बीटीसी फर्जीवाड़े में कसा शिकंजा
(BTC 2011 Koshambi : Tightening screws on BTC Forgery )
कौशाम्बी : बीटीसी में प्रवेश के लिए हुए फर्जीवाड़े पर डीएम ने शिकंजा कस दिया है। एक माफिया का नाम उजागर हो गया है। कार्रवाई के खौफ से घबराए माफिया ने बुधवार को डायट के एक कर्मचारी से घंटों बंद कमरे में वार्ता की। इस बैठक में केसर विद्यापीठ का एक जिम्मेदार भी शामिल था। कागजों को दुरुस्त कराने के लिए यह अहम वार्ता रात में हुई है। इसकी भनक जिलाधिकारी को लग चुकी है।
बीटीसी में प्रवेश के लिए हुए फर्जीवाड़े पर जिला प्रशासन की निगाह लगी हुई है। डीएम ने निगहबानी के लिए खुफिया तंत्र भी सक्रिय कर रखा है। डीएम ने बीटीसी में प्रवेश को लेकर जितनी भी शिकायतें हुई हैं या फिर हो रही हैं उनको गंभीरता से लेकर जांच शुरू करा दी है। इससे डायट में सक्रिय रैकेट के पांव उखड़ गए हैं। कई प्रशिक्षुओं पर गाज भी गिर सकती है। अब जिला प्रशासन इस मामले में किसी तरह की ढील नहीं देना चाहता। जो भी लोग फर्जीवाड़े में लिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ सदर कोतवाली में मामला दर्ज कराया जाएगा। इसका फरमान जारी कर दिया गया। इसकी भनक लगते ही एक माफिया के होश उड़ गए। यह माफिया केसर विद्यापीठ के एक जिम्मेदार के साथ डायट के एक कर्मचारी से बुधवार की रात आठ बजे मिला।
रात करीब 12 बजे तक इनकी गोपनीय बैठक हुई। कागजों में हुई गड़बड़ी को दुरुस्त कराने के लिए इस कर्मचारी से वार्ता की गई। कर्मचारी ने भी पूरा आश्वासन दिया है। इस बैठक की जानकारी डीएम को हो गई है। माफिया का पूरा ब्यौरा और केसर विद्यापीठ से आए जिम्मेदार के साथ डायट के कर्मचारी की भूमिका खंगाली जा रही है। जिला प्रशासन को इस बैठक के बाद संदेह हो गया है कि डायट में मौजूद अभिलेख सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए भी तगड़े बंदोबस्त किए जा रहे
News : Jagran (22.3.12)
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