Tuesday, June 5, 2012

Article on UPTET 2011 By Mr Anwar Uddin


Article on UPTET 2011 By Mr Anwar Uddin 
 उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 तथा प्राथमिक शिक्षक भर्ती  प्रक्रिया के सन्दर्भ में 


---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: ANWAR uddin <anwar5579@gmail.com>
दिनांक: 5 जून 2012 3:34 pm
विषय:
प्रति: muskan24by7 <muskan24by7@gmail.com>

उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 तथा प्राथमिक शिक्षक भर्ती  प्रक्रिया की विधि मान्यता के सन्दर्भ में 

प्रिय टी ई टी उत्तीर्ण बंधुओ,
आपके बीच अक्सर यह बात सुनी जाती है की टी ई टी का क्या होगा ? 
अध्यापकभर्ती हो पायेगी कि नहीं?
सपा सरकार कही टी ई टी या भर्ती प्रक्रिया निरस्त न कर दे |
सबसे पहले बात करते है टी ई टी की विधिमान्यता की -
१) टी ई टी की परीक्षा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद् के माध्यम से एन.सी.टी.ई गाईड लाइन के अनुरूप कराइ गयी |
२) टी ई टी के प्राप्तांक चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगे इसका उल्लेख परीक्षा से पूर्व ही कर दिया गया था इसका समर्थन एन.सी.टी.ई. भी अपनी गाईड लाइन में करता है तभी तो टी ई टी में बार बार बैठने और अपने
अंक सुधारने कीबात कही गयी है जिसका समर्थन माननीय उच्च न्यायालय ने भी किया है |
३) टी ई टी का तथाकथित घोटाला जिसमे 270 ऐसे अभ्यर्थियों का नाम लिया गया जिन्होंने घूस देकर अंक बढवाए पर आज तक वे नाम सामने नहीं आये यदि सरकार को अपनी पुलिस पर इतना यकीन है तो उससे ऐसे अभ्यर्थियों के नाम लेकर उन्हें परीक्षा से बाहर करे जो पूर्णतयः विधिसंगत है न की सम्पूर्ण परीक्षा को निरस्त करे |
४) यदि सरकार ऐसा करती है तो कोर्ट 270 के पीछे 270000 का भविष्य ख़राब नहीं होने देगा |
अब बात करते है शिक्षक भर्ती प्रक्रिया तथा विज्ञापन की विधि मान्यता की -
१) शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अध्यापक सेवा नियामावली में वैधानिक परिवर्तन के बाद जारी किया गया जिसे कैबिनेट ने सामूहिक स्वीकृति दी थी |
२) यधपि विज्ञापन सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा जारी किया गया फिर भी विज्ञापन के अंत में ''उत्तर प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी " लिखा गया है जिसका मंतव्य बी.एस.ए. द्वारा जारी करने से ही है
|
३) पूर्वर्ती सरकार ने समस्त बी. एस. ए. से इसकी एन.ओ.सी. लेकर भी कोर्ट में जमा की थी यही कारण है की न्यायमूर्ति श्री टंडन ने विज्ञापन निरस्त नहीं बल्कि सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है और भर्ती पर रोक लगा दी है| जो समय आने पर हट जाएगी

४) टी ई टी मेरिट से चयन तत्कालीन परिस्तिथियों में शीघ्र भर्ती तथा योग्य अध्यापको की नियुक्ति के लिए नियमतः नियमावली में संसोधन के बाद किया गया था जो विधिसंगत था |
उपरोक्त सारे कार्य विधिसंगत तरीके से किये गए है अतः नवनियुक्त सरकार इन्हें चाह कर भी नहीं बदल सकती | हां कोर्ट सरकार को विज्ञापन में सशर्त  संशोधन करने का आदेश दे सकता है वो भी नियमो को बदले बिना | यदि किसी कारण बिना शर्त के विज्ञापन संशोधन का आदेश आता है तो निश्चय ही हम सुप्रीम कोर्ट जायेगे और केस जीतेगे भी |
अतः भाइयो /बहनों डरिये नहीं न ही हताश होइए अभी हमारा अच्छा समय नहीं है लेकिन हर रात के बाद उम्मीदों से भरा दिन आता है अच्छे समय की प्रतीक्षा करे हम जरूर अपना कामयाब होगे

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