UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू
लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षकों के चयन में धांधली की जांच सरकार ने शुरू कर दी है। मामले की जांच प्रमुख सचिव गन्ना और चीनी उद्योग को सौंपी गई है। लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित शिक्षकों के इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है। बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षक दल द्वारा कार्यस्थगन की सूचना देने पर सत्ता पक्ष के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को यह जानकारी दी।
शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए बताया कि शासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। दस-दस लाख रुपये लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जा रहा है जिन्होंने न तो लिखित परीक्षा दी और न ही इंटरव्यू। बोर्ड के अध्यक्ष के रिश्तेदारों की भी फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इन फर्जी नियुक्तियों के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। अब तक 200 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रिश्वत के पैसे की बंदरबांट को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों में दफ्तर में मारपीट भी हो चुकी है। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के काम पर सरकार रोक लगायेगी। सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर सरकार को प्रभावी कार्यवाही का निर्देश दिया।
निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल और चेत नारायण सिंह ने अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की एकल स्थानांतरण व्यवस्था में आये गतिरोध की जानकारी देते हुए कार्यस्थगन की सूचना दी जिसे अस्वीकार करते हुए सभापति ने सूचना को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित किया। बसपा सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन की दो और सूचनाएं दी गई। एक सूचना आगरा के बाह क्षेत्र में ग्राम प्रधान व बसपा कार्यकर्ता मुन्नालाल जाटव की हत्या से संबंधित थी। दूसरी घटना कांशीराम नगर के सोरों ब्लाक के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सत्यप्रकाश की हत्या के बारे में थी। दोनों सूचनाओं को अस्वीकार करते हुए सभापति ने दोनों प्रकरणों में सरकार को प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
News Source : Jagran.com (9.6.12)
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