...तो क्या बदली जाएगी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
(UPTET : PRT Recruitment Process in UP may Change to Acadmic Basis instead of TET marks )
टीईटी में हो रही फजीहत से बचने को तलाशे जा रहे विकल्प
•टीईटी रद्द करने का निर्णय भी लिया जा सकता
लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में घोटाले को लेकर हो रही फजीहत से बचने का रास्ता तलाशा जा रहा है। शासन स्तर पर यह मंथन चल रहा है कि कौन सा रास्ता निकाला जाए। कुछ अधिकारियों ने सुझाव दिए हैं कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिर बदल दी जाए। भर्ती टीईटी मेरिट पर न कर पुरानी व्यवस्था इंटर, स्नातक और बीएड मेरिट के आधार पर कर दी जाए। इसमें बदली गई नियमावली बाधा बन रही है। नियमावली बदलना नीतिगत निर्णय है। इसलिए इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेने का विचार चल रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि प्रक्रिया न बदली गई, तो टीईटी रद्द करने का निर्णय भी लिया जा सकता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती होनी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य किया, लेकिन राज्य सरकार ने पात्रता के स्थान पर अर्हता कर दिया। यानी शिक्षक बनने की योग्यता टीईटी कर दी गई। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) शिक्षा (बारहवां संशोधन) नियमावली-2011 में प्रावधान कर दिया गया कि टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक रखे जाएंगे। राज्य सरकार की इस निर्णय से टीईटी में घोटाले की गुंजाइश पैदा हुई और इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।
टीईटी घोटाले के खुलासेे आैर संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई है। सवाल यह भी उठने लगा है कि टीईटी में अधिक अंक पाने वाले कहीं नकल करके तो पास नहीं हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि इससे बचने के लिए या तो टीईटी रद्द कर दी जाए या शिक्षकों की भर्ती का मानक बदल दिया जाए। विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर इस बार भी शिक्षकों की भर्ती के लिए संशोधित आदेश जारी किया जाए।
News : Amar Ujala (13.2.12)
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