Wednesday, June 6, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी मदद



UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों को मिलेगी मदद

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को कन्नौज में मुख्यमंत्री ने इसके स्पष्ट संकेत भी दिए। पत्नी डिंपल के नामांकन से पहले अपने संबोधन के दौरान उन्होंने युवाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन न करें। हम उनकी मदद करने जा रहे हैं। टीईटी के परिणाम में हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने इस मामले के लिए एक समिति का गठन कर दिया था। तब से आशंका जाहिर की जा रही थी कि यह परीक्षा रद भी की जा सकती है जिसको लेकर टीईटी अभ्यर्थी आंदोलनरत थे
**************
UPTET : टीईटी पर दोनों सदन चिंतित
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर अनिर्णय की स्थिति पर मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में चिंता जतायी गई। विधान सभा में भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सेवायोजित करने पर विचार कर रही है? सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जब पूछा गया कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है। उधर विधान परिषद में भाजपा के डॉ.नैपाल सिंह, यज्ञदत्त शर्मा व अन्य सदस्यों ने टीईटी के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बारे में सरकार की ओर से कोई फैसला न किये जाने की सूचना देते हुए कार्यस्थगन की पेशकश की। उनका कहना था कि सरकार की निष्कि्रयता के कारण अभ्यर्थी आये दिन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं जिससे स्थिति बिगड़ भी सकती है। इस पर सदन में मौजूद राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बताया कि सरकार जल्दी से जल्दी शिक्षकों की नियुक्तियां करना चाहती है। यह मामला जटिल है। इसलिए सरकार इस प्रकरण के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। शीघ्र ही सरकार इस मसले पर समुचित निर्णय करेगी। इस पर सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर कर शासन को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। शिक्षक दल के जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अन्य ने गृह जिलों से दूरस्थ जिलों में सेवारत परिषदीय शिक्षकों को अपने गृह या समीप के जिले के स्कूलों में स्थानांतरित किये जाने के बारे में सूचना दी। राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने सदन को बताया कि ऐच्छिक जिलों में तबादलों के लिए सरकार ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। शिक्षकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर शिक्षक ऐसे जिलों में तबादला चाहते हैं जहां उतने पद ही नहीं सृजित हैं। तबादलों में महिला शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को वरीयता दी जाएगी।


News Source : Jagran (6.6.12)
************************
From above news -
कि टीईटी के बारे में सरकार कब तक फैसला करेगी तो मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। शासन ने टीईटी के बारे में निर्णय किये जाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है
---------------
प्रदेश सरकार ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है। इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हरी झंडी दे दी है
***************
If we interpret above points then -
Matter is in favor of TET Merit holders, As it is highly difficult to change process (Legally).

In court matter pertains to Advertisement, And Govt. saying after court decision process will start accordingly.

But Question is - Which report approved by committee,  Candidates are worried for their future.
If it discloses then Candidate can understand Govt. stand about their future.As many candidates are worried from many type of rumors.

If process change (between running process) then matter may go again in court, again a stay and matter can escalate up to Supreme court. (Too much time consuming process).
So most possibly process remains same, And if some changes desired then it may happen in new process.

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.