नियुक्तियां रोकी जायें, निरस्त हो परीक्षा
(UPTET : PRT Recruitment process should be stopped, Cancel TET - Teacher Eligibility Test Exam 2011 in UP)
कानपुर, शिक्षा संवाददाता: कई कोणों से संदिग्ध हो चुकी टीईटी पर सवाल दर सवाल उठाये जा रहे हैं। संदिग्ध परीक्षा की मेरिट को निरस्त करने, मेरिट से की जा रहीं नियुक्तियों को तुरंत रोक देने तथा पूरी परीक्षा प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की जा रही है।
टीईटी के कथित घपले के आरोप में परीक्षा कराने के लिए जिम्मेदार निदेशक की गिरफ्तारी के बाद यह मांग तेज हो गयी है कि संदिग्ध मेरिट वाली परीक्षा निरस्त कर दी जानी चाहिए। चयन से वंचित रह गये अभ्यर्थी कहते हैं कि यूपी बोर्ड द्वारा जिस तरह से मेरिट में आधा दर्जन बार संशोधन किये गये, घपलेबाजों की गिरफ्तारियां हुईं, उसके चलते परीक्षा पूरी तरह अविश्वसनीय हो गयी है। इसी पात्रता परीक्षा की मेरिट से सीधे नौकरी देना युवाओं के साथ धोखा और घपलेबाजी को संरक्षण देना होगा। वैसे भी इंटरमीडिएट एक्ट के प्रावधानों के अनुसार यूपी बोर्ड को बोर्ड परीक्षा कराने के अलावा अन्य कोई परीक्षा कराने का अधिकार ही नहीं है। कुछ मामले भी न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए जांच पूरी होने तक टीईटी के प्रमाणपत्रों के वितरण से लेकर नियुक्ति तक की पूरी प्रक्रिया रोक दी जानी चाहिए।
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पहले भी कहा था कि पूरी टीईटी परीक्षा संदिग्ध है। निदेशक की गिरफ्तारी के बाद तो इस पर मुहर ही लग गयी है। परीक्षा प्रदेश के लाखों युवाओं के साथ शर्मनाक खिलवाड़ है। इससे हो रहीं नियुक्तियां तुरंत रोक दी जानी चाहिए।
- ओम प्रकाश शर्मा, नेता विधायक दल, विधान परिषद
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'टीईटी में नकल माफियाओं तथा निदेशक की गिरफ्तारी, प्रश्न के उत्तरों में त्रुटियां, मेरिट में बार-बार संशोधन। हर पहलू में छेद ही छेद हैं। लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न हो इसलिए परीक्षा निरस्त होनी चाहिए।'
- डॉ. एलपी पांडे, पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा
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किसी भी पात्रता परीक्षा से नियुक्ति नहीं दी जा सकती। जैसे डिग्री की पात्रता परीक्षा नेट नियुक्ति का अधिकार नहीं देता। नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी, पक्षपात रहित, वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया अपनानी होती है। टीईटी मात्र पात्रता तय करती है। परीक्षा पर संदेह भी पैदा हो गया है। ऐसे में यदि एनसीटीई को कोई शिकायत मिलेगी तो वह हस्तक्षेप कर सकती है।
- प्रो. जेके जोशी, सदस्य एनसीटीई
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परीक्षा संदिग्ध हो गयी है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी। तब तक के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया रोक दी जानी चाहिए।
- राजबहादुर सिंह चंदेल, एमएलसी
News : Amar Ujala ( 9.2.12)
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Blog Editor felt - Only Corrupt person should be punished. This news comes during elections.
TET exam can be reconducted only when process is faulty and after investigation matter will be clear.
As per NCTE - Due weightage of TET marks should be given in Selection. ( http://education.nic.in/Elementary/RTE-TET.pdf Read pt. 9 b)
But I could not understand -
किसी भी पात्रता परीक्षा से नियुक्ति नहीं दी जा सकती। जैसे डिग्री की पात्रता परीक्षा नेट नियुक्ति का अधिकार नहीं देता। नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी, पक्षपात रहित, वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया अपनानी होती है। टीईटी मात्र पात्रता तय करती है। परीक्षा पर संदेह भी पैदा हो गया है। ऐसे में यदि एनसीटीई को कोई शिकायत मिलेगी तो वह हस्तक्षेप कर सकती है।
- प्रो. जेके जोशी, सदस्य एनसीटीई
I understand - TET exam is eligibility, But Why a Selection authority could NOT use such eligibility marks for Selection. Where it was Written in NCTE.
If It is Written anywhere in NCTE notification and any of you VISITOR / Expert know this then Kindly Inform me. So that Lakhs of Visitors Can See About this Issue.
If TET exam is a parameter of Quality and Common to All then what is the problem to give weightage of TET Marks.
Earlier some candidate's with acadmic marks found forged (Sampoornanand University etc.), Can we abolish acadmic system for selection.
A combination for Acadmic + TET marks , TET Marks + Multiple stage exam for selection can be used to recruit candidates.
Selection should be done with Impartial Approach.
Their are many selection processes in India, Where candidate's give only One Exam after that Interview Conducts.
But Can any Interviewer comes in light about his process for Selection.
Candidate's selected once through Exam etc. , Can after that their skill level checked or NOT.
Even If you conduct exam for those Who are sitting on Top Positions in Govt. Departments, You can see Truth.
Are they Qualify or NOT.
Suppose , Director Education Dept. Sh. Sanjay Mohan is Chairman of Interview Board and he is having ill-intentions, Can selection Become Impartial.
Multiple level Exams are Best Procedure for Selections. And it should be conducted for those employees also, Who are already Working in Govt. Departments.
And their Marks should be displayed on Govt. Websites, So that people can aware of their aptitude/ efficiency.
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