बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में मोआल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को उर्दू भाषा शिक्षक के पद पर रखने का रास्ता साफ हो गया है।
इन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तर्ज पर अलग से परीक्षा देनी होगी। इसमें उन्हें निबंध लेखन के अलावा व्याकरण से संबंधित प्रश्न, काम्प्रीहेन्सन तथा बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी टीचिंग मेथड्स की परीक्षा देनी होगी।
परीक्षार्थियों को 60 फीसदी अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसे लिए अगस्त 1997 से पूर्व वाले ही पात्र होंगे। यह निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसका लाभ 4280 लोगों को मिलेगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में उर्दू भाषा के शिक्षक रखने की व्यवस्था है। राज्य सरकार पूर्व में मोआल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को उर्दू शिक्षक के पद पर रखती थी, लेकिन अगस्त 1997 के बाद इस पर रोक लगा दी गई।
राज्य सरकार अब इन्हें पुन: रखना चाहती है, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद टीईटी की अनिवार्यता इसमें बाधा बन रही थी। मोआल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वाले टीईटी देना नहीं चाहते हैं। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग ने बीच का रास्ता निकाला है।
इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 के नियम 17(1) को संशोधित कर दिया गया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद द्वारा आयोजित कराई जाने वाली टीईटी में भाषा का एक अलग प्रश्न पत्र रखा जाएगा। इसमें भाषा में प्रवीणता पर विशेष जोर होगा।
परीक्षा में निबंध लेखन के अलावा व्याकरण के संबंधित प्रश्न, काम्प्रीहेन्सन एवं बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी टीचिंग मेथड्स के संबंध में प्रश्न पूछे जाएंगे। 150 अंकों की परीक्षा में 60 फीसदी अंक पाने वाले को नियमानुसार सहायक अध्यापक भाषा के पद पर रखा जाएगा।
नवंबर 2011 में आयोजित टीईटी पास करने वालों को परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी।
गौरतलब है कि 4 दिसंबर 2012 को आयोजित कैबिनेट की बैठक में मोआल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था। मुख्यमंत्री के सुझाव पर बेसिक शिक्षा विभाग ने अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए कैबिनेट मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था।
News Source : Amar Ujala (08.04.2013)
sarkar musalmano per jayda mehrban ban rahi hai jo ke samprady wad ko faela rahi hai
ReplyDeleteniyam sabhi ke liye ek hona chahiye
jai hind jai bharat
urdu bale sp k damad hai bhai
ReplyDeleteSp hamari nahi sunegi to maya ki tarah up se uchhin ho jaegi.
ReplyDeleteMuallim naukri pa jaenge magar tet wale loipope chatenge ha ha ha ha ha ha hhhhhhaaaaaaaaaa
ReplyDeleteMahendr ji sp musalmano per maharban hai aur samvidhan tumhare uper arakshan dekar
ReplyDeletesamajwadi ka nara laganaiwali
ReplyDeletesarkar
dihari neet sai sarkar chala rahi hai
yai sarkar sai kisi ka bhala nahi onai wala
jago nawjawano jago
milkar isai mita do
jai hind jai bharat
CM AKHILESH YADAY JI JIS TARAH BINA TET PASS KIYE URDU WALE TEACHER BAN JAYENGE USI TARAH SP KI SARKAR 2014 AND 2017 ME BINA VOTE DIYE PORN BAHUMAT WALI SARKAR BANEGI
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