Friday, June 8, 2012

UPTET : युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट


UPTET : युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट ( Article By Mr Subhan)




---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Subhan Allah <subhanallah2007@gmail.com>
दिनांक: 8 जून 2012 10:24 pm
विषय: युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट
प्रति: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>


युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट

कहते हैं की जो इन्सान आने वाले तूफ़ान को भांपकर, उससे बचने के उपाए निकाल ले , वही इन्सान बुद्धिमान होता है. वर्तमान में सूबे के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव को इसी तरह की दूर-दर्शिता की आवश्यकता है. आज जिस तरह से भारत के अलग-अलग प्रदेशों के टेट अभ्यर्थियों की हालत हो रही है, उससे न सिर्फ यूपी में बल्कि पुरे भारत में एक तूफ़ान आने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. फिर चाहे वो यूपी में कई चरणों में हुए आन्दोलन हों या फिर पंजाब में पिछले ४ दिनों से इस तपती गर्मी में पानी की टंकी पर चढ़े टेट अभ्यर्थी हों या फिर अन्य राज्यों में हो रहे टेट अभ्यर्थीयों पर विभिन्न तरह के अत्याचार हों.

हम यहाँ सूबे में sikhcha के अधिकार और उससे होने वाले नुकशान के बारे में बाद में बात कर लेंगे, उसका तो बेडा गरक हो ही रहा है, उसके पहले उन लोगों की बात कर लेते हैं जिनके माध्यम से sikhsha के अधिकार को अमली जामा पहनाया जा सकता है. कहते हैं किसी ईमारत की नीव अगर मजबूत हो तो उस पर जो भी निर्मार होता है वो निश्चित रूप से उस ईमारत और उसमे रहने वाले व्यक्तियों के लिए मजबूती ही लाता है. पता नहीं क्यूँ सूबे के मुख्यमंत्री इस प्रदेश की ईमारत और अपने ठिकाने को इतना जर्जर बनाने पर तुले हैं.

निश्चित रूप पिछले ६ महीनो से जितनी भी पीड़ा टेट अभ्यर्थी भुगत रहें हैं, उसका हिसाब कोई नहीं दे सकता है. चाहे उनपर पुलिसे द्वारा लाठियों की बरसात हो या फिर सूबे की सरकार का ढिल-मुल रवय्या हो, हर तरफ से टेट अभ्यर्थियों का सोषर ही हो रहा है यधपि इन लोगों का कसूर क्या है ? अभी तक इस सवाल का जवाब ये खुद ही नहीं तलाश कर पा रहे हैं और न ही सूबे की सरकार ही इसका जवाब दे पा रही है.
कहते हैं की जब इन्सान के पास खोने के लिए कुछ न हो तो वो किसी के साथ कुछ भी कर सकता है. वर्त्तमान में टेट अभ्यर्थी कुछ इसी तरह की मनो-दशा से गुजर रहे हैं. इसका सबूत विधान मंडल एवं विधानसभा में विभिन्न पार्टियों द्वारा व्यक्त की गयी चिंता से साफ़ झलकता है. हालाँकि सूबे की सरकार पर इसका क्या असर पड़ा है ये देखना अभी बाकि है.
एक बात और यहाँ देखने वाली ये है की जितना गहरा झख्म टेट अभ्यर्थियों पर लगा है, उस तरह का मरहम अभी भी सूबे की सरकार की तरफ से नहीं मिला है बल्कि समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से उस जख्म को गहरा ही किया गया है. सूबे की सरकार की टेट अभ्यर्थियों की तरफ से कुछ शक घर करके बैठा हुआ है जिसका जवाब टेट पीड़ितों को चाहिए-
१. आखिर क्यूँ नहीं सरकार कपिल देव को बुलाकर कोई बीच का रास्ता निकल रही है ?
२. आखिर क्यूँ कोर्ट तारीख पर तारीख दे रही है ?
३. जिस दिन सरकार की मीटिंग होती है उसके अगले दिन ही डेट कोर्ट क्यूँ दे रही है ?
४. सरकार कोर्ट में मामला चल रहा है कहकर अपना पल्ला क्यूँ झारने की कोसिश कर ही है ?
उपरोक्त सवालों का जवाब आज हर टेट अभ्यर्थियों को सूबे की सरकार से चाहिए.
मेरे पास कई लोगों के फ़ोन आये जिन्होंने आगामी १२ जून को एक दिन के दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले सांकेतिक धरने की विश्वसनीयता के बारे में पूछा गया. मेरा विचार है की जब आप दिल से मेहनत करते हैं तो आप को उसका फल भी मिलना चाहिए. बनारस से चली पदयात्रा ....अलग-लगा जिलों से होती हुयी अभी दिल्ली पहुचने वाली है. इस पद यात्रा के पीछे की मेहनत से सभी भली-भाती परिचित हैं.
एक दिन का ये सांकेतिक धरना उन टेट अभ्यर्थियों के लिए एक तरह से उपहार है. इसे एक अच्छा कदम कहना , कहीं से भी गलत नहीं होगा. कहते हैं की अगर किसी चीज को बंद करके रखा जाता है या उस चीज का प्रयोग नहीं किया जाता है तो उसपर जंग लग जाती है. हमें अपने आप पर जंग नहीं लगने देना है की जबतक हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुच जाते हैं. 
अंत में मै अपने टेट अभ्यर्थियों से ये कहना चाहूँगा की आप लोग धैर्य बना कर रखें, निसंदेह हम अपनी मंजिल के बहुत ही करीब है. अपनी उत्सुकता को बनाये रखें, कभी भी आर-पार की लड़ाई के लिए एक आह्वान पर खड़े होने के लिए तैयार रहें. आगामी १७ जून को प्रतियेक जिलों में एक मीटिंग बुलाई गयी है जिसमे हमारे पदाधिकारीगर्ण कुछ बातों पर निर्णय लेंगे जिसमे आगामी ०१ जुलाई को जो काम अभी तक हमने लखनऊ में किया है वो काम हम एक बार इलाहाबाद में करने पर विचार किया जायेगा ताकि ०२ जुलाई को हमारी न्यूज़ इलाहबाद के समाचार पत्रों में छपे और हमारे सम्मानित जज श्रीमान अरुण टंडन पर एक नैतिक दबाव पड़े और वो हमारी पीड़ा को समझकर , इस केस को जल्द से जल्द निस्तारित करें तथा २७२००० टेट अभ्यर्थियों की दुआओं का खजाना लेलें.

अंत में आप सब एक बार फिर से अपने पदाधिकारियों की बातों पर चलने के लिए तत्पर रहें. भर्मित न हो , बरगलाने वाले तत्वों से बचकर रहें, सकारात्मक सोच रखें. हम एक हैं इसीलिए हम अपनी मंजिल के करीब हैं और मै ये आशा करता हूँ की हम हमेशा एक रहेंगे. निश्चित रहिये जीत हमारी ही होगी और जो आप चाहेंगे वही होगा.

आपका अपना साथी
सुभानाल्लाह (सुभान )
गोरखपुर
9935907083 

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