Thursday, March 6, 2014

UP Recruitment News: लटक गईं लाखों भर्तियां

UP Recruitment News: लटक गईं लाखों भर्तियां

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I am not agreed with news of Amar Ujala esp. for 72825 and other teachers recruitment.
Supreme Court , Chunav Aayog se Bada hai aur 2 Saal se Bhrtee Ka Intjaar Jhel Rahe Candidates 
ki Chaltee Prakriyaa Mein Chunav Ka Asar nahin padne ke Asaar Hain.
Baki ki nayee bhrteeyon par shayad chunav aayog ki achaar sanhitaa ka asar pad saktaa hai
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See News :-
लटक गईं लाखों भर्तियां
शिक्षक से लेकर लेखपाल तक की भर्तियों का करना होगा इंतजार

लखनऊ। लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए न तो कोई घोषणाएं की जाएंगी और न ही भर्तियां की जाएंगी। प्रदेश में शिक्षक से लेकर लेखपाल तक के लाखों पदों पर भर्तियों के लिए वर्षों से मशक्कत किए जाने के बाद भी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में भर्तियों के लिए युवाओं को अब आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार करना होगा।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के सत्ता में आने के बाद से भर्तियों के लिए विज्ञापन तो निकले पर भर्तियां पूरी नहीं हो पाईं। पहले बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापक पद के लिए विज्ञापन निकाल कर आवेदन लिए गए। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली बदलते हुए शैक्षिक मेरिट के आधार पर आवेदन लिए, जबकि वर्ष 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार ने इन्हीं पदों पर भर्ती की अर्हता टीईटी मेरिट रखी थी। हाईकोर्ट ने इस पर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए टीईटी मेरिट पर ही भर्ती का आदेश दे रखा है। राज्य सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल कर शैक्षिक मेरिट से ही भर्ती के लिए राहत मांगी ही थी कि चुनाव आचार संहिता लग गई।
इसी तरह उच्च प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान व गणित के 29,334 शिक्षकों की भर्ती का भी मामला फंस गया है। ग्राम पंचायत अधिकारियों के 2900 पदों के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भर्ती प्रक्रिया में देरी के चलते यह भर्ती भी फंस गई है। ग्राम विकास अधिकारी के 3000 पदों का मामला भी फंस गया है। ग्राम विकास अधिकारी के लिए विज्ञापन निकालने के बाद आवेदन लिए जा चुके हैं। लेखपाल के 7000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाना था, लेकिन अब यह भी फंसता नजर आ रहा है।
आचार संहिता लागू होने के बाद रुक गए सरकारी काम
शिक्षा मित्रों का मामला फिर फंसा
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए जाने का मामला एक बार फिर फंस गया है। राज्य सरकार ने शिक्षक, स्नातक निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षा मित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने को नियमावली जारी करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। चुनाव आयोग ने इस पर राज्य सरकार से पूछा है कि प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली के संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। इसी नियमावली को पुन: संशोधित करते हुए शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाना है, ऐसे में इस नियमावली का क्या औचित्य है। बेसिक शिक्षा विभाग ने हालांकि पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए चुनाव आयोग को मंगलवार को ही पूरी सूचना भेज दी थी। अब चुनाव आयोग बेसिक शिक्षा विभाग के जवाब से संतुष्ट होने पर ही शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाने संबंधी नियमावली जारी करने की अनुमति देगा।


News Source / Sabhaar : अमर उजाला(06.03.2014)

2 comments:

  1. Kya drama hai yaar...maths science etc saare recruitment pending hai hamare...had ho gae wait krte krte...

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  2. Had se b jyada had ho gyi h bhai logo.budhjeevi kehte h hum educatation ko badawa de rahe h kya khak kiya,har taraf gunda giri chal rahi h.kisi ko Bina pada chhod Ni rahe ye mafia aur Jo pad gya to uski naukari Ni.laptop dete h unko jinko jarurat Ni jinko h unko milte Ni.lutere u.p. ko madari Ki tareh se lut rahe h.hath Ki safai......uff hmara kya hoga karj karke scie.math.m form dalwa Diya Wo b Bharti Ni ho rahi.....kuch karo ......

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