1145 स्कूलों की मान्यता पर टीईटी घोटाले की आंच
(1145 schools approval also come under scanner with investigation of TET Scam)
टीईटी घोटाले की आंच यूपी बोर्ड के अन्य विवादित मामलों पर भारी पड़ गई है। घोटाले में फंसे माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद अब उन मामलों की भी जांच शुरू हो गई है, जिन्हें लेकर गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। डेढ़ लाख फर्जी छात्रों के दाखिले की फाइल खुलने के बाद अब विद्यालयों की मान्यता में अनियमितता की जांच शुरू हो गई है।
बिना निरीक्षण और सर्वेक्षण के दे दी गई मान्यता
टीईटी मामले में पूछताछ के दौरान विभागीय अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि पिछले दो सत्रों में जिन विद्यालयों को मान्यता दी गई। उनमें 1145 ऐसे हैं जिनके जमीन, भवन के कागज विभाग के पास नहीं हैं। टीईटी घोटाले की जांच कर रही टीम के सामने उप निदेशक स्तर के दो अधिकारियों ने लिखित आरोप लगाया कि शिक्षा माफिया से भारी रकम लेकर बिना किसी जांच, निरीक्षण, रिपोर्ट के मान्यता दे दी गई। अधिकारियों ने मामले में निदेशक के साथ मान्यता समिति से जुड़े कुछ अन्य अफसरों पर भी वसूली और अनियमितता के आरोप लगाए हैं। निदेशालय के एक बड़े अधिकारी का नाम भी लिया गया है। विभागीय अफसरों की मानें तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बेसिक शिक्षा निदेशालय के तीन अधिकारियों को मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।
पूछताछ में विभागीय अफसरों ने ही लगाए आरोप
इसमें दो अधिकारी टीईटी मामले में भी वसूली के आरोपी हैं।
बिना निरीक्षण और सर्वेक्षण के दे दी गई मान्यता
टीईटी मामले में पूछताछ के दौरान विभागीय अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि पिछले दो सत्रों में जिन विद्यालयों को मान्यता दी गई। उनमें 1145 ऐसे हैं जिनके जमीन, भवन के कागज विभाग के पास नहीं हैं। टीईटी घोटाले की जांच कर रही टीम के सामने उप निदेशक स्तर के दो अधिकारियों ने लिखित आरोप लगाया कि शिक्षा माफिया से भारी रकम लेकर बिना किसी जांच, निरीक्षण, रिपोर्ट के मान्यता दे दी गई। अधिकारियों ने मामले में निदेशक के साथ मान्यता समिति से जुड़े कुछ अन्य अफसरों पर भी वसूली और अनियमितता के आरोप लगाए हैं। निदेशालय के एक बड़े अधिकारी का नाम भी लिया गया है। विभागीय अफसरों की मानें तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बेसिक शिक्षा निदेशालय के तीन अधिकारियों को मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।
पूछताछ में विभागीय अफसरों ने ही लगाए आरोप
इसमें दो अधिकारी टीईटी मामले में भी वसूली के आरोपी हैं।
उप निदेशकों ने लिखित शिकायत की है कि इन अधिकारियों ने बड़ी संख्या में संयुक्त शिक्षा निदेशकों, जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से टीईटी अभ्यर्थियों से रकम ली और उनके नंबर बढ़ाए गए। आरोप यह भी है कि इन्हीं में से एक अधिकारी बार-बार संशोधन के लिए एजेंसी के संपर्क में था। जिन अधिकारियों ने जांच टीम के सामने लिखित आरोप लगाया, उनमें से एक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि निदेशालय और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी छोटे अफसरों को फंसाना चाहते हैं, इसलिए जरूरी था कि उनकी कारस्तानी का खुलासा हो। उनके मुताबिक मान्यता में जिस कदर फर्जीवाड़ा किया गया है, उसके बारे में पूरा ब्योरा दे दिया है।
News : Amar Ujala (17.2.12)
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