Saturday, February 15, 2014

72825 Teacher Recruitment : टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का मामला

टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का मामला
यूपी सरकार की अर्जी पर नोटिस

 
UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News

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 वास्तव में टी ई टी मेरिट की जीत उसी दिन तय हो गयी थी , जब टी ई टी परीक्षा रद्द नहीं की गयी थी ।
अगर आप उसी परीक्षा कि पात्रता के आधार पर भर्ती करते हैं तो फिर उस परीक्षा को गलत कैसे ठहरा सकते हैं 

   उसके बाद महज ओपचारिकता बाकि थी

एन सी टी ई ने अपनी गाइड लाइन में स्पष्ट उल्लेख किया हुआ था कि टी ई टी परीक्षा Mehaj Ek Patrta Pariksha Nahin Hai, Aur Uske Marks Ka Chyan Mehtv Diyaa Jaye.

 Saath Hee Candidate TET Marks Badaane Ke Liye TET Exam Ko Dobara Se De Sakte hain

Yaheee 2-3 Point Kafee Hain TET Merit Se Bhrtee Ke Liye aur Selection mein TET Weightage Dene Ke Liye.
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 •सुप्रीम कोर्ट ने दिया करारा झटका, कहा- सरकारी धन लुटाने की जरूरत नहीं
•हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर यूपी सरकार की याचिका खारिज
टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का मामला ः सरकार की अर्जी पर नोटिस


नई दिल्ली। यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगाने से इन्कार कर दिया। हालांकि, राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर प्रतिपक्षों से जवाब तलब किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षकों का चयन टीईटी की मेरिट के आधार पर किए जाने का आदेश दिया था और बसपा सरकार में 30 नवंबर 2011 को जारी हुए भर्ती विज्ञापन को सही ठहराया था। साथ ही मौजूदा सरकार के 31 अगस्त 2012 के जीओ को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने सूबे की सरकार को 31 मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। इस पर अदालत ने कहा कि टीईटी की अनिवार्यता को लेकर पहले से एक मसला पीठ के समक्ष लंबित है। ऐसे में अदालत उसके निपटारे तक रोक नहीं लगा सकती है। वहीं अनिवार्यता के मसले पर अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता आरके सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक उस मामले में जवाब तक नहीं दाखिल किया है। इस पर प्रदेश सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा और अपनी याचिका पर नोटिस जारी करने का आग्रह किया। पीठ ने तब हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए राज्य सरकार की याचिका पर प्रतिपक्षों को नोटिस जारी कर दिया और मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 3 मार्च तय कर दी
अखिलेश सरकार को हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया इस साल 31 मार्च तक पूरी करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में कहा- अगस्त, 2012 के जीओ को रद्द करने व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में जारी किए गए नवंबर, 2011 को जारी भर्ती विज्ञापन को सही ठहराए जाने के हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है।
अखिलेश सरकार की ओर से 2012 में जारी किए गए जीओ में टीईटी को मात्र अर्हता माना गया था व चयन का आधार शैक्षणिक गुणांक कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के 15वें संशोधन के नियम 14 (3) को असंवैधानिक करार दिया और इस साल मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। वहीं हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी शिवकुमार पाठक व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रदेश सरकार के 26 जुलाई, 2012 के उस शासनादेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर टीईटी प्राप्तांक को मेरिट नहीं बनाने की बात कही गई थी। हाईकोर्ट की गत वर्ष 20 नवंबर को डबल बेंच ने एकल खंडपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर यह फैसला दिया था

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (15.2.2014)

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