आजमगढ़ : सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकार भले ही करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हो और शिक्षा को सुधारने का प्रयास कर रही हो, लेकिन जिले में जूनियर व प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी का आंकड़ा सच साबित कर रहा है। जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 5658 शिक्षकों की कमी है। डेढ़ सौ से अधिक प्राथमिक व जूनियर विद्यालय एकल अध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। यानी कुल मिलाकर शिक्षा व्यवस्था के लिए सरकार की सारी योजनाओं पर पानी फिरता जा रहा है। अब जूनियर व प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का प्रमोशन भी हुआ है, ऐसे में कई ऐसे और विद्यालय एकल हो गए हैं।
जिले में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 2186 तथा जूनियर हाईस्कूल की संख्या 980 के करीब है। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 3,27,465 है तो जूनियर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 1,05674 है। इन्हें पढ़ाने के लिए कुल 7965 शिक्षकों की तैनाती की गई है। इसके अलावा जिले में कुल शिक्षा मित्रों की संख्या 3458 है। यानी 4,33,139 छात्रों को पढ़ाने के लिए पूरे जिले में 11,423 शिक्षक हैं। शासनादेश के अनुसार 35 छात्रों पर एक टीचर की नियुक्ति होनी चाहिए लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों पर एक-एक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों के भरोसे 150-150 छात्र हैं। ऐसे में प्रधानाध्यापक व अध्यापक अकेले छात्रों को पढ़ाकर कितनी शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रख सकते हैं। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दूसरी तरफ सरकार प्राथमिक व जूनियर के छात्रों को मुफ्त कापी, किताब, ड्रेस व छात्रवृत्ति आदि का वितरण कर रही है। इसके बावजूद प्राथमिक व जूनियर शिक्षा की हालत बिगड़ती जा रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार करोड़ों रुपये रैली व बैनर पर खर्च कर रही है।
इसके बावजूद प्राथमिक विद्यालयों व जूनियर विद्यालयों के शिक्षा व्यवस्था में बेहतर सुधार नहीं हो रहा है। कान्वेंट स्कूलों की तरफ लोगों का रूझान कुछ ज्यादा ही दिख रहा है। कोई भी विद्यालय ऐसा नहीं है, जिस पर कागजों में 80-100 छात्रों की संख्या दर्शाई न गई हो। जून माह में 194 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का प्रमोशन करके जूनियर विद्यालय में भेजा गया है। इसी प्रकार 337 जूनियर के विद्यालयों को प्रमोशन कर हेड मास्टर बनाया गया है। ऐसे में जिन जगहों पर यह शिक्षक तैनात रहें होंगे, वहां के विद्यालय एकल हो जाएंगे। ऐसे में जुलाई माह से शुरू हो रहे सत्र से पहली परेशानी विभाग के लिए यही बनेगी।
इनसेट..
जूनियर विद्यालयों की स्थिति
स्वीकृत पद- कार्यरत- रिक्ति
प्रधानाध्यापक 969 646 325
सहायक अध्यापक 2978-2786-192
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प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति :
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प्रधानाध्यापक 1668-1652-16
सहायक अध्यापक 8006-2881- 5125
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कुल संख्या 13,721-7965-5658
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इनसेट..
शिक्षकों के खाली पदों को ट्रांसफर कर भरा जाएगा लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। जुलाई माह में कुछ शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी लेकिन इससे व्यवस्था पूरी तरह नहीं सुधरेगी। जूनियर विद्यालयों में प्रमोशन के बाद सभी पद तो भर दिए गए हैं लेकिन यहां भी शिक्षकों की कभी अभी बरकरार है। कुल मिलाकर शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए हर विद्यालयों पर शिक्षकों की आवश्यकता है। सोमारू प्रधान : बेसिक शिक्षा अधिकारी।
इनसेट..
माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों का टोटा
आजमगढ़ : प्राथमिक व जूनियर के विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों कमी हो गई है। इसकी वजह से एक शिक्षक व प्रवक्ता पर आठ-आठ घंटिया पढ़ाने का बोझ पड़ रहा है। इससे शिक्षा की व्यवस्था भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। जिले में कुल 559 इंटरमीडिएट तक के विद्यालय में हैं। इसमें 97 सरकारी विद्यालय और 462 प्राइवेट विद्यालय हैं। विभाग की मानें तो काफी संख्या में अध्यापक रिटायर्ड हुए हैं, लेकिन उनकी जगह पर कोई और अध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है। मानदेय पर शिक्षकों को रखकर किसी तरह संबधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य शिक्षा व्यवस्था को संभाले हुए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक रामचेत ने बताया कि वैसे आयोग की तरफ से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। अभी 30 जून को बहुत से शिक्षक रिटायर्ड होंगे। इसके बाद माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों भारी कमी होगी
News Source / Sabhaar : Jagran (23 Jun 2013)
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