में प्रवेश ॽ
(Article by Mr. Abhishek Kant Mishra , Email - abhishekkantpandey@gmail.com )


उत्तर प्रदेश माध्यमिक बोर्ड का रिजल्ट आ गया है। अब स्नातक में प्रवेश के लिए छात्रों को विविश्विद्यालय के कट आफ मेरिट में अपना स्थान बनाना होगा। अगर बात करे तो दिल्ली विश्वविद्यालय ओर इसे संबधित मान्यता प्राप्त कालेज में प्रवेश के लिए यूपी बोर्ड का टापर अन्य बोर्ड सीबीसई व आइसीएससी बोर्ड के टापर से पिछड़ जाएगा। 

यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि हर बोर्ड के टापर की सूची पर नजर डाले तो यहां यूपी बोर्ड के टापर का प्रतिशत 96 प्रतिशत के लगभग है जबकि अन्य बोर्ड के टापर 99 प्रतिशत अंक पाकर सबसे आगे हैं। 
जाहीर है कि दिल्ली के कालेजों में स्नातक में प्रवेश का आधार केवल इंटरमीडिएट के प्रतिशत को देखकर काट आफ बनाया जाएगा तो ऐसे में यूपी बोर्ड का छात्र जो औसत पच्चासी प्रतिशत अंक पाने वाला लाख मेंहनत के बाद सीबीएसई के नब्बे प्रतिशत वालों के आगे उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा चाहे वह जितने भी योग्य हो।

यूपी बोर्ड लाख स्टेप मार्किंग का दावा कर ले लेकिन यहां से टाप करने वाला छा़त्र भी एकेडमिक मेरिट से प्रवेश व चयन में सीबीएसी आईसीएसइ बोर्ड के नब्बे प्रतिशत अंक पाए से पीछे रह जाएगा। वहीं सीबीएसई बोर्ड व आईसीएसई बोर्ड के टापर के मुकाबले यूपी बोर्ड के टापर के दस प्रतिशत अंक कम है तो आप सोचिए कैसे दिल्ली के टाप कालेज में स्नताक में यूपी बोर्ड से इंटर पास कैसे प्रवेश प्राप्त कर पाएगा।

ध्यान दे कि 90 से 95 प्रतिशत अंक पाने वाले सीबीएसई व आर्इसीएसई बोर्ड में तादाद हजारों में है ऐसे  मे यूपी बोर्ड के टापर को मनचाहा अच्छा कालेज दिल्ली में नहीं मिल पाएगा। अब आपही बताइए कि यूपी बोर्ड में 87 प्रतिशत अंक पाने वाला यूपी बोर्ड छात्र एकेडमिक से चयन में हमेशा सीबीएसई व आर्इसीएसई बोर्ड के 90 प्रतिशत औसत नंबर पाने वाले छात्र से पिछड़ जाएगा चाहे यूपी बोर्ड के ये छात्र कंपटीशन परीक्षा में आईएस व पीसीएस परीक्षा में प्रदर्शन कर अधिकारी बन जाएगा लेकिन यूपी में प्राइमरी शिक्षक नहीं बन पाएगा

एकेडमिक के प्रतिशत को देखकर दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक मे प्रवेश देना सही नहीं है क्यों कि हर बोर्ड के अंक देने का आधार अलग–अलग है। यहां तो स्नातक में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश होना  चाहिए । यही बात प्राइमरी टीचर के भर्ती में लागू होती है कि एकेडमिक से चयन का राग आलापने वाले विचारवानों को सोचना चाहिए कि जब हम एक समान परीक्षा प्रणाली नहीं अपना रहें हैं तो ऐस में एकेडमिक का नंबर देख टीचर बनाना सही नहीं है। इससे जाहिर होता है कि यूपी बोर्ड से उतीर्ण लोगों को यूपी में ही टीचर से नौकरी देने से बाहर रखने की नीति बनाई जा रही है। जिसका पुरजोर विराध किया जा रहा है। टीईटी मेरिट से चयन करना न्यायसंगत व संवैधानिक है। सरकार जल्द टीईटी मेरिट से शिक्षकों की भर्ती कर युवा हितैषी होने का प्रमाण दें


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी मदद



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी मदद

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को कन्नौज में मुख्यमंत्री ने इसके स्पष्ट संकेत भी दिए। पत्नी डिंपल के नामांकन से पहले अपने संबोधन के दौरान उन्होंने युवाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें। हम उनकी मदद करने जा रहे हैं। टीईटी के परिणाम में हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने इस मामले के लिए एक समिति का गठन कर दिया था। तब से आशंका जाहिर की जा रही थी कि यह परीक्षा रद भी की जा सकती है जिसको लेकर टीईटी अभ्यर्थी आंदोलनरत थे
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UPTET : टीईटी पर दोनों सदन चिंतित
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर अनिर्णय की स्थिति पर मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में चिंता जतायी गई। विधान सभा में भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सेवायोजित करने पर विचार कर रही है? सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जब पूछा गया कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है। उधर विधान परिषद में भाजपा के डॉ.नैपाल सिंह, यज्ञदत्त शर्मा व अन्य सदस्यों ने टीईटी के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बारे में सरकार की ओर से कोई फैसला न किये जाने की सूचना देते हुए कार्यस्थगन की पेशकश की। उनका कहना था कि सरकार की निष्कि्रयता के कारण अभ्यर्थी आये दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं जिससे स्थिति बिगड़ भी सकती है। इस पर सदन में मौजूद राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि सरकार जल्दी से जल्दी शिक्षकों की नियुक्तियां करना चाहती है। यह मामला जटिल है। इसलिए सरकार इस प्रकरण के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। शीघ्र ही सरकार इस मसले पर समुचित निर्णय करेगी। इस पर सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर कर शासन को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। शिक्षक दल के जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अन्य ने गृह जिलों से दूरस्थ जिलों में सेवारत परिषदीय शिक्षकों को अपने गृह या समीप के जिले के स्कूलों में स्थानांतरित किये जाने के बारे में सूचना दी। राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने सदन को बताया कि ऐच्छिक जिलों में तबादलों के लिए सरकार ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। शिक्षकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर शिक्षक ऐसे जिलों में तबादला चाहते हैं जहां उतने पद ही नहीं सृजित हैं। तबादलों में महिला शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को वरीयता दी जाएगी।


News Source : Jagran (6.6.12)
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From above news -
कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है
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प्रदेश सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है
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If we interpret above points then -
Matter is in favor of TET Merit holders, As it is highly difficult to change process (Legally).

In court matter pertains to Advertisement, And Govt. saying after court decision process will start accordingly.

But Question is - Which report approved by committee,  Candidates are worried for their future.
If it discloses then Candidate can understand Govt. stand about their future.As many candidates are worried from many type of rumors.

If process change (between running process) then matter may go again in court, again a stay and matter can escalate up to Supreme court. (Too much time consuming process).
So most possibly process remains same, And if some changes desired then it may happen in new process.

UPTET : टीईटी अभ्यिर्थयों को राहत जल्द



UPTET : टीईटी अभ्यिर्थयों को राहत जल्द
कन्नौज में डिंपल यादव के नामांकन के दौरान जनसभा में बोले मुख्यमंत्री

कन्नौज। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में उनकी धर्मपत्नी एवं सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने मंगलवार को कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुसलिम लड़कियों की तरह सरकार अन्य वर्गों की भी गरीब बेटियों की मदद करेगी। टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन खत्म कर दें। उन्हें जल्द राहत मिलेगी। आलू उद्योग की स्थापना के लिए सरकार प्रयासरत है। बसपाई मानसिकता वाले अधिकारी जल्द बदले और सुधारे जाएंगे। प्रदेश के जर्जर थानों की हालत सुधारी जाएगी। डिंपल यादव ने कहा कि वह इस जिले में किसी की भाभी, किसी की बहू हैं। जीतने के बाद वह बहुमुखी विकास कार्यों से यहां की जनता का कर्ज चुकाएंगी।

मंगलवार को केके इंटरकालेज में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश की निगाहें कन्नौज के उप चुनाव पर हैं। जनता के कहने पर डिंंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। डिंपल यादव ने कहा कि मायावती सरकार ने सिर्फ भ्रष्टाचार किया। सपा की सरकार में यूपी के हालात सुधर रहे हैं। पूरी दुनिया कन्नौज की खुशबू से महकती है। यहां की जनता ने डा. राममनोहर लोहिया, मुलायम सिंह जैसी हस्तियों को जिताया है। उनके पति अखिलेश यादव को यहां से तीन बार संसद भेजा है। इस ऐतिहासिक नगरी से चुनाव लड़ना उनका सौभाग्य है। वह कन्नौज की जनता से अपना हक मांगने आई हैं। इस जिले में वह किसी की भाभी, किसी बहू हैं। जनता का कर्ज वह बहुमुखी विकास कार्यों से चुकाएंगी।
जनसभा के बाद मुख्यमंत्री के साथ डिंपल यादव सीधे नामांकन पत्र दाखिल करने कलेक्ट्रेट पहुंचीं। इस दौरान प्रस्तावक रूप में उनके साथ छिबरामऊ, तिर्वा और कन्नौज के तीनों सपा विधायक भी मौजूद रहे। उन्होंने तीन सेट में जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी सेल्वा कुमारी जे के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया।

डिंपल करोड़पति अखिलेश कर्जदार
कन्नौज। नामांकन में दाखिल हलफनामे के अनुसार डिंपल यादव के पास कुल चल संपत्ति 1,60,35,824.10 रुपए और उनके पति अखिलेश यादव की संपत्ति 3,83,91,832 रुपए है। डिंंपल के पास अचल संपत्ति 13850000 रुपये और अखिलेश के पास 22068000 रुपए की है। डिंपल पर 2224416.55 रुपये का कर्ज है। यह कर्ज उन्होंने अपने पति अखिलेश यादव से ले रखा है। 2.5 लाख रुपये का कर्ज अभयराम से लिया है। अखिलेश के पास बैंक में 1590000 रुपए जमा हैं। एक पजेरो गाड़ी, एक सेल्यूलर फोन और एक म्यूजिक सिस्टम है। डिंपल के पास 3874.679 ग्राम सोना, 20.752 ग्राम मोती, 17.39 कैरेट हीरे के आभूषण हैं।

भाजपा भी नहीं उतारेगी डिंपल के खिलाफ प्रत्याशी
लखनऊ(ब्यूरो)। भाजपा भी कन्नौज उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। कांग्रेस पहले ही कन्नौज में उपचुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुकी है। बसपा बची है। पर उसने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। कहा जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती इस संबंध में अंतिम समय में कोई फैसला लेंगी। गौरतलब है कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 6 जून है। इस बीच संयुक्त समाजवादी दल से किन्हीं दशरथ शंखवार ने नामांकन दाखिल किया है। डिम्पल के खिलाफ पहला नामांकन है


News Source : Amar Ujala (6.6.12)

UPTET : टीईटी पर शीघ्र निर्णय करेगी सरकार



UPTET : टीईटी पर शीघ्र निर्णय करेगी सरकार

भाजपा ने किया वाकआउट

लखनऊ (ब्यूरो)। विधान परिषद में मंगलवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का मामला भाजपा सदस्यों ने जोरदार तरीके से उठाया। भाजपा सदस्य विनोद पांडेय ने नियम 105 के तहत सवाल उठाया कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। पर सरकार टीईटी पर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। टीईटी पास सरकार से नौकरी देने की मांग को लेकर धरना देने के लिए आने वालों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। इस पर सरकार की ओर से राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि टीईटी का मामला काफी पेचीदा है, फिर भी इस पर शीघ्र ही निर्णय कर लिया जाएगा। भाजपा सदस्यों ने स्पष्ट जवाब न मिलने पर सदन से वाकआउट किया

भाजपा सदस्य ने सदन में कहा कि टीईटी पास अभ्यर्थियों के दो खेमे हैं। एक खेमा टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति चाहता है और दूसरा शैक्षिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति चाहता है। उन्होंने कहा कि 29 व 30 मई को टीईटी पास अभ्यर्थियों ने राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया, जिन्हें कोई राहत या आश्वासन न देकर उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया। दर्जनों प्रदर्शनकारी बेहोश हो गए और महिलाओं के दुप्पटे खींचकर जबरदस्ती की गई तथा देश के तिरंगे का अपमान किया गया। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि टीईटी पर यथा शीघ्र निर्णय कर लिया जाएगा। यह मामला काफी जटिल है। इस पर नीतिगत निर्णय किया जाना है, इसलिए सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है


News Source : Amar Ujala

Tuesday, June 5, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी राहत



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी राहत

 समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश ने दी हरी झंडी


- मुख्यमंत्री ने कहा, टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें, हम उनकी मदद करने जा रहे

लखनऊ, जाब्यू : प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को कन्नौज में मुख्यमंत्री ने इसके स्पष्ट संकेत भी दिए। पत्नी डिंपल के नामांकन से पहले अपने संबोधन के दौरान उन्होंने युवाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें। हम उनकी मदद करने जा रहे हैं

उल्लेखनीय है कि टीईटी के परिणाम में हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने इस मामले के लिए एक समिति का गठन कर दिया था। तब से आशंका जाहिर की जा रही थी कि यह परीक्षा रद भी की जा सकती है जिसको लेकर टीईटी अभ्यर्थी आंदोलनरत थे। टीईटी अभ्यर्थियों ने लखनऊ में कई बार जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले सरकार विधानसभा में भी कह चुकी है कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ही की जाएगी।

उधर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर अनिर्णय की स्थिति पर मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में चिंता जतायी गई। विधान सभा में भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सेवायोजित करने पर विचार कर रही है? सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जब पूछा गया कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है। कोर्ट का फैसला आने के बाद शासन इस मामले में उचित निर्णय करेगा

उधर विधान परिषद में भाजपा के डॉ.नैपाल सिंह, यज्ञदत्त शर्मा व अन्य सदस्यों ने टीईटी के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बारे में सरकार की ओर से कोई फैसला न किये जाने की सूचना देते हुए कार्यस्थगन की पेशकश की। उनका कहना था कि सरकार की निष्क्रियता के कारण अभ्यर्थी आये दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं जिससे स्थिति बिगड़ भी सकती है। इस पर सदन में मौजूद राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि सरकार जल्दी से जल्दी शिक्षकों की नियुक्तियां करना चाहती है। यह मामला जटिल है। इसलिए सरकार इस प्रकरण के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। शीघ्र ही सरकार इस मसले पर समुचित निर्णय करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र में किये गए सभी वादों को तीन साल में पूरा करेगी। इस पर सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर कर शासन को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया

शिक्षक दल के जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अन्य ने गृह जिलों से दूरस्थ जिलों में सेवारत परिषदीय शिक्षकों को अपने गृह या समीप के जिले के स्कूलों में स्थानांतरित किये जाने के बारे में सूचना दी। राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने सदन को बताया कि ऐच्छिक जिलों में तबादलों के लिए सरकार ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। शिक्षकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर शिक्षक ऐसे जिलों में तबादला चाहते हैं जहां उतने पद ही नहीं सृजित हैं। सरकार यथाशीघ्र इस पर निर्णय करेगी। तबादलों में महिला शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को वरीयता दी जाएगी


News Source : Jagran (5.6,12)

Shiksha Mitra : जुलाई, 2013 तक 59 हजार शिक्षा मित्र बनेंगे शिक्षक


Shiksha Mitra : जुलाई, 2013 तक 59 हजार शिक्षा मित्र बनेंगे शिक्षक


उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे 1.69 लाख शिक्षामित्रों को सरकार ने ट्रेनिंग दिलाकर शिक्षक बनाने की घोषणा की है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने बताया कि लगभग 59 हजार शिक्षामित्रों को अगले वर्ष जुलाई तक शिक्षक बना दिया जाएगा

इसके अलावा 64 शिक्षामित्रों को जुलाई 2014 तक ट्रेनिंग दिलाकर अध्यापक बनाया जाएगा। शेष लगभग 46 हजार इंटरमीडिएट पास शिक्षामित्रों को स्नातक करने की छूट देकर ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें भी शिक्षक बनाया जाएगा। रामगोविंद विधान परिषद में बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल में इस सिलसिले में भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह के लिखित सवाल के जवाब में बोल रहे थे।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों की समस्या को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। इनकी नौकरी को स्थायी करने के लिए दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि सूबे में एक लाख 69 हजार 200 शिक्षामित्रों की नौकरी को पक्की करने का काम शुरू कर दिया गया है

पहले चरण में 58,985 शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा उसके बाद इन्हें पक्की नौकरी दे दी जाएगी। दूसरे चरण में 64,000 शिक्षामित्रों प्रशिक्षण शुरू कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिन्हें जुलाई 2014 तक शिक्षक बना दिया जाएगा। इससे पहले डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि सरकार उनके प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं दे रही है।


Shiksha Mitra :शिक्षामित्रों की द्वितीय अकादमिक काउंसिलिंग आज से



Shiksha Mitra :शिक्षामित्रों की द्वितीय अकादमिक काउंसिलिंग आज से

सैदपुर (गाजीपुर) : दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण ले रहे शिक्षामित्रों की द्वितीय अकादमिक काउंसिलिंग पांच व छह जून को प्रत्येक बीआरसी पर होगी। प्रत्येक ब्लाक में प्रशिक्षण ले रहे शिक्षामित्रों को काउंसिलिंग में प्रतिभाग करना अनिवार्य है।

एसएसए प्रभारी रामअवतार यादव ने बताया कि काउंसिलिंग के दरम्यान बीआरसी समन्वयक व सह समन्वयक उपस्थित रहकर द्वितीय सेमेस्टर के कार्यो की समीक्षा करेंगे। अब तक कराए गए कार्यो व प्रशिक्षण के दरम्यान आई कठिनाइयों का निराकरण करेंगे। साथ ही पाठ्य योजना निर्माण, आलोचना पुस्तिका, इंटर्नशिप व सत्रीय कार्यो की कॉपियों की जांच करके उचित दिशा-निर्देश दिया जाएगा। पूर्व के अकादमिक काउंसिलिंग की आख्या की जांच करके समन्वयक आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। द्वितीय सेमेस्टर के पाठ्यक्रम व परीक्षा की तैयारी संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाएगी। शिक्षामित्रों के समक्ष यदि कोई अकादमिक दिक्कत प्रशिक्षण के दरम्यान आ रही है तो उसका निदान समन्वयकों द्वारा काउंसिलिंग के दौरान किया जाएगा।


News Source : Jagran.com (4.6.12)

Shiksha Mitra : नहीं बढ़ेगा शिक्षा मित्रों का मानदेय



Shiksha Mitra : नहीं बढ़ेगा शिक्षा मित्रों का मानदेय

लखनऊ : विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में सरकार ने शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने से इनकार किया। भाजपा के सुरेश खन्ना के सवाल पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने बताया कि मानदेय बढ़ाने के बजाए शिक्षामित्रों को समायोजित करने का प्रयास हो रहा है। 1.24 लाख शिक्षामित्रों में से 60 हजार प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। लगभग 40 हजार इंटर पास शिक्षामित्रों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अनुमति के बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा। वर्ष 2014 -15 तक सभी प्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को समायोजित कर लिया जाएगा

14 वर्ष तक के बंदियों की रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन : कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह के सवाल पर कारागार मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया ने बताया कि सरकार 14 वर्ष से कम आयु के बंदियों की रिहाई प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उम्रदराज, रुग्ण व असहाय बंदियों की रिहाई एक प्रक्रिया के तहत होती है। जेलों में कैदियों की संख्या अत्याधिक बढ़ने का तथ्य स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में नौ जेलें निर्माणाधीन और सात प्रस्तावित है। कई जेलों के विस्तार का काम हो रहा है।

गांवों में मिनी स्टेडियम नहीं बनेंगे : भाजपा के सुरेश खन्ना के प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कबड्डी के प्रोत्साहन को गांवों में मिनी स्टेडियम बनाने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।

शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति नहीं : कमाल यूसुफ मलिक के सवाल पर मुख्यमंत्री की ओर से लिखित जवाब में बताया कि माध्यमिक कालेजों में अशासकीय प्रबंध तंत्र को तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार नहीं दिया जा रहा है क्योंकि यह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के उद्देश्य से विपरित है।

खनन उद्योग पर पाबंदी नहीं :

रघुनंदन सिंह भदौरिया के प्रश्न पर मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया कि प्रदेश में खनन पर पाबंदी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कांग्रेस के बंशी सिंह पहाडि़या के सवाल पर बताया कि किसानों द्वारा घरेलू उपयोग को निजी खेतों में मिट्टी खोदने को खनन एक्ट का दुरुपयोग माने जाने के बारे में सूचनाएं एकत्र की जा रही है।

मान्यता के 1858 प्रकरण लम्बित :

सुरेश खन्ना के सवाल पर मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया कि माध्यमिक कक्षाओं की मान्यता के कुल 1858 प्रकरण लम्बित है। उन्होंने 55 अथवा 30 साल के पट्टे वाली भूमि पर बने विद्यालयों को मान्यता कानूनी प्रावधान होने से इनकार किया।

3400 विद्यालयों की आवश्यकता : माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में मानकों के मुताबिक 3400 विद्यालयों की जरूरत है। असेवित क्षेत्रों में राजकीय विद्यालय चरणबद्ध तरीके से स्थापित करने की योजना है। यह लिखित जानकारी मुख्यमंत्री की ओर से संजय कपूर के प्रश्न के जवाब में दी गई।


News Source : Jagran.com (5.6.12)

Stay on Siksha Mitra Training is already vacated from Allahabad Highcourt


Stay on Siksha Mitra Training is already vacated from Allahabad Highcourt

Information provided by Mr. Naved -


The case details WRIT - A No. - 28004 of 2011 displayed on the blog is only one face of the coin which describes the STAY ON SHIKSHA-MITRA's TRAINING as WORDS FROM LAST PARAGRAPH

"training of 'Shiksha Mitra' proceeds upon an erroneous assumption that they are legally appointed untrained teachers, the petitioners are entitled to interim order.......Until further orders of this Court, effect and operation of the impugned approval order dated 14.1.2011 passed by the National Council for Teacher Education, New Delhi (Annexure No. 14 to the writ petition) shall remain stayed"


NOW the other face of the coin is SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011 which describes the VACATED OF STAY ON SHIKSHA MITRA's TRAINING:

http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1269369

more details on the same issue available at:
http://scertup.org/GO.pdf


********************************

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

Court No. - 37

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011

Petitioner :- State Of U.P. And Others
Respondent :- Santosh Kumar Mishra And Others
Petitioner Counsel :- K.S. Kushwah,S.C.,R.N. Singh
Respondent Counsel :- R.A. Akhtar,Siddharth Khare

Hon'ble R.K. Agrawal,J.
Hon'ble Bharati Sapru,J.

The present special appeal has been filed against the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge whereby the learned Single Judge had stayed the effect and operation of the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi till further orders. By the order dated 14th January, 2011 National Council for Teachers Education, New Delhi had granted approval to the proposal made by the State Government regarding training of graduate 'Shiksha Mitra' through open and distance learning mode for providing Diploma in Elementary Education Course of two years duration. The approval order dated 14th January, 2011 also lays down 14 conditions to be observed and followed by the State Government. It appears that under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, enacted by the Parliament, free and compulsory elementary education has been made compulsory for the children from classes 1 to 8. The shortage of teachers is being faced by the State of U.P. and in order to overcome it the State Government has sent a proposal to the National Council For Teachers Education, New Delhi approving two years training course known as Diploma in Elementary Education to graduate Shiksha Mitra to be appointed as teachers to teach the students from classes 1 to 5. The learned Single Judge has stayed the operation of the approval order, thus, bringing the entire scheme to a stand still.
Sri R.N. Singh, learned Senior Counsel appearing for the appellants submitted that the interim order passed by the learned Single Judge in effect amounts to allowing the final relief and also bringing to halt the scheme for providing free education to children under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 as such the interim order which affect the development of the State ought not to have been passed and it would be another matter if the writ petition is finally decided and the Court would have come to conclusion that the scheme approved by the National Council for Teachers Education, New Delhi does not conform to various statutory provisions. He, thus, submitted that the interim order dated 18th May, 2011 passed by the learned Single Judge should be vacated. He further submitted that the aforesaid interim order has been passed in the writ petition filed by the 5 alleged unemployed B.Ed. graduates on the ground that their chance to become a teacher will be adversely affected. He submitted the learned Single Judge ought not to have stayed an ongoing training programme.
Sri Ashok Khare, learned Senior Counsel appearing for the respondents submitted that in view of the Division Bench judgment of this Court passed in Special Appeal No.10 of 2007, State of U.P. vs. Shailesh Kumar Dwivedi, decided on 4th September, 2009 such training programme cannot be implemented much less approved by the National Council for Teachers Education. According to him, Special Leave Petition filed against the said order of this Court has also been dismissed by the Apex Court vide order dated 26th March, 2010. He, thus, submitted that the learned Single Judge has rightly stayed the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi.
We have heard the rival submissions of the learned counsel for the parties. However, we refrain from making any comments on the merits of the matter and only confining ourselves on the question of grant of interim order in such a situation. Apparently, the State Government had taken a policy decision to impart training to graduate Shiksha Mitra in order to appoint them as teachers to teach the students of classes 1 to 5. Whether such a policy decision is arbitrary or unreasonable or violate Article 14 of the Constitution of India is to be seen at the time of final decision of the writ petition and by an interim order its operation cannot be stayed because it affects a large number of persons that too only at the instance of a few person claiming themselves as unemployed B.Ed graduates. We are, therefore, of the considered opinion that the order dated 18.5.2011 so far as it stays the effect and operation of the approval order dated 14th January, 2011 passed by the National Council for Teachers Education, New Delhi is liable to be vacated We accordingly, vacate the impugned interim order dated 18.5.2011 passed by the learned Single Judge. The respondents may file counter affidavit within three weeks. Rejoinder affidavit may be filed within two weeks. The writ petition be listed before the learned Single Judge on 12th July, 2011 for final disposal. We may make it clear that the training being imparted to Shiksha Mitra will be subject to the decision of the writ petition.
The special appeal stands allowed.
Order Date :- 30.5.2011
mt

Court No. - 37

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 1032 of 2011

Petitioner :- State Of U.P. And Others
Respondent :- Santosh Kumar Mishra And Others
Petitioner Counsel :- K.S. Kushwah,S.C.,R.N. Singh
Respondent Counsel :- R.A. Akhtar,Siddharth Khare

Hon'ble R.K. Agrawal,J.
Hon'ble Bharati Sapru,J.
Allowed.
For order see order of date passed on the separate sheets.
Order Date :- 30.5.2011
mt

Article on UPTET 2011 By Mr Anwar Uddin


Article on UPTET 2011 By Mr Anwar Uddin 
 उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 तथा प्राथमिक शिक्षक भर्ती  प्रक्रिया के सन्दर्भ में 


---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: ANWAR uddin <anwar5579@gmail.com>
दिनांक: 5 जून 2012 3:34 pm
विषय:
प्रति: muskan24by7 <muskan24by7@gmail.com>

उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 तथा प्राथमिक शिक्षक भर्ती  प्रक्रिया की विधि मान्यता के सन्दर्भ में 

प्रिय टी ई टी उत्तीर्ण बंधुओ,
आपके बीच अक्सर यह बात सुनी जाती है की टी ई टी का क्या होगा ? 
अध्यापकभर्ती हो पायेगी कि नहीं?
सपा सरकार कही टी ई टी या भर्ती प्रक्रिया निरस्त न कर दे |
सबसे पहले बात करते है टी ई टी की विधिमान्यता की -
१) टी ई टी की परीक्षा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद् के माध्यम से एन.सी.टी.ई गाईड लाइन के अनुरूप कराइ गयी |
२) टी ई टी के प्राप्तांक चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगे इसका उल्लेख परीक्षा से पूर्व ही कर दिया गया था इसका समर्थन एन.सी.टी.ई. भी अपनी गाईड लाइन में करता है तभी तो टी ई टी में बार बार बैठने और अपने
अंक सुधारने कीबात कही गयी है जिसका समर्थन माननीय उच्च न्यायालय ने भी किया है |
३) टी ई टी का तथाकथित घोटाला जिसमे 270 ऐसे अभ्यर्थियों का नाम लिया गया जिन्होंने घूस देकर अंक बढवाए पर आज तक वे नाम सामने नहीं आये यदि सरकार को अपनी पुलिस पर इतना यकीन है तो उससे ऐसे अभ्यर्थियों के नाम लेकर उन्हें परीक्षा से बाहर करे जो पूर्णतयः विधिसंगत है न की सम्पूर्ण परीक्षा को निरस्त करे |
४) यदि सरकार ऐसा करती है तो कोर्ट 270 के पीछे 270000 का भविष्य ख़राब नहीं होने देगा |
अब बात करते है शिक्षक भर्ती प्रक्रिया तथा विज्ञापन की विधि मान्यता की -
१) शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अध्यापक सेवा नियामावली में वैधानिक परिवर्तन के बाद जारी किया गया जिसे कैबिनेट ने सामूहिक स्वीकृति दी थी |
२) यधपि विज्ञापन सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा जारी किया गया फिर भी विज्ञापन के अंत में ''उत्तर प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी " लिखा गया है जिसका मंतव्य बी.एस.ए. द्वारा जारी करने से ही है
|
३) पूर्वर्ती सरकार ने समस्त बी. एस. ए. से इसकी एन.ओ.सी. लेकर भी कोर्ट में जमा की थी यही कारण है की न्यायमूर्ति श्री टंडन ने विज्ञापन निरस्त नहीं बल्कि सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है और भर्ती पर रोक लगा दी है| जो समय आने पर हट जाएगी

४) टी ई टी मेरिट से चयन तत्कालीन परिस्तिथियों में शीघ्र भर्ती तथा योग्य अध्यापको की नियुक्ति के लिए नियमतः नियमावली में संसोधन के बाद किया गया था जो विधिसंगत था |
उपरोक्त सारे कार्य विधिसंगत तरीके से किये गए है अतः नवनियुक्त सरकार इन्हें चाह कर भी नहीं बदल सकती | हां कोर्ट सरकार को विज्ञापन में सशर्त  संशोधन करने का आदेश दे सकता है वो भी नियमो को बदले बिना | यदि किसी कारण बिना शर्त के विज्ञापन संशोधन का आदेश आता है तो निश्चय ही हम सुप्रीम कोर्ट जायेगे और केस जीतेगे भी |
अतः भाइयो /बहनों डरिये नहीं न ही हताश होइए अभी हमारा अच्छा समय नहीं है लेकिन हर रात के बाद उम्मीदों से भरा दिन आता है अच्छे समय की प्रतीक्षा करे हम जरूर अपना कामयाब होगे

डिंपल यादव ने कन्नौज से पर्चा दाखिल किया



डिंपल यादव ने कन्नौज से पर्चा दाखिल किया



कन्नौज : अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने अपनी नयी सियासी पारी की शरुआत करते हुए कन्नौज लोकसभा सीट से पर्जा दाखिल किया. इससे पूर्व एक जनसभा को डिंपल और अखिलेश यादव ने एक साथ संबोधित किया

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीन महीने के भीतर ही सपा के चुनाव घोषणा पत्र में किये गये लगभग सभी वादों को अमली जामा पहना देने का दावा करते हुए आज यहां कहा कि सरकार के पास अभी पांच साल का समय और है और इस दौरान हम प्रदेश की तस्वीर बदल देंगे. कन्नौज लोकसभा सीट के लिए 24 जून को होने वाले उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार और पत्नी डिंपल यादव के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करते हुए युवा मुख्यमंत्री ने कहा, आप सबने बजट देखा होगा . समाजवादी पार्टी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में पार्टी के सभी वादों को तीन महीने में पूरा करके दिखा दिया है. हमारे पास अभी पांच साल का समय है . यह समय बहुत होता है . हम प्रदेश की तस्वीर बदल देगे और हमें भरोसा है कि पांच साल बाद आप हमें पास करके पांच साल का समय और देंगे

अखिलेश ने कन्नौज लोकसभा सीट पर विगत लोकसभा चुनावों में उन्हें, उनसे पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव तथा सपा उम्मीदवारों को लगातार मिल रही जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि कन्नौज के लोगो ने हमेशा समाजवादियों का साथ दिया है और हमारा वादा है कि सडक, बिजली, पानी, पुल तथा विकास के किसी क्षेत्र में हम आपको पीछे नहीं रहने देंगे. अखिलेश वर्ष 2004 में पिता मुलायम सिंह यादव के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में पहली बार कन्नौज से ही लोकसभा पहुंचे थे, उसके बाद से वे लगातार इस सीट पर चुनाव जीतते रहे है और यह उपचुनाव भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद उनके इस्तीफे के कारण हो रहा है. अखिलेश ने उनके ही इस्तीफे के बाद वर्ष 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार एवं पत्नी डिंपल यादव की हार का उल्लेख करते हुए कहा, पहली बार का अनुभव अच्छा नहीं था. तब कन्नौज के लोगों ने कहा था कि अगर यहां से चुनाव लडा होता तो वह (डिंपल) लोकसभा में होती. हम चाहते है कि इस बार आप जीत का एक नया इतिहास रचते हुए इन्हें भारी मतों से चुन कर भेजें. यह याद दिलाते हुए कि कन्नौज के लोगों ने उन्हें सबसे कम उम्र में लोकसभा के लिए चुन कर भेजा था और प्रदेश के लोगों ने उन्हें सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया है, अखिलेश ने कहा, प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है, ऐसे में मेरे यहां आने पर मीडिया सवाल खडे कर सकता है इसलिए डिंपल का चुनाव यहां की जनता को ही लडना और जीतना है. उन्होंने कहा कि हालांकि अगले लोकसभा चुनाव 2014 में होने है और इस लोकसभा का बहुत कम कार्यकाल ही बचा है मगर यहां से पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिलनी चाहिए. अखिलेश ने प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट के लिए पूर्ववर्ती बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एक भी बिजली कारखाना नहीं लगाया. उन्होंने कहा, हम प्रदेश में विद्युत उत्पादन को बढाने की दिशा में काम कर रहे है और हमारी कोशिश होगी कि स्थिति में तेजी से सुधार आये. आप लोग परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि अपको पहले से ज्यादा बिजली मिल रही होगी. इससे पूर्व जनसभा को संबोधित करते हुए डिंपल ने कहा कि वह क्षेत्र की जनता के हित रक्षा और विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगी तथा विकास के मामले में क्षेत्र को पिछडने नहीं देगी. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि चतुर्दिक भ्रष्टाचार ने पिछले पांच साल में प्रदेश को बीस साल पीछे ढकेल दिया है. डिंपल ने कन्नौज के लोगों से पूरे समर्थन और सहयोग की अपील करते हुए कहा, आपने इससे पहले जिस तरह नेता जी (मुलायम सिंह यादव) और अखिलेश जी पर विश्वास जताया है, उसी तरह आप अपनी बेटी, बहन और भाभी पर भी जताएंगे तथा पूरा समर्थन और आशीर्वाद देंगे.

कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार
लखनऊ : कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में कन्नौज लोकसभा सीट के लिए 24 जून को होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के विरुद्ध उम्मीदवार नहीं उतारेगी.

कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने आज यहां बताया हालांकि अभी तक इस बाबत कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गयी है लेकिन पार्टी ने तय किया है कि वह कन्नौज में डिंपल के विरुद्ध कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
कन्नौज लोकसभा सीट पहले अखिलेश यादव के पास थी. मगर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तथा राज्य विधानपरिषद का सदस्य चुन लिए जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया जिससे यह सीट रिक्त हो गई और इस पर उपचुनाव कराया जा रहा है.


News Source : PrbhatKhabar.com

UPTET : Stay on Primary Teacher Recruitment (Advertisement Matter ), Next Hearing Date - 3 July 2012


UPTET : Stay on Primary Teacher Recruitment (Advertisement Matter ), Next Hearing Date - 3 July 2012
 

Case Status - Allahabad
Pending
Writ - A : 76039 of 2011 [Varanasi]
Petitioner:
YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
Respondent:
STATE OF U.P. & OTHERS
Counsel (Pet.):
ALOK KUMAR YADAV
Counsel (Res.):
C.S.C.
Category:
Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
Date of Filing:
21/12/2011
Last Listed on:
31/05/2012 in Court No. 7
Next Listing Date (Likely):
03/07/2012

This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. 


UPMSSCB /UPSESSB: संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में पेंसिल से नंबर बढ़ाने का मामला



UPMSSCB /UPSESSB: संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में पेंसिल से नंबर बढ़ाने का मामला
नियमावली की आड़ में गर्दन बचाने की जुगत

•विभागीय जांच में परीक्षकों ने लिखित में जेडी के खिलाफ की शिकायत
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर नम्बर बढ़ाने में हुए घोटाले के बाद अब संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में भी परत दर परत धांधली का मामला सामने के बाद अफसर नियमावली की आड़ में गर्दन बचाने में जुटे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अफसरों के साथ-साथ बाबूओं ने भी जमकर नम्बर बढ़ाने के मामले में धांधली की है। अब तक साक्षात्कार में सर्वाधिक धांधली किए जाने की शिकायत लखनऊ, बस्ती और आजमगढ़, गोरखपुर, फैजाबाद और देवीपाटन मंडल से मिली है।
लखनऊ मंडल में धांधली का खुलासा होने के बाद विभागीय जांच में पेंसिल से नम्बर दिए जाने के मामले में परीक्षकों ने साक्षात्कार समिति के सभापति व संयुक्त निदेशक (जेडी) के के गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है। विभागीय जांच में परीक्षकों ने लिखित में जेडी के खिलाफ शिकायत की है। सदस्यों ने कहा है कि जेडी द्वारा मौखिक तौर पर पेंसिल से नम्बर दिए जाने का निर्देश दिया गया था
इधर, लखनऊ मंडल के जेडी विकास श्रीवास्वत द्वारा पेंसिल से नम्बर देने के मामले में पूछे जाने पर तत्कालीन जेडी व साक्षात्कार समिति के सभापति और वर्तमान में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त निदेशक के के गुप्ता ने यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद विनियमावली 2009 का हवाला देते हुए कहा है कि नम्बर देने के लिए कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि अभ्यर्थियों को पेन से ही नम्बर दिया जाएगा पेंसिल से नहीं।
यही नहीं गुप्ता ने साक्षात्कार के बाद लिफाफा बंद नहीं किए जाने के मामले में साक्षात्कार समिति की सदस्य सचिव रेखा रानी अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया है। गुप्ता ने कहा है कि साक्षात्कार के बाद अंकपत्रों को सील बंद करने की जिम्मेदारी समिति की सदस्य सचिव और उप निरीक्षक संस्कृत पाठशाला सदस्य सचिव रेखा अग्रवाल की थी।
बता दें कि शासन को शिकायत मिली थी कि मंडल स्तर पर हुए संस्कृत शिक्षकों के साक्षात्कार अफसरों ने अभ्यर्थियों को पास करने के लिए विभागीय नियमों को नजर अंदाज कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए हैं।



News Source : Amar Ujala (5.6.12)