TET MORCHA ADHYAKSH GANESH DIXIT DWARA KAL KI SUPREME COURT MEIN HUEE KARYVAHEE KO BYORA
Ganesh Dixit >>>
साथियों,
गत दिवसों में तन - मन की व्याकुलता और शिथिलता को गत रात की चीर निद्रा में शांत कर पुनः एक बार टी ई टी मोर्चा गत दिवस की कार्यवाई और आगामी प्रक्रिया की समीक्षा सहित उद्र्ह्त हे ।
कल हमारे आधिकारिक पेनल के सर्वश्री पी पी राव,रवींद्र श्रीवास्तव,सुधीर चंद्रा,अभिषेक श्रीवास्तव व अन्य ऐ ओ आर पूरी तैयारी के साथ मौजूद थे पर नीयमत: अपीलेंट होने के कारण यू पी सरकार को अपना मत रखने का मौका दिया गया,वेंकट रमणी ने यू पी सरकार की तरफ़ से वही सारे तथ्य रखते हुए सरकार के नये विज्ञापन को सही सिद्व करने की कोशिश की जो की इससे पूर्व में हाइ कोर्ट या मुकुल रोहतगी ने रखे थे पर जजेस सर्वश्री दीपक मिश्रा व यू यू ललित के प्रश्नों के आगे सरकारी वक़ील के सारे तथ्य तर्कहीन व बेवुनियाद नज़र आने लगे,जजेस ने हमारे वकीलों को मौका ना देते हुए ख़ुद ही इतने प्रश्न किये की सरकारी वक़ील को उपहास का पात्र बनना पड़ा ।
सार रूप में जजेस ने 12th संशोधन को पूर्णत: सम्विधान सम्मत मान लिया हे जबकि पुराने विज्ञापन में कूछ तकनीकी त्रुटियों को दूर करने सम्बन्धी हाइ कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के आधार पर किया गया 15th संशोधन करने का यू पी सरकार को अधिकार हे की नहीँ इस पर सॉलिसिटर जनरल ने बताया की यह प्रदेश सरकार का अधिकार हे । ncte की तरफ़ से कोई वक़ील ना होने से अगली सुनवाई 16/12 को पार्ट हर्ड करते हुए नीयत की ।
मित्रों,कानूनन प्रदेश सरकार को किसी भी विज्ञापन या निविदा में कभी भी संशोधन का अधिकार हे बशर्ते की इस संशोधन से किसी का कोई अहित ना हो ।
प्रदेश सरकार के वक़ील लगातार कोर्ट में समान अभ्यर्थी वाले विज्ञापन में कभी भी संशोधन को प्रदेश सरकार का अधिकार बता रहे हें,इसमे अब ं हमारे वकीलों को दो बातें जजेस को स्पष्ट करनी होगी यथा :
1- दोनों विज्ञापन में अभ्यर्थी समान नहीँ हें । 2- इस संशोधन से हजारों अभ्यर्थीयों का अहित हो रहा हे जो की पश्चगामि प्रभाव को रखते हुए समानता के मूल अधिकार का उल्घघन हे ।
आगे की सुनवाई में रेस्पोन्देन्ट के तौर पर सॉलिसिटर जनरल,ncte के वकील,अन्य लोगों के वकील जैसे राकेश द्विवेदी आदि और हमारे पेनल को अपना अपना मत रखने का मौका मिलेगा,कल की बहस और जजेस का रुख हमारे अनुकूल ही दिखा पर सॉलिसिटर जनरल का रुख प्रदेश सरकार के अनुकूल दिखा ।
आय - व्यय का ब्यौरा व कोषराशि की समीक्षा कर जल्द ही सूचित किया जायेगा। मोर्चा अंतिम जीत तक अपने पथ पर कटिबद्ध हे,हम सब एक और साथ में विशिष्ट शक्ति हें ।
एक सलाह और हे की टी ई टी मोर्चा के अतरिक्त अन्य जो भी लोग किसी भी वकील को हायर करते हें वो उनकी ब्रीफिंग अच्छे से करवा दें जिससे की वो पूरा केस समझ कर ही कोर्ट में बोले,आधी अधूरी बात या तर्क जजेस के सामने हमारे लिये नकारात्मक ना हो क्योंकि ये हम,72825 के जीवन और नौकरी का सवाल हे जैसा की कल हमारे ही एक बड़े वक़ील ने अवांछनीय रूप से बीच - बीच में अनेक बार बोलने की कोशिश की जिस पर जजेस ने हर बार झुंझलाकर बैठ जाने को कहा,आशा हे की अगली सुनवाई में वकीलों की ब्रीफिंग सही सही और पूरी होगी और जो वक़ील ब्रीफिंग को समय ना दे उसे ना ही किया जाये तो ही ठीक होगा क्योंकि ये जीवन मरण का सवाल हे ।
सत्य और न्याय के पथ पर संगठित हो हम जीत की ओर अग्रसर हें। ईश्वर हमारे साथ हे और रहेगा,आप नेक रहे,एक रहें क्योंकि
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द जय टी ई टी । ।
Ganesh Dixit >>>
साथियों,
गत दिवसों में तन - मन की व्याकुलता और शिथिलता को गत रात की चीर निद्रा में शांत कर पुनः एक बार टी ई टी मोर्चा गत दिवस की कार्यवाई और आगामी प्रक्रिया की समीक्षा सहित उद्र्ह्त हे ।
कल हमारे आधिकारिक पेनल के सर्वश्री पी पी राव,रवींद्र श्रीवास्तव,सुधीर चंद्रा,अभिषेक श्रीवास्तव व अन्य ऐ ओ आर पूरी तैयारी के साथ मौजूद थे पर नीयमत: अपीलेंट होने के कारण यू पी सरकार को अपना मत रखने का मौका दिया गया,वेंकट रमणी ने यू पी सरकार की तरफ़ से वही सारे तथ्य रखते हुए सरकार के नये विज्ञापन को सही सिद्व करने की कोशिश की जो की इससे पूर्व में हाइ कोर्ट या मुकुल रोहतगी ने रखे थे पर जजेस सर्वश्री दीपक मिश्रा व यू यू ललित के प्रश्नों के आगे सरकारी वक़ील के सारे तथ्य तर्कहीन व बेवुनियाद नज़र आने लगे,जजेस ने हमारे वकीलों को मौका ना देते हुए ख़ुद ही इतने प्रश्न किये की सरकारी वक़ील को उपहास का पात्र बनना पड़ा ।
सार रूप में जजेस ने 12th संशोधन को पूर्णत: सम्विधान सम्मत मान लिया हे जबकि पुराने विज्ञापन में कूछ तकनीकी त्रुटियों को दूर करने सम्बन्धी हाइ कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के आधार पर किया गया 15th संशोधन करने का यू पी सरकार को अधिकार हे की नहीँ इस पर सॉलिसिटर जनरल ने बताया की यह प्रदेश सरकार का अधिकार हे । ncte की तरफ़ से कोई वक़ील ना होने से अगली सुनवाई 16/12 को पार्ट हर्ड करते हुए नीयत की ।
मित्रों,कानूनन प्रदेश सरकार को किसी भी विज्ञापन या निविदा में कभी भी संशोधन का अधिकार हे बशर्ते की इस संशोधन से किसी का कोई अहित ना हो ।
प्रदेश सरकार के वक़ील लगातार कोर्ट में समान अभ्यर्थी वाले विज्ञापन में कभी भी संशोधन को प्रदेश सरकार का अधिकार बता रहे हें,इसमे अब ं हमारे वकीलों को दो बातें जजेस को स्पष्ट करनी होगी यथा :
1- दोनों विज्ञापन में अभ्यर्थी समान नहीँ हें । 2- इस संशोधन से हजारों अभ्यर्थीयों का अहित हो रहा हे जो की पश्चगामि प्रभाव को रखते हुए समानता के मूल अधिकार का उल्घघन हे ।
आगे की सुनवाई में रेस्पोन्देन्ट के तौर पर सॉलिसिटर जनरल,ncte के वकील,अन्य लोगों के वकील जैसे राकेश द्विवेदी आदि और हमारे पेनल को अपना अपना मत रखने का मौका मिलेगा,कल की बहस और जजेस का रुख हमारे अनुकूल ही दिखा पर सॉलिसिटर जनरल का रुख प्रदेश सरकार के अनुकूल दिखा ।
आय - व्यय का ब्यौरा व कोषराशि की समीक्षा कर जल्द ही सूचित किया जायेगा। मोर्चा अंतिम जीत तक अपने पथ पर कटिबद्ध हे,हम सब एक और साथ में विशिष्ट शक्ति हें ।
एक सलाह और हे की टी ई टी मोर्चा के अतरिक्त अन्य जो भी लोग किसी भी वकील को हायर करते हें वो उनकी ब्रीफिंग अच्छे से करवा दें जिससे की वो पूरा केस समझ कर ही कोर्ट में बोले,आधी अधूरी बात या तर्क जजेस के सामने हमारे लिये नकारात्मक ना हो क्योंकि ये हम,72825 के जीवन और नौकरी का सवाल हे जैसा की कल हमारे ही एक बड़े वक़ील ने अवांछनीय रूप से बीच - बीच में अनेक बार बोलने की कोशिश की जिस पर जजेस ने हर बार झुंझलाकर बैठ जाने को कहा,आशा हे की अगली सुनवाई में वकीलों की ब्रीफिंग सही सही और पूरी होगी और जो वक़ील ब्रीफिंग को समय ना दे उसे ना ही किया जाये तो ही ठीक होगा क्योंकि ये जीवन मरण का सवाल हे ।
सत्य और न्याय के पथ पर संगठित हो हम जीत की ओर अग्रसर हें। ईश्वर हमारे साथ हे और रहेगा,आप नेक रहे,एक रहें क्योंकि
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