UP Female Teacher Good News : नई शिक्षिकाओं की दूर-दराज गांवों में नहीं होगी तैनाती
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद नवनियुक्त महिला शिक्षिकाओं की तैनाती प्रक्रिया बदलने जा रही है। उन्हें अब दूर-दराज के गांव के स्कूलों में तैनाती नहीं दी जाएगी। महिला शिक्षिकाओं को ऐसे स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जहां से उन्हें आने-जाने का साधन आसानी से मिल सके। इसके लिए बेसिक शिक्षा अध्यापक तैनाती सेवा नियमावली में संशोधन की तैयारी है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है।
मौजूदा नियमावली के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में पहली तैनाती देने की व्यवस्था है। पुरुष शिक्षकों को तीन साल और महिला शिक्षिकाओं को दो साल गांव के स्कूलों में रहना अनिवार्य है। ऐसे में नई तैनाती पाने वाली शिक्षिकाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई शिक्षिकाएं तो स्कूल जाने में आनाकानी करती हैं। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद चाहती है कि शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया बदल दी जाए। महिला शिक्षिकाओं की ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में दो साल रहने की अनिवार्यता समाप्त कर दी जाए। उन्हें गांवों में तैनाती तो दी जाए, लेकिन ऐसे स्कूलों में दी जाए, जहां से उन्हें आने-जाने का साधन आसानी से मिल सके। इससे महिला शिक्षिकाओं में असुरक्षा की भावना तो कम होगी ही, स्कूलों में उनकी उपस्थिति भी बढ़ जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद का मानना है कि मौजूदा नियमावली उस समय तैयार की गई थी जब ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षकों की भारी कमी थी। शिक्षा मित्रों के शिक्षक बनाए जाने के बाद यह कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी क्योंकि शिक्षा मित्र ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में ही रखे गए हैं
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (2.3.14)
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद नवनियुक्त महिला शिक्षिकाओं की तैनाती प्रक्रिया बदलने जा रही है। उन्हें अब दूर-दराज के गांव के स्कूलों में तैनाती नहीं दी जाएगी। महिला शिक्षिकाओं को ऐसे स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जहां से उन्हें आने-जाने का साधन आसानी से मिल सके। इसके लिए बेसिक शिक्षा अध्यापक तैनाती सेवा नियमावली में संशोधन की तैयारी है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है।
मौजूदा नियमावली के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में पहली तैनाती देने की व्यवस्था है। पुरुष शिक्षकों को तीन साल और महिला शिक्षिकाओं को दो साल गांव के स्कूलों में रहना अनिवार्य है। ऐसे में नई तैनाती पाने वाली शिक्षिकाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई शिक्षिकाएं तो स्कूल जाने में आनाकानी करती हैं। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद चाहती है कि शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया बदल दी जाए। महिला शिक्षिकाओं की ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में दो साल रहने की अनिवार्यता समाप्त कर दी जाए। उन्हें गांवों में तैनाती तो दी जाए, लेकिन ऐसे स्कूलों में दी जाए, जहां से उन्हें आने-जाने का साधन आसानी से मिल सके। इससे महिला शिक्षिकाओं में असुरक्षा की भावना तो कम होगी ही, स्कूलों में उनकी उपस्थिति भी बढ़ जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद का मानना है कि मौजूदा नियमावली उस समय तैयार की गई थी जब ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षकों की भारी कमी थी। शिक्षा मित्रों के शिक्षक बनाए जाने के बाद यह कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी क्योंकि शिक्षा मित्र ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में ही रखे गए हैं
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