Wednesday, June 26, 2013

BTC : बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थियों की नौकरी का रास्ता साफ


BTC : बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थियों की नौकरी का रास्ता साफ


बुलंदशहर : पिछले 19 सालों से प्रदेश के 10 जिलों के 1530 बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थियों की आजीविका पर मंडरा रहे संकट के बादल हट गए हैं। शासन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इनका द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण पूरा कराने उपरांत समायोजन के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने को कहा है।

बुलंदशहर, हापुड़, एटा, फिरोजाबाद, मथुरा, बस्ती, देवरिया, महाराजगंज, मऊ और बलिया जिले के बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं। हर बार जीतने के बावजूद शासन स्तर के कुछ अधिकारियों के कारण मामला अधूरा रह जाता था। गत 20 जून को उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा अनुभाग-11 के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक तथा बेसिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि शासनादेश संख्या 1627/15-11-2004-1439(67)/98, 27 दिसंबर 2004 एवं संशोधित शासनादेश संख्या 311/15-11-2005-1439(67)/98, 22 अप्रैल 2005 तथा विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या सीसी 20696 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश 17 दिसंबर 2009 एवं आदेश 26 मार्च 2010 के क्रम में शासन ने निर्णय लिया है कि वर्ष 1996 से पूर्व के बीटीसी पत्राचार प्रशिक्षण से संबंधित प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण पूरा कर चुके 1530 अभ्यर्थियों को द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण पूरा कराया जाए।

बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थियों के मामले में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार को लिखे पत्र में प्रशिक्षण उपरांत समायोजन हेतु भारत सरकार को तर्क संगत पत्र भेजने को कहा है। उक्त आदेशों से बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थियों की नौकरी में आने वाली दिक्कत का दूर होना तय हो गया है। अभ्यर्थियों के लिए संघर्ष करने वाले मान्यता प्राप्त टीचर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष केसी आर्य ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को भेजे पत्र में प्रदेश के संबंधित डायटों को इस बाबत कार्रवाई शुरू करने के आदेश देने की मांग की है। बता दें कि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक बीटीसी पत्राचार अभ्यर्थी जिला बुलंदशहर में हैं, जिनकी संख्या 585 है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई शासनादेश नहीं आया है। शासनादेश देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है



News Source / Sabhaar : Jagran (26.6.13)

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.