Urdu Teacher Appointment in UP उर्दू शिक्षकों की भर्ती बनी फांस
इलाहाबाद : प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती सरकार के गले की फांस बन चुकी है। सरकार ने सहायक अध्यापक'उर्दू भाषा'के 4280 पद भरने के लिए तीन राउंड की काउंसिलिंग के बाद बिना पूरा पद भरे भर्ती पर रोक लगा दी। इससे 1997 से पूर्व के मोअल्लिम डिग्रीधारक एवं टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मायूसी हुई। सरकार रोक लगाने के पीछे कोर्ट के आदेश का हवाला दे रही है। परंतु सरकार के इस तर्क से मोअल्लिम डिग्रीधारक संतुष्ट नहीं हैं। वह चौथी काउंसिलिंग कराकर खाली पदों को भरने की मांग पर कायम हैं। अपनी मांगों को लेकर इस माह के अंत से अभ्यर्थी'मोअल्लिम नहीं तो मुलायम नहीं'का प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाएंगे।
पांच अगस्त 2013 को उर्दू के सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। इसमें 11 अगस्त 1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्द ू डिग्री धारकों को नियुक्ति में मौका देने के लिए सरकार ने अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष रखी। इसको लेकर 28 अक्टूबर, 20 नवंबर व 18 दिसंबर 2013 को काउंसिलिंग कराई गई। भर्ती के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के नियमों के विपरीत जुलाई 2013 में पहली बार प्राइमरी व उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा टीईटी कराई गई। जबकि एनसीटीई की गाइड लाइन के अनुसार अलग से भाषा टीईटी कराने का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2013 को एकेडमिक रिकार्ड पर शिक्षक भर्ती के सरकार के 15वें संशोधन को खारिज कर दिया।
इससे तीन राउंड की काउंसिलिंग के बावजूद चार हजार से अधिक पद खाली हैं। इसको लेकर मोअल्लिम डिग्रीधारक सरकार पर चौथी काउंसिलिंग कराने का दबाव बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश उर्दू मोअल्लिम बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मो. जिया का कहना है कि सरकार ने भर्ती पूरे किए बिना काउंसिलिंग रोककर वादा खिलाफी की है। चौथी काउंसिलिंग की मांग पूरी न हुई तो सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान छेड़ा जाएगा
New Source / Sabhaar : Jagran (Sun, 09 Mar 2014 01:04 AM (IST))
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
इलाहाबाद : प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती सरकार के गले की फांस बन चुकी है। सरकार ने सहायक अध्यापक'उर्दू भाषा'के 4280 पद भरने के लिए तीन राउंड की काउंसिलिंग के बाद बिना पूरा पद भरे भर्ती पर रोक लगा दी। इससे 1997 से पूर्व के मोअल्लिम डिग्रीधारक एवं टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मायूसी हुई। सरकार रोक लगाने के पीछे कोर्ट के आदेश का हवाला दे रही है। परंतु सरकार के इस तर्क से मोअल्लिम डिग्रीधारक संतुष्ट नहीं हैं। वह चौथी काउंसिलिंग कराकर खाली पदों को भरने की मांग पर कायम हैं। अपनी मांगों को लेकर इस माह के अंत से अभ्यर्थी'मोअल्लिम नहीं तो मुलायम नहीं'का प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाएंगे।
पांच अगस्त 2013 को उर्दू के सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। इसमें 11 अगस्त 1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्द ू डिग्री धारकों को नियुक्ति में मौका देने के लिए सरकार ने अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष रखी। इसको लेकर 28 अक्टूबर, 20 नवंबर व 18 दिसंबर 2013 को काउंसिलिंग कराई गई। भर्ती के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के नियमों के विपरीत जुलाई 2013 में पहली बार प्राइमरी व उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा टीईटी कराई गई। जबकि एनसीटीई की गाइड लाइन के अनुसार अलग से भाषा टीईटी कराने का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2013 को एकेडमिक रिकार्ड पर शिक्षक भर्ती के सरकार के 15वें संशोधन को खारिज कर दिया।
इससे तीन राउंड की काउंसिलिंग के बावजूद चार हजार से अधिक पद खाली हैं। इसको लेकर मोअल्लिम डिग्रीधारक सरकार पर चौथी काउंसिलिंग कराने का दबाव बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश उर्दू मोअल्लिम बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मो. जिया का कहना है कि सरकार ने भर्ती पूरे किए बिना काउंसिलिंग रोककर वादा खिलाफी की है। चौथी काउंसिलिंग की मांग पूरी न हुई तो सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान छेड़ा जाएगा
New Source / Sabhaar : Jagran (Sun, 09 Mar 2014 01:04 AM (IST))
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