Wednesday, March 28, 2012

UPTET : Blog Editorial 2


UPTET : Blog Editorial 2


ब्लॉग सम्पादकीय ,
आज जिस प्रकार आये दिन ख़बरें आ रही हैं कि टीईटी  निरस्त हो जायेगी या भर्ती का आधार बदल जायेगा |
ऐसे लोगों को मेरा कहना है कि नियुक्ति व्  सरकारी कार्य नियमों के आधार पर होती है , अगर भर्ती का आधार बदला  जाता है (जो की बहुत मुश्किल है) तो समस्त चयन प्रक्रिया अनिश्चितकालीन के लिए 
स्थगित हो सकती है , इसका कारण -
लोग न्यायलय में पूर्व निर्धारित  नियमों का हवाला देंगे और जिन अभ्यर्थिओं  ने इस परीक्षा को मेहनत व् इमानदारी से उत्तीर्ण की व् निर्धारित अहर्ता रखते हैं उनका क्या दोष है |

अदालत ने लगता है की  टीईटी  परीक्षा के विरुद्द लगभग सभी याचिकाएं निरस्त की हैं , साथ ही इस के द्वारा चयन की प्रसंशा भी की है , देखिये -
लेकिन अब एक विज्ञापन निकालने के अधिकार को लेकर एक मामला अदालत में विचाराधीन है , जिसमें अभ्यर्थिओं की कोई गलती नहीं है -

और अगर इसमें कुछ गड़बड़ हुई है तो दोषी लोगों के ऊपर ही कार्यवाही की जानी चाहिए और लोगों को आशा है की देश की न्यायलय जनहित में मामले को  जल्द से जल्द  निपटा देगी 


कुछ लोगों का तर्क है इसमें धांधली हुई अत : टीईटी  परीक्षा निरस्त कर दी जानी चाहिए | परन्तु क्या हर चीज को निरस्त करने से समस्या हल हो जायेगी |
धांधली में कितने लोग अदालत में दोषी पाए गए , अगर कुछ अभ्यर्थी नंबर बढवाने में शामिल थे तो उन पर क्या कार्यवाही हुई | विभाग में कितने लोग शामिल थे |
युपी टीईटी में लोगों को    ओ एम् आर की कार्बन कॉपी भी दी गयीं और वेब साईट पर उत्तर कुंजी भी दी गयी | अगर किसी के मार्क्स गलत दीये गए हों तो उसको अदालत ने सही करने का अवसर भी दीया |
उसके बाद भी अगर कहीं बेईमानी होती है तो उस की जाँच कर कार्यवाही की जानी चाहिए 
जब तक धांधली पुख्ता रूप से साबित नहीं हो जाती ऐसा कहना जल्दबाजी है की धांधली हुई है और अगर ऐसी कोई धांधली  सुधारने योग्य नहीं  है तभी टीईटी  परीक्षा निरस्त करने का आधार बनता है 

उसके बाद भी निर्दोष लोगों का क्या होगा , ये भी बहुत जरूरी है | वरना तो करे कोई और भरे कोई जैसी  कहावत की लोग याद करेंगे 


कुछ लोग कहते हैं की टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है चयन का आधार नहीं , 
लेकिन देखीये एन सी टी ई  ने अपने नियमों में स्पष्ट कहा है की -
टीईटी मार्क्स को भर्ती प्रक्रिया में महत्व (वेटेज ) दिया जाये और शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी  क्वालीफाई होना जरूरी है , इसका मतलब -
ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है 
(specified clearly weightage of TET marks in selection , See pt No. 9(b))
साथ ही ये भी नहीं कहती की इसके (टीईटी मार्क्स ) मार्क्स का कितना वेटेज , चयन के लिए उपयोग में लिया जाये | अभी हाल ही में केवीएस ने अपने सेलेक्सन में टीईटी मार्क्स  को कट - ऑफ़ में लिया |
एसएसए चंडीगढ़ ने ५० प्रतिशत टीईटी मार्क्स को  सेलेक्सन में  वेटेज दिया , राजस्थान ग्रेड थ्री अध्यापक के चयन में २० प्रतिशत टीईटी मार्क्स  के  वेटेज को लिया जा रहा है ( http://exam.rajpanchayat.gov.in/files/01.पीडीऍफ़ , पड़ें 15. चयन का आधार )
पर उत्तर प्रदेश में कई लोग टीईटी परीक्षा को पात्रता परीक्षा  बताते हैं 
पूर्व में कई बार खबर आयी  (एल टी ग्रेड टीचर सेलेक्सन , बी टी सी चयन आदि ) की उत्तर प्रदेश में यु पी बोर्ड के लोग पिछड़  जाते हैं और कुछ घोठाले भी उजागर हुए हैं ( सम्पूर्णानन्द यूनीवर्सिटी आदि द्वारा और अदालत ने इस पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है ) देखीये -

वास्तव में अकादमिक रिकोर्ड एक समान अवसर नहीं देता क्योंकी भिन्न भिन्न बोर्डो  / यूनिवर्सिटी  के मार्क्स देने में अंतर होता है , और रेलवे , बैंक , आर्मी अपने अपने एप्टीउड परीक्षाओं का आयोजन करते हैं 
 आप सरकार द्वारा स्कोलरशिप के लिए भी देख सकते हैं की कैसे भिन्न भिन्न बोर्ड के कट - ऑफ़ / स्केलिंग पद्दति में अंतर है - 
अगर समूची प्रक्रिया देखी जाये तो ऐसा लगता है की अधिकांश लोगों ने ( या सभी लोगों ने , क्योंकी अदालत से क्या निर्णय आता है , कितने लोग दोषी पाए जाते हैं इसका पता नहीं है ) अपनी मेहनत व् इमानदारी से इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया और कुछेक बेईमान लोगों ने धांधली की , तो जिन लोगो ने नियमानुसार परीक्षा उत्तीर्ण की व् भर्ती की शर्तों को पूरा करते हैं वे चयन के लिए पात्र हैं 
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आप लोग अपनी राय  दें सकते हैं 
If I am wrong anywhere then you can suggest through comments.As we human beings can be wrong at some places and NOT comparable to God.
Thanks

1 comment:

  1. क्या उत्तर प्रदेश मैं लोकतंत्र बचा है ??? मुझे तो नही लगता


    विगत 29 - 30 मई को विधान सभा के सामने यू पी टी इ टी के अभ्यार्थियों पर पुलिस द्वारा बार बार किये गए लाठी चार्ज से तो यह बिलकुल नही लगता की यू पी मैं लोकतंत जिन्दा हैं मैं इस ब्लॉग के माध्यम से डी ज़ी पी पुलिस तथा माननीय मुख्यमंत्री जी से यह पूछना चाहता हु की लोकतंत्र मैं अपनी बात को शांति पूर्वक कहने का हक़ देश के सभी लोगो को है फिर भी आपकी पुलिस ने बर्बरता पूर्वक तरीके से तमाम टी इ टी अभ्यार्थियों जिनमे महिलाये भी थी पर लाठी चार्ज किया साथ ही साथ महिलाये तथा यू पी टी इ टी के अभ्यार्थियों को घसीट घसीट कर मारा (इश्को कई चेंनल ने लाइव भी दिखाया )

    जबकि अधिकांश यू पी टी इ टी के अभ्यार्थियों हांथो मैं तिरंगा लिए हुए थे फिर भी उनको घसीट घसीट कर मारा गया मुख्य रूप से उप निरीक्षक शिव नारायण सिंह ने तो ब्द्तामाजी की सारी हद पार कर दी उन्होंने महिलायो के साथ बद्तामिगी की और उनको पटक पटक कर मारा

    इस पूरे घटनाक्रम से ब्रिटिश शाशन की याद ताजा हो जाती है क्योंकि ब्रिटिश शाशन मैं भी हिन्दुस्तानियों को इशी प्रकार पीटा जाता था

    मेरा माननीय मुख्य मंत्री जी से केवल इतना प्रश्न है की स्वतंत्र भारत मैं हांथो मैं तिरंगा लेकर अपने ही चुने विधायकों के सामने अपनी बात शांति पूर्वक कहना अपराध है तो आपकी सरकार को इस बहादुरी पूर्वक कार्य के लिए लाख लाख बधाई परन्तु यदि आपको लगता है की यू पी टी इ टी अभ्यार्थियों के साथ अन्याय हुआ है तो सर्व प्रथम उप निरीक्षक शिव नारायण सिंह को बर्खास्त करते हुए यू पी टी इ टी अभ्यार्थियों के साथ न्याय करते हुए जल्द से जल्द इस मामले मैं सही निर्णय करने की कृपा करे संपूर्ण युवा शक्ति आपकी और उम्मीद से निहार रही है क्योंकि जब प्रदेश मैं पहली बार सबसे कम उम्र के मुख्य मंत्री ने शफथ ली तो पुरे परेश के युवको ने सोचा था की अब प्रदेश को पुरानी सोच से छुटकारा मिलगा और प्रदेश इक नई दिशा मैं आगे बढेगा

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