BTC : 36 बीटीसी प्रशिक्षु डायट से निष्कासित
कौशांबी : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) मंझनपुर में बीटीसी 2012 बैच के 36 प्रशिक्षुओं का चयन निरस्त कर दिया गया है। परिसर में इनके प्रवेश पर भी पाबंदी भी लगा दी गई है। डायट प्राचार्य ने निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी है। कार्रवाई की जद में आए इन प्रशिक्षुओं पर शिलांग की चंद्रमोहन झा युनिवर्सिटी (सीएमजेयू) व दिल्ली बोर्ड के फर्जी अंक पत्र के उपयोग का आरोप है। बीटीसी 2012 बैच के 36 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट संदिग्ध मिलने पर डायट के तत्कालीन प्राचार्य प्रेम प्रकाश मौर्य ने मूल अभिलेखों की जांच कराई थी। सत्यापन के दौरान विश्वविद्यालय ने 14 मार्कशीट फर्जी बताई। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद प्राचार्य ने इनको नोटिस देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अन्य 22 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट की जांच चल रही थी। महीना भर पहले इनकी भी सत्यापन रिपोर्ट मिल गई। तब पता चला कि दिल्ली बोर्ड की जो मार्कशीट लगाई गई है, उसका वजूद ही नहीं है। रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए डीएम को सूचना भेजी गई। प्रशिक्षुओं ने मार्कशीट के ऑनलाइन होने का दावा किया। इससे मामला उलझ गया। जांच के लिए कमेटी गठित हुई। कमेटी ने अपनी जांच में 22 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट को फर्जी पाया। डायट के उप प्राचार्य नरेंद्र शर्मा ने कहा कि निदेशालय से निर्देश मिलने पर संबंधितों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि सीएमजेयू भी विवादित रही है
कौशांबी : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) मंझनपुर में बीटीसी 2012 बैच के 36 प्रशिक्षुओं का चयन निरस्त कर दिया गया है। परिसर में इनके प्रवेश पर भी पाबंदी भी लगा दी गई है। डायट प्राचार्य ने निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी है। कार्रवाई की जद में आए इन प्रशिक्षुओं पर शिलांग की चंद्रमोहन झा युनिवर्सिटी (सीएमजेयू) व दिल्ली बोर्ड के फर्जी अंक पत्र के उपयोग का आरोप है। बीटीसी 2012 बैच के 36 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट संदिग्ध मिलने पर डायट के तत्कालीन प्राचार्य प्रेम प्रकाश मौर्य ने मूल अभिलेखों की जांच कराई थी। सत्यापन के दौरान विश्वविद्यालय ने 14 मार्कशीट फर्जी बताई। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद प्राचार्य ने इनको नोटिस देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अन्य 22 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट की जांच चल रही थी। महीना भर पहले इनकी भी सत्यापन रिपोर्ट मिल गई। तब पता चला कि दिल्ली बोर्ड की जो मार्कशीट लगाई गई है, उसका वजूद ही नहीं है। रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए डीएम को सूचना भेजी गई। प्रशिक्षुओं ने मार्कशीट के ऑनलाइन होने का दावा किया। इससे मामला उलझ गया। जांच के लिए कमेटी गठित हुई। कमेटी ने अपनी जांच में 22 प्रशिक्षुओं की मार्कशीट को फर्जी पाया। डायट के उप प्राचार्य नरेंद्र शर्मा ने कहा कि निदेशालय से निर्देश मिलने पर संबंधितों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि सीएमजेयू भी विवादित रही है
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