Kasturba Gandhi Balika Vidhyalaya News : शिक्षकों का मानदेय फिर 7200 हुआ
कस्तूरबा बालिका विद्यालय के 2972 अंशकालिक शिक्षकों को राहत
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के 2972 अंशकालिक शिक्षकों को पहले की तरह हर महीने 7200 रुपये मानदेय दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। शासन ने शिक्षकों को 7200 रुपये प्रति माह मानदेय देने पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को खुद वहन करने का फैसला किया है।
प्रदेश में 746 केजीबीवी संचालित है। प्रत्येक केजीबीवी में एक वार्डेन के अलावा चार पूर्णकालिक और चार अंशकालिक शिक्षक हैं। केंद्र सरकार ने 2008 में केजीबीवी स्टाफ के मानदेय के लिए सालाना 12 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने वार्डेन के लिए हर महीने 11000 रुपये, पूर्णकालिक शिक्षक के लिए 9200 रुपये और अंशकालिक शिक्षक के लिए 7200 रुपये मानदेय तय किया था। 24 अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार ने पत्र भेजकर वार्डेन का मानदेय बढ़ाकर 25000 रुपये और पूर्णकालिक शिक्षक का 20000 रुपये प्रतिमाह कर दिया। वहीं अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय घटाकर 5000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया। मानदेय कम किये जाने से नाराज अंशकालिक शिक्षक जिलों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मानदेय घटाये जाने के खिलाफ अंशकालिक शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। एक रिट याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक अंशकालिक शिक्षकों को पूर्व की भांति मानदेय देने का आदेश दिया है। शासन ने केंद्र सरकार से अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय बढ़कर पूर्व की तरह 7200 रुपये करने की मांग की थी।
उधर अदालत के आदेश का अनुपालन न होने पर शासन के लिए यह कोर्ट की अवमानना का मामला बन गया है। लिहाजा शासन ने अपने खर्च पर अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय पहले की तरह 7200 रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है। अंशकालिक शिक्षकों को बढ़ा हुआ मानदेय देने पर सरकार पर सालाना 7.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा
कस्तूरबा बालिका विद्यालय के 2972 अंशकालिक शिक्षकों को राहत
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के 2972 अंशकालिक शिक्षकों को पहले की तरह हर महीने 7200 रुपये मानदेय दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। शासन ने शिक्षकों को 7200 रुपये प्रति माह मानदेय देने पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को खुद वहन करने का फैसला किया है।
प्रदेश में 746 केजीबीवी संचालित है। प्रत्येक केजीबीवी में एक वार्डेन के अलावा चार पूर्णकालिक और चार अंशकालिक शिक्षक हैं। केंद्र सरकार ने 2008 में केजीबीवी स्टाफ के मानदेय के लिए सालाना 12 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने वार्डेन के लिए हर महीने 11000 रुपये, पूर्णकालिक शिक्षक के लिए 9200 रुपये और अंशकालिक शिक्षक के लिए 7200 रुपये मानदेय तय किया था। 24 अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार ने पत्र भेजकर वार्डेन का मानदेय बढ़ाकर 25000 रुपये और पूर्णकालिक शिक्षक का 20000 रुपये प्रतिमाह कर दिया। वहीं अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय घटाकर 5000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया। मानदेय कम किये जाने से नाराज अंशकालिक शिक्षक जिलों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मानदेय घटाये जाने के खिलाफ अंशकालिक शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। एक रिट याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक अंशकालिक शिक्षकों को पूर्व की भांति मानदेय देने का आदेश दिया है। शासन ने केंद्र सरकार से अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय बढ़कर पूर्व की तरह 7200 रुपये करने की मांग की थी।
उधर अदालत के आदेश का अनुपालन न होने पर शासन के लिए यह कोर्ट की अवमानना का मामला बन गया है। लिहाजा शासन ने अपने खर्च पर अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय पहले की तरह 7200 रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है। अंशकालिक शिक्षकों को बढ़ा हुआ मानदेय देने पर सरकार पर सालाना 7.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा
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