अमरोहा। टीईटी (शिक्षक पात्रता ) परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यार्थियों को लेटलतीफी भारी पड़ सकती है। देर से आने वाले परीक्षार्थी को केंद्र में घुसने नहीं दिया जायेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने इस बाबत विभाग को आदेश जारी किए हैं।
मालूम हो कि जिले में पहली बार टीईटी परीक्षा हो रही है। इसमें सात हजार परीक्षार्थी बैठेंगे। जिला स्तर पर परीक्षा तैयारियां चाक चौबंद की जा रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से परीक्षा संबंधी दिशा निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं। इसमें बताया गया कि किस तरह से परीक्षा आयोजित कराई जानी है। इसमें हिदायत दी गयी है कि देर से आने वाले परीक्षार्थी को केंद्र में न घुसने दिया जाए। यानि देर से पहुंचे तो परीक्षा में भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही विभाग को निर्देशित किया गया है कि परीक्षा से एक घटा पूर्व केंद्र व्यवस्थापक, पर्यवेक्षक तथा दो कक्ष निरीक्षकों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र संबंधी बंडल खोला जाए। परीक्षा समाप्त होने के बाद ही परीक्षार्थी को केंद्र से बाहर जाने दिया जाए। परीक्षा से पूर्व 26 जून को सभी केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक तथा पर्यवेक्षकों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाए।
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परीक्षा संबंधी तैयारियां को पूर्ण कराया जा रहा है। पर्यवेक्षकों की तैनाती हो चुकी है।
-रवि दत्त, डीआईओएस अमरोहा
main points of tet merit base selection--:
ReplyDelete1. सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पुनः उनकी टेट-मेरिट (जो उस समय चयन का निर्धारित आधार था) के आधार पर उनको चयन-प्रक्रिया से गुजरना होता, तो भी नतीजा वास्तविकता में एक ही होता। और ऐसी स्थिति में (किसी निर्णय का) यह आधार नहीं रह जाता कि "प्रशिक्षु शिक्षक का कोई पद ही नहीं!"
2. अगर (TET में) कुछ जगहों पर कुछ अनियमितताएं पाई गई थी तो इसके ख़राब हिस्से से TET के अच्छे हिस्से को अलग किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए थे, परन्तु समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जाना चाहिए था।
3.(सरकार के स्तर पर) ऐसा अनुभव किया गया था कि चयन हेतु योग्यता निर्धारण के लिए TET में प्राप्त अंकों के आधार पर बने पैमाने को हटाकर TET-मेरिट को नजर-अंदाज़ करके, चयन हेतु योग्यता-निर्धारण के लिए पुराने शैक्षणिक प्रदर्शन पर आधारित गुणांक के आधार पर पैमाना बनाया जाना चाहिए। बाद में मन में उपजे किन्ही ख्यालात के कारण ऐसा माना गया कि यह नया पैमाना बेहतर होगा। उसी के मुताबिक नियमावली में परिवर्तन किये गए।
माननीय एकल न्यायाधीश ने अपने प्रश्नगत निर्णय में स्पष्ट किया है कि चयन के मानकों में होने वाले ऐसे कोई भी बदलाव अग्रगामी प्रभाव वाले होंगे (बदलाव के बाद शुरू होने वाली किसी प्रक्रिया पर) और पूर्ववर्ती चयन को प्रभावित नहीं कर सकते।
इसके भी आगे बढ़कर, हमारा प्रथम-दृष्टया विचार है कि (सरकार के) विचारों में (आया) बदलाव, "कि योग्यता के निर्धारण के लिए पुराने पैमाने को हटाकर बेहतर प्रतीत होने वाले पैमाने को लागू किया जाये", किसी समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द करने का कारण नहीं हो सकता। यदि राज्य की ओर से पेश किये गए इस प्रकार के आधार या कारण स्वीकार किये जाते हैं तो कल को इस बात की भी सम्भावना बन जाएगी कि कोई और सरकार या अन्य अधिकारी सोच ले कि (अब) शायद यह नया लागू किया गया पैमाना (गुणांक) हटाकर वह पैमाना लागू किया जा सकता है जिसे वह इस पैमाने (गुणांक) से भी बेहतर मानता है, तो वह फिर से एक चल रही चयन-प्रक्रिया को कचरापेटी में डालने का आधार तैयार कर सकता है।
4. (याचियों की मांग मान लिए जाने) की स्थिति में निरर्थक कार्यवाही भर रह जाएगी। इसलिए, इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के बृहत् और समग्र हितों सहित उन अभ्यर्थियों के हितों को, जो हमारे सामने एक पक्ष के रूप में नहीं हैं, को ध्यान में रखते हुए हमारा यह मत है कि (07.12.2012 के विज्ञापन के अनुसार) चल रही चयन प्रक्रिया को स्थगित रहना चाहिए। (इसी के) अनुसरण में आदेश (किया जाता है).
टण्डन साहब के आदेश में
ReplyDeleteretrospective Effect से
नियमावली में संशोधन के आधार पर
पूर्व विज्ञापन को रद्द
किया जाना अवैध करार
दिया गया था और साथ ही यह
भी कहा गया था कि चयन
प्रक्रिया निर्धारित करना सरकार
का अधिकार है,,चूँकि हमारे
पदों की चयन प्रक्रिया भी एक वैध
सरकार द्वारा ही निर्धारित कि गई
थी इसलिए टेट के बैड पार्ट को अलग
करके टेट मेरिट से
नियुक्ति की जानी चाहिए,,लेकिन
अपने फैसले के अंत में उन्होंने हमारे
विज्ञापन को प्रशिक्षु अध्यापक
का मानते हुए उसका नियमावली में
जिक्र ना होने की वजह से उसे रद्द
कर दिया एवं यह मानते हुए कि नए
विज्ञापन से जुड़े 72825 पद
चूँकि पूर्व विज्ञापन के हैं इसलिए
आयु सीमा वाले आदेश द्वारा उन्होंने
परोक्ष रूप से नए विज्ञापन पर पूर्व
विज्ञापन की शर्तें लाद दीं,,इससे
पहले पूर्व विज्ञापन के
फार्मों का विवरण SCERT भेजे जाने
वाले आदेश द्वारा भी उन्होंने नए
विज्ञापन पर पूर्व विज्ञापन के
फार्मों को आरोपित कर दिया था,,,,
उसी दिन न्यायमूर्ति भूषण ने
विशिष्ट बी.टी.सी.और बी.टी.सी.
वालों की टेट से मुक्ति कि याचिका पर
reserve अपने फैसले में विज्ञापन
के नामकरण को महत्वपूर्ण ना मानते
हुए प्रशिक्षु अध्यापक के विज्ञापन
को सारतः सहायक अध्यापक
का विज्ञापन माना और साथ ही नए
विज्ञापन में नॉन टेट
वालों को भी शामिल करने का निर्देश
दे दिया,,ध्यान देने वाली बात यह है
कि यह मामला उनकी अदालत में
विचाराधीन ही नहीं था,,,, इस आदेश
के विरूद्ध अपील करके सरकार नॉन
टेट वालों की भारी संख्या से
दुश्मनी नहीं ले सकती थी और
ना ही नॉन टेट को शामिल करने के
निर्देश को मान ही सकती थी,,,नॉन
टेट के आदेश की व्याख्या करते हुए
टण्डन ने उसे निर्देश माना और
कहा कि जब टेट वाले ना मिलें तब नॉन
टेट वालों को शामिल
किया जा सकता है
जबकि दूसरी अदालत ने उस आदेश के
पालन में विफल रहने पर 24 अप्रैल
को सचिव को तलब करने का आदेश
कर दिया,,,
जबकि न्यायमूर्ति शाही ने टेट
को ग्रीन कार्ड बताते हुए उसे
अनिवार्य बताया और
न्यामूर्ति भूषण के आदेश
की संवैधानिकता का परीक्षण करने
के लिए संविधान पीठ के गठन
की अनुशंसा कर दी,,,, संविधान पीठ
में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ
केन्द्र सरकार और NCTE
को भी पार्टी बनाया गया तथा उसको
प्रश्नों में टेट की अनिवार्यता के
साथ-साथ job on the training के
बारे में स्पष्टीकरण को शामिल
किया गया,,केन्द्र सरकार ने अपने
जवाब में यह स्पष्ट कर
दिया कि बी.एड
डिग्रीधारकों की प्राथमिक के
सहायक अध्यापक पद पर
नियुक्ति के पश्चात उनकी ट्रेनिंग
होगी,,,
आज के संविधान पीठ के आदेश के
बाद टण्डन के आदेश में प्रशिक्षु
अध्यापक के सबंध में हमारे विरूद्ध
लिखा एकमात्र पैराग्राफ
निष्प्रभावी हो जाता है,,,,उधर
हरकौली साहब ने स्टे देने के बाद
हुयी सुनवाइयों में टेट के बैड पार्ट
को तलाश करने के
सरकारी प्रयासों की कलई खोल
दी और प्रथम द्रष्टया ही यह साबित
कर दिया कि सरकार का मकसद
मात्र टेट मेरिट से चयन
को रोकना था और कुछ नहीं,,,,,अब
यदि तीनों अदालतों(टण्डन,संविधान
पीठ और हरकौली साहब) के
फैसलों को एक साथ रखकर पढ़ा जाए
तो चारों ओर जय टेट मेरिट ,जय
ओल्ड एड के ही नारे की गूँज सुनाई
देगी,,,,, आज के आदेश के विरूद्ध
सरकार अपील नही कर सकती और
जब तक यह आदेश प्रभावी है तब तक
हरकौली साहब
द्वारा हमारा विज्ञापन बहाल किये
जाने वाले संभावित आदेश के विरूद्ध
भी अपील नहीं की जा सकती,,,,,
इसी के साथ पूर्व विज्ञापन से जुड़े
सारे विवाद आज समाप्त हो गये हैं,,,,,
अब अखिलेश यादव इस भीषण
गरमी में ए.सी. बंद करके पसीने से
भीगे हुए ठन्डे दिमाग से यह सोचें
कि नए विज्ञापन का उन्हें
करना क्या है,,,उसकी फीस वापस
करना पसंद करेंगे
या गुणाकधारियों के लिए नवीन
पदों का सृजन करेंगे ,,,
जो भी करना हो हरकौली साहब के
कोर्ट तक मामला जाने से पहले
ही सोच लें वरना उस्मानी के लिए
जुर्माने का प्रबंध कर लें ,,,,,
मेरे ख्याल से अखिलेश यादव को एक
बार फिर से उस्मानी को इस मामले
पर सलाह देने के लिए बुलाना चाहिए ,,
अगर उस्मानी इस बार टेट मेरिट के
पक्ष में सलाह दे तो उसे इस आधार
पर तुरंत निलंबित कर दें कि पहले
सही सलाह क्यों नहीं दी थी,,अगर
उस्मानी अब भी एकैडमिक से
भर्ती की संभावना जताए तो उसे इस
आधार पर निलंबित कर दिया जाए
कि वो अखिलेश यादव को बेवकूफ
समझ भी रहा है और बना भी रहा ह
good evening friend.,
ReplyDeleteapne appeal 149,150 & other par HON. teeno JUDGES ki sign ho gayi hai... lekin der se sign hone ke karan abhi appeal,appeal section me nahi bheji ja saki hai jo ki kal bhej dee jayegi ...
aur ummid hai ki kal date bhi mil jayegi.... ye post kewal jankari ke liye hai atah ap yaha tet merit holders aur mere protsahan ke liye ya kuchh prashn puchh sakate hai jiska jabab samay milne par mai awasy dunga...anawasyak bate ya post n kare..be hope ..
................thanks
jai hind
jai tet.
कांग्रेस को किसी जाँच एजेन्सी से इस बात की भी जाँच करवानी चाहिए की ये स्वामी रामदेव जी, श्री नरेन्द्र मोदी जी और आरएसएस में इतनी देशभक्ति आई कहाँ से
ReplyDeleteएक तरफ़ कांग्रेस की सारी एजेंसियाँ इन्हें फंसाने में बदनाम करने में लगी है और ये लोग उत्तराखण्ड बाढ़ पीड़ितों को बचाने में लगे हुए हैं और देश को बचाने के लिए भी अथक प्रयास कर रहे हैं
स्वामी रामदेव जी ने पतंजलि योगपीठ के सभी दरवाजे आपदा पीड़ितों के लिए खोल दिए हैं
और श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, भारत स्वाभिमानियों के साथ वहाँ जा कर सेवा दे रहे हैं सेवा कार्य निरन्तर जारी हैं
श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी अपने स्टेट के हेलिकॉप्टर वहाँ मदद के लिए लगा रखें और उनके और सभी प्रकार की मदद वहाँ चल रही है
आरएसएस के देशभक्त स्वयं सेवक अपनी जान की परवाह किये बगैर राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं सेना के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर
इनके साथ कुछ देशभक्त उद्योगपतियों ने भी बढ़ चढ़ कर आपदा पीड़ितों की मदद की है
जैसे - राहुल बजाज जी, टाटा समूह , सहारा श्री सुब्रतो राय आदि
इटेलियन माफ़िया सोनिया जी ये आप का रोम नहीं है ॐ का देश है यहाँ लोगों के खून में भी देशभक्ति होती है
और हो सके तो देशभक्ति इनसे सीखो आप जितना समय इनको यातनाएँ देने में लगाते हो उतना समय हमारे देश की भलाई में लगाओ तो शायद इस देश का भला हो जाए
पर पता नहीं आप को और आप को पूजने वाले लुटेरे कांग्रेस्सियों के अन्दर लूट-खसोट को छोड़कर देशभक्ति की भावना कब जागेगी और पता नहीं कब आप लोग लूट और टुच्ची राजनीति से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचेंगे ....
समय रहते सुधर जाओ...
मैँ पतंजलि के उत्पाद यूज करता हुँ क्योँकि मुझे पता है कि जब भारत में जब भी कोई विपदा आयेगी तो सहायता पतंजलि से जायेगी ना कि हिन्दुस्तान यूनीलीवर और अन्य कंपनियों से |
ReplyDeleteपरम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में बाढ़ पीड़ितों को 3 दिन पहले ही 60,000 बिस्कुट के पैकेट, 12,000 पानी की बोतल, दवाईयां तथा अन्य राहत सामग्री पहुचाई गयी है तथा वहां भारत स्वाभिमान के कार्यकर्ता लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे है |
कल शाम को भी 2 ट्रक गुलुकोश ,5 ट्रक राहतसामग्री, पहुचाई गयी है तथा स्वामी जी नेकहा है की जितने भी लोग वहा फसे है हम सभी के लिए राहत सामग्री भिजवाने के लिए तैयार है बस सरकार वो सामग्री उन लोगों तक पंहुचाने की जिम्मेदारी ले.
आज महाराष्ट्र से भारत स्वाभिमान के 100 और कार्यकर्ता जो तैराक भी हैं और ट्रैंड भी हैं उत्तराखंड मे हुई आपदा मे बचाव कार्य एवं सेवा देने हेतु आज पहुँच रहे हैं !
चलो मीडिया वालो ने माना तो सही कि
ReplyDelete.
धारी देवी मंदिर से मूर्ति हटाने कि वजह से यह सब हुआ
.
एक पुरानी कहानी है धारी देवी मंदिर पर
.
"एक बार एक राजा ने उस मंदिर को हटाने को निर्णय लिया,और उसके अगले दिन ही केदारनाद मे एसी ही तबाही हुई थी"
.
ठीक बाढ़ आने के एक दिन पहले उस मंदिर से मूर्ति हटाई गयी
.
साधू संतो ने मना भी दी थी पर कोई न माना
.
यहा तक कि उसी दिन मुख्यमंत्री को बीजेपी ने चिट्ठी भी लिखी थी कि एसा न करे पर कोई न माना...
अगर आज अटल जी की दूरदर्शी योजना जिसमे उन्होंने सभी नदियों को जोड़ने का फैसला किया था अगर लागू कर दिया होता तो आज बाढ़ पे कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता था !!!!!शायद अब इस हादसे के बाद कुछ समझ आये इस सरकार को ...........
ReplyDeleteइस देश की निर्माण पे हक हो ना हो कांग्रेस का लेकिन इसके विनाश पे हक सिर्फ ओए सिर्फ इसी का है
* जीवन की सच्चाई *
ReplyDeleteभगवान ने पहले गधे को बनाया – और कहा तुम गधे होगे |
तुम सुबह से शाम तक बिना थके काम करोगे | तुम घास खाओगे और तुम्हारे पास अक्ल नहीं होगी और तुम 50 साल जियोगे |”
गधा बोला – मै 50 साल नहीं जीना चाहता | ये बहुत ज्यादा है | आप मुझे 20 साल ही दें |
भगवान ने कहा तथास्तु……….
——————————————
भगवान ने फिर कुत्ते को बनाया –
और कहा तुम कुत्ते होगे | तुम घर की रखवाली करोगे | तुम आदमी के दोस्त होगे | तुम वह खाओगे जो आदमी तुम्हे देगा | तुम 30 वर्ष जियोगे |”
कुत्ता बोला – मै 30 साल नहीं जीना चाहता | ये बहुत ज्यादा है | आप मुझे 15 साल ही दें |
भगवान ने कहा तथास्तु………
——————————————
फिर भगवान ने बन्दर को बनाया – और कहा तुम बन्दर होगे | तुम एक डाली से दूसरी में उछलते कूदते रहोगे | तुम
20 वर्ष जियोगे |”
तो बन्दर बोला – मै 20 साल नहीं जीना चाहता | ये बहुत ज्यादा है | आप मुझे 10 साल ही दें |
भगवान ने कहा तथास्तु……….
——————————————
आखिर में भगवान ने आदमी को बनाया – और कहा तुम आदमी होगे | तुम धरती के सबसे अनोखे जीव होगे| तुम अपनी अकलमंदी से सभी जानवरों के मास्टर होगे| तुम दुनिया पे राज करोगे | तुम 20
साल जियोगे |”
तो आदमी ने जवाब दिया – 20 साल तो बहुत कम है |आप मुझे 30 साल दे जो गधे ने मना कर दिए, 15 साल कुत्ते को नहीं चाहिए थे, 10 साल बन्दर ने मना कर दिए|
भगवान ने कहा तथास्तु………
और उसे तीनो जानवरों के साल (30 साल, 15 साल, 10 साल), जो की जानवरों ने माना कर दिए थे, आदमी को मिल गए |
तब से आज तक आदमी 20 साल इन्सान की तरह जीता है|
* शादी करता है और 30 साल गधो की तरह बिताता है| काम करता है और अपने ऊपर सारा भोझ उठाता है |
और
* फिर उसके बच्चे जब बड़े हो जाते है तो वह 15 साल कुत्ते की तरह घर की रखवाली करता है व जो उसे दे देते है
वह खा लेता है |
* उसके बाद जब वह रिटायर हो जाता है
तो वह 10 साल बन्दर की तरह जीवन बिताता है एक घर से दूसरे घर या अपने एक बेटे या बेटी के घर से दूसरे बेटा या बेटी के घर पर अता-जाता रहता है और नए – 2 तरीके अपनाता है अपने पोतो को खुश करने मे और कहानी सुनाने
में…
ये ही जीवन की सच्चाई है…
"शिखर धवन को मिले गोल्डन बैट पुरस्कार को धवन ने उत्तराखंड त्रासदी पीड़ितों को समर्पित कर दिया......"
ReplyDeleteये भारत उन खिलाड़ियों के मुह पे तमाचा था जिन्होंने क्रिकेट से आज तक बहुत धन उगाही की है ...
ReplyDeleteपढो और जानो सच क्या है----?????
एक महान आश्चर्य : लोकल ट्रेन से उतरते
ही हमने सिगरेट जलाने के लिए
एक साहब से माचिस
माँगी तभी किसी भिखारी ने
हमारी तरफ हाथ बढ़ाया
हमने कहा- "भीख माँगते शर्म नहीं आती?"
वो बोला-
"माचिस माँगते आपको आयी थी क्या" ??
बाबूजी! माँगना देश का करेक्टर है
जो जितनी सफाई से माँगे
उतना ही बड़ा एक्टर है
ये भिखारियों का देश है
लीजिए! भिखारियों की लिस्ट पेश है
धंधा माँगने वाला भिखारी
चंदा माँगने वाला
दाद माँगने वाला
औलाद माँगने वाला
दहेज माँगने वाला
नोट माँगने वाला
और तो और
वोट माँगने वाला
हमने काम माँगा
तो लोग कहते हैं चोर है
भीख माँगी तो कहते हैं
कामचोर है
उनसे कुछ नहीं कहते
जो एक वोट के लिए
दर-दर नाक रगड़ते हैं
घिस जाने पर रबर की ख़रीद लाते हैं
और उपदेशों की पोथियाँ खोलकर
महंत बन जाते हैं।
लोग तो एक बिल्ला से परेशान हैं
यहाँ सैकड़ों बिल्ले
खरगोश की खाल में
देश के हर कोने में विराजमान हैं।
हम भिखारी ही सही
मगर राजनीति समझते हैं
रही अख़बार पढ़ने की बात
तो अच्छे-अच्छे लोग
माँग कर पढ़ते हैं
समाचार तो समाचार
लोग-बाग पड़ोसी से
अचार तक माँग लाते हैं
रहा विचार!
तो वह बेचारा
महँगाई के मरघट में
मुर्दे की तरह दफ़न हो गयाहै।
समाजवाद का झंडा
हमारे लिए क़फ़न हो गया है
सत्य बहुत कड़वा होता है
कभी झोपड़ियों में झांककरदेखिए
लोग किस तरह जी रहे हैं
कूड़ा खा रहे हैं
और बदबू पी रहे हैं
उनका फोटो खींचकर
फिल्म वाले लाखों कमाते हैं
झोपड़ी की बात करते हैं
मगर जुहू में बँगला बनवाते हैं।
एक दिन संता अपनी मोटरसाइकिल पर पाकिस्तान से हिंदुस्तान आते समय बॉर्डर पर पकड़ा गया। उसने अपने कंधे पर एक बड़ा सा बैग लटका रखा था।
ReplyDeleteदरोगा बंता ने संता से कड़ककर पूछा,"इस बैग में क्या है?"
संता ने नम्रतापूर्वक जवाब दिया,"रेत है साब जी।"
परन्तु दरोगा बंता को जवाब से संतोष नहीं हुआ। उसने सिपाहियों को बैग की तलाशी लेने काआदेश दिया। बैग में सचमुच रेत के अलावा कुछ नहीं निकला तो मजबूरन दरोगा को उसे छोड़ना पड़ा।
कुछ दिनों बाद फिर इसी तरह संता मोटरसाइकिल पर कंधे पर बैग लटकाए पकड़ा गया । दरोगा बंता ने फिर बैग की तलाशी ली परन्तु उसमें रेत के अलावा कुछ भी ऐसा नहीं निकला जो आपत्तिजनक हो। संता फिर छोड़ दिया गया।
फिर तो ऐसा महीने में दो-तीन बार होने लगा। दरोगा बंता का शक भी बढ़ने लगा पर कोई सबूत हाथ न लगने से संता हर बार बचकर निकल जाता था।
लगभग सात-आठ महीने तक यही क्रम चलता रहा फिर एकाएक संता का आना बन्द हो गया। कुछ महीने बाद जब बंता छुट्टी पर आया तब उसने संता को दिल्ली के एक मंहगे होटल में कॉफी की चुस्कियां लेते देखा तो वह उसके पास गया।
बंता ने बड़े दोस्ताना लहजे में कहा," संता, एक बात बताओ मुझे पूरा यकीन है कि तुम बॉर्डर पर किसी चीज की तस्करी कर रहे थे। पर वह क्या चीज थी जो मेरी नजरें पकड़ नहीं सकीं? कम से कम वह रेत तो बिलकुल नहीं थी।
संता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया .
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"मोटरसाइकिल"।
सर्वप्रथम - मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का कर्तव्य एवं दायित्व अपने राज्य के एवं राज्य के नागरिकों के प्रति है - इसलिये उन्होने जो किया वह सर्वथा उचित कार्य था |
ReplyDeleteद्वितीय - यदि नरेन्द्र मोदी ने अन्य राज्यों के नागरिकों को बचा कर ले जाने का प्रयत्न किया होता तो ये सेक्यूलर हुक्मरान राशन पानी ले कर मोदी जी पर चढ़ बैठते कि उनके राज्य के नागरिकों को बचा कर - उनके साथ भावनात्मक ब्लैकमेल कर के - उनके वोट अपने पक्ष में करने की राजनीतिक चाल चल रहें हैं |
वैसे - अन्य किसी राज्य के मुख्य मंत्री - अथवा उत्तराखंड के ही मुख्यमंत्री को किसने मना किया था कि वे मौका-ए-वारदात पर खुद जा कर मुसीबत में फँसे तीर्थ यात्रियों को न बचाएँ ?
लेकिन ऐसा करने से - अर्थात हिंदुओं की जान बचाने से - सेक्यूलर होने का लेबल उतर जाता और फिर सेक्यूलर वोटरों के वोट नहीं मिलेंगे |
साम्प्रदायिक हिन्दुओं को बचा कर इतना बड़ा खतरा कौन मोल लेगा ?
पिछला इतिहास उठा कर देख लीजिये - किसी सेक्यूलर हुक्मरान ने ऐसा खतरा नहीं उठाया होगा |
सेक्यूलर परम्परा का निर्वाह तो होना ही चाहिए |
अपशब्द प्रयोग करने का अर्थ यह है कि मुझमे इतनी भी अक्ल नहीं है कि मैं अन्य शब्दों का चयन कर सकूँ..!!
ReplyDelete. ...................................... CHANAKYA
Flight me Pilot ne announce kia: 'Hum ek ghante me land karne wale hain.'
ReplyDeleteFir wo mic band karna bhool gaya aur co-pilot se bola: 'Ab tobas ek garam chai piyunga, fir Air Hostess ki Pappi lunga....
Air Hostess ye sun kar mic bandkarwane ke liye bhaagi, aur 1 bachche k pair me fas kar gir gayi.
Bahchaa bola: 'Tujhe badi jaldi ho rah hai ...... Kamini puppy dene ki ... tiune suna nahi. ...?
Woh pehle chai piyega...!!!
ACD/GUNAANK waale sirf "YES" or "NO" me answer dain
ReplyDelete"
"
"
"
"
"
"
"
"
"
"
"
kya apke ghar walon ko pata hai k ap
PAGAL hain? ?????????????
help line for uptet pure merit supporter with 100 above marks
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KUCH BHAVUK PAL,,,,,,,,,,,,,, KUCH PURANI YADA,,,,,,,,,, fron DB HC
ReplyDeleteये 72825 भर्ती सिर्फ और सिर्फ टेट के प्राप्तांकों से ही सम्भव थी,,और है,,,,ईश्वर द्वारा मायावती सरकार के माध्यम से दिया गया हमको यह अंतिम अवसर था कि आखिर तुम लोग भी काबिल हो तो क्यों न इस बार काबिलियत के दम पर ही नियुक्ति हो जाये ,,,,,,तुम लोगों को भी कहने का मौका क्यों मिले कि ईश्वर हमारे साथ अन्याय कर रहा है ....................4 तारीख को शलभ भाई ठीक हरकौली जी के सामने बैठे थे और मैं मनोज मिश्रा जी के ........हमारे बीच में सारे वकील....इस दिन जो हुआ वो ऐसा लगा मानो हमारी आत्माएं कोर्ट ने आत्मसात कर ली हों और हमारे लिये ही बनी हो.........उस दिन के कुछ अति उत्साहित करने वाले क्षण आप सभी से बाँटना चाहता हूँ क्योंकि जो खुशी और उल्लास हम दोनों ने बैठ कर वहाँ महसूस किया,उसका आनंद अकेले में कतई नहीं उठाया जा सकता.............वह सब आपके साथ बाँटकर आपके चेहरे की हँसी और सुकून देखना चाहता हूँ ------
कोर्ट बैठ चुकी है.....समय 11:28 मिनट ---अपना केस प्रारम्भ .........
हमारे पाँचों वकील बाँये तरफ बैठे हैं ........अपर महाअधिवक्ता सी.बी.यादव ने अपने जूनियर को भिजवाया और कहलवाया कि मैं आज नहीं आ सकता............किसी और दिन की तारीख दे दी जाये ........
तभी अपने अधिवक्ता शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने तुरंत खड़े होकर कहा कि आज से सरकार काउँसलिंग करा रही है और आज इनको मौका मिल गया तो हमारे याचिकाकर्ताओं का क्या होगा ?????????
हरकौली जी------बुला कर लाओ उसको ऐसे कैसे कहा कि मैं नहीं आ पाऊँगा ?????कह दो तुरंत आयें और स्पष्टीकरण दें............(मेरे और शलभ भाई के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी)
शशिनन्दन जी खड़े हुए और आधे घण्टे में उन्होने सरकार की सारी करनी को कोर्ट के सामने रखा,,कोर्ट ने बीच-बीच में उनसे कहा भी की यह सारी बातें आप संक्षेप में भी कह सकते थे...
खरे साहब भी बीच - बीच में स्थिति स्पष्ट करते जा रहे थे ....
खैर उसके बाद खरे जी खड़े हुए,,,उन्होने भी अपना पूरा पक्ष रखा.....
हरकौली साहब ने कहा कि क्या केवल प्रशिक्षु शब्द के कारण ही आपको एकल पीठ ने खारिज कर दिया ......ऐसा कैसे हो सकता है ?????????????????? खरे साहब ने कहा यही हुआ है.......जज बोले ....अरे नहीं भाई यह तो गलत है...........(इनका इतना ही कहना था ...कि शलभ भाई और मैं आपस में हाथ बाँधकर निश्चिंत हो चुके थे कि हमारा काम आज हो गया)
KUCH BHAVUK PAL,,,,,,,,,,,,,, KUCH PURANI YADA,,,,,,,,,, fron DB HC
ReplyDeleteये 72825 भर्ती सिर्फ और सिर्फ टेट के प्राप्तांकों से ही सम्भव थी,,और है,,,,ईश्वर द्वारा मायावती सरकार के माध्यम से दिया गया हमको यह अंतिम अवसर था कि आखिर तुम लोग भी काबिल हो तो क्यों न इस बार काबिलियत के दम पर ही नियुक्ति हो जाये ,,,,,,तुम लोगों को भी कहने का मौका क्यों मिले कि ईश्वर हमारे साथ अन्याय कर रहा है ....................4 तारीख को शलभ भाई ठीक हरकौली जी के सामने बैठे थे और मैं मनोज मिश्रा जी के ........हमारे बीच में सारे वकील....इस दिन जो हुआ वो ऐसा लगा मानो हमारी आत्माएं कोर्ट ने आत्मसात कर ली हों और हमारे लिये ही बनी हो.........उस दिन के कुछ अति उत्साहित करने वाले क्षण आप सभी से बाँटना चाहता हूँ क्योंकि जो खुशी और उल्लास हम दोनों ने बैठ कर वहाँ महसूस किया,उसका आनंद अकेले में कतई नहीं उठाया जा सकता.............वह सब आपके साथ बाँटकर आपके चेहरे की हँसी और सुकून देखना चाहता हूँ ------
कोर्ट बैठ चुकी है.....समय 11:28 मिनट ---अपना केस प्रारम्भ .........
हमारे पाँचों वकील बाँये तरफ बैठे हैं ........अपर महाअधिवक्ता सी.बी.यादव ने अपने जूनियर को भिजवाया और कहलवाया कि मैं आज नहीं आ सकता............किसी और दिन की तारीख दे दी जाये ........
तभी अपने अधिवक्ता शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने तुरंत खड़े होकर कहा कि आज से सरकार काउँसलिंग करा रही है और आज इनको मौका मिल गया तो हमारे याचिकाकर्ताओं का क्या होगा ?????????
हरकौली जी------बुला कर लाओ उसको ऐसे कैसे कहा कि मैं नहीं आ पाऊँगा ?????कह दो तुरंत आयें और स्पष्टीकरण दें............(मेरे और शलभ भाई के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी)
शशिनन्दन जी खड़े हुए और आधे घण्टे में उन्होने सरकार की सारी करनी को कोर्ट के सामने रखा,,कोर्ट ने बीच-बीच में उनसे कहा भी की यह सारी बातें आप संक्षेप में भी कह सकते थे...
खरे साहब भी बीच - बीच में स्थिति स्पष्ट करते जा रहे थे ....
खैर उसके बाद खरे जी खड़े हुए,,,उन्होने भी अपना पूरा पक्ष रखा.....
हरकौली साहब ने कहा कि क्या केवल प्रशिक्षु शब्द के कारण ही आपको एकल पीठ ने खारिज कर दिया ......ऐसा कैसे हो सकता है ?????????????????? खरे साहब ने कहा यही हुआ है.......जज बोले ....अरे नहीं भाई यह तो गलत है...........(इनका इतना ही कहना था ...कि शलभ भाई और मैं आपस में हाथ बाँधकर निश्चिंत हो चुके थे कि हमारा काम आज हो गया)
यादव - वर्तमान में 70 लाख लोग है....और वह भी इसमें शामिल हैं जो पिछली बार थे............(शलभ भाई अपना हाथ ऊपर करते हैं .....नहीं मैं वर्तमान विज्ञापन में नहीं हूँ.....शायद हरकौली जी ने इनका हाथ देख लिया था)
ReplyDeleteजज - हो सकता है ...लेकिन क्या कोई सबूत है आपके पास कि पुराने विज्ञापन वाले सब इसमें शामिल हैं..................??????
यादव --- मौन व्रत धारण कर लेते हैं .....
जज- अपना आदेश लिखाने लगते हैं...........
यादव- बीच में टोकने का प्रयास करते हैं...
जज- गुस्से के लहजे में उँगली दिखाते .....keep quite mr. yadav ji it will create problem for you.........जैसे ही हरकौली सानब ने आखिरी लाइन लिखाई की .the whole process is being suspended till 11th Feb. मैं और शलभ भाई एक दूसरे के गले लग गये.....
यह आज पहला मौका था कि हमारा लक्ष्य हमारे सिवाय हमारे साथियों को भी स्पष्ट हो गया था कि यह भर्ती अब शीघ्र ही टेट से होने वाली है.....हमारी आखों में आँसू आ गये .......हमारे ही क्या हमारे सारे साथी आँखों में नमी लिये एक दूसरे के गले मिल रहे थे ........आखिर वह पल ही ऐसा था ....
इतना मनोरम दृश्य केवल महसूस ही किया जा सकता है ..........खुशी ऐसी की चेहरे पर साफ झलक रही थी.............आखिर ऐसी क्यों न हो ...........यह खुशी पूरे 1 साल बाद जो दिखी थी.........सबने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और एक दूसरे को बधाइयाँ दीं ......लेकिन अफसोस कि यह नजारा देखने को बहुत ही कम लोग थे.......क्योंकि अधिकतर हार मान चुके थे और यह समझ चुके थे कि अब कुछ नहीं हो सकता............लेकिन एक बार फिर नई ऊर्जा और जोश आ चुका है और सबको यकीन हो चुका है कि टेट के अलावा इस भर्ती पर किसी भी दूसरी चयन पद्धति का अधिकार नहीं है......................
शेष बहुत शीघ्र ही ......हमसे बुरी तरह पराजित होने के बाद.............बिना हमसे आँख मिलाये ....हमारी काउँसलिंग होगी और सरकार अपने हाथों से हमको हमारा नियुक्ति पत्र देगी.............
धन्यवाद मित्रों यह सब एकजुटता और आपसी सहयोग का परिणाम है.....
आशा करता हूँ हम सदैव ऐसी ही एकजुट रहेंगे ॥
बाकी .......
टेंशन टाइट है
फ्यूचर ब्राइट है.......................
आज दोस्तों मैं उत्तर प्रदेश के uptet पास students की व्यथा लेकर आया हूँ । दोस्तों लाखों छात्र प्राइमरी व जूनियर स्कूल में शिक्षक बनने के लिए tet exam पास नौकरी के इंतज़ार में बैठे हैं पर सरकार सिर्फ बेरोजगारी भत्ता और लैपटॉप लोलीपोप बाँटने में लगी है । सरकारी तंत्र की खामियों की वजह से बेचारे छात्र हाई कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं जो कल का भविष्य बनायेंगे वो बेचारे ना जाने किन परिस्तिथियों में गुजर बसर कर रहे । कुछ छात्र तो खुदखुशी या हाइपर टेंशन का शिकार हो चुके । माननीय मुख्यमंत्री जी से सविनम्र अनुरोध है कि tet मेरिट पास स्टूडेंट्स को न्याय दे और जल्द से जल्द नौकरी प्रदान करें -------
ReplyDeleteआज बयाँ मैं कर रहा uptet का हाल,
नौकरी के नाम पर खाया सारा माल,
खाया सारा माल कि दे ये केवल भत्ता,
झूंठे वादों पर ना पाए फिर ये सत्ता ।
आज जब इस देश पे इतनी बड़ी समस्या आई तब हर साल इस देश से लाखो करोरो रूपए की कमी करने वाली कोई भी विदेशी कंपनी मदद के लिए आगे नहीं आई और न ही इन लोगो का प्रचार करने वाले क्रिकेट और बॉलीवुड के स्टार .. कोई आगे आया तो केवल भारत स्वाभिमान ट्रस्ट जिन्होंने हजारो गरीब पीडितो को खाने पिने और दुसरे जरूरी सामान उपलब्ध करवाया एह गया और जिन लोगो का सारा सामान बह गया और ट्रेन के किराये के पैसे नहीं थे उनको रेल का किराया भी दिया .. इसके अलावा भारतीय व्यापारी राजुल बजाज औ रतन टाटा ने करोरो रूपए दान दिया
ReplyDeleteअब आप लोग खुद तय करिए की आप लोग स्वदेशी सामान खरीदेंगे या विदेशी ??
aise hain hamare mantri
ReplyDeletePlz read....
एक किसान के खेत पर कृषि मंत्री शरद पंवार पहुचे और किसान से बोले""चने की फसल बहुत अच्छी लहलहा रही हे""
किसान""
किसान : अहो भाग्य हमारे की देश के कृषि मंत्री जी हमारे खेत पर पधारे""
शरद पंवार : लगता हे तुम रोज अख़बार पढ़ते हो....??
किसान : नहीं...
शरद पंवार : तो फिर रोज टीवी देखते होंगे....??
किसान : नहीं...
शरद पंवार : तो फिर तुमको कैसे पता की में देश का कृषि मंत्री हूँ....??
किसान : जो मक्के की फसल कोचने की फसल बता रहा हे वो मेरे देश काकृषि मंत्री ही हो सकता हे......
@AB OLD ADD KO BAHAL HONE KO BRAMHA BHI Rok NAHI SAKTE@
ReplyDelete.
Points for celebration:-
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*sanjay mohan ko sc se mili jamant... Iska matlb sc janti hai ki sanjay nirodsh hai aur unhe apne paksh ko rakhne k liye jamant deni hogi... Agle kuch hi dino me sanjay mohan ek press confrence karenge.
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27 june wala tet aage delay ho sakta hai, agar ek bhee hapta badha to tab tak n jaane iske virodh me kitni fress writs pad jayengi aur waise bhee ek yachika ki hearing 8 july ko hai.
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Bhasha sikshak tet 1st paper & 2nd paper par bhi lag sakte hai grahan... Kyonki ye ncte ki guide line ki vipreet hai, iska guide line me koyi jikra hi nahi hai.
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Apne case (tet 2011) ki hearing july ke 1st week me ho sakti hai, pura mamla 20 july se pahle nipat jayega, sambhawatah hum log indepencedence day apne apne school me manayenge.
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Jai old add.
BOY:"A, B, C
ReplyDeleteGIRL:"What ??
BOY:"Always Be Careful
GIRL:"Ahan then ??
BOY:"D, E, F, G
Girl:"??
BOY:"Don't Ever ForGet That
GIRL:"Hmmm...
BOY:"I'm H I
Girl:"What H I ??
BOY:"Happily In love
GIRL:"So ??
BOY:"J, K, L, M, - Just Keep Loving Me
GIRL:"And how about N, O,P, Q, R,S,
T, U, V, W, X, Y, Z ??
BOY:"No Other Person Quite,
Reasonable , Shall Treat U Very Well
Xcept me You'll Zee...
MERE TET SUPPORTER SATHIYO...JAISA KI AAP JANTE HAI..AUR HAMANE APKO BATAYA HAI KI AVI V HAMARI SPECIAL APEAL KI FILE SPECIAL APEAL SECTION TAK NAHI PAHUCHA HAI,JISKA KARAN HAI KI SUNIL AWANI G KA SLP BHEJNE KE LIYE SIGN KA NA HONA..SUNANE ME AA RAHA HAI AMWANI G 24 KO H.C ME BAITHEGE TAB NISCHIT HI HAMARA CASE SPECIAL APEAL SECTION TAK LAGBHAG 25 TAK PAHUCH JAYEGA..AUR HAMARE VIDHIK SALAHKAR ADVOCATE NAVIN SHARMA G JULY KE 1ST WEEK ME DATE LAGWANE KI KOSHISH KAREGE..
ReplyDelete2) H.C me b.ed practical vivad ki date 1 july jo hai us par tab tak sunwai na hogi jab tak old add par faishla nahi hota..old add bahal hone par wo slp hamare tet morcha ki radniti ke tahat withdraw kar li jayegi..
भारतीय जनता से करोडो ,,अरबो रूपये कमाने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनिया ,,इस विपदा के समय क्या योगदान दे रही है …. ????
ReplyDelete१, मिनरल वाटर की कम्पनिया ,,,किन्ले ,,बिसलेरी,,एक् ाफेना,,आदि ने क्या पिने का पानी उपलब्ध करायाअपनी तरफ से … ???
२,बिस्किट बनाने वाली कम्पनियो ने क्या बिस्किट भेजे राहत के लिए …??
३,शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियों ने क्या अपने पेय भेजे राहत के लिए ?? ४,कुरकुरे ,, लेस की चिप्स ,,, केडबरी चोकलेट … ?? जबकि इनका अच्छा खासा नेटवर्क बना हुवा है इन क्षेत्रो में …. केवल एक दिन का अपना प्रोडक्ट भी अगर ये राहत में दे दे तो कम से कम पन्द्रह से बीस दिनों का प्रबंध आराम से हो सकता है … विपदा ग्रस्त लोगो के लिए … क्या अब भी इन विलायती चीजो को हम उपयोग करते रहेगे ?? और हाँ टेलीकोम कम्पनियां … जो की रोज के अरबो रुपये कमा रही है … भारतीय जनता से …. (घोटालो की कमाई अलग),,,,,
यू पी टेट (72825) की भर्ती पर सरकार का बयान न आने पर यू पी टेट पास अभ्यर्थी संशय मे
ReplyDelete__________________________________
उत्तर प्रदेश लखनऊ बेसिक शिक्षा मे निरन्तर गिरावट के बावजुद मौजुदा सरकार कानो मे तेल डालकर आंख बन्द कर के पड़ी है जिससे नौनिहालो की भविष्य अंधकारमय हो गयी है उत्तर प्रदेश मे शिक्षा का स्तर इतना गिर गया है की गरीब परिवार के बच्चौ का कोई भविष्य ही नही है ।अमेरिका जैसे देश मे शिक्षा के मामले मे बेसिक शिक्षा का कार्य प्रथम सोपान पर है वहां की सरकार सबसे ज्यादा खर्च प्राथमिक शिक्षा पर खर्च करती है अध्यापको की बढ़िया वेतन और सुविधाये भी बेहतर है हमारे यहां का सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला अधिकारी की औकात अमेरिका मे प्राथमिक शिक्षक जितनी होती है ।हमारे यहां के कोर्ट कानुन भी नही चाहता की बच्चौ की शिक्षा का स्तर ऊँचा उठे गरीब घरो के बच्चे भी बेहतर शिक्षा पाकर आगे बढ़े अब यहां के प्राथमिक स्कुलो मे टीचर की कमी के कारण अस्सी प्रसेन्ट विद्यालय बन्द होने के कगार पर है अब सब कुछ भगवान भरोसे पर एक इंतजार एक मसीहा का जो ईन बच्चो का भला कर सके ।
मेरे पास मोदी को वोट देने के कारण हैं
ReplyDelete1- यदि भारतीय हूँ तो भी मैंमोदी को ही वोट दूँगा क्योकि मोदी सबसेबड़े राष्ट्रवादी है और उनके नाम में एकभी "गद्दारी" का केस नहीं है,
2- यदि मैं हिंदू हूँ तो मै मोदी को ही वोटदूँगा क्योकि उन्होंने हिंदू सहित हर धर्मकी रक्षा का संकल्प लिया हैऔर करके दिखा रहे हैं.
3-यदि मै पिछड़ी जाती से हूँ तो भी मैंमोदी को ही वोट दूँगा क्योकि मोदीपिछड़ी जाति से है तो ख्याल तो रखेंगे.
4-यदि मैं गरीब हूँ तो भी मोदी को वोटदूँगा क्योकि मोदी राज में सबकोरोजगार मिलता है सरकार गरीबो के लिए घर देरही है.
5- यदि मैं व्यापारी हूँ तो भी मोदी को वोटदूँगा क्योकि मोदी राज में बिना गुंडा गर्दी केअपना व्यापार खूब फलेगा,गुजरात जैसा पूरा भारत बनने से तो व्यापर मेंबहुत मजा आयेगा.मोदी तो टैक्स कम करने की भी बात कर रहे हैं..
6- यदि ब्राह्मण-ठाकुर या कोई और सवर्णजाती हूँ तो भी मै मोदी को वोटकरूँगा क्योकि मोदी जातिवादी नहीं हैं.
7-यदि मै गाँव का हूँ तो मै मोदी को वोट जरुरदूँगा क्योकि मोदी के राजमें 24 घण्टे बिजली मिलती है और हर गाँव में बसजाती हैं, हर गाँव मेंपक्की सड़क है.हर गाँव में पानी का नलहै..ल्याहान तक की हर गाँव में Internetकी सुविधा भी उपलब्ध है खेती के लिए नर्मदा केपानी का जाल बिछा है..मोदी के यहाँ किसान आत्महत्या नहीं करते हैं.
8- यदि मै बेरोजगार हूँ तो मोदी को अवश्य वोटदूँगा क्योकि मोदी के राजमें सिर्फ 1 % बेरोजगारी है जिसे अगले 3 साल मेंजीरो कर दिया जायेगा.मोदी जी तो भारत से 150 लाख अकेले सिर्फटीचर ही पैदा करना चाहते हैं.बाकि की योजना तो बाद की बात है..वह कहते हैं की इतने रोजगारपैदा करो की अमेरिका वाले भारत में वीजा के लिएलाइन में खड़े हो..
9-यदि मैं मुस्लिम हू तो भी मोदी को ही वोटकरूँगा क्योकि पिछले 10 सालमें गुजरात में एक भी दंगें नहीं हुए और नही कभी कर्फ्यू लगा और पूरेभारत में सबसे ज्यादा विकास दर है.
10-यदि मै ड्राइवर हूँ तो भी मोदी को ही वोटदूँगा क्योकि गुजरात मेंमोदी जी ने जो सड़क बनवाई है, वह कोई नहीं करपाया और वहाँ कोई भीअसुरक्षा वाली बात नहीं है.
11- यदि मै विधवा हूँ तो भी मोदी को वोटइसलिए दूंगी की मोदी के राज मेंऔरते सबसे सुरक्षित हैं
12- यदि मै अनाथ रहा हूँ तो भी मोदी को ही वोटदूँगा क्योकि अविवाहित,कर्मनिष्ठ, ईमानदार, समर्पित और कुशलप्रशाशक मोदी हमारे अभिभावक सिद्धहोंगे.
13-यदि मै साधू- संत हूँतो भी मोदी को ही वोटदूँगा क्योकि मोदी संतो को प्रिय है क्योकि वहगौ-सेवक हैं. गाय काटने - मारने पर 7 सालकी सजा देते हैं और दुग्ध-उत्पाद के लिए बहुतकुछ कर रहे हैं.
कांग्रेसी सिर्फ बयानबाजी में ही लगे रहे और मोदी ने दो ही दिन में 15,000 से
ReplyDeleteज्यादा असहाय गुजराती तीर्थयात्रियों को सकुशल उनके घर गुजरात वापस भेज दिया...
नरेंद्र मोदी 'रैंबो स्टाइल' में दो दिन में करीब 15 हजार गुजराती श्रद्धालुओं को वहां से ले गए । मोदी शुक्रवार रात अचानक देहरादून पहुंचे थे।
मोदी अपने साथ अपनी एक पूरी रेस्क्यू टीम लेकर आए थे। इसमें 5 आईएएस, 1 आईपीएस, 1 आईएफएस और दो गुजरात प्रशासनिक
सेवा के आला अधिकारी थे। इसके
अलावा दो डीएसपी और 5 पुलिस इंस्पेक्टर भी उनकी टीम का हिस्सा थे। देहरादून पहुंचते ही मोदी ने सबसे पहले जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर इंतजार में बैठे 134 गुजराती तीर्थ यात्रियों को अपने चार्टर्ड प्लेन से अहमदाबाद रवाना किया।
इसके बाद वह करीब 1 बजे तक अपने टीम के साथ मीटिंग करते रहे। बाढ़ से प्रभावित गुजरात के यात्रियों को देहरादून तक पहुंचाने के लिए 80 इनोवा लगाई गई थीं। इसके अलावा चार बोइंग का भी इंतजाम था। शनिवार को 25
लग्जरी बसों से कई यात्रियों को दिल्ली रवाना किया गया। यह सब कुछ दिल्ली और देहरादून में तैनात दो सीनियर आईएएस अधिकारियों की देखरेख में हो रहा था।
इसके अलावा हरिद्वार में भी एक मेडिकल टीम तैनात की गई थी। अगर मोदी किसी 'कांग्रेस शोषित राज्य' में इतना कर पाए अगर यही कोई बीजेपी शाषित राज्य होता तो सोचिए मोदी कितना कर पाते तीर्थयात्रियों के लिए ?
और ये हाल तो जब है कि शिंदे ने
मोदी को वहाँ उतरने की भी परमिसन
नहीं दी थी...
आज मोदी जैसा सी.एम. हर राज्य में होता तो हर राज्य के श्रद्धालु घर पहुच गये होत
1. SUJEET SINGH bhai, VASHNO DEVI ki pawitra yatra par tet merit ke vijay ki manokamna purn hetu gaye the ,,,, aur aaj hi allahabad pahunche.
ReplyDelete2. apni file par abhi hon. ambawani ke sign sambahwatah kal ya parso tak ho jayenge,,
3. 2,3,ya 4 july ko db ( harkauli) ke yaha date lene ka pryas kiya jayega,,
4. july me padne wali apne case ki pahli tarrikh me , harkauli sir se case ko tide up karne avm jald niptare hetu agrah kiya jayega., avm hamare vakilo ki taraf se bhi yahi pryas rahega ki mamla jald se jald nipte,,
5. salendra srivastva , seemant singh , abhishek srivastva avm sasinandan srivastav hamari taraf se bahas karenge,,
6. sarkari vakil avm kuch any vakil yadi mamle ko dusari (faltu ) taraf na mode to fasila jald aa sakta hai,,
9. sujeet singh ka pura focus , unke ke dwara kiye gaye vakilo par rahega,,,,,
10. ant me sabhi ne utrakhand trasadi se miratak logo ki aatma ki saanti hetu 2 minate ka maun rakha,,,
-अरसे से लटकी 72,825 शिक्षकों की भर्ती
ReplyDelete-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पर
लगा ब्रेक
__________________________________________लखनऊ : राज्य में बेसिक और
माध्यमिक शिक्षा की गाड़ी मानव और आर्थिक
संसाधनों के गतिरोधों को झेलते हुए घिसट रही है।
शिक्षकों की जबर्दस्त कमी परिषदीय
स्कूलों और राजकीय माध्यमिक
विद्यालयों की लाइलाज बीमारी बन गई है
जो कानूनी पेचीदगियों की वजह से और जटिल
हो गई है। वहीं सभी को बुनियादी शिक्षा के दायरे
में लाने के लिए दिये गए शिक्षा के अधिकार और
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पर
भी संसाधनों की कमी हावी हो रही है।
बेसिक शिक्षकों की भर्ती में कानूनी अड़ंगा :
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में
शिक्षकों के तकरीबन 2.86 पद खाली हैं।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के
72,825 रिक्त पदों पर बीएड
डिग्रीधारकों की भर्ती में लगातार अड़चनें आ
रही हैं जिसकी वजह से यह प्रक्रिया लगभग
दो वर्षों से लटकी हुई है। शिक्षकों की भर्ती में
आयीं शुरुआती अड़चनों के दूर होने के बाद जब इस
साल नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई
तो नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक
पात्रता परीक्षा (नानटीईटी v/s टीईटी) ही कानूनी पचड़े में फंस
गई है,,,
इसको अनदेखा नही किया जा सकता :-
ReplyDelete______________________________________
हिमाचल में वर्षा जल से जन जीवन प्रभावित :- सरकार कांग्रेस |
उत्तराखंड में वर्षा जल से भीषण तबाही :- सरकार कांग्रेस |
हरियाणा में वर्षा जल से बड़ा नुक्सान :- सरकार कांग्रेस |
महाराष्ट्र में वर्षा जल से नुक्सान :- सरकार कांग्रेस |
दिल्ली में यमुना का जल स्थर बढ़ने से खतरा :- सरकार कांग्रेस |
उत्तर प्रदेश में कई जगह बाढ़ का खतरा : सरकार सपा , सहयोगी कांग्रेस |
गुजरात में वर्षा जल से सुखा प्रभावित इलाकों में ख़ुशी की लहर दौड़ी , हालत सामान्य ||
यदि राजा पापी हो , कुकर्मी हो तो उसके द्वारा किये गए दुष्कर्मों से प्रजा भी संकट में आ जाती है .... विदुर ||
Top 5 news>>>
ReplyDelete.
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1) TET MORCHA KE VIDHIK SALAHKAR AUR H.C. KE WAKIL NAVIN SHARMA KE ANUSAR KAL AMWANI G H.C. ME BAITH RAHE HAIN..KAL SHAM TAK HAM APNE FILE SPECIAL APEAL SECTION ME BHEJNE KE LIYE UNKA SIGN. KARA LENGE..AUR FIR PARSON SE SPECIAL APEAL SECTION ME DATE KE LIYE ACTIVE HO JAYENGE.
3) TET MORCHA LUCKNOW ZONE KE ADHYAX GANESH DIXIT KE ANUSAR ..S.C SE SANJAY MOHAN KI JAMANAT HONA SARKAR KE MUH PAR JOR KA TAMACHA HAI..ISSE YE SAABIT HOTA HAI KI SIRF UNKO BALI KA BAKRA BANAYA GAYA HAI,.JABKI GOV. Ne ek v dhadhli prove na kar payi.
ReplyDelete4) vidhi adhyax s.k.pathak ke anusar hamari case sahi disha me ja raha hai..kisi v afwaah par dhyan na de. Ham ab case ko july me final karaane ke liye active rahenge..kisi v prakar ki meeting ke liye hamare paas time nahi hai..jeet ke bad sabko khud javab mil jayega..
ReplyDelete5) admin vinay pandey ke anusar ku6 log soch rahe honge ki h.c. ki chhutti hai to fir hon'ble ambwani g kal kaise baith sakte hain to dosto apko ham btana chahte hai ki kul 63 court hai alahabad h.c me .aur 4 court emergency case ke liye khuli rahti hai chhutti me v ..2 civil court aur 2 criminal court..aur bari bari se judge log vocational bench me chhutti me 2ya 3 din baithate hai..
ReplyDelete.
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jai tet
गुजरात सरकार की 24 हेलीकाप्टर की पेशकस को उत्तराखंड सरकार ने ठुकरा दिया है.....सबको मरने के लिये छोड दिया इस घटिया सरकार ने..अब सबको अपनी रक्षा स्वयम करनी पडेगी...
ReplyDeleteतबाही के आठ दिन बाद आज राहुल गंधी जो पी.एम. के उम्मीदवार है मदद के लिये पहुंचे......राहत कार्य सामग्री से भरा ट्रक रवाना किया उसका क्या होगा??? अब????
एक आदमी की 8 साल
ReplyDeleteकी इकलोती और
लाडली बेटी बीमार पड़
गयी. बहुत कोशिश के बाद
भी वो नहीं बच पाई.
पिता गहरे शोक में डूब
गया और खुद
को दुनिया और दोस्तों से
दूर कर लिया. एक रात
उसे
सपना आया की वो स्वर्ग
में
था जहाँ नन्ही परियो का
जुलुस जा रहा था. वो सब
जलती मोमबत्ती को हाथ
में लिए सफ़ेद पोशाक में
थी. उनमे से एक
लड़की की मोमबत्ती बुझी
हुई थी. व्यक्ति ने पास
जाकर
देखा तो वो उसकी बेटी
थी. उसने
अपनी बेटी को दुलारा और
पूछा की ‘बेटी तुम्हारी
मोमबत्ती में
रौशनी क्यों नहीं हैं?’
लड़की बोली की ‘पापा ये
लोग कई बार
मेरी मोमबत्ती जलाते हैं
लेकिन आपके आंसुओ से हर
बार बुझ जाती हैं.” एकदम
से उस आदमी की नीदं
खुली और उसे सपने
का मतलब समझ आ गया.
तब से उसने दोस्तों से
मिलना खुश रहना शुरू कर
दिया ताकि उसके आंसुओ से
उसकी बेटी की मोमबत्ती
न बुझे.
“कई बार हमारे आंसू और
दुःख, हमारे न चाहते हुए
भी अपनों को दुःख देते हैं.
और वे भी दुखी हो जाते
हैं.
12 मार्च के आदेश मे कहा गया कि अगर आज कोर्ट याचियों की याचिका को स्वीकार करते हुए टेट मैरिट से चयन का आदेश दे देता है और ब्रहद पीठ मे कुछ नान टेट वालों को भी प्रक्रिया मे शामिल करने का आदेश हो जाता है तो संवैधानिक समस्या खड़ी हो जाएगी क्योंकि नान टेट वालों के पास टेट के अंक ही नही है तो उनकी मैरिट कैसे बनाई जा सकेगी इसलिए संबंधित सभी याचिकाओं को ब्रहद पीठ मे इस सुझाव के साथ भेजा जाता है कि या तो इस मामले को उसके साथ सुना जाए या उस मामले के निपटने तक पेँडिँग मे रखा जाए । साथियों अब वह मामला निपट चुका है जो टेट मैरिट का आदेश देने मे बाधक था । कल सुनवाई की तारीख तय होने की उम्मीद है और पहली या दूसरी सुनवाई मे ही अंतिम आदेश आने की उम्मीद भी । आदेश क्या होगा किसी से छिपा नही है ।
ReplyDelete12 मार्च के आदेश मे कहा गया कि अगर आज कोर्ट याचियों की याचिका को स्वीकार करते हुए टेट मैरिट से चयन का आदेश दे देता है और ब्रहद पीठ मे कुछ नान टेट वालों को भी प्रक्रिया मे शामिल करने का आदेश हो जाता है तो संवैधानिक समस्या खड़ी हो जाएगी क्योंकि नान टेट वालों के पास टेट के अंक ही नही है तो उनकी मैरिट कैसे बनाई जा सकेगी इसलिए संबंधित सभी याचिकाओं को ब्रहद पीठ मे इस सुझाव के साथ भेजा जाता है कि या तो इस मामले को उसके साथ सुना जाए या उस मामले के निपटने तक पेँडिँग मे रखा जाए । साथियों अब वह मामला निपट चुका है जो टेट मैरिट का आदेश देने मे बाधक था । कल सुनवाई की तारीख तय होने की उम्मीद है और पहली या दूसरी सुनवाई मे ही अंतिम आदेश आने की उम्मीद भी । आदेश क्या होगा किसी से छिपा नही है ।
ReplyDeleteतुम सोच रहे हो बस, बादल कीउड़ानों तक,
ReplyDeleteमेरी तो निगाहें हैं सूरज के ठिकानों तक।
टूटे हुए ख़्वाबों की एक लम्बी कहानी है,
शीशे की हवेली से पत्थर के मकानों तक।
दिल आम नहीं करता अहसास की ख़ुशबू को,
बेकार ही लाए हम चाहत को ज़ुबानों तक।
लोबान का सौंधापन, चंदन की महक में है,
मंदिर का तरन्नुम है, मस्जिद की अज़ानों तक।
इक ऎसी अदालत है, जो रुह परखती है,
महदूद नहीं रहती वो सिर्फ़बयानों तक।
हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम,
मैं प्यार की ख़ुशबू हूँ, महकूंगा ज़मानों तक___