Monday, April 21, 2014

72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : टीईटी के स्पीडब्रेकर पर अटकी नियुक्तियां

 72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : टीईटी के स्पीडब्रेकर पर अटकी नियुक्तियां

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 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, UP-TET 2011,

 यू पी टी ई टी 2011 वालों ने ऐसा कोण सा गुनाह कर दिया की वह आये दिन मीडिया द्वारा दोषी ठहराए जाते हैं
परीक्षा की व्यवस्था बेहद मजबूत थी , अभ्यर्थीयों को भी ओ एम आर की कॉपी दी गयी थी ।

लेकिन संजय मोहन के नाम पर उनको बदनाम किया जाता रहा है , हाई कोर्ट ने टेट मेरिट के पक्ष में फैसला दे दिया  और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी
टेट मेरिट से भर्ती की हरी झंडी दे दी तो फिर यू पी टी ई टी 2011 के अभ्यर्थीयों का उत्पीड़न बंद होना चाहिए
हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने टी ई टी परीक्षा को एक अच्छी व्यवस्था माना है जो की छोटे बच्चों के लिए एक विशेष प्रकार का एप्टीट्यूड टेस्ट है ।




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टीईटी के स्पीडब्रेकर पर अटकी नियुक्तियां


कानपुर : इसे बेरोजगारों का दुर्भाग्य कहा जाए या शासन की अदूरदर्शिता कि शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) स्पीड ब्रेकर बन कर रह गई है। इसके चलते तकरीबन एक लाख शिक्षकों की नियुक्तियां अटकी हैं। वहीं हकीकत यह है तमाम स्कूलों अध्यापक ही नहीं हैं या एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 2011 में प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया। प्रदेश सरकार अब तक तीन बार टीईटी करा चुका है परंतु इसके माध्यम से अभी तक किसी को नियुक्ति नहीं मिल पाई है। पहली टीईटी को लेकर इतनी गड़बड़ियां हुईं कि तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन सहित कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी। टीईटी की मेरिट से नौकरी देने के फैसले को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। अब सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की कोशिश में है तो कई पेंच फंसे हुए हैं, जिससे नियुक्तियां अटकी हुई हैं। जूनियर टीईटी को लेकर भी यही स्थिति है। 2012 में गणित व विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला। हजारों टीईटी पास अभ्यर्थियों ने आवेदन किया परंतु उसको लेकर भी विवाद हुआ और नियुक्तियां ठहर गई। तीसरी टीईटी इस साल फरवरी में कराई गई पर लोकसभा चुनाव के चलते परिणाम अभी नहीं आया है। भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे लाखों निराश अभ्यर्थी कहते हैं कि टीईटी से पहले अच्छा था, तब बीटीसी करते ही नौकरी मिल जाती थी, साथ ही विशिष्ट बीटीसी का भी रास्ता खुला था।
टीईटी का सफरनामा
पहली टीईटी : अक्टूबर 2011
दूसरी टीईटी : जून 2013
तीसरी टीईटी : फरवरी 2014

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प्रतीक्षित नियुक्तियां
प्राथमिक शिक्षकों की : 72,825
जूनियर शिक्षकों की : 29,000
प्रदेश में खाली पद : 2.75 लाख

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कहां कहां जरूरी टीईटी
सरकारी, सहायता प्राप्त बेसिक व प्राथमिक स्कूल, जूनियर स्कूल, मदरसा, समाज कल्याण विद्यालयों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए प्राथमिक/जूनियर/भाषा टीईटी की अर्हता अनिवार्य है।
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शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर प्रदेश सरकार उदासीन है। इसीलिए मामले को उलझाने व टालने की कोशिशें हो रही हैं। सरकार को एक विशेष सेल बनाकर नियुक्तियां करने का प्रयास करना चाहिए।
-राज बहादुर सिंह चंदेल, शिक्षक विधायक


News Source / Sabhaar : Jagran (Monday,Apr 21,2014 07:08:41 PM)

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