UPTET : विवादित हुई प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आननफानन में जारी किए गए प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन में तमाम खामियां देखने को मिल रही हैं। इन खामियों के साथ ही अभ्यर्थी आवेदन कर रहे हैं और तमाम जिलों में पहले दौर की काउंसिलिंग भी हो चुकी है। खामियां नियुक्तियों को भी विवादित बना रही हैं। विज्ञापन में कला और विज्ञान वर्ग के लिए सीटों के विभाजन की घोषणा नहीं की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विज्ञापन की विसंगतियों को दूर न किए जाने पर तमाम अभ्यर्थी उच्च न्यायालय का रुख करने का मन बना रहे हैं। वहीं विभाग ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का कोटा निर्धारित करने संबंधी निर्देश जारी कर विज्ञापन में संशोधन की भी शुरुआत कर दी है।प्रदेश में हो रही 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के विज्ञापनों में खामियों का मुद्दा दिनोंदिन गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा कि जहां एक तरफ प्रदेश सरकार बेरोजगारी भत्ता दे रही है तो दूसरी तरफ टीईटी भर्ती परीक्षा में हर अभ्यर्थी से पांच सौ रुपये आवेदन शुल्क लिया जा रहा है। अभ्यर्थी आवेदन शुल्क के चलते ज्यादा से ज्यादा जनपदों में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। संघ ने एक ही आवेदन शुल्क पर राज्य स्तरीय मेरिट बनाकर नियुक्ति किए जाने की मांग की है। गौरतलब है कि हाल ही में आवेदन शुल्क जमा करने में भी अभ्यर्थियों को बैंक में पसीने बहाने पड़ रहे हैं
News Source : जागरण (16.12.12) / Pg. No. 5
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From this news it appears, Recruitment through UPTET again going in crisis.
Other side - Many TET candidates who prefer jobs through old advertisement are going to fight in courts, And on one side there are problems in new recruitment process.
Therefore , It is interesting to see that recruitment is possible or not without any interruption.
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