केवल स्कूल खोलने और शिक्षक नियुक्त करने से नहीं चलेगा काम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्याप्त संख्या में सरकारी स्कूल हैं। बजट की कमी नहीं है। कमी है तो शिक्षकों और बेहतर मैनेजमेंट की। राज्य सरकार को शिक्षा में सुधार के लिए निगरानी प्रणाली के साथ बेहतर मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए। यही नहीं एक शिक्षा मिशन का अलग से गठन किया जाना चाहिए। यह मिशन शिक्षा में सुधार के साथ निगरानी व्यवस्था और गुणवत्तायुक्त शिक्षा के बारे में सुझाव दे, जिसे सरकार अमल में लाए। यह कहना है राज्य शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. आर. गोविंदा का। वे सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम यूपी में होना चाहिए, नहीं हो पा रहा है।
प्रो. आर. गोविंदा ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून इसलिए बनाया गया कि बच्चों को शिक्षा का हक मिल सके। इसके बावजूद सभी बच्चे इस हक से वंचित हैं। केवल स्कूल खोलने और शिक्षक नियुक्त करने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए बेहतर निगरानी प्रणाली की जरूरत है। शिक्षक स्कूलों में क्या करता है, बच्चों को पढ़ाने के लिए उसे सामग्री मिल रही है या नहीं, इसे भी देखने की जरूरत है। सरकार यह कहकर नहीं बच सकती कि उसके पास संसाधन की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम कानून नहीं बल्कि उम्मीद है। इसको ध्यान में रखकर ही इसका खाका तैयार किया गया है। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य की गई है, लेकिन इसमें बैठने वाले अधिकतर फेल हो रहे हैं।
कॉलेजों में शिक्षकों की कमी का कारण अलग ःप्रो. आर. गोविंदा कहते हैं कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का कारण कुछ और है तो डिग्री कॉलेजों में कुछ और। डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया काफी जटिल है। इस प्रक्रिया में भी सुधार की जरूरत है, ताकि उच्च शिक्षण संस्थाओं में भी शिक्षकों की कमी दूर हो सके
News Source : Amar Ujala (23.4.2013)
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Education is Chief Defense of Country.
Basic Education is Primary and Foremost thing which needs High Quality. And no compromise should be taken with it.
Nation require qualified and efficient youth power to impart better services to public and development of country.
Many teacher in Primary Schools do not know proper spellings, maths, science etc. And TET type examination are good to improve quality in education. Other parameters also require to maintain quality in education.
nigarani tantra bahut jaroori hai kyoki rally nikalkar bachcho ko school bulaya jata hai per school me teacher ke na padhane ke karan bachche bhag jate hai aur guardians ko bhi partner banane ki jaroorat hai.
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ReplyDeletetet pass ko naukari do
ReplyDeleteaap log Hamesa kahte hai ki app logo ke pass anubhav hai to TET Me Ye Anubnav Kha chala gya . Sirf Vidhan Shbha ko gher me hi Anubhav hai TET dene me nhi. Agr TET HU to 95% Shiksha mitra Teacher nhi ban paye ge.
ReplyDeleteNaukri Vidhan sbha ko gerne se nhi moliti hai TET KO Pass krne pr milti hai.
ReplyDeleteAgr GOVT. Shiksh mitra ko Teacher bnati hai to ye Knowledge wale ke sath na ensafi ho gi.
ReplyDeleteUP me Primary Level ka Shiksha etna gir chu ka ki ke desh ne Founfd dena band kr diya hai.
ReplyDeleteMai Manniy shiksha mantri se vinmr nivedn krta hu ki Shiksha Mitro(UP) ko TET mukt na Rkha jay, nhi to Educated logo ke sath na nisafi hogi.
ReplyDeleteAgr Shiksha Mitra LOg khte hai ki un ke pass Anubhav (experience) hai, Agr Anubhav ki Bat ki jay To Ek Worker ko Engineer Se jada Knowledw hota hai to kya Worker Engineer bna de. Engineering kre fir , Engineer bne ga.
ReplyDeleteShyad bat Samjh me aa gi ho gi