Friday, February 14, 2014

चयन में धांधली पर जवाब-तलब

चयन में धांधली पर जवाब-तलब



उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चयन में भ्रष्टाचार को लेकर प्रतियोगी छात्रों की जंग अब हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अनिल कुमार यादव द्वारा आयोग की परीक्षाओं में पक्षपात कर जाति विशेष के लोगों का चयन करने तथा चयन में हुई अन्य तमाम गड़बड़ियों की सीबीआइ से जांच कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की जनहित याचिका पर दिया है।

समिति के अवनीश पाण्डेय द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि चेयरमैन अनिल कुमार यादव के कार्यकाल में आयोजित सभी परीक्षाओं के परिणाम विवादित रहे हैं। इनमें जाति विशेष के लोगों का बोलबाला रहा है। परीक्षाओं में अन्य तमाम अनियमितताएं भी की गईं हैं। परीक्षा केन्द्रों का मनमाने ढंग से आवंटन किया गया। इटावा व मैनपुरी को पहली बार परीक्षा केन्द्र बनाया गया। उनके कार्यकाल में आयोग आरटीआइ एक्ट का पूरी तरह उल्लंघन कर रहा है। याचिका में आयोग के चेयरमैन की सत्ता पार्टी के इशारे पर काम करने की जांच सेवानिवृत्त जज से कराए जाने की मांग की गई है



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